बदरुद्दीन तैयबजी की जीवनी Badruddin Tyabji Biography In Hindi: अदम्य साहसी व सच्चे देशभक्त बदरुद्दीन तैयबजी का भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सहयोग भिन्न रूप से था.
उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्यवाद द्वारा भारतीय नेताओं को अन्यायपूर्ण रास्ते से जेल भेजने का जमकर विरोध किया. राष्ट्रीय भावनाओं से ओत प्रेत रहते हुए उन्होंने अपने विचारों को खुलकर देशवासियों के सामने रखा.
राजनैतिक योजनाओं में उनका योगदान प्रशंसनीय रहा, जिनके चलते वह प्रतिष्ठित नेताओं की श्रेणी में गिने जाने लगे.
बदरुद्दीन तैयबजी की जीवनी Badruddin Tyabji Biography In Hindi
एक समाज सुधारक के रूप में बदरुद्दीन तैयबजी ने शिक्षा को प्रोत्साहित करने में काफी अहम भूमिका निभाई ताकि पिछड़ेपन व पतन के मार्ग को दूर किया जा सके.
बदरुद्दीन तैयबजी का जन्म 10 अक्टूबर 1844 को एक अमीर परिवार में हुआ. उनकी शिक्षा दीक्षा इंग्लैंड में हुई तथा उनका शैक्षिक रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा.
1867 में वह एक वकील के रूप में प्रसिद्ध हुए. बदरुद्दीन तैयबजी मिडल टेम्पल में सम्मिलित हुए तथा बम्बई में प्रथम भारतीय बैरिस्टर के रूप में जाने गये.
कानून की अच्छी जानकारी, अपने केस के वाद विवाद में उनके द्वारा दिए गये समुचित तर्क तथा उनके प्रभावशाली व्यक्तित्व कई कोणों से एक अलग पहचान लिए हुए थे.
वह 1985 तथा 1902 में बोम्बे बेंच में नियुक्त किये गये तथा वह दूसरे मुख्य न्यायधीश बने. शायद बदरुद्दीन के लिए वह सबसे सुंदरतम क्षण थे जब उन्होंने तिलक को जमानत पर रिहा करवाया.
बदरुद्दीन तैयबजी 1882 में बम्बई विधान परिषद के सदस्य मनोनीत किये गये. उन्होंने बम्बई प्रेसिडेंसी एसोसिएशन तथा इंडियन नेशनल कांग्रेस की स्थापना में अपना महान योगदान दिया. 1887 में वह तीसरे कांग्रेस अधिवेशन में इसके अध्यक्ष नियुक्त किये गये.
बम्बई स्थित अंजुमन ए इस्लाम के वह पहले सचिव तथा बाद में इसके अध्यक्ष नियुक्त किये गये. उन्होंने मुस्लिम शिक्षा को आधुनिक धारा के अनुरूप ढालने पर बल दिया.
वे चाहते थे कि महिलाओं को शिक्षा अवश्य ग्रहण करनी चाहिए ताकि वे समाज में अपने उचित स्थान व अधिकार को प्राप्त कर सके. उन्होंने लोगों को आह्वान किया कि धार्मिक अंधविश्वासों को जड़ से उखाड़ फेकों जैसे पर्दा प्रथा.
बदरुद्दीन तैयबजी का व्यक्तिगत परिचय
नाम | बदरुद्दीन तैयब |
जन्म | 10 अक्टूबर 1844 |
जन्म स्थान | बंबई |
मृत्यु | 19 अगस्त 1906 |
मृत्यु स्थान | लंदन, इंग्लैंड, यूनाइटेड किंगडम |
पढ़ाई | लंदन यूनिवर्सिटी |
मृत्यु का स्थान | लंदन |
प्रोफेशन | सोशल वर्कर, वकील, पॉलीटिशियन |
धर्म | इस्लाम |
जाति | सुलेमानी बोहरा |
पिता | मुल्ला तैयब अली भाई मियां |
भाई | कमरुद्दीन |
पत्नी | राहत-उन-नफ़्स |
टोटल बच्चे | 18 |
भतीजा | अब्बास तैयब जी |
पोता | अजीम तैयब जी, सैफ तैयब जी, बदरुद्दीन तैयब जी |
परपोती | लैला तैयब जी |
बदरुद्दीन तैयबजी की मृत्यु
सन 1844 में 10 अक्टूबर को पैदा हुए बदरुद्दीन तैयबजी की मौत साल 1906 मे 26 अगस्त के दिन उस समय हुई जब अचानक से ही इन्हें एक खतरनाक हार्ड अटैक आया और यह उस हार्ड अटैक का सामना नहीं कर पाए.
इस प्रकार से इन्होंने धरती पर आखिरी सांसे ली। इंग्लैंड का लंदन ही वह शहर है, जहां पर बदरुद्दीन तैयब जी ने अपने प्राण पखेरू त्यागे थे।
बदरुद्दीन तैयब जी का योगदान
बदरुद्दीन तैयब जी यह चाहते थे कि जिस प्रकार अन्य धर्म के लोग एजुकेशन हासिल करके आगे बढ़ रहे हैं, उसी प्रकार इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग भी अच्छी शिक्षा हासिल करें और वह भी जिंदगी में एक सक्सेसफुल आदमी बने,
इसी उद्देश्य के साथ अंजुमन ए इस्लाम नाम के एक इंस्टीट्यूट को बदरुद्दीन तैयब जी ने चालू किया। इसके अलावा उन्होंने मुंबई प्रेसिडेंसी असोसिएशन को भी बनाया ताकि इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों में शिक्षा ग्रहण करने की भावना जागे।
बदरुद्दीन तैयब जी एक ऐसे व्यक्ति थे, जो महिलाओं को आजादी देने के पक्षधर थे, साथ ही वह सभी लोगों को शिक्षा देने के लिए भी कहते थे और यही वजह है कि उन्होंने अपनी खुद की बेटी को भी अच्छी पढ़ाई करवाई।
इस्लाम धर्म से संबंध रखने के बावजूद भी बदरुद्दीन तैयब जी इस बात को हमेशा कहते थे कि लड़कियों को या फिर महिलाओं को पर्दा प्रथा का त्याग करना चाहिए।
FAQ:
Q: बदरुद्दीन तैयब जी कौन से धर्म के थे और उनकी जाति क्या थी?
Ans: आपकी इंफॉर्मेशन के लिए बता दें कि यह इस्लाम धर्म को मानते थे और यह इस्लाम धर्म के बोहरा समुदाय से आते थे।
Q: अंजुमन इस्लाम नाम की संस्था को किसने बनाया था?
Ans: इसे बदरुद्दीन तैयबजी ने ही चालू किया था, ताकि मुस्लिम परिवार के बच्चे पढ़ाई करने के लिए आगे आए और उनका भविष्य उज्जवल बने।
Q: बदरुद्दीन तैयब जी की पत्नी का नाम क्या था?
Ans: राहत-उन-नफ़्स
Q: बदरुद्दीन तैयब जी के पिता का नाम क्या था?
Ans: मुल्ला तैयब अली भाई मियां
Q: बदरुद्दीन तैयबजी की मौत कब हुई?
Ans: 19 अगस्त, सन 1906
Q: बदरुद्दीन तैयब जी की मौत कहां पर हुई थी?
Ans: लंदन में
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