देशभक्ति कविता 2024 | Best Desh Bhakti Poems In Hindi Language

इस लेख में आज हम पढेगे, कुछ बेहतरीन जोश भर देने वाली और नई देशभक्ति Patriotism कविता 2024 | Best Desh Bhakti Poems In Hindi Language.

इससे पूर्व के कई आर्टिकल में स्वतन्त्रता दिवस और गणतन्त्र दिवस पर बोलने के लिए सभी कक्षा के छात्रों के लिए भारत माता की देशभक्ति कविताए Patriotic Poem प्रस्तुत की हैं.

देशभक्ति कविता 2024 Desh Bhakti Poems In Hindi

देशभक्ति कविता-1 हम करे राष्ट्र आराधना (देश भक्ति कविता इन हिंदी)

हम करे राष्ट्र आराधना,
तन से, मन से, धन से,
तन, मन, धन, जीवन से,
हम करे राष्ट्र आराधना |

अन्तर से, मुह्ख से, करती से,
निष्चल हो निर्मळ मती से,
श्रधा से, मसतक नती से,
हम करे राष्ट्र अभिवादन ||

अपनें हसते सेशव से,
अपने खीलते यौवन से,
प्रोढ़ता पुर्ण जीवन से,
हम करे राष्टर का अरचन ||

अपने अतीत को पढ़कर,
अपने ईतिहास को उल्टकर ,
अपना भविष्य समझकर,
हम करे राष्टर का चिन्तन ||

याद हमे हैं युग-युग की,
जलती अनेकों घटनाए,
जो मा की सेवा पाथ पर,
आई बनकर विपदाए |

हमने अभिशेक किया था,
जननी का अरी-शोनीत से,
हमने श्रंगार किया था,
माता अरी मुंडो से ||

देशभक्ति कविता-2 महाराणा प्रताप

वह मातृभूमि का रखवाला
आन-बान पर मिटने वाला,
स्वतंत्रता की वेदी पर
जिसने सब कुछ था दे डाला |

स्वाभिमान का अटल हिमाला
कष्टों से कब डिगने वाला,
जो सोच लिया कर दिखलाया
ऐसा प्रताप हिम्मतवाला |

थे कई प्रलोभन झुका नही,
आंधी तूफा में रुका नही,
आजादी का ऐसा सूरज
उजियारा जिसका चूका नही |

वह नीले घोड़े का सवार
.वह हल्दीघाटी का जुझार,
वह इतिहासों का अमरपृष्ट
मेवाड़ शोर्य का वह अंगार |

धरती जागी, आकाश जगा
वह जागा तो मेवाड़ जगा,
वह गरजा, गरजी दसों दिशा
था पवन रह गया ठगा-ठगा |

हर मन पर था उसका शासन
पत्थर-पत्थर था सिहासन,
महलों से नाता तोड़ लिया
थी सारी वसुधा राजभवन |

वह जनजन का उन् नायक था
वो सब का भाग्य विधायक था,
सेना नही थी उसके पास
फिर भी वो सेनानायक था |

जगल जगल में वह घुमा
काटो को बढ़-बढ़ कर चूमा
जितनी विपदाए प्रखर हुई
उतना ही वह ज्यादा झुमा

सब विपक्ष में था उसके
बस, सत्य पक्ष में था उसके,
समझौता उसने नही किया
जाने क्या मन में था उसके |

वह सत्यपथी, वह स्त्यक्रती,
.वह तेजपुंज, वह म्हाध्रति,
वह शौर्यपुंज, भू की धाती
वह महामानव, वह महाव्रती |

हम आजादी के मतवाले, झूमे सीना ताने कविता

हम आज़ादी के मतवालें,
झ़ूमे सीना तानें।
हर साल मनातें उत्सव,
गणतंत्र क़ा महज़ब ज़ाने।
संविधान की भाषा बोलें,
रग़-रग में कर्तंव्य घोले।
गुलामी की बेड़ियो को,
ज़ब रावी-तट पर तोडा था।
उसी अवसर पर तों,
हमने संविधान से नाता ज़ोड़ा था।
हर साल हम उसीं अवसर पर,
गणतंत्र उत्सव मनातें है।।
पूरा भारत झ़ूमता रहता हैं,
और हम नाचतें-ग़ाते है।
राससीना की पहाडी से,
शेर-ए-भारत बिग़ुल बज़ाता हैं।
अपने शहीदो को क़रके याद,
पुनः शक्ति पा ज़ाता हैं।।

देशभक्ति कविता – 3 This Native Land Of Mine

she ia a rich and rare land
oh ! she’s a fresh and fair land,
she is a dear and rare land,
this native land of mine.
no men than here are braver,
her women’s hearts never waver,
i’d freely die to save her.
and think my lot divine.
she’s not dull or cold land,
no!she’s warm and bold land,
oh!she’s a true and old land.
this is native land of mine.
oh! she’s a fresh and fair land,
oh!she’s a true and rare land,
yes, she’s a rare and fair land,
this is native land of mine.

देशभक्ति कविता -4

ये है बीरो की क़ुरबानी, ये है बीरो की क़ुरबानी
करते है वो अथक प्रयास गर्मी हो या शर्दी …(2)
कूद फाँदकर दौड़ भागकार पाते है तब वर्दी…(2)
घर बार छोड़कर पीते है वो घाट घाट का पानी
ये है बीरो की क़ुरबानी, ये है बीरो………………..
जब होता है बीर शहीद छूट जाती है उनकी जोड़िया(2)
माँ की आँखे होती है नम बहु की टूटती चूड़िया(2)
माँ बाप बहु संघ रोते है उनके नाना नानी
ये है बीरो की क़ुरबानी, ये है बीरो……………….

सियाचिन वो दर्द है जहाँ पक्षी भी न करे बसेरा..(2)
ऐसे में अपने बीर जवान लगाते वहा पर डेरा..(2)
बर्फ बर्फ में बर्फ बने है ना होता नसीब में पानी
ये है बीरो की क़ुरबानी, ये है बीरो…………….
हजारो सैनिक निकल पड़े थे छाना चप्पा चप्पा..(2)
अंत में सीना चीर बर्फ का निकाला हनुमनथप्पा..(2)
दबा रहा वो बर्फ के नीचे फिर भी हार ना मानी
ये है बीरो की क़ुरबानी, ये है बीरो……………
जय हिंद जय भारत

–Shivam Singh

देशभक्ति कविता -5

एक सैनिक की चिट्टी आई,
एक परिवार की चिट्टी लाई !
माँ ने दौड़ के ले ली चिट्टी,
जब की नहीं थी पढ़ीलिखी !
तेरा कुशलता जान में लेती,
मन दिल को समझता है !
पढ़ने को जब चिट्टी खोली,
गम का कोई तूफान चला !
ऐसी खबर लिखी थी उसमे,
उसको पड़ता कौन भला !
सब के चेहरे अधुरा थे,
जैसे दिल हो कोई जला !

–Ritika Sharma

देशभक्ति कविता -6

ये वक्त भी रूक जाएगा,
आसमाँ झुक जाएगा,
धरती कहे तू आ गया,
कोई भी ना बच पाएगा,
बहानें लहू हम आयें हैं,
जिन्दगी देनें हम आयें हैं,
हर शाख अब लहराएगा,
हर फूल मुस्कुराएगा,
ताकत हमारी चट्टानों सी,
मुहब्बत हमारी फूलों सी,
सारा जहाँ मुस्कुराएगा,
जवान विजय होके जब आएगा,
ये वक्त भी रूक जाएगा,
आसमाँ झुक जाएगा,
धरती कहे तू आ गया,
कोई भी ना बच पाएगा,

–कवि मनीष

देशभक्ति कविता-7

प्यार तो हमने भी किया ,उसके लिए अपना दिल भी दिया।
उसने हर बार की तरह, इस बार भी मुझे धोखा दिया।।
मुझे अनजान रखकर, उसने भी मुझसे इतना प्यार किया।
कि मेरे लिए सीमा पर उसने, अपनी जान तक दे दीया।।

देशभक्ति कविता-8

भारत के लाल आज झूम-झूम गाओ रे |
सारा ही देश आज
झूमा है मस्ती में,
देखो ख़ुशी छाई है
हर एक बस्ती में |
स्वाधीनता की खुशियाँ लहराओं रे |
भारत के लाल आज झूम-झूम गाओं रे |
आज तो गगन में भी
उल्लास छाया है,
देशभक्ति का देखो
कैसा रंग छाया है |
देश के सपूतों, आज देशभक्ति पाओ रे |
भारत के लाल आज झूम-झूम गाओ रे |
याद करो उनको आज
मरकर जो अमर हुए,
कल्पना करो ज़रा
अन्याय जो बर्बर हुए |
संजोयेंगे स्वतंत्रता कसम मिलकर खाओं रे |
भारत के लाल आज झूम-झूम गाओ रे |
सोचो स्वतंत्रता हित
क्या-क्या नहीं खोया है,
देश के बलिदानियों को
सारा देश रोया है |
देश के सपूतों से प्रेरणा को पाओ रे |
भारत के लाल आज झूम-झूम गाओ रे |

–डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’

देशभक्ति कविता बच्चों के लिए | सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्ता हमारा

हम बुलबुले है इसकी यह गुल्सिंता हमारा
गुरबत में हो अगर हम रहता है दिल वतन में
समझो वही हमे भी, दिल हो जहाँ हमारा
पर्वत वो सबसे ऊँचा हमसाया आसमा का
वो संतरी हमारा, वो पासवां हमारा
गोदी में खेलती है इसके हजारों नदियाँ
गुलशन है जिसके दम से रश्के जीना हमारा
अय आबे रुदे गंगा वो दिन है याद तुझ्कों
उतरा तेरे किनारे जब कारवा हमारा
मजहब नही सिखाता आपस में बैर रखना
हिंदी है हम वतन है हिन्दोस्तान हमारा
यूनानों मिस्त्रो रुमान सब मिट गये जहाँ से
अब तक मगर है बाकी नामों निशां हमारा.
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नही हमारी
सदियों रहा है दुश्मन दौरे जमा हमारा
”इकबाल” कोई मरहम नही अपना जहाँ में
मालूम क्या किसी को दर्दे निहां हमारा

त्योहारों का देश – Desh Bhakti Kavita In Hindi

Desh Bhakti Kavita In Hindi में विद्यार्थियों के पढ़ने के लिए बेहतरीन patriotic poems त्योहारों का देश हमारा हमकों इससे प्यार हैं दी गई हैं.

स्वतंत्रता दिवस कविता एवं गणतंत्र दिवस देश भक्ति कविता इन हिंदी को कक्षा Class 1, 2, 3, 4, 5 ,6, 7, 8  के स्टूडेंट्स अपनी प्रस्तुती दे सकते हैं.

desh bhakti poem shayari gana geet in hindi पढ़ने व देखने के लिए रिलेटेड पोस्ट पढ़े-

हुलस रहा माटी का कण कण उमड़ रही रस धार हैं
त्योहारों का देश हमारा, हमकों इससे प्यार हैं.

मन भावन सावन आते ही,
हरियाली छा जाती हैं
राखी के दिन बहिन ख़ुशी से
फुला नही समाती हैं
घर बाहर झूले ही झूले
गाते राग मल्हार हैं
त्योहारों का देश हमारा
हमकों इससे प्यार हैं

आजादी के दिवस तिरंगा
घर घर लहराता हैं
वीर शहीदों की गाथाएं
हमकों याद दिलाता हैं
मन भावों से भर जाता हैं
माँ की जय जयकार हैं
त्योहारों का देश हमारा
हमकों इससे प्यार हैं.

आता हैं हर वर्ष दशहरा
होते खेल तमाशे हैं
दीवाली पर दीप दान
फुलझड़ियाँ खील बताशे हैं
धूम धड़ाके और फटाखों
की कैसी भरमार हैं
त्योहारों का देश हमारा
हमकों इससे प्यार हैं.

भाईचारे का संदेशा
ले ईद मुबारक आती हैं
मीठी खीर सवैया
सबके मन को भाती हैं

खेल खिलोने पाते बच्चे
क्रिसमस के उपहार हैं
त्योहारों का देश हमारा
हमकों इससे प्यार हैं

लोकतंत्र की झांकी ले
छब्बीस जनवरी आती हैं
बासंती फूलों की खुशबु
झोली में भर जाती हैं
होली के डफ ढोल मजीरे
रंगों की बौछार हैं
त्योहारों का देश हमारा
हमकों इससे प्यार हैं.

Short Desh Bhakti Poem in Hindi | प्यारे भारत देश | PYARE BHARAT DESH

गगन गगन तेरा यश फहरा
पवन पवन तेरा बल गहरा
क्षिति जल नभ पर डाले हिंडोले
चरण चरण संचरण सुनहरा
ओ ऋषियों के तवेष
प्यारे भारत देश

वेदों से बलिदानों तक जो होड़ लगी
प्रथम प्रभात किरण से हिम में जोत लगी
उतर पड़ी गंगा खेतों खलिहानों तक
मानों आसू आए बलि महमानों तक
सुख कर जल के क्लेश

तेरे पर्वत शिखर की नभ को भू के मौन इशारे
तेरे वन जग उठे पवन से हरित इरादे प्यारे
राम कृष्ण के लीलामय में उठे बुद्ध की वाणी
काबा से कैलास तलक उमड़ी कविता कल्याणी
बातें करे दिनेश
प्यारे भारत देश

जपी तपी सन्यासी कृषक कृष्ण रंग में डूबे
हम सब एक अनेक रूप में, क्या उभरे क्या ऊबे
सजग एशिया की सीमा में रहता खेद नही
काले गोरे बिरंगे हम में भेद नही
श्रम के भाग्य निवेश
प्यारे भारत देश “|”

देश भक्ति कविता बच्चों के लिए | Desh Bhakti Poem For Children

Desh Bhakti Poem For Children-भक्ति जब देश के प्रति हो, और उनके प्रेम का केंद्र बिंदु मातृभूमि भी वही देश भक्ति कहलाती हैं.

छोटी या बड़ी कक्षा के छात्रों को देश के मुख्य उत्सवो पर जिनमे हमारा 15 अगस्त और 26 जनवरी पर बौलने के लिए जरुरत पड़ती है. 

देश भक्ति कविता बच्चों के लिए आज लेकर आए हैं. इस लेख में भारत के तिरंगे पर आधारित तिरंगा देश भक्ति कविता बच्चों के लिए आप यहाँ से ले सकते हैं.

तिरंगा

यह तिरंगा झंडा अपना ,
ऊँचा उड़ता रहे गगन में,
केसरिया रंग इसकी शोभा,
शांति मार्ग पर बढ़ते रहना,
खुशहाली का रंग हरा हैं.
चक्र प्रगति का प्रतीक हैं.
देश का झंडा हमको प्यारा,
इसकी रक्षा करे हमेशा,
तीन रंग हैं इसकी शान |
हमको हैं इस पर अभिमान|
वीरो का उत्साह बढ़ाता |
श्वेत रंग सबको सिखलाता |
मेहनत से खुशहाली आती |
गति ही मंजिल तक ले जाती |
न्यौछावर हैं इस पर प्राण |
आजादी की यह हैं, शान ||

हमारी चाह

ईश्वर हमारे, यही हमारी चाह,
तुम दिखाना हमे वह राह,
कभी न करे किसी से डाह,
मिलकर करे वाह ! वाह !

माता पिता हो हमारे साथ,
हम माने उनकी सब बात,
मिल-जुलकर रहे हम सब साथ,
उच्च निचे की करे न बात |

प्रभु, हमको दो यह वरदान,
पढ़ लिखकर हम बने महान,
झूट को कभी न दे मान,
सच्चाई का करे सम्मान |

(देश भक्ति कविता बच्चों के लिए)

मित्रों कहो वो रक्त किस अर्थ का
जिसमे कभी उबाल ना हो नाम का
मित्रों कहो वो रक्त किस अर्थ का
मित्रो जो आ न सके देस के काम

हो गुलाम 

मंत्री जी के भासन
पुलिस की परेड
स्कूल की छुट्टी
वीर रस की कविता
मिडिया को न्यूज़
बच्चो को बूंदी
कर्मचारी को एक दिन का आराम
फिर आजादी की ख़ुशी में एक श्याम
जम पे जम
1947 से आज तक यही तो कर रहे है
अब कुछ कम हो जाये
एक दिन जिसने हमे आजादी दी है
उस दिन के लिए
किसी गरीब की मदद हो जाये
एक दिन का वेतन
किसी मजबूर के कम अ जाये
आप आजाद हो ?
कर सकते हो ?
अगर कुछ नहीं कर सको तू
गुलाम हो आज भी

मित्रों देश भक्ति कविता बच्चों के लिए यह लेख आपकों कैसा लगा, कमेंट कर जरुर बताए. अन्य लोग भी इन कविताओं के पढ़ सके इसके लिए देश भक्ति कविता बच्चों के लिए इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करे.

Deshbhakti Poem In Hindi | Hum Bharat ke Bharat | हम भारत के भरत

हम भारत के भरत खेलते, शेरों की सन्तान से,
कोई देश नही दुनिया में बढ़कर हिंदुस्तान से,
इस मिट्टी में पैदा होना, बड़े गर्व की बात हैं,
साहस और वीरता अपने पुरखों की सौगात हैं ||

बड़ी बड़ी ज्वालाओं से कम, नही यहाँ चिनगारियाँ
कांटे पहले, फूल बाद में, देती हैं फुलवारियां
कभी दहकते कभी महकते जीते मरते शान से
कोई देश नही दुनिया में बढ़कर हिंदुस्तान से ||

कूद समर में आगे आए, जब भी हमकों ललकारने
ऊँगली दांतों तले दबाई, अचरज से संसार ने
सदियों से बनते आए हैं, हम पन्ने इतिहास के
त्याग और बलिदान हमारे व्रत हैं बारह मास के
जब भी निकला हीरा निकला, यहाँ किसी भी खान से
कोई देश नही दुनिया में बढ़कर हिंदुस्तान से ||

यह धरती माँ हैं अपनी, हमे जान से प्यारी हैं
हर बालक के जिम्मे इसकी चौकस पहरेदारी हैं
बोलो मेहनत खूब करेगे, कठिन परीक्षा आई हैं,
माँ का दूध पिया जो हैं, सौगंध उसी की खाई हैं
इसी उम्रः में परिचय पा ले, हम श्रम से बलिदान से,
कोई देश नही दुनिया में बढ़कर हिंदुस्तान से ||

देश भक्ति गाने (Patriotic Songs In Hindi)

नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में आपके लिए देशभक्ति के टॉप 10 गाने यहाँ उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. राष्ट्रिय कार्यक्रमों में प्रस्तुती देने में आपकों ये patriotic songs आपकी मदद करेगा. हमने पूरी कोशिश की हैं,

आपकों अच्छे से अच्छे राष्ट्रभक्ति के गीत सरल हिंदी भाषा में विडियो के साथ उपलब्ध करवाए ताकि 26 जनवरी और 15 अगस्त 2024 के इस स्वतंत्रता दिवस पर आप इन्हें उपयोग कर सकते हैं.

यहाँ आपकों प्रत्येक सोंग्स के साथ उनके लेखक और गायन की पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही हैं. यदि आप किसी अन्य गाने को हिंदी टेक्स्ट और विडियो के जरिए चाहते हैं. तो उस देश भक्ति गाने का शीर्षक कमेंट कर अवश्य बताए.

ऐ मेरे वतन के लोगों देशभक्ति गीत

भारत में सबसे बहुचर्चित ऐ मेरे वतन के लोगों गीत को कवि प्रदीप जी द्वारा लिखा गया था. इस गाने को स्वर कोकिला लता मगेशकर जी ने गाया हैं.

जिसका संगीत सी रामचन्द्र जी द्वारा दिया गया हैं. यह देशभक्ति गीत 1962 की चाइना वार में शहीद भारतीय सैनिको की स्मृति में गाया गया था.

27 जनवरी 1963 जब इसे लताजी ने दिल्ली के मैदान में गाया तो इसकी मार्मिक भावनाओं में प्रधानमन्त्री पंडित जवाहर लाल नेहरु पूरी तरह बह गये और उनकी आँखों से आसू निकल आए थे.

ऐ मेरे वतन के लोगों : बोल

देशभक्ति गीत
ए मेरे वतन के लोगों, तुम ख़ूब लगा लों नारा
ये शुभं दिन हैं हम सब का, लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर mat भुलो sema पर, वीरों ने है praan गवाए
कुछ yaad उन्हे भी कर लो, कुछ yaad उन्हे भी कर लो
जो लोट के ghar न आए, जो लोट के ghar न आए…

ए मैरे वतन के लोगो, जऱा आख में भर लो पानी
जो शहिद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुर्बानी
ऐ मेरे वतन के लोंगो ज़रा आख में भर लो पानी
जो शहिद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुर्बानी
तुम भुल न जाओ उनको, इसलिए सूनो ये कहानी
जो शहिदों हुए हैं, उनकी, जरा याद करो क़ुर्बानी…

जब ghaayl हुआ हिमालया, ख़तरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी सास लड़े वो.जब तक थी सांस लड़े वो, फिर अपनी लास बीछा दी
सगिन पे धर कर माथां, सो गए अमर बलिदानी
जो शाहिद्द हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुरबानी…

जंब देश में थी दीवालि, वो खेल रहे थे होळी
जब हम बेठे थे घरों में… जब हम बेठे थे घरों में, वो जहेल रहे थे गोली
थे धन्य जवानों वो अपने, थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहिद हुए हैं उनकी, जरा याद करो क़ुर्बानी…

कोई शिख कोई जाठ मराटा, 2
कोई गुर्खा कोई मद्रासी, -2
सर्हद पर मर्नेवाला… सरहद पर मरनेवाला, वो वीर था हिंदुस्थानी
जो खुन गिरा पर्वत पर, वो खुन था भारतवासी
जो शहिद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुरबानी…

थी खुन से लत – पत काया, फीर भी बन्दुक उठाके
10 – 10 को 1 ने मारा, फिर गिर गए होस गंवा के
जब आखिर समय आया तो…. जब अन्त-समय आया तो, कह गए के एब मरतें हैं
खुश रहना देस के प्यारों… ख़ुश रहना देश के पयारों
अब हम तो सफर करते हैं।.. -2

क्या लोग थे वो दिवाने, क्या लोग थे वो अभीमानी
जो शहिद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी
तुम भूल न जाओ उनको, इस्लिए कही ये कहानि
जो शहिद हुए हैं, उनकी जरा याद करो कुर्बानि
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद की सेना… जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद की सेना..

ये देश हमारा पावन हैं : देशभक्ति गीत

ये देश हमारा पावन हैं
yah देश बड़ा मन भावन हैं
रवि चुम्बित किरणों से शोभित,
लहर-लहर पुलकित आनन्दित .
शस्य श्याम हैं अंचल जिसका
अनुपम रंग सुहागन हैं ये
ये देश हमारा पावन हैं
ये देश बढ़ा मनभावन हैं.

Utho Jawan Desh ki Vasundhara Pukarti

उठा जवान देश की वसुधरा पुकारती
देश हैं पुकारता पुकारती माँ वसुंधरा
रगो में तेर बह रहा खून राम शाम का
जगद्गुरू गोविनद और रजपूती सहान का
तू चल पड़ा हैं. तो चल पड़ेगी तेरे साथ माँ भारती
हैं शत्रु दनदना रहा चाहू दिशा में देश की
पता बटा रही हें हमे किरन किरन दीनेश की
वो च्क्रव्ती विश्वविजयी मात्रभूमि हारती

उठा कडम बढ़ा कदम कदम कदम बढाए जा
कदम कदम पै दुश्मनो के धड से सर उडाए जा
उठेगा विशव हाथ जोड करने तेरी आरति

राष्ट्रभक्ति ले ह्रदय में

राष्ट्र-भक्ति ले हृदय मे हो खडा यदी देश सारा
सकटो पर मातं कर यह देश विजयी हो हमारा ॥

क्या कभि किसने सूना है सुर्य छीपता तिमीर भय से
क्या कभी सरिता-रुकी है बाध से बन पर्वत से
जो न रुक्ते मार्ग चलते चिर कर सब संकटों-को
वर्न करती कीर्ती उनको तोड़ कर सब असूर दल को
धयेय मंदीर के पतिक को कन्टकों का ही सहारा ॥

हम न रुक्ने चले है सुर्य के यदि पुतर है तो
हम न हट्नें को चले है सरित् की यदि प्रेरना को
चरण अगद ने रखा है आ उसे कोइ हटाएं
बहकात ज्वालामुखि यह आ उसे कोइ बुझाए
म्रत्यु की पी कर सुधा हम चल पडेंगे ले दु-धारा ॥

ज्ञान के वि-ज्ञान के भी क्षेत्र मे हम बढ़ पडेगे
निळ नभ के रूप के नव अरथ भी हम कर सकेंगे
भोगं के वातावरण मे त्याग का सदेश देंगे
तरास के घन बादलों-से सोख्य की वर्शा करेंगे
स्वपन यह साकार करने संघठित हो हिन्दु-सारा ॥

desh bhakti geet in hindi

dharatee kee shaan too bhaarat kee santaan
teree muththiyon mein band toofaan hai re
manushy too bada mahaan hai bhool mat
manushy too bada mahaan hai .dhr.
jo chaahe parvat pahaadon ko phod de
तू jo chaahe nadeeyon ke mukh ko bhee mod de
.too jo chaahe maatee se amrt nichod de
too jo chaahe dharatee ko ambar se jod de
amar tere praan —2 mila tujhako varadaan
teree aatma mein svayam bhagavaan hai re.1.

—manushy too bada mahaan hai
nayano se jvaal teree gatee mein bhoochaal
teree chhaatee mein chhupa mahaakaal hai
prthvee ke laal tera himagiree sa bhaal
teree bhrkutee mein taandav ka taal hai
nij ko too jaan —2 jara shaktee pahachaan
teree vaanee mein yug ka aavhaan hai re .2.

—-manushy too bada mahaan hai
dharatee sa dheer too hai agnee sa veer
too jo chaahe to kaal ko bhee thaam le
paaponka pralay ruke pashuta ka sheesh jhuke
too jo agar himmat se kaam le
guru sa matimaan —2 pavan sa too gatimaan
teree nabh se bhee unchee udaan hai re .3.
—manushy too bada mahaan hai

तरुण | देशभक्ति पर सर्वश्रेष्ठ कविता

उठे राष्ट्र तेरे कंधे पर
बढ़े प्रगति के प्रागण में,
पृथ्वी को रख दिया उठाकर
तूने नभ के आँगन में

तेरे प्राणों के ज्वार पर
लहराते है देश सभी
चाहे इसे इधर कर दे तू
चाहे जिसे उधर क्षण में

विजय वैजयन्ति फहरी जो
जग के कोने कोने में
उनमे तेरा नाम लिखा है
जीने में बलि होने में

घहरे रन घनघोर बढ़ी
सेनाएं तेरा बल पाकर
सवर्ण मुकुट आ गये चरण तल
तेरे सशत्र सजाने में

तेरे बाहुदंड में वह बल
जो केहरि कटी तोड़ सके
तेरे दृढ स्कन्ध में यह बल
जो गिरी से ले होड़ सके.

यह भी पढ़े

उम्मीद करता हूँ दोस्तों देशभक्ति कविता 2024 Best Desh Bhakti Poems In Hindi Language का यह लेख आपको पसंद आया होगा.

यदि आपको यहाँ दी गई देशभक्ति की कविताएँ देश भक्ति पर छोटी बड़ी कविताएँ छोटे बच्चों के लिए हिंदी फॉण्ट में पसंद आई हो तो अपने फ्रेड्स के साथ भी शेयर करें.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *