Nrega Rajasthan महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (National Rural Employment Guarantee Act, 2005 mgnrega) हैं जिसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रो में हर वयस्क को आवेदन करने पर 15 दिनों के अन्दर स्थानीय सार्वजनिक कार्यो में काम दिया जाना हैं.यदि काम न दिया जाए,तो उन्हें बेरोजगारी भता दिया जाएगा. mnrega योजना के तहत हर परिवार को एक वर्ष में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी दी गईं हैं. इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को रोजगार के साधन उपलब्ध करवाना हैं.,तथा इसके अंदर अन्य उद्देश्य पुरे हो सकते हैं. जैसे उत्पादन सम्पदा का निर्माण, पर्यावरण सुरक्षा, महिलाओं का सशक्तिकरण, ग्रामीण शहरी पलायन पर अंकुश एवं सामाजिक समरसता को बढ़ाना. nrega rajasthan job card check, bank accounts details, application form, sidhi bharti suchna, nrega jobs के बारे में जानकारी नीचे दी जा रही हैं.
मनरेगा राजस्थान /Nrega Rajasthan
राजस्थान में महात्मा गांधी राष्ट्रिय रोजगार गारंटी योजना फरवरी 2006 से 6 जिलों बांसवाडा, डूंगरपुर, करौली, सिरोही एवं उदयपुर में प्रारम्भ हुई.तथा अप्रैल 2007 से 6 अन्य जिलों बाड़मेर, चित्तोडगढ, जैसलमेर, जालौर, सवाई माधोपुर एवं टोंक तथा वित्तीय वर्ष 2008-09 से राज्य के शेष 21 जिलो को सम्मलित करते हुए समस्त राज्य में संचालित की जा रही हैं. महात्मा गाँधी राष्ट्रिय रोजगार गारंटी अधिनियम की धारा 17 (1) के अनुसार ग्राम सभा, ग्राम पंचायत के भीतर कार्य के निष्पादन को मोनिटर करेगी.
कोई भी व्यक्ति मनरेगा के तहत कार्य, भुगतान, mgnrega scheme पेमेंट स्टेटस, बेरोजगारी भत्ता, मनरेगा लेटेस्ट न्यूज़, नरेगा जॉब रिक्रूटमेंट 2018, nrega circular के लिए विभाग की आधिकारिक वेबसाइट nrega nic पर भी विजिट कर सकते हैं.
मनरेगा राजस्थान में ग्राम पंचायत और ग्राम सभा
रोजगार गारंटी से जुड़ी कम से कम आधी योजनाओं का क्रियान्वन ग्राम पंचायतो द्वारा किया जाता हैं. यह लोगों द्वारा तय की गईं प्राथमिकता के आधार पर विकास के काम कराने में बड़ा अवसर हैं. ग्राम पंचायत इस मामले में भी, अन्य मामलो की तरह, ग्राम सभा के प्रति जवाब देय होगी. रोजगार गारंटी में ग्राम सभा की प्रत्यक्ष भूमिका हैं. जैसे उपयोगी कार्य की पहचान करना, सामाजिक अंकेक्षण सम्पन्न करवाना आदि.
मनरेगा राजस्थान में ग्राम पंचायत और ग्राम सभा की जिम्मेदारी
ग्राम पंचायत निम्नलिखित कार्यो के लिए जिम्मेदार हैं.
- परिवारों का पंजीयन करवाना.
- जॉब कार्ड निर्गत करना.
- काम का आवेदन स्वीकार करना.
- तिथि अंकित कर प्राप्ति रसीद देना.
- आवेदन के 15 दिनों के अन्दर काम मुहैया करवाना.
- श्रमिको को सही और समय पर भुगतान सुनिश्चित करना.
- कार्यो की योजना बनाना.
- योजनाओं का संचालन करना.
- दस्तावेज का संधारण करना.
- ग्राम पंचायत में रोजगार गारंटी कानून के क्रियान्वन की निगरानी करना.
मनरेगा में ग्राम सभा के अधिकार
- कार्यो की योजना बनाना.
- रोजगार गारंटी के कार्यो का प्राथमिकतानुसार चयन करना.
- मनरेगा के कार्यो की निगरानी करना.
मनरेगा राजस्थान में कार्य पंजीकरण एवं जॉब कार्ड
रोजगार गारंटी कानून के क्रियान्वन की शुरुआत परिवारों के पंजीकरण और जॉब कार्ड के वितरण से होती हैं. ग्राम पंचायत में रहने वाले किसी भी परिवार को जॉब कार्ड के लिए आवेदन करने का अधिकार हैं. ग्राम पंचायत का यह कर्तव्य हैं कि ऐसे परिवारों को 15 दिनों के अन्दर जॉब कार्ड दिलवाएँ. प्रत्येक परिवार को एक अलग जॉब कार्ड रखने का अधिकार हैं. हर जॉब कार्ड धारी परिवार को मनरेगा के तहत साल में 100 दिन के काम का अधिकार हैं. यह परिवार के सदस्यों पर निर्भर हैं, कि इन 100 दिनों में आपस में बंटवारा किस तरह करे. उनकी अपनी इच्छा के अनुरुप, वे एक साथ अथवा अलग-अलग या परिवार के किसी सदस्य द्वारा पुरे 100 दिन का काम करने का निर्णय ले सकते हैं.
मनरेगा में जॉब कार्ड के लिए आवेदन कैसे करे
जॉब कार्ड पाने के लिए हर परिवार को मनरेगा यानि महात्मा गांधी राष्ट्रिय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के तहत निम्न प्रकार आवेदन करना जरुरी हैं.
- पंजीकरण हेतु आवेदन स्थानीय ग्राम पंचायत कार्यालय को दे सकते हैं.
- आवेदन में परिवार के उन सभी वयस्कों के नाम का उल्लेख होगा, जो मनरेगा के तहत काम करना चाहते हैं. नाम के साथ उम्र, लिंग, जाति, समूह आदि का नाम भी लिखना होगा.
- आवेदन सादे पेपर या प्रपत्र पर दिया जा सकता हैं.
- ग्राम पंचायतो को जॉब कार्ड हेतु मौखिक आवेदन भी स्वीकार करना चाहिए.
- पंजीकरण की प्रक्रिया ग्राम पंचायत कार्यालय में वर्ष भर जारी रहेगी.
सत्यापन
पंजीकरण हेतु आवेदन प्राप्ति के पश्चात ग्राम पंचायत को तुरंत हर आवेदन का सत्यापन करना चाहिए, यह देखने के लिए कि क्या निम्नलिखित शर्ते पूरी की गईं हैं.
- आवेदक ग्राम पंचायत का स्थायी निवासी हो.
- सभी आवेदक वयस्क हैं, यानि 18 वर्ष से अधिक की आयु के.
- वह एक ही परिवार के सदस्य हैं.
सत्यापन के बाद सभी परिवारों के नाम ” पंजीकरण रजिस्टर” में दर्ज कर रखना चाहिए. जो ग्राम पंचायत कार्यालय में संधारित किया जाता हैं. हर पंजीकृत परिवार को एक अलग पंजीकरण नंबर दिया जाएगा.
मनरेगा राजस्थान जॉब कार्ड बनाने की विधि
सत्यापन के बाद हर पंजीकृत परिवार को निम्नलिखित प्रक्रिया द्वारा जॉब कार्ड दिया जाना जरुरी हैं.
- आवेदन के 15 दिनों के अन्दर निर्गत किया जाना जरुरी हैं.
- जॉब कार्ड में वयस्क सदस्य का फोटो लगाना अनिवार्य हैं.
- हर जॉब कार्ड में कुछ आवश्य प्रविष्ठिया जैसे जॉब कार्ड नंबर, निर्गत करने की तिथि, निर्गत करने वाले अधिकारी के दस्तखत, परिवार का विस्तृत ब्यौरा आदि जानकारी होनी चाहिए.
- जॉब कार्ड को सम्भाल के रखे यह 5 साल के लिए हैं.
- जॉब कार्ड निशुल्क दिया जाना चाहिए.
- आवेदक को उसके या उसमे लगे फोटो के लिए पैसे नही लिए जा सकते.
- यदि जॉब कार्ड खो जाए या नष्ट हो जाए तो परिवार दुबारा जॉब कार्ड बनवा सकता हैं.
मनरेगा राजस्थान में काम का आवेदन
महात्मा गांधी रोजगार गारंटी स्कीम का यह बुनियादी सिद्धांत हैं ” रोजगार की गारंटी” जिसका अर्थ हैं कि यदि कोई काम की मांग करता हैं तो उन्हें 15 दिनों के अन्दर काम दिया जाना चाहिए.
मनरेगा में काम के लिए आवेदन कैसे करे
काम का आवेदन सामान्यत ग्राम पंचायत के मुखिया या सचिव को देना चाहिए, हर आवेदन में यह स्पष्ट तौर से अंकित होना चाहिए.
- आवेदक का जॉब कार्ड नंबर
- किस दिन से काम चाहिए
- कितने दिन का काम चाहिए
आवेदन सादे कागज या उपलब्ध होने पर फर्म पर दिया जा सकता हैं. हर आवेदन कम से कम 14 दिन के काम के लिए होना चाहिए.
व्यक्तिगत आवेदन के अलावा सामूहिक आवेदन भी किया जा सकता हैं. काम के लिए मौखिक आवेदन भी किया जा सकता हैं. यह उन लोगों के लिए उपयोगी हैं. जो पढना लिखना नही जानते हैं.
मनरेगा में कार्यस्थल पर आवेदन
लोग कार्यस्थल पर जाकर भी काम के लिए आवेदन कर सकते हैं. दिशा निर्देश के अनुसार उन लोगों को भी काम पाने में मदद मिलेगी. जो वहां की आवेदन प्रक्रिया को पहले पूरा नही कर पाए हो. औपचारिक रूप से आवेदन नही करना, किसी को काम नही मिलने का कारण नही होना चाहिए.
मनरेगा में बेरोजगारी भत्ता
काम मांगने के 15 के अन्दर काम नही मिलने व्यक्ति बेरोजगारी भत्ते का हकदार हैं,
- पहले 30 दिन न्यूनतम मजदूरी का एक चौथाई.
- 30 दिन न्यूनतम मजदूरी का आधा.
मनरेगा राजस्थान में मजदूरी का भुगतान
- सभी श्रमिक किये गये काम के आधार पर मजदूरी के हकदार हैं.
- समान काम के लिए समान भुगतान. महिला और पुरुष को काम के आधार पर एक समान मजदूरी प्राप्त करने का अधिकार हैं.
- मजदूरी का भुगतान 15 दिनों में किया जाना चाहिए.
- ऐसा ना होने पर राज्य सरकार को मुआवजा देना होगा.
- मजदूरी का भुगतान बैंक या पोस्ट ऑफिस से ही होगा.
- हर मजदुर का अपना खाता हो चाहे वो पुरुष हो या महिला.
कार्यस्थल प्रबन्धन
कार्य स्थल प्रबंधक ” मैट” की रोजगार गारंटी के क्रियान्वन में महत्वपूर्ण भूमिका हैं. हर कार्यस्थल पर एक शिक्षित मैट होना चाहिए. एक मैट को ज्यादा से ज्यादा 50 मजदूरों के देख रेख की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. ग्राम पंचायत द्वारा मैट का चयन एक खुले पारदर्शी एवं प्रतिभागी तरीके से करवाया जाना चाहिए. महिलाओं को भी मेट कार्य हेतु उपयुक्त संख्या में शामिल करना चाहिए. मैट पढ़ा-लिखा होना चाहिए. इसके अलावा कोई अन्य विशेष शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य नही हैं.
