बादल पर शायरी Poem Status Shayari On Clouds In Hindi

Badal Shayari बादल पर शायरी Poem Status Shayari On Clouds In Hindi: नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है बादल हमेशा से साहित्यकारों का पसंदीदा विषय रहा है.

अनेकों कवियों, लेखकों शायरों ने बादलों पर कविताएँ, शेरो शायरी व श्लोक आदि रचे है. तृप्त धरा की प्यास बुझाने वाले बादल बेहद सुकून देने वाले होते है जब उमड़ घुमड़कर वर्ष की पहली बरखा करते हैं.

आज के आर्टिकल में हम बादल शायरी, क्लाउड्स पोएम पोएट्री शेरो शायरी कविता आदि यहाँ बता रहे हैं.

बादल पर शायरी Poem Status Shayari On Clouds In Hindi

बादल पर शायरी Poem Status Shayari On Clouds In Hindi

बरसा’त का बादल तो दीवा’ना है क्या जाने
किस राह से बच’ना है किस छ’त को भिगो’ना है


दीवा’र ओ दर झुलस’ते रहे तेज़ धूप में
बादल तमा’म शहर से बाह’र बरस गया


जिस ने बख्शे मेरी आँखों को ये बादल आँसू
उस के दिल पर मेरी आहों की सदा भी गुजरे


ये आँखें हैं,कोई बादल थोड़ी है…
ये बंदा इश्क़ में है,कोई पागल थोड़ी है…
और मरहम ले आये हो तुम,यूँ हिज़्र के बाद…
अरे यहाँ कोई घायल थोड़ी है…


एक बादल से आस थी प्यास बुझाने की ,
ये बेवफा हवाये उसे भी दूर ले उड़ी ……❤️❤️??


बहुत कुछ सीखना अब भी बाकी है ,
ज़िंदगी के और इम्तिहान अभी बाकी है।
ये जो हासिल हुआ मुकाम तो फ़क़त बादल है,
अभी जीतने को पूरा आसमान बाकी है।


आसमान में टूटे बादलों के जैसे बिछड़ गए हो,
कहीं धूप तो कहीं बारिश जैसे बिखर गए हो।


सूरज भी आज कहीं बादलों में खो पड़ा है ,
धरती के हालात देखकर आज बादल भी रो पड़ा है


जो बादल बनकर तुम बरसो इक़ दफ़ा,
मैं भी बिन छतरी के भीगने आ जाऊं❣️❣️

बादल शायरी 2 लाइन Shayari On Clouds In Hindi

आज फ़िर लड़ाई हो गई हैं बादल से,
आज फ़िर बारिश जमीं पर आ गई…


दूर तक फैला हुआ पानी ही पानी हर तरफ़
अब के बादल ने बहुत की मेहरबानी हर तरफ़


जो कभी बादलों के गरजने पर लिपट जाया करती थी मुझसे,
वो आज बादलों से भी ज़्यादा गरजती है ।?


जब ना होती है तुमसे बात तो डरावने से लगते हैं
ये काले ‘ बादल ‘ और ये गुमसुम सी रात।


“धरती की बैचैनी को सुना है बादल समझता है?”


हमारे शहर आजा, यहाँ सदा बरसात रहती है।
कभी बादल बरस्ते है तो कभी आँखें बरसती है।


सूरज भी निकला है, बादल भी छाए है,
धरती को रिझाने देखो कोन कोन आए है ।


देखता हू जब आसमां कि तरफ, तो दिखता है अपना खाली जीवन।
पर कभी मेरी जिन्दगी मे भी कोई आयेगा, जैसे आसमां मे घिर आते हैं “बादल”।। ?


प्यासी वसुधा पूँछ रही
कब तक अगन लगाओगे
कंठ हुए सब शुष्क कहो
मिलने कब बदरा आओगे

Badal Shayari In Hindi

मेरे हिस्से का बादल
मुझे देदो
ये आँखें
बहुत दिनों से प्यासी हैं


ऐसा भी क्या ग़म है तुझे क्यूँ इतना तरस रहा
ऐ बादल ज़रा तो ठहर क्यूँ इतना बरस रहा ।


बिन मौसम रोता है वो बादल,
सिर्फ धरती के प्यार में। ?️


बादल पर कविता Poem On Clouds In Hindi

ज़िन्दगी भी कुछ बादल सी हैं,
कभी गर्जना -कभी बरसना –
और कभी -कभी ठहर जाना,
बादलों की अंधकार जैसे
जिंदगी में गम का स्वीकार,
बादल के बाद बारीश जैसे कोई त्यौहार,
और वो बादलो का गर्जना
जैसे किसी को खोने का डर,
और वो बादलों के साथ ठंढी हवा
और माँ के हाथ का चाय और
भाई बहन से लड़ाई और
तुफानो के पापा और दादा जी गुस्सा,


ऐ बादल ! मेरे गाँव भी आ जा,
मेरे सूखे खेत तुझे बुला रहे ।
एक मुद्दत हो गयी तुझसे मिले हुए,
गले लगा कर जम के रो ले ।
किसी की बेटी के हाथ पीले करने है,
तो किसी को दो जून की रोटी चाहिए ।
ऐ बादल ! मेरे गाँव भी आ जा……..


बादल मुस्कुरा उठे,
वृक्ष भी नाच उठे,
कोयल कुछ बतियाने लगी,
महामारी प्रकृति को जगाने लगी,
इंसान की रूह जैसे भयभीत हो उठी
अचानक प्रकृति महामारी से बोल उठी,
सदियों बाद डर का बांध मेरा टूटा है,
अब जाकर मै झूम उठी।।-


बादलों से तुम्हारी ध्वनि आती रही,
गीत हमको विरह के सुनाती रही,
वक़्त कीं आग में हम तो एसे जले
आती यादें तुम्हारी हमे सताती रही
प्रेम जग में हमारा एक आदर्श हो
तेरा मेरा हृदय का अतिमर्श हो
मेह में जब तुम नीर बन कर गिरो
बूँदों में भी तेरा ही स्पर्श हो


जब भी देखा आसमान में बादलों को..
उनको देखकर बस यही सोचा ?…
क्या किस्मत है इन बादलों की
कहीं खुशहाली तो कहीं
तबाही का प्रतीक है
कहीं राहत तो कहीं
आफत की सौगात है…..


बादल, मुझे सिखाओ
कैसे अपना सर्वस्य लुटाया जाता है
कैसे जामुन गदराता है
हरियाली खिलती है
सावन बरसता है
पर
खेत सूखे रह जाते हैं
फसलें बुझ जाती हैं?
बादल, मुझे बताओ।


बादल शायरी हिंदी

तुझे याद कर रोया है दिल..
बादल बनकर बरसा है दिल,
सूरज की किरण सी काम कर जाएगी एक झलक तेरी,,
उस झलक की आस लगाए बैठा है दिल?❤?


ये बादल तुम मेरी आंखे रख लो
कसम से बड़ी माहिर है बरसने। में


आज धरती फिर से नम है, लगता है
बादल को अपनी प्रेयसी की फिर से याद आयी है।


आज दिल करता है कि बादल बनकर बरस जाऊँ
तू भीग जाए मुझ में और में तुझ कही खो जाऊँ ❤️


बादल अपने अश्रु से, रहा धरा को सींच।
‘भानू’ धरती प्रेम में, बैठी अखियाँ मींच।


“बादल” दुनिया जहां की सैर कर के,
चुनता है एक टुकड़ा ज़मीन का,
टूट कर बिखर जाने के लिए..
तुम “बादल” हो और मैं हूं ज़मीन का एक टुकड़ा..?


पानी की प्यास में फटी धरती माँ को देख जब जब वो किसान रोया होगा,,,
तब तब उसके आँसू पोछने एक वो खुशनूमा बादल ही आया होगा


बादल लव शायरी स्टेटस

बादलों सी होती मैं, तो आ जाती तेरे पास।
अब एक और दिन बीते तेरे बिन,
तो कहीं रुक ना जाए मेरी ये सांस।।
यूं हवा से कह दू , ले चल साथ अपने ही।।
बादलों सी होती मैं, तो उड़ आती पल भर में ही।।


नाउम्मीदी के बादल हटा
तुझे सूरज बन चमकना है
बहुत ऊँचा, बहुत अदम्य
ख़ुद का ही अर्थ गढ़ना है


कभी ऐसा भी हो जाये,
तो क्या बात होगी।
मैं धरती सा तुम्हारी प्रतीक्षा में तपता रहूंगा,
तुम बादल बनके मुझपे बरस पडोगी।


जब भी मेरे महबूब आये, बादल अपने वो संग लाये।
सोचता हूं उन्हें ले जाऊं किसी सहारा में।


श्वेत, सुर्ख और नारंग,
भूरे, बिखरे, सतरंग,
मेघ, नीरद, घन, सारंग,
मन में भर दे जल तरंग,
बन कभी चादर,आंचल,
सबको समेटे है बादल।?


उस मखमली दुप्पटे़ में छिपा तेरा नुर,
जैसे बादलोंके पिछे चॉंद शरमारहा हो


बादल कि तरह कभी रो लेना चहिए,
ज़िन्दगी का सूखापन दूर हो जाता हैं।


बादलों सा इश्क़ था उसका,
थोड़ी देर बरश कर कहीं खो गया । ?????


जैसे कोई बादल, आज आँखें भी भरे हुए हैं पानी ।
अगर नफरत कोई सूखा खेत तो बारिश है मीठी वाणी ।।


है एक जंहा, बादलों से परे,
जहां रहते हैं , सबके सगे।।

Cloud Shayari In Hindi

बादल बन में भी बरस जाऊँ उन लहलहाते खेतो पर ,
ओर संचित कर दु वह जमीं जहाँ मेरे फौजी जवान पहरा देते गर्म रेत पर?


बादल से आज कहा मैंने बड़ी देर लगा दी आने में
सागर थोड़े ही मांगा था, बूंदों सी प्यास बुझाने में


गमों के बादल घिरते हैं दिल के आसमान पर,
फिर भी आसूंओं कि बरसात नहीं होती|


काश बादल भी सोचते कुछ उनके बारे मे,
वो छप्पर भी टूटकर आज गिरा ना होता ।


ए बादल ! तू आज बरस जा,
कुछ तो मुझ पर तरस खा…


कभी पहाड़ों पर ठहरे,
कभी घूमते आकाश में हैं।
ये आवारा बादल भी,
ना जाने ,
किस क्षितिज की तलाश में हैं।


बादलों की करवटों से मत घबरा,की रोशनी छन के बस आने ही वाली है।
ये अभी घनघोर है बस,आगे सर्द सी हवा चलने वाली है।
ये कोरोना का ज़हर भी धूल जाएगा।


बादल तुम यूं बेअदबी से ना बरसा करो।
जिन लोगों के नसीब में पक्के मकान की बालकनी नहीं,
उन्हें तुम्हारा यूं बेशुमार बरसना खुबसूरत नहीं लगता।


ये बादल के बदलते रूप,
इंसानों के बदलते मिजाजो से काफ़ी बेहतर है ……


बादल श्याम छटा अम्बर को घेरकर,
आशान्वित कर देते हैं,
भू- गर्भ में पल रहे हर उस बीज को,
जो तरणि ताप में अंतिम श्वास ले रहे हैं


जैसे बादल के बिना बारिश नही हो सकती ।
वैसे ही माँ के बिना जिंदगी नही हो सकती।।


मै धरा प्यासी तू बरसता बादल है,
सौंधी खुशबू मेरे अस्तितव् की तेरे आने की साक्षी हैं।


बादल तो बस अपनी फितरत से बदनाम है
बरसने को तो इंसा भी बहुत बरसते है
खैर में ठहरा मरुधर का वासी
दोनो के लिए तरसता है


आप मेरे लिए एक बादल की तरह हो,
जब भी सूरज मेरी आंखो में चुभता है,
तुम बादल की तरह मेरे सामने आ जाते हो ।


सोचती हूँ बादल बनकर बरस जाऊँ……
मंजूर हो तो बारिश बन जाऊँ……
अगर नहीं तो फिर कभी आऊँ……..
या बरसने की ख्वाहिश को भूल जाऊँ ??


Hindi Shayari On Clouds

कभी जो बादल बरसे
मैं देखूं तुझे आँखें भर के
तू लगे मुझे पहली बारिश कि दुआ
तेरी पहलु में रह लूं
मैं ख़ुद को पागल कह लूं
तू ग़म दे या ख़ुशियाँ
सह लूं साथिया..


बादलों का लुढ़कना
दिन भर
सूरज छिप कर खेलता है…!


मैं तेरी दुनिया में आसमां की तरह हूँ,
बादलों का क्या है वो तो हवाओं के साथ उड़ जाते हैं ……!


कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है


बादलों से ऊंची उड़ान उनकी,
सबसे अलग थी पहचान उनकी,
उनसे थी प्यार की कहानी मंसूब।


बरस रहे या तरस रहे ये बादल
क्यों गरज रहे प्यासे है खुद
या
किसी की प्यास बुझाने को बरस रहे।


हाथ पकड़ उसका बादलों में उड़ा था कभी
वक्त ने पासा पलटा आज भी बादलों में ढूंढ रहे यहीं कहीं..


बादल पर गजल, काले बादल शायरी

बादल के बिच जा छिपे हम कही कोई देख ना ले
हमें इसलिए रात का इंतजार करने बैठे हम।


किसी के गम में कभी हम इसां भी भीग जाते हैं,
पैमाना नहीं बादलों के गम का जो इनके गम में पूरे शहर भीग जाते हैं ।


बदरवा काहे! काहे बदरवा?
घन घोर अँधियारा लाये,
तू किसको डराए?
घनन घनन तू वर्षा बहाए,
तुझको कौन याद आए?
बिजली पर बिजली चमकाए,
तू किसको क्या बतलाना चाहिए?
बदरवा काहे! काहे बदरवा?


गगन से नीचे नहीं उतरते कभी वो मद भरे बादल,
शायद उन्हें भी गुमान इंद्र की सत्ता का होगा !


इतना जला हूँ तेरी याद में कहीं काजल न बन जाऊं
एक दिन जब तू भी याद करेगी कहीं बादल न बन जाऊं


वो बादल ही है वो आसमान ही है,
विशाल सीमा के पार ..
जो हर सितम खुद में समेटे था,..
चाहे सूरज की धूप हो,
या चाँद की ठंडक,
चाहे बिजली की कड़क हो,
या बारिश की मार..


बादल तो वेवक्त ही गरजते रहते हैं साहिब,
हम मनुष्य थोड़ा मौन रहकर भी देखते हैं।


बादल पर पंक्तियाँ लाइन शेरो शायरी में

तेरी ज़ुल्फ़ को मैंने जबसे बादल माना है
दुश्मनी हवाओं से होना लाज़मी है


दुख गहरा था,मज़हब,
बादलों ने बारस्कर हमारे आँसू भी छुपा लिए ।


अभी मै कुछ हूं नहीं ,अभी मेरा नाम बाकी है ।….
ये तो बादल है ,अभी तो बरसात होना बाकी है।।


मैं धरती हूं , तू बदल है, जिसका कोई मेल तो नहीं है,
लेकिन तू जब भी वर्षे मुझ पर ही कृपा करना ,
में जिससे खिल खिल जाउगा❤️


जोरों से बरसें, लाए थे सैलाब,
दिल बादलों का भी टूट होगा आज…


बादल हो या काजल
बह जाना ही
मुकद्दर है….


वो इश्क का बादल था
कच्ची बस्ती सा
वजूद मेरा
बेनिशान होना ही था


अब तो ज़मीन पर भी नहीं ख़ूबसूरत लगता,
बचपन में बनाया वो मकां बादल में ही अच्छा दिखता था ! -नूर✨


पहले ही नम है ज़मीन दिल की,
बादलों से कह दो ज़रा बंजर इलाकों में भी बरस आएं


ये आँखें हैं,कोई बादल थोड़ी है…
ये बंदा इश्क़ में है,कोई पागल थोड़ी है…
और मरहम ले आये हो तुम,यूँ हिज़्र के बाद…
अरे यहाँ कोई घायल थोड़ी है…


Clouds Shayari Poem Kavita In Hindi

कितने ही आकारों में
मनचाही आकृतियों में
ढल जाते हैं बादल
लचीलेपन का पाठ इस तरह पढ़ाते हैं बादल।
कितनी ही उम्मीदों को
किसानों की जिन्दगी को
हरियाली देते हैं बादल
जीवन को सकारात्मकता से जीना सिखाते हैं बादल।
कितनी ही बूँदों को
अपने हर एक अंश को
बारिश रूपी पानी में बदलते हैं बादल
अपने मूल रूप में ही रहना याद दिलाते हैं बादल।


आसमा का जैसे है बादल,
वही तो रिस्ता है तेरा मेरा पागल।


उम्मीदों के बादल कहा हर आंगन बरसे है।
कभी कबीरा तो कभी मीरा तरसे है।


मैं भी बादलों की तरह विवश हूँ
ना तेरे करीब आ सकता हूँ ना
तुझसे दूर जा सकता बस
एक सीमित दूरी से तुझे तकते हुए
तुझ ही पर अपना अस्तित्व लुटा रहा हूँ। ❤❤


हर पल रंग बदलते इंसानी फितरत को देखकर,
बादलों ने भी अपना रंग बदल लिया,
आए तो थे बरसने के लिए पर गरज कर चले गए।


मासूम दिल की थी ये आरजू
ख्वाहिशों की बारिशों से हो रूबरू
गुलिस्तां खिली,अनछुई सी एहसासो की
एक गुफ़्तगू बादल संग होने लगी
बूंदों के स्पर्श से मन की माटी महकती रही
हर बूंद मेरे गम को वेपरवाह धोती रही।


गरजने वालों पर क्या यकीं करना ‘अज़हर’,
बादल तो बिन गरजने वाले ही बरसात करते हैं।


काले काले बादल घिर गए…
रिमझिम रिमझिम सावन ले कर…
कहने को सब हंसते रहते …
मन में अत्यंत दुःख ले कर ।


बदलो के उस पार से देख लेते तो,
dil का हाल बखुबी जनते हो,
साथ बेठो कभी हम अपनी जुबानी सुनाए अपना हाल,
हर बात पर तर्क करना सायद dil का दर्द कम हो जाए,
महादेव कभी साथ बाते करने आयो badlo के पार से।।।

Shayari Kavita On Clouds


काश के मैं बन पाऊ,
बेशर्त तभी मैं बन जाऊ।
बरसात का जैसे बादल,
तेरी आँख का मैं काजल।


हमारे प्रेम ने चुना आसमान सा विशाल होना
उलझनों का बादल सा हल्का होना
पर हमारे साथ ने चुना मौसम होना
और हमारे प्रेम के निशानों ने चुना हमारे साथ चलना


ऐ बादल! आज तू कितना रोएगा(बरसेगा),
तेरा यार तो तेरे बिना भी सोयेगा।
तू जो फूट-फूट के रो रहा ,
मेरा यार भी मुझसे मिलने को तरस रहा।
तू जरूर जुदा हुआ है अपने प्यार से,
अब थम भी जा मुझे मिलने दे मेरे यार से।


गुलाबी गुलाबी से बादलों में
कुछ रंग बिरंगी सी आशायें हैं मेरी।?


किसी रोज तो मेरे गम के बादल छटेंगे,❤️
किसी रोज तो कोई महताब मेरे गली से गुजरेगा!❤️


कभी बादलों की मटरगश्ती में गुम जाती है,
कभी बेफ़िक्री से जुल्फ़ों को लहराती है,
कुछ अजीब सा एहसास है उसके होने का,
बस डर है उसे खुद को खोने का।


मतलबी बादल तेरी तरह, जहाँ आग लगी होती है,
? वहाँ नही बरसते।। #मतलबी_बादल?


अखिर यह बादल नए नए रंगों के द्वारा रोज मुझे क्या बताना चाहते हैं
कि अच्छा समय बहुत जल्द आ रहा है या बुरा समय जा रहा है |

Shayari Clouds Hindi


जब कभी बरसते है
मेरी कल्पनाओं के बादल
उभर आती है कोई
नई कविता
सजाता हूँ मैं जिसे
शब्दों और अलंकारों से
और उसे पढ़कर
डूब जाता हूँ
प्रेम में उसके,
मिलती है मुझे
हर बार नई प्रेमिका


ठंडी हवा,गरजते बादल,हल्की बारिश,
गुलजार के गीतऔर एक कप कॉफी,
कितना बेहतरीन है यह पल
जैसे हो गई हो जिंदगी मुकम्मल,
है फिर भी इन आंखों में
कुछ नमी,सब सजाकर रखा है,
अब बस तुम्हारी है कमी..


बादल भी आज थोड़ा शर्मा से गए है,
लगता है किसी बिजली से मिलेकर आए है??


बादलों की बारिश रुक गई, ये इन आंखों को कौन समझाए ?
जो छोड़कर चलें गए वो अपने नहीं,थे वो पराए


अबके बरस खूब जमकर बरसना ऐ बादलों ।
इतना जमकर बरसना की भूमि सूखे नही,
किसान की आंखे गीली न हो और
कोई जीव आसमान की तरफ देखते हुए
रोए नही ओर आज भूखा कोई सोए नही।। —

Shayari On Clouds


कुछ इस कदर काबिज़ है ख़ानाबदोशी उस पर,
वो दिन-भर बादलों में घर तराशता रहता


के बो आयी कुछ बादल की तरह कर गयी बेबस
मुझे पागल की तरह अब न कुछ सामज़ है
ना सोच है न जाने कहा खो गया ये मेरा होश है ?


मैं क्या ही उसका यार बन पाता!
वो तो बादल को अपना प्यार मानती है!
छत पर भागते हुए चली आती है, पगली,
उसके गर्जन को खुद के लिए पुकार मानती है!
कहती है, हवाओं के जरिए
वह उसके बालों से खेल जाता है!
और बारिश की बूंदों से,
उसके रोम रोम को स्पर्श कर जाता है!
आँखें मूंदे, बाँहें फैलाए इश्क़ में उसके,
भीगने में ही आलिंगन का एहसास मानती है!
मैं क्या ही उसका यार बन पाता!
वो तो बादल को अपना प्यार मानती है!


बादल बिजली चंदन मट्टी जैसा
अपना प्यार लेना होगा जन्म हमे कई कई बार…

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उम्मीद करता हूँ दोस्तों बादल पर शायरी Poem Status Shayari On Clouds In Hindi का यह लेख आपकों पसंद आया होगा, यदि आपकों यहाँ दी गई बादल शायरी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें.

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