रक्षाबंधन पर कविता 2024 | Poem On Raksha Bandhan In Hindi

रक्षाबंधन पर कविता 2024 Poem On Raksha Bandhan In Hindi: सभी भाइयों और बहिनों को रक्षाबंधन के पावन पर्व की बधाई शुभकामनाएँ. इस वर्ष 19 अगस्त 2024 को राखी का त्यौहार देशभर में मनाया जाएगा.

इसकी पूर्व तैयारियों में बाजार सज-धज चुके हैं. “Raksha Bandhan 2024 Poem Hindi” के अवसर पर अपनी बहिन या अपने भाई को भेजने के लिए छोटी व बड़ी हिंदी कविता का संग्रह आपके लिए लाए हैं.

रक्षाबंधन पर कविता 2024 Poem On Raksha Bandhan In Hindi

Poem On Raksha Bandhan In Hindi

Class 1, Class 2, Class 3, Class 4, Class 5, Class 6, Class 7, Class 8, Class 9, Class 10, Class 11, Class 12 Rakhi poem Kavita For Brothers Sisters Bhai Bahin Ke Liye Kavita Hindi Me.

सभी भाइयों बहिनों को नमस्कार और रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई. 11 अगस्त को हिन्दुओं का सबसे पवित्र त्यौहार राखी मना रहे हैं. इस अवसर पर हम राखी कविता बता रहे हैं.

Poem On Raksha Bandhan 1

आओ भैया , प्यारे भैया ,
मस्तक पर शुभ तिलक लगा दू ।
रक्षाबंधन की बेला मे ,
धागो का कगन पहना दू ।।

युग ~ युग जियो , फलो ~ फूलो तुम , जीवन भर मेरे भाई ।
राखी के इस शुभ अवसर पर यही कामना मै लाई ।।

जब तक रवि ~ शशि करते विचरण , गगा ~ यमुना है साखी ।
तब तक रक्षा करे तुम्हारी , बहन की प्यारी राखी ।।

दिन बीते सुख चैन भरे ,
राते बीते आनन्द भरी ।
रेशम के कोमल धागो मे ,
बहना की प्रीत भरी ।।

मेरी बहना , प्यारी बहना ,
तुझे वचन मै देता हू ।
जीवन भर अपनी बहन की रक्षा का प्रण लेता हू ।।

बहना तेरी आन ~ मान पर
आच न मै आने दूगा ।
इस प्यारी राखी के बदले
जीवन भी अपना दूगा ।।

Poem On Raksha Bandhan – 2

आपकी रक्षा मै करू
मेरी रक्षा आप
विश्व शिखर पर पहुचे भारत
ऐसा कर लो जाप
राखी का ये धागा कहता
तू मेरा मै तेरा हू
तू गर मेरा अब्दुल हमीद
तो मै मोदी भी तेरा हूँ
मेरे मुल्क का कतरा कतरा
देश पे जान लुटाता है
जब मेरी बहना का धागा
हाथ मेरे बध जाता है बहना
मागे दुश्मन का सर
काट थाल मे ला दूगा

बहन कहे गर्दन कटवा दो गर्दन भेट चढ़ा दूगा
बहन कहे गर मेरे देश मे क्यू भय से ग्रसित महिला हैं
बहना के इस कहने पर मै फिर तलवार उठा लूगा
बददिमाग गदे लोगो की गर्दन काट गिरा दूगा
मेरी बहन ने अबकी बस यूपी शगुन में मागा है
मैने भी इन तीन वर्ष मे यूपी स्वर्ग बनाना है
सपा रहे या बसपा सबको काल की भेट चढ़ाना है
जैसा देश मे मोदिराज है राज उसी सा लाना है
राखी जैसे बधन का बहना का कर्ज चुकाना है

Poem On Raksha Bandhan – 3

तू कित सै, सुखी रहिये जित सै
तू उपरली हवा मै झूलग्या
अर मन्नै जमा-ए भूलग्या भूलै सै
तो भूल जाइये पर एक ब उस
स्कूल जाइये उस स्कूल मे जित जाया
करते दोनू तफ़रिया मे गुड़ का चूरमा
खाया करते दोनू तेरै याद सै,
तू एक दिन पड़ग्या था रोया था तू,
नूर चेहरे का झड़ग्या था
आपणी क्लास मै तै मै
भज़ के आई थी तेरा बस्ता,
तेरी तख़्ती जाकै मन्नै ठाई थी
तेरे ख़ातर खेत मै तै मटर पाड़
के ल्याई थी जोहड़ पै भैसा के पाया
मै तै काढ़ के ल्याई थी

साढ़े बावन रुपये करे थे कट्ठे
चवन्नी-चवन्नी जोड़ कै याद सै
तू काढ़ लेग्या था गुल्लक नै फोड़
कै मै तो रो कै रहगी थी,
पर दुःख ना था भाई राजी था मेरा,
उसतै बड़ा सुख ना था
कितणी ब तू बिना बताये,
देर रात तै आया था मन्नै कहग्या था,
या झूल बोल कै बाबू तै बचाया था
जब तू छोटा था,
मै तेरा पाणा झूलाया करती

Poem On Raksha Bandhan – 4

मा घर का काम करै थी,
मै तन्नै खिलया करती मेरे कान तले आज भी,
झुरकुटो का निषान सै पर षायद बीर मेरे,
तू मेरे तै अन्जान सै घर-बार छोड़ तो आई,
आकै नै अपनी दुनिया बसाई सारे सुख सै
दुनिया के आज,
बस तू खुश रहिये मेरे भाई मैं जाणू सू,
तू भी बहाण तै प्यार करै सै बहाण तन्नै
ज़ान तै प्यारी, बस न्यू-ए तकरार करै
सै भाई-बहाण के प्यार नै भूलाइये ना छोह
कितणा-ए आज्या, मन नै तू डुलाइये ना
किसे नै बहाण लागे फूल-सी, किस नै केसर
क्यारी सै इस दुनिया मैं सब भाईया नै
आपणी बहाण प्यारी सै ज्या तै
कहू सू भाई मेरे, मेरा कहण पुगाइये

किसे भी भाई नै बहाण की गल़ ना सुणाइये
क्यूकि किसी नै लागै फूल-सी, किसी-नै
केसर क्यारी सै इस दुनिया मै
सब भाईया नै आपणी बहाण प्यारी सै
आपणी बहाण प्यारी सै।

रक्षाबंधन पर शायरी

अनोखे रगो मे रगा मेरा रक्षाबंधन इसान से
इसान के प्यार को समर्पित है मेरा रक्षाबधन,
अनोखे रंगों से रंगा है मैने मेरा रक्षाबधंन।
आओ हम सब मिलकर एक अनोखा पर्व मनाते है,
राखी के इस पावन पर्व को राष्ट्रीय पर्व बनाते है।
बाध के एक दूजे को राखी रक्षा का वचन उठाते है,
न उजड़े ससार किसी बहन का न बिखरे सपने किसी भाई के।
हाथो से हाथ मिलाकर मानव श्रखला बनाते है,
बेसहारा का सहारा बन राखी पर्व मानते है।

रक्षाबंधन पर कविता

अहोभाग्य मेरे जो समझा मुझे
इस क़ाबिल
तन गीता मन क़ुरान हुई
रूह मेरी बाईबिल
गुरूग्रथ का हर
पन्ना करता है आरती वदन

निस्वार्थ प्रेम अनमोल
जग मे नाम रक्षाबधन

Short Poem On Raksha Bandhan

तागे दिया तदा कच्चिया,,
नी पैने ऐ डोरा पक्किया…”
वीरे दे हथ सोनिया सजिया,
रब तो तेरीया दुआवा मगिया..
पैन ते वीर दा ऐ रिश्ता जेडा,
उस घर दा सुन्ना हुदा ना वेडा..
रब्बा हर वीर नु इक्क पैन देवी,
मेहताब उम्रा तई डोरा सच्चिया..
“तागे दिया तदा कच्चिया,,
नी पैने ऐ डोरा पक्कियाँ…!!

रक्षाबंधन कविता

रक्षाबंधन, भाई और बहन के प्रेम को प्रदर्शित करने वाला उत्सव हैं. जो जन्म से बचपन और पुरे जीवन की यादों को समाहित किये रहती हैं. बहिन बड़े उत्साह से भाई के घर जाकर मंगलकामनाओं से कलाई पर राखी बांधकर भाई की दीर्घायु की कामना करती हैं.

भाई भी बहिन को उपहार आदि देकर राखी पर्व के बाद विदा करते हैं. भाई बहिन के इसी प्रेम को हिंदी कविता के रूप में यहाँ कविता के रूप में प्रस्तुत किया हैं. आपकों ये रक्षाबंधन 2024 कविता कलेक्शन कैसा लगा, हमें कमेंट कर जरुर बताएं.

जब से बहने इस घर से परायी हो गई,
राखी के त्योहार की भी जैसे विदाई हो गई !
रग-बिरगे धागो से इस दिन सजे रहते थे हाथ,
वो वक़्त भी क्या हसी था जो गुजरा बहनो के साथ,
पर ऐ खुदा तुझसे ये कैसी खुदाई हो गई
समय गुजरता रहा और सूनी कलाई हो गई !
जब से बहने इस घर से परायी हो गई,
राखी के त्योहार की भी जैसे विदाई हो गई !
कहते है ये बधन है भाई बहन के प्यार का,

Rakshabandhan POEM

जब तू छोटा था,
मै तेरा पाणा झूलाया करती मा घर का काम करै थी,
मै तन्नै खिलया करती मेरे कान तले आज भी,
झुरकुटो का निषान सै पर षायद बीर मेरे,
तू मेरे तै अन्जान सै घर-बार छोड़ तो आई,
आकै नै अपनी दुनिया बसाई सारे सुख सै
दुनिया के आज, बस तू खुश रहिये
मेरे भाई मै जाणू सू, तू भी बहाण तै प्यार करै
सै बहाण तन्नै ज़ान तै प्यारी, बस
न्यू-ए तकरार करै सै

रक्षाबंधन मराठी कविता

जिन झोपडियो मे था बस अधियारा;
उनमे जला चिराग हू मै।
जो हर मधुवन को महका दे;
वो सन्दल वाली राख हू मै।
मा का प्यार,सस्कार पिता के;
साथ सदा मै रखता हू।
जिन बहनो का कोई भाई नही;
मै उनका भाई लगता हू।
खुशी के इन पलों पर मै,हसी पैगाम देता हू।
रहे महफूज सब बहने,मै ऐसा काम करता हू।
जमाने की सभी खुशिया,सभी बहनो को मिल जाए।
मै दुनिया की सभी बहनों को,प्रणाम करता हू।

Poem On Raksha Bandhan – 5

नही चाहिए मुझको हिस्सा मा बाप की
दौलत मे चाहे कुछ भी लिख जाएं भैया
वसीयत मे, नही चाहिए मुझको झुमका
चूड़ी पायल और कगन नही चाहिए
अपनेपन कि कीमत मे बेगानापन ।
मुझको नशवर चीजो की दरकार नही
सबधो के कीमत पर कोई सुविधा नही
माँ के सारे गहने तुम भाभी को दे देना
बाबु जी का जो कुछ है सब खुशी खुशी
ले लेना।
चाहे पूरे वर्ष कोई चिट्ठी पत्री मत लिखना
मेरे निमत्रण का चाहे मोल नही करना

Poem On Raksha Bandhan- 6

कभी द्रौपदी का रक्षक,
तो कभी इंद्र जयमाला है।
एक नही कई रिश्तो का,
रक्षाबधन रखवाला है।।
सकट की अग्नि मे जब,
भाई का जीवन तपता है।
स्नेह बध से वशीभूत
बहना का हृदय तड़पता है।
मा,पत्नी और सखा रूप मेँ,
प्रेम सरस का प्याला है।
एक नही कई रिश्तो का,
रक्षाबधन रखवाला है।।2।।

Poem On Raksha Bandhan-7

जिन झोपडियो मे था बस अधियारा;
उनमे जला चिराग हू मै।
जो हर मधुवन को महका दे;
वो सन्दल वाली राख हू मै।
मा का प्यार,सस्कार पिता के;
साथ सदा मै रखता हू।
जिन बहनो का कोई भाई नही;
मै उनका भाई लगता हू।

Short Poem On Raksha Bandhan In Hindi For Kids & Students – रक्षा बंधन पर छोटी कविता

Hello Here We share Best Short Poem On Raksha Bandhan In Hindi For Kids: 19 अगस्त 2024 को मन भावन राखी का त्योहार आ गया हैं. सम्पूर्ण भारतवर्ष में भाई बहिन के इस पावन एवं स्नेह के पर्व को धूमधाम से मनाया जाता हैं.

राखी के दिन बहन अपने भाई के की कलाई पर राखी सजाती हैं तो भाई उनकी रक्षा का वचन देता हैं. आज के आर्टिकल में हम रक्षा बंधन की छोटी बड़ी सुंदर हिंदी कविता दो चार लाइन शायरी आपके लिए लाए हैं. जिन्हें आप अपनी बहिन या अपने  भाई को भेजकर उन्हें शुभकामनाएं दे सकते हैं.

Rakshabandhan Poems For Brother Sister in Hindi 2024 : भाई बहिन के प्रीत के पर्व राखी की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.

राखी के धागे के महत्व को उद्घाटित करने वाली कुछ हिंदी की कविताएँ यहाँ बताई गई है हम उम्मीद करते है आपकों ये कलेक्शन पसंद आएगा.

चंदा मेरे भैया से कहना
ओ मेरे भैया से कहना बहना वादा करे
ओ चंदा रे

क्या बताऊ कैसा हैं वो
बिलकुल तेरे जैसा है वो
तू उसका पहचान ही लेगा
देखेगा तो जान ही लेगा
तू सारे संसार में चमके
हर बस्ती हर नीव में दमके
कहना घर वापस आ जा
तू घर का गहना
बहना याद करे

राखी के धागे सब लाये
कहना अब न राह दिखाए
मान के नाम की कसमें देना
भेट मेरी के रस्मे देना
पूछना उस रूठे भाई से
भूल हुई क्या मान जे से
भेट मेरी के रस्में देना
पूछना उस रूठे भाई से
भूल हुई क्या मान जे से
बहन पराया धन है कहना
उसने सदा नहीं रहना
बहना याद करे

Raksha Bandhan Messages Poems In Hindi

कच्चें धागों की पतली डोर हैं राखी
प्यार और मीठी शरारतो की जोड़ हैं राखी

भाई की लम्बी उम्रः की दुआ है राखी
बहिन के प्यार का पवित्र धुआ हैं राखी

भाई बहन की रक्षा का वादा हैं राखी
एकपाठ पढ़ाती नूर है राखी

बचपन की यादों का चित्रहार है राखी
हर घर में खुशियों का उपहार है राखी

रिश्तों के मीठेपन का अहसास है राखी
भाई बहन का परस्पर विश्वास है राखी

दिल का सुकून और मीठा सा जज्बात है राखी
शब्दों की नहीं पवित्र दिलों की बात हैं राखी

Poems On Raksha Bandhan In Hindi Language

अगर सम्मान है भाई तो
मान होती हैं भाभियाँ
दिल के करीब तो भाई है
जान होती हैं भाभियाँ
हंसके छोडती है मायका
दूजा घर सजाने को
गिनती रहती है दिन
अपने पीहर जाने को
रहती समझौते को तैयार
लुटाती दूजे घर पे प्यार
खुशियों का, उम्मीदों का
आसमान होती हैं भाभियाँ

Poem On Raksha Bandhan In Hindi Language

भाई बहन का पवित्र दिन है आज
भाई बहन का बड़ा दिन है आज
हाथ पर सजा है राखी का ताज
बहिन की आखो मे है ढेरों प्यार
भाई के हाथो मिलेगा आज भेंट
हिफाजत करेगा भाई देता है वचन
यू ही साथ रहेगे हर जीवन
आओ मिलकर खाए हम मिठाई
रक्षाबंधन की शुभकामनाएँ

Poem Raksha Bandhan Hindi

हर श्रावण मे आती रक्षा,
बहिन से मिलाती रक्षा…
चाद सितारो की चमकीली,
कलाई को कर जाती रक्षा…
जो भूलें से भी न भूलें,
सुहाने पल लाती रक्षा,
अटूट-प्रेम का भाव धागे से
घर घर मे बिखराती रक्षा…
सारे संसार की कीमती
चीजो से बढकर भाती रक्षा.
सदा बहन की रक्षा करना,
भैया को बतलाती रक्षा!!

Hindi Kavita On Rakhi

राखी बड़ी निराली
भाई बहनो का यह स्नेह
रक्षा सूत्र को न समझना
रेशम धागे
इससे भाई बहन का
प्रेम जागे
बहन बाधे प्यार से सूत्र
ताकि करे भाई उसकी सुरक्षा
मेरी मानो तो यह पर्व है
सबसे अच्छा

रक्षा बंधन छोटी कविता 2024

हाथ में बंधा कोमल रेशम की डोर
बचपन का भोलापन याद दिलाता है
वो जिद्द वो झगड़ा
वो हर सामान पर अपना हक जमाना
वो मिठाई के बड़ा टुकड़ा पर नजर टिकाना
वो छोटी छोटी बातों में रूठना
फिर किसी के खुशामत का इन्तजार करना
बड़े हुए समय समाज के गुलाम हो गये
शरारत जिद्द की जगह राखी में प्यार बंधने लगे
रक्षा बंधन पर वो निष्छल प्यार दिला दो
फिर से रूठ जाए और वो पल में मना ले

Rakshabandhan Kavita Hindi 2024

इस रक्षा बंधन थोडा और
अच्छा करते है
दूसरो की झोलियों में भी
थोड़ी खुशियाँ भरते है

चलो लगाते है उनके सिर
पर तिलक
जो देश के है गर्व

बांधते है इनकी कलाईयों
में रेशम की डोर
जिनके कंधे पे है
देश की बागडोर

हम उनका मान बढ़ाते है
अपना सम्मान बढ़ाते है

चलो प्रेम प्रीति के बंधन से
बंधी ये राखी का त्यौहार
हम सब साथ मनाते है.

राखी पर भाई बहन के लिए कविता

कान्हा मेरे बता मुझे
करू मै कैसे तेरा आभार
राखी मेरी बांधकर तूने
किया मुझ पर बड़ा उपकार
देखकर सबको मनाते हुए
राखी का ये उत्सव सुंदर
मन मेरा था रोता बहुत
सारी दुनिया से छुप छुपकर
ना जाने कहाँ से तू ले आया
मेरी खोई हंसी ढूढ़कर
बंधवाकर तूने मुझसे राखी
दिया मेरी भावनाओं को सम्मान
लेकर आये कान्हा तुम्ही
मेरी नीरस जिन्दगी में मिठास
अपना स्नेह सदा बनाए रखना मुझ पर
नहीं चाहिए मुझे और कोई उपहार
भाई को राखी की शुभकामनाएं

रक्षाबंधन पर कविता Poem on Rakhi Brother Sister Festival

भाई बहन का पावन सा रिश्ता
कच्चे धागे सा, पक्का सा रिश्ता
है कितने ही बातों से होता गुजरता
समय के संग संग निखरता सा रिश्ता
वो लड़ना झगड़ना चिढना चिढ़ाना
खुद ही रूठकर फिर खुद ही मनाना
बचपन की मस्ती में वो हंसी ठिठोली
वो हंसी मजाक के संग कुछ चिढाता सा रिश्ता
वो पतंग वो गुड़ियाँ वो मीठी यादें
वो तारों की छाव में लबीं सी बातें
पापा को बताने से पापा से बचाना
शिकायतें कर पिटाई से बचाता सा रिश्ता
माँ इसको मना लो कि ये नहीं मानता हैं से
अब पिटेगा तू मेरे भाई को नहीं जानता है
भाई के नाम से घोंस जमा, बातें मनवाना
ये रिश्तों में है सबसे प्यारा सा रिश्ता

रक्षाबंधन पर कविता हिन्दी poem on Rakshabandhan  राखी पर कविता हिन्दी में rakhi hindi poem

तुम्हे हमेशा खुश देखना चाहूँ मेरे बदमाश भाई
बिना किसी कारण के हमेशा करते हो लड़ाई
बात बात पर होती है एक दुसरे की टांग खिचाई
वैसे तो हर मुश्किलों में तुझे साथ खड़ा पाया
मम्मी पापा के डांट से भी तूने ही मुझे बचाया
जब भी थोडा उदास हुई तब तेरा ही सर खाया
उस समय भी तूने मुझसे ज्यादा मेरा सर है खाया
वैसे तो तेरे नालायिकी के किस्से कम नहीं है
पर मेरे भाई तेरे जैसा कोई सच्चा दोस्त भी नहीं है
बना रहे ये प्यारा सा अपना भाई बहन का रिश्ता
पर तेरा शक्ल मेरे लिए तो वही होगा बंदरों वाला नक्शा
भगवान करे तू अपने हर मंजिल को आसानी से पालो
मिले तुझे हर वो ख़ुशी जो जो तुम चाहों

Bhai Bahan Raksha Bandhan Poem in Hindi

आज राखी का त्योहार है, एक बहिन जिसका अपना कोई भाई नहीं है, किस तरह वह अपने भावों में बहती हुई आज के दिन अपने उन सभी भाइयों को राखी की बधाई देती है,

जो संगे भाई तो नहीं है मगर एक सगे भाई का एहसास दिलाने वाले जरुर है. आज के दिन आप भी इस कविता को पढिये तथा सोशल मिडिया पर अपने फ्रेड्स के साथ जरुर शेयर करिए.

आज के दिन भैया की बहुत याद आती है
काश मेरा खुद का एक भाई होता
मन सुना लागे मेरा
पर यहाँ मुझे ऐसे भाई मिले है
जो मेरे खुद के भाई ही लगते है
आज का राखी का त्योहार जहा भिहो खुश रहो
दुआएं मेरे सब भाई के लिए
आरजू तुम्हारे लिए मेरी उम्र तुम सबको लग जाए
बड़ा आसमा मिले
पवन संग भेज रही हूँ मै सौ सौ दुआओं जा रे
भईया तक पंहुचा
मुश्किल राहों के पहरेदार चाँद सितारे संगे
भेज रही हूँ संदेशा
बचपन में हम डूब रहे
आज राखी का त्यौहार है
राखी बाँध के हमें इकबार जरुर याद करना
शुक्रियां मुझे अपनी बहेना बोलने के लिए

FAQ

Q. साल 2024 में रक्षाबंधन पर्व की तिथि क्या हैं?

Ans: 19 अगस्त

Q. किस तिथि को राखी का त्यौहार मनाया जाता हैं?

Ans: श्रावण माह की पूर्णिमा को

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