कार्यस्थल पर सुविधाएँ
- कार्यस्थल पर मजदूरो की सुविधा के लिए छाया पानी मेडिकल क्रेच जैसी सेवाओं का होना अनिवार्य हैं.
- 6 वर्ष से कम उम्र के 5 से अधिक बच्चे हो तो उनकी देखरेख के लिए एक महिला को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए.
मनरेगा पर दुर्घटना हो तो…
- कार्यस्थल पर चोट लगने पर राज्य सरकार मुक्त में इलाज करवाने की सुविधा उपलब्ध करवाएगी.
- कार्य स्थल पर दुर्घटना के कारण मृत्यु की स्थति में 25 हजार रूपये का भुगतान मृतक के परिवार को दिया जाएगा.
ग्राम सभा की जिम्मेदारी
- नरेगा के तहत किये जाने वाले कार्य जैसे सड़क, तालाब, चेक डैम आदि ग्राम सभा द्वारा तय होंगे.
- उन कामों की देखरेख करना ग्राम सभा की जिम्मेदारी हैं.
- ग्राम सभा अकेक्षण भी करेगी, जिसमे नरेगा के सभी दस्तावेज़ की जांच होगी.
मास्टर रोल और दस्तावेज
- मजदूरो की हाजरी मास्टर रोल में कार्यस्थल पर ली जाएगी.
- नरेगा से सम्बन्धित दस्तावेज कोई भी, किसी भी समय निशुल्क देख सकता हैं.
मनरेगा राजस्थान में शिकायत
- महात्मा गांधी राष्ट्रिय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की जांच की जिम्मेदारी के लिए ग्राम सभा निगरानी समिति बनाएगी.
- इस ग्राम सभा में कम से कम दो बार इन योजनाओं का अकेक्षण करेगी.
- आपकों शिकायत करने का और सात दिनों में जवाब पाने का अधिकार हैं.
- पंचायत सेवक, रोजगार सेवक या कार्यक्रम पदाधिकारी से शिकायत करे.
- शिकायत निवारण के लिए लोकपाल के पास भी जा सकते हैं.
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2018-19 में मनरेगा की मजदूरी राज्य वार कुशल अकुशल श्रमिक
मनरेगा राजस्थान मजदूरी, मनरेगा 2018 राज्य नाम मजदूरी तालिका
state name |
nrega wages Rupees per day |
Andhra Pradesh | 205 RS/- |
Arunachal Pradesh | 177 RS/- |
Assam | 189 RS/- |
Bihar | 168 RS/- |
Chhattisgarh | 174 RS/- |
Goa | 254 RS/- |
Gujarat | 194 RS/- |
Haryana | 281 RS/- |
Himachal Pradesh | 184 RS/-(Non Scheduled Area) |
Himachal Pradesh | 230 RS/- (Scheduled Area) |
Jammu and Kashmir | 186 RS/- |
Jharkhand | 168 RS/- |
Karnataka | 249 RS/- |
Kerala | 271 RS/- |
Madhya Pradesh | 174 RS/- |
Maharastra | 203 RS/- |
Manipur | 209 RS/- |
Meghalaya | 181 RS/- |
Mizoram | 194 RS/- |
Nagaland | 177 RS/- |
Odisha | 182 RS/- |
Punjab | 240 RS/- |
Rajasthan | 192 RS/- |
Sikkim | 177 RS/- |
Tamil Nadu | 224 RS/- |
Telangana | 205 RS/- |
Tripura | 177 RS/- |
Uttar Pradesh | 175 RS/- |
Uttarakhand | 175 RS/- |
West Bengal | 191RS/- |
Andaman and Nicobar | 250 RS/- (Andaman District) |
Andaman and Nicobar | 264 RS/-(Nicobar district) |
Chandigarh | 273 RS/- |
Dadra and Nagar Haveli | 220 RS/- |
Daman and Diu | 197 RS/- |
Lakshadweep | 248 RS/- |
Panduchi | 224 RS/- |