सफलता का रहस्य पर निबंध | Best Essay On Safalta Ka Rahasya In Hindi

Best Essay On Safalta Ka Rahasya In Hindi प्रिय साथियों आपका स्वागत है आज का हमारा लेख Best Essay On Safalta Ka Rahasya In Hindi के बारे में हैं जीवन में सफलता के रहस्य (the secret of life in hindi) पर यहाँ हम निबंध साझा कर रहे हैं.

Best Essay On Safalta Ka Rahasya In Hindi

सफलता का रहस्य पर निबंध Best Essay On Safalta Ka Rahasya In Hindi

एक बार की बात हैं एक शिष्य सुकरात के पास आता है तथा उनसे सफलता के गूढ़ रहस्य बताने का आग्रह करता हैं. जवाब में सुकरात उस शिष्य को अगले दिन नदी के किनारे आने को कहते हैं. बताए गये समय के अनुसार शिष्य नदी तट पर उपस्थित होता है तब तक सुकरात भी वहां आ चुके थे.

शिष्य अपने कल के सवाल को आज फिर दोहराता इससे पूर्व वे उसे नदी के पानी में उतरने के लिए कहते हैं. शिष्य धीरे धीरे पानी में उतरने लगता है सुकरात भी उसके पीछे चलने लगते हैं. मुहं तक पानी आने पर शिष्य के कदम रुक जाते है, तब सुकरात उसके सिर को पकड़कर पानी में डूबा देते हैं.

वह शिष्य बार बार सुकरात की जकड़ कमजोर करके अपना सिर बाहर निकालना चाहता है मगर सुकरात की मजबूत पकड़ उसके हरेक प्रयास को विफल किये जा रही थी. आखिर किसी तरह वह छटपटाते हुए अपना सिर जल की सतह से ऊपर लाने में कामयाब हुआ. तब सुकरात उसे पकड़ कर छिछले पानी तक लाते हैं.

और कहते है जब तुम जल में पूरी तरह डूब गये थे तो किस चीज के लिए छटपटा रहे थे और हर कीमत पर उसे अर्जित करना चाहते थे. शिष्य का जवाब था सांस.

सुकरात कहते है यही सफलता का रहस्य हैं. जिस बुरी तरह से तुम सांस को पाना चाहते थे उसी तरह कामयाबी को भी पाने के लिए चाहत पालों तो तुम्हे कामयाब बनने से कोई नहीं रोक सकता.

हर कोई जीवन में उच्च मुकाम पाना चाहता हैं, भला सफलता की सीढियाँ किन्हें न भाती. सफलता मिलने पर व्यक्ति के जीवन में एक नये जीवन का संचार हो जाता हैं.

यदि मुश्किलों तथा कठिन रास्तों से मुकाम हासिल हो तो फिर उसका आनन्द कुछ और ही होता हैं. ऐसे हालातों से गुजरा व्यक्ति सफलता को पचा भी लेता हैं.

जीवन में सफलता अर्जित करने के रहस्य भी बड़े गजब के होते हैं, जो हर किसी को पता भी नहीं होते हैं. यदि जल्द ही हमें कामयाब होना है तो उन अनसुलझे रहस्यों की तरफ भी देखना चाहिए जिनसे होकर लोगों ने जीवन में बड़े बड़े कीर्तिमान स्थापित किये हैं.

यदि मुझे कोई यह पूछे कि सफलता का रहस्य क्या है, तो मेरा अनुभव कुछ मूलभूत बाते ही बताएगा जिन्हें हम सभी ने बहुत बार सुना हैं मगर उन्हें सफलता प्राप्ति के रहस्य की तरह कभी नहीं समझा हैं.

परिश्रम ही सफलता की कुंजी है.

इस बात से हर कोई सहमत होगा कि यदि किसी क्षेत्र में सफल होना है या कुछ बड़ा करना है तो कड़ी मेहनत और लग्न उसके अपरिहार्य अंग हैं. दुनिया में बिना मेहनत के केवल खैरात या भीख ही मिल सकती हैं. या आप उस वस्तु को ही पा सकते है जिन्हें मेहनत करने वालों ने त्यागा हैं.

यदि व्यक्ति अपने कर्म में डटा रहे तो सफलता उसकी दासी होगी. मेहनत के दम पर व्यक्ति पहाड़ काटकर रहा बना लेता हैं फिर जीवन में एक लक्ष्य की प्राप्ति कोई बड़ी वस्तु नहीं हो सकती हैं. कुछ बच्चें केवल इसी लिए किताब लेकर बैठते है ताकि उनके माँ बाप खुश हो कि बेटा पढ़ रहा हैं.

कभी भी किसी को खुश करने के लिए मेहनत न करे बल्कि अपने लक्ष्य को साधने के लिए भरपूर प्रयास करे. आपके प्रयासों से किसी को न लगे कि आप मेहनत कम कर रहे है तो उसकी परवाह बिलकुल नहीं करनी चाहिए.

लक्ष्य सही दिशा दिखाता है

सफलता का रहस्य यह भी हैं कि आप जो मेहनत कर रहे हैं उसकी दिशा सही हो. आप भविष्य में शिक्षक बनना चाहते है मगर आप डोक्टर का कोर्स कर रहे है तो आपकी मेहनत तो हो रही है मगर लक्ष्य स्पष्ट न होने के कारण यह निश्चय नहीं है

कि आप शिक्षक बन पाएगे इसलिए आपको जिस क्षेत्र में भी सफलता अर्जित करनी है वहलक्ष्य निर्धारित करने के पश्चात ही उसे अर्जित करने के लिए कठोर परिश्रम करे.

धैर्यवान कभी हार नहीं मानते

सफलता के लिए जितना जरुरी लक्ष्य और मेहनत है उतनी ही आवश्यकता धैर्य की भी होती हैं. रहीम का दोहा सभी ने सुना है घीरे धीरे मना रे धीरे सब कुछ होय. इसका आशय यह नहीं हैं कि समय पर काम नहीं करना चाहिए बल्कि काम करते जाए सही समय पर आपकों उसका फल अवश्य मिलेगा.

जब कोई लक्ष्य साधना होता है तो उसके दो अपेक्षित परिणाम हो सकते है सफलता और विफलता. कई लोग विफलता कोअपनी हार या स्वयं को उसके लिए असमर्थ मान लेते हैं,

जबकि असफलता स्वयं सफलता की एक सीढी है जिन्हें सफल होना है उसे कभी न कभी उस दौर से गुजरना ही पड़ता हैं. अतः जीवन में छोटी छोटी समस्याओं या विफलताओं से हार मान लेने की बजाय अपने दीर्घकालीन लक्ष्य को नहीं भूलना चाहिए.

शंका का समाधान आत्मविश्वास की बहाली है

आत्मविश्वासी व्यक्ति शुरुआत से पहले ही आधी लड़ाई जीत लेता हैं. जबकि स्वयं में अविश्वास करने वाले जीती हुई लड़ाई भी हार जाते हैं. जीवन में सफलता का मूल मंत्र परिश्रम, लक्ष्य, धैर्य, आत्मविश्वास से मिलकर बनता हैं. सफलता पाने के लिए यह जरुरी नहीं कि आप सभी विषयों के विशेयज्ञ हो.

उदहारण के लिए शिक्षक बनने के लिए गणित, विज्ञान, सामान्य ज्ञान, सामाजिक विज्ञान, मनोविज्ञान और भाषा इन सभी विषयों का अध्ययन करना पड़ता हैं.

यदि कोई गणित में बेहद कमजोर है तो इसका मतलब यह कभी नहीं होता कि वह शिक्षक नहीं बन सकता है यदि वह ऐसा सोचता है तो यह उनके आत्मविश्वास की कमी को दर्शाता हैं.

ऐसा कोई नहीं होता जो अपने आप में सर्वज्ञानी है सभी के अपने अपने कमजोर और मजबूत पक्ष होते हैं. यदि गणित विषय का विद्यार्थी गणित में कमजोर अन्य विषयों में सामान्य तथा भाषा में श्रेष्ठ है तो यह सामान्य स्थिति है ऐसा सभी के साथ होता हैं. अतः जो पक्ष आपका कमजोर है उस पर मेहनत करे तथा जो मजबूत पक्ष है उन्हें और अधिक मजबूत बनाए.

अन्य बाते 

सफलता का रहस्य उक्त बातों के अलावा कई अन्य विशेषताओं पर भी निर्भर करता हैं. आपका चरित्र, समय के प्रति पाबंदी, अनुशासित जीवन, अच्छा मैनेजमेंट, मृदु व्यवहार, निरन्तरता आदि चीजे व्यक्ति को सफलता के अधिक पास लाती हैं.

कई लोग मानते है कि सफल होने के लिए मेहनत और कड़ी मेहनत ही पर्याप्त हैं. मगर यह बात पूर्ण सत्य नहीं है हाँ परिश्रम तो आवश्यक है मगर सबकुछ नहीं हैं.

यदि एक कम्पनी में आप एम्प्लोयी है और CEO बनने का सपना देख रहे हैं तो यहाँ आपकों कड़ी मेहनत, अच्छा व्यवहार, समय का पाबन्द, आत्मविश्वासी, दृढ़ निश्चयी व अनुशासित होना भी जरुरी हैं.

इसलिए जीवