यूनान की सभ्यता का इतिहास | Greece Civilization History in Hindi

यूनान की सभ्यता का इतिहास | Greece Civilization History in Hindi एथेंस/ ग्रीक यूनान की सभ्यता को यूरोप की पहली ज्ञात सभ्यता माना जाता है. इतिहासकारों का मत है यूनान के आदिनिवासी माओनियम लोगों को पराजित करके उन्हें गुलाम बना लिया था.

उन्होंने अपने मौलिक चिन्तन तथा निष्ठा से यूनान की सभ्यता एवं संस्कृति का निर्माण किया. अनुमान है कि यूनान की सभ्यता का जन्म 1500 ई.पू. में हुआ था.

यूनान की सभ्यता का इतिहास Greece Civilization History in Hindi

विभिन्न पहाड़ो और खाइयों के कारण प्राचीन यूनान  के लोग कभी भी एक संयुक्त राष्ट्र स्थापित नही कर पाया. सम्पूर्ण यूनान देश में कई नगर राज्यों में दो प्रमुख नगर राज्य स्पार्टा और एथेंस थे.

स्पार्टा में सैनिक शासन था तथा एथेंस में लोकतंत्र. शेष यूनानी नगर राज्य या तो एथेंस की तरह थे अथवा स्पार्टा का अनुसरण करते थे.

यूनान की सभ्यता का इतिहास

यूनान (ग्रीस) यूरोप में बाल्कन प्रायद्वीप के दक्षिण पूर्व में छोटे बड़े टापुओं से मिलकर बना हुआ एक भूभाग हैं. प्राचीनकाल में इस क्षेत्र का नामकरण क्रमश आर्यों द्वारा ऊंचे पहाड़ के नाम पर हेलास, पेरीक्लिज व भारतीयों द्वारा यूनान तथा 145 ई में रोमन लोगों द्वारा ग्रीस रखा गया.

इजियन सागर में स्थित क्रीट की सभ्यता प्राचीन यूनानी सभ्यता की जननी मानी जाती है, जिसे इजियन सभ्यता भी कहा जाता हैं.

यूनान में ग्रीक जाति के आने से पूर्व इस सभ्यता का उदय हो चुका था. इजियन क्षेत्र में आर्यों के अनेक झुण्ड आए जिनमें एकीयन, एओलियाई, आयोनियन, डोरियन आदि प्रसिद्ध थे.

कालान्तर में ये सभी अपने को हैलेन (यूनानी) कहने लगे. हेसियड ने बर्बरों या विदेशियों से पृथक दिखाने के लिए यूनानियों हेतु प्रथम बार इस शब्द का प्रयोग किया.

पहाड़ियों और घाटियों द्वारा विभाजित होने के कारण यूनान में कभी भी एक विशाल साम्राज्य का निर्माण नहीं हो सका. छोटे छोटे राज्यों के अस्तित्व के कारण यहाँ गणतंत्रात्मक शासन व्यवस्था को बढ़ावा मिला.

यूनानी सभ्यता की खोज

1870 तक यूनान के बाहर यह धारणा प्रचलित थी कि यूनान की सभ्यता का जन्म ईसा से केवल आठ सौ वर्ष पहले हुआ था. यूनानी सभ्यता के इतिहास पूर्व के काल को उजागर करने का श्रेय एक जर्मन युवक हेनरिख श्लोमन को दिया जाता हैं.

श्लोमन ने इलियड के उस अंश को बार बार पढ़ा जिसमें कहा गया था कि ट्राय में रहने वाली विचित्र जाति के लोग यूनान की सम्राज्ञी हेलेन का अपहरण करके ले गये.

जिसके लिए यूनान के लोगों ने दस साल तक ट्राय की घेराबंदी की और अंत में उसे नष्ट करके बदला लिया. श्लोमन ने ट्राय का सर्वेक्षण कर नौ स्तरों के अवशेष खोज निकाले,

जो वहां पनपी एक के बाद एक नौ सभ्यताओं के प्रतीक थे. ट्राय के अवशेष सातवीं परत से निकले, जिसे पुरातत्वविदों ने मिनोअन माईसोनियन सभ्यता कहा हैं.

यूनान की प्राचीन सभ्यता को विद्वानों ने तीन कालों में विभाजित किया हैं.

हैलाडिक (३००० ई पू से ११०० ई पू )

इसका शाब्दिक अर्थ है यूनान की सभ्यता. ईसा से तीन हजार वर्ष पूर्व यूनान के क्रीट द्वीप पर उदय हुई यह सभ्यता मिनोअन माइसिनियन सभ्यता कहलाती हैं. इस काल के राजा मिस्र के फराओ की भांति मिनोस उपाधि धारण करते थे.

इस कारण यह जाति और इसके द्वारा निर्मित सभ्यता मिनोअन कहलाई. यह उपाधि उन्होंने अपने देवता मिनोस से ली, क्योंकि राजा को मिनोस देवता का प्रतीक और प्रतिनिधि माना जाता था.

इतिहासकारों के अनुसार इस सभ्यता का नामकरण क्रीट के राजा माइनोस के नाम पर हुआ. यह सभ्यता क्रीट से यूनान के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र माइसिनिया में अपने चरम उत्कर्ष पर पहुंची. अतः इसे मिनोअन के साथ साथ माइसिनियन भी कहा जाता हैं. इस सभ्यता के निर्माता क्रीट के निवासी थे न कि यूनानी.

इस सभ्यता के काल में कपड़ा बनाने के कारखाने का नियंत्रण स्वयं महारानी करती थी. जिसमें सैकड़ों महिलाएं काम करती थी. क्रीट की महिलाएं मुक्केबाजी तथा सांडों के साथ लड़ाई प्रतियोगिता में भी भाग लेती थी. दासता का अस्तित्व प्रमाणित नहीं हो पाया हैं. यदि दासता का प्रचलन रहा भी होगा तो दासों व अन्य वर्गों के बीच गहरी असमानता न थी.

सामान्य लोगों के घरों से मिले लिखित दस्तावेजों से जाहिर होता है कि शिक्षा का प्रसार लगभग शत प्रतिशत था. आरम्भ में चित्रलिपि का प्रयोग होता था, बाद में पंक्ति में लिखी जाने वाली अक्षर लिपियाँ ईजाद की गई. उनकी लिपि को अभी तक पढ़ा नहीं जा सका हैं. क्रीट के लोगों ने ईसा के दो हजार वर्ष पूर्व पत्थर पर थियेटर बनाएं.

इन थियेटरों में सार्वजनिक समारोह, नाटक, संगीत तथा खेलों का आयोजन होता था. एकेश्वरवाद के बावजूद नंदी, सर्प, कबूतर, पवित्र वृक्षों तथा पवित्र प्रतीकों की पूजा की जाती थी. क्रीट निवासी पूजा पाठ अधिकांशतः अपने घरों में ही करते थे.

वे प्रधान रूप से री नामक देवी की पूजा करते थे, जो प्रकृति की देवी या मातृ शक्ति की प्रतीक होती थी, मन्दिरों में पुजारी नहीं पुजारिनें होती थी.

हैलेनिक (1100 ई पू से 323 ई पू

हैलेनिक का अर्थ है यूनानियों की सभ्यता. यह सभ्यता इस अवधारणा पर आधारित थी कि धर्म और पुरोहित वर्ग सभ्यता संस्कृति और समग्र सामाजिक राजनीतिक जीवन से नियंता नहीं हो सकते तथा व्यक्ति की स्वतंत्रता उसका हित और उसके व्यक्तित्व की गरिमा सर्वोपरि हैं.

इस काल में यूनान छोटे छोटे राजतंत्रात्मक राज्यों में बंटा हुआ था. शासन कार्य के लिए राजा पूर्णतया स्वतंत्र नहीं होता था. उसे अपने कार्यों में ब्यूल नामक एक उच्च वर्गीय लोगों की परिषद से परामर्श लेना होता था.

एक अन्य राजनीतिक संस्था एगोरा स्वतंत्र नागरिकों की आम सभा होती थी. जनता की इस संस्था को केवल सुनने और सहमति देने का अधिकार था.

हैलेनिस्टिक (322 ई पू से 30 ई पू)

हैलेनिस्टिक का अर्थ है यूनानियों से प्रभावित सभ्यता. इस सभ्यता का काल सिकन्दर की मृत्यु के समय से शुरू होकर उस समय समाप्त हो जाता है.

जब यूनान के नगर राज्यों और मेसीडोनिया के मध्य एक शताब्दी के संघर्ष के बाद 30 ई पू में समूचा यूनान रोमन साम्राज्य का हिस्सा बन गया.

यूनान की सभ्यता की प्रमुख विशेषताएं (Key Features of Greek Civilization)

स्पार्टा का जीवन (Life of Sparta)

स्पार्टा नगर राज्य को सदैव पड़ोसी देशों के आक्रमण का भय बना रहता था. इसलिए वहां सैनिक शासन स्थापित हुआ. वहा का शासक स्वेच्छाकारी था.

नगर स्पार्टा का प्रथम व्यवस्थापक एवं विधान निर्माता लाइकमेंस था. उसने वहां के निवासियों की लिए कठोर अनुशासन में रहने की व्यवस्था की थी.

बच्चों को कठिनाइयों का सामने करने की शिक्षा दी जाती थी. निर्बल बच्चों को टेसिट्स पहाड़ी की चोटी से गिराकर मार दिया जाता था.

स्पार्टा को साहसी एवं योद्धा सैनिक और आँखे मूंदकर आज्ञापालन करने वाले नागरिक तैयार करने में निश्चय ही सफलता मिली, किन्तु, दर्शन, साहित्य कला और विज्ञान के क्षेत्र में स्पार्टा के क्षेत्र में स्पार्टा की देन नही के बराबर है.

एथेंस का जीवन (Life of Athens)

एथेंस का नगर राज्य स्पार्टा नगर राज्य से सर्वथा भिन्न था. यूनान की सभ्यता के इस शहर में लोकतांत्रिक शासन था. यहाँ राजा का बहुत सम्मान था. न्यायधीश ड्रेको ने 621 ई.पू. लिखित कानूनों का संग्रह तैयार किया था.

उसके कानून उच्च वर्ग के हितों की रक्षा करने वाले थे. तत्पश्चात कलाईस्थनिज ने एथेंस में जनतंत्र की जड़े जमा दी. ईरान के महत्वकांक्षी दारा ने ग्रीक को जीतने के बाद यूनान कर आक्रमण किया.

एथेंस व ईरानियों के मध्य मैराथन मैदान में युद्ध हुआ. इस युद्ध में यूनान की विजय हुई और इन लोगों ने यूनान की सभ्यता का स्वतन्त्रतापूर्वक विकास किया.

पेराक्लीज युग (Peraklise era)

पेराक्लीज यूनान (एथेंस) का महान जनतांत्रिक नेता था. पेराक्लीज ने अपने सुधारों के द्वारा एथेंस के प्रजातंत्र को व्यापक एवं सुद्रढ़ बनाया.

इस शासक का मत था कि सारे व्यक्तियों को न्याय का समान अधिकार है. इसके शासनकाल में कला साहित्य संगीत दर्शन का बहुत विकास हुआ.

यूनान की सभ्यता के प्राचीन एथेंस नगर में सुखान्त व दुखांत नाटकों तथा सुखांत नाटकों तथा संगीत के कई आयोजन होते थे. होमर की विश्व प्रसिद्ध रचनाएं इलियट व ओडेसी इसी काल की थी.

इसी काल मे विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक सुकरात ने ज्ञान व चरित्र के विकास पर बल दिया. दार्शनिक प्लेटों व अरस्तु भी यूनान की सभ्यता के इसी काल के विद्वान थे.

देवी एथिना का मंदिर भवन निर्माण कला का अनुपम उदहारण है. हीरोडोटस व थ्युसीडीडीज इस युग के महान इतिहासकार थे. पाइथागोरस तथा हिपोक्रेटिज इस काल के प्रसिद्ध गणितिज्ञ थे.

इन्ही उपलब्धियों के कारण पेराक्लीज के युग को यूनान की सभ्यता के इतिहास में स्वर्ण युग कहा जाता है. प्रोफ़ेसर डेविड के अनुसार पेराक्लीज का युग यूनान की सभ्यता के इतिहास का ही नही वरन विश्व के इतिहास का स्वर्ण युग था.

यूनानी सभ्यता की सामाजिक व्यवस्था 

यूनान की सभ्यता की सामाजिक ताने-बाने के बारे में बात करें तो प्राचीन यूनान की सभ्यता में जो घर का मुखिया होता था वह उस घर का पिता ही होता था अर्थात पिता ही किसी भी परिवार का सर्वे सर्वा होता था।

वह जो भी आदेश देता था उसका पालन उसके घर के अन्य सदस्यों को करना पड़ता था और कोई सदस्य अगर उसके आदेशों का पालन नहीं करता था तो घर के मुखिया के द्वारा उसे कठोर सजा भी दी जाती थी।

हालांकि यह भी कहा जाता है कि घर का मुखिया घर के अच्छे परिचालन के लिए भी जिम्मेदार होता था और वह घर से संबंधित किसी भी प्रकार के निर्णय लेने में घर के अन्य लोगों की भी राय सलाह लेता था।

प्राचीन यूनान की सभ्यता में पब्लिक काम को करने में जिस प्रकार पुरुष आगे रहते थे, उसी प्रकार महिलाएं भी आगे रहती थी।

प्राचीन यूनानी सभ्यता में जब किसी महिला की शादी होती थी तो महिला पक्ष के द्वारा लड़के वालों को उपहार के तौर पर जानवर दिए जाते थे। इसके अलावा कुछ पैसे भी उन्हें दिए जाते थे। हालांकि जो पैसे लड़की पक्ष की तरफ से दिए जाते थे उस पर लड़की का ही अधिकार होता था।

यूनान की प्राचीन सभ्यता में जो महिलाएं होती थी उन्हें अक्सर अपनी सुंदरता के कारण अनेक प्रकार के संघर्षों का सामना करना पड़ता था।

यूनानी सभ्यता में कपड़े पहनने का ढंग 

प्राचीन यूनानी सभ्यता में पुरुष और महिलाएं अधिकतर ऊनी कपड़े या फिर सूती कपड़े का इस्तेमाल पहनने के लिए करते थे। हालांकि यह अपने पूरे शरीर को नहीं ढकते थे,

बल्कि यह अपने आवश्यक अंगों को ही ढकते थे। इनका गला साफ तौर पर दिखाई पड़ता था। महिला और पुरुष दोनों अपने सर पर लंबे लंबे बाल रखते थे।

यूनानी सभ्यता की आर्थिक अवस्था

प्राचीन यूनानी सभ्यता में लोगों का मुख्य काम खेती करना ही होता था और खेती करने के लिए वह अपने अपने अधिकार के क्षेत्र में आने वाली जमीनों का इस्तेमाल करते थे। मुख्य तौर पर प्राचीन यूनानी सभ्यता के लोग जैतून, अंजीर, कपास, तिलहन, गेहूं और अंगूर की खेती किया करते थे।

खेती के अलावा वह लोग विशेष तौर पर पशुपालन पर भी ध्यान देते थे। इसीलिए प्राचीन यूनानी सभ्यता में लोगों के पास भारी मात्रा में दुधारू पशु होते थे, जिसमें मुख्य तौर पर वह गधा, ऊंट, हाथी, भैंस इत्यादि जानवरों को पालते थे।

इसके साथ ही साथ बढई लकड़ियों से विभिन्न प्रकार की चीजों का निर्माण करते थे, वहीं कुम्हार बर्तन बनाने में और लोहार अपना अपना काम करने में एक्सपर्ट थे।

यहां पर निर्मित बर्तन दूसरे प्रदेशों में भी बेचने के लिए भेजा जाता था। इसके अलावा भी ऐसे कई काम थे जो प्राचीन यूनानी सभ्यता के लोग करते थे।

यूनानी सभ्यता में धर्म

यूनानी सभ्यता के लोग पूजा पाठ में विशेष तौर पर ध्यान देते थे और प्राचीन यूनानी सभ्यता के दरमियान विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक शक्तियों का दैवीकरण यूनान में रहने वाले लोगों ने किया था। 

ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन यूनानी सभ्यता के लोग जिसे अपना देवता मानते थे उनका निवास स्थान ओलंपस पर्वत था और उसके प्रमुख देवता जिएस थे जिसे आकाश देवता कहा जाता है।

इसके अलावा यह लोग सूर्य देव और एथेना देव को भी मानते थे। इसके अलावा भी ऐसे कई देवी देवता थे जिन्हें प्राचीन यूनानी सभ्यता के लोग मानते थे और उनकी पूजा करते थे।

यूनानी सभ्यता के देवता

  • आकाश का देवता: जिय
  • समुद्र का देवता: पोसीड
  • सूर्य का देवता: अपोलो
  • विजय की देवी: एथेना
  • शराब का देवता: डायोनीसस
  • पाताल का देवता: हेडीज
  • पृथ्वी की देवी: डेमोटर
  • वन देवता: सटीर
  • व्यापार का संरक्षक देवता: हर्मीज
  • धातु शिल्पों का देवता: हेफेस्टोस

यूनानी चिकित्सा पद्धति

बता दे कि हमारे इंडिया में लगभग 11 वीं शताब्दी के आसपास यूनानी चिकित्सा पद्धति की एंट्री हुई थ,  जिसे लाने का काम अरब देश और ईरान देश के लोगों ने किया था।

वर्तमान के टाइम में हमारे इंडिया में इस पद्धति का इस्तेमाल काफी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसके साथ ही साथ लोगों को यूनानी पद्धति के द्वारा इलाज करवाने पर फायदा भी हो रहा है। इसका जन्म ग्रीस देश में हुआ था। 

जब ग्यारहवीं शताब्दी के आसपास में अरब के लोगों और ईरान के लोगों के द्वारा इंडिया में यूनानी चिकित्सा पद्धति के बारे में बताया गया तो धीरे-धीरे इसने भारत में अपनी जड़ें जमाना चालू कर दिया और आज अन्य चिकित्सा पद्धति के अलावा विभिन्न प्रकार के रोगों के इलाज के लिए इस चिकित्सा पद्धति का भी इस्तेमाल किया जाता है।

यूनानी सभ्यता की देन

यूनान को प्राचीन यूरोपीय सभ्यता का पिता कहा जाता हैं. लोकतांत्रिक शासन प्रणाली का विकास सर्वप्रथम यूनान में ही हुआ था. ग्रीक में गणित के जन्मदाता थेल्स के बारे में कहा जाता है कि उसने अनेक प्रमेयों की स्थापना की जिन्हें बाद में युक्लिड की ज्यामिति में शामिल कर लिया गया.

यूनानी तत्वचिंतकों में पहला स्थान पाइथागोरस का हैं. पाइथागोरस और उसके अनुयायियों ने अनुपात के सिद्धांत का प्रतिपादन किया तथा पहली बार यह सिद्ध किया कि किसी त्रिभुज के तीनों कोणों का योग दो समकोण के बराबर होता हैं.

यूनानी चिकित्सा विज्ञान के जनक हिप्पोक्रेटिज ने कहा था कि प्रत्येक रोग के प्राकृतिक कारण होते है तथा प्राकृतिक कारणों के बिना कभी कुछ नहीं होता.

हिप्पोक्रेटिज ने चिकित्सकों के लिए व्यावसायिक शपथ लेने की परम्परा प्रारम्भ की जो कि आज भी श्रद्धेय मानी जाती हैं. आर्कीमिडिज ने पानी पर तैरने वाली वस्तुओं के बारे में नियमों का निश्चत गुरुत्व भार, उत्तोलक, चरखी एवं पेंच के सिद्धांतों की खोज की.

मतदान द्वारा बहुमत जानने की प्रणाली यूनानियों की ही देन हैं. यूनानियों ने ही सर्वप्रथम सर्वसाधारण को नीम हकीम चिकित्सकों के हाथ से निकाल कर कुशल चिकित्सकों के हाथ में सौपा.

प्रत्येक चार वर्ष बाद होने वाले ओलम्पिक खेल यूनान की आधुनिक विश्व को महत्वपूर्ण देन हैं. प्रथम ओलम्पिक खेलों का आयोजन 776 ई पू में हुआ. यूनानी भाषा का प्रभाव समस्त यूरोपीय भाषाओं व साहित्य पर देखा जा सकता हैं. थिएटर, प्रीस्ट, आइडिया, फ्रेज, पोएट, मशीन, मैकेनिक, पोलिटिक्स, इकोनोमिक्स, डेमोक्रेसी आदि शब्द यूनानियों की देन ही हैं.

यूनानियों ने पश्चिमी साहित्य की विभिन्न शाखाओं को जन्म दिया. इपिक, ड्रामा, ट्रेजेडी, कोमेडी, इडिलिक, ओड जैसे शब्द यूनानी भाषा के ही हैं. यूनानी साहित्य ने सम्पूर्ण यूरोपीय साहित्य को प्रभावित किया.

मिल्टन की रचना पेराडाइज लास्ट इलियड और ओडिसी के नमूने पर लिखी गई हैं. प्रसिद्ध शिक्षक हरबर्ट ने ओडिसी को बच्चों के पाठ्यक्रम में सर्वप्रथम स्थान दिया गया हैं.

यूनान की सभ्यता ने एशिया और यूरोप को जोड़ने का कार्य किया. इजियन समुद्र में स्थित होने के कारण यूनानियों का एशिया से सम्पर्क हुआ और इस सम्पर्क से सीखे ज्ञान को उन्होंने यूरोपवासियों को सिखाया. यूरोपवासियों ने थियेटर, पोलिटिक्स, डेमोक्रेसी आदि कई शब्द यूनानी भाषा से ही सीखे हैं.

प्राचीन काल में संस्कृत का यवन शब्द यूनानियों के लिए ही प्रयुक्त किया जाता था. इतिहासकार विल ड्यूरा के अनुसार मशीनों को छोड़कर हमारी संस्कृति कदाचित् ऐसा कोई तत्व नहीं है जिसका उद्भव यूनान में न हुआ हो.

FAQ:

Q: प्राचीन यूनान के प्रमुख देवता कौन थे?

Ans: : दियोनूसोस

Q: ज्यूस कौन था?

Ans: वज्र के देवता

Q: यूनानी नगर राज्य का आधुनिक नाम क्या है?

Ans: यूनानी गणराज्य

Q: यूनान की राजधानी क्या है?

Ans: एथेंस

Q: कालयवन किसका पुत्र था?

Ans: ऋषि शेसिरायण

Q: यूनान में कौन सा धर्म है?

Ans: ग्रीक ऑर्थोडॉक्स इकाई

Q: यूनानी मान्यता के अनुसार धन के देवता कौन है?

Ans: कुबेर देव

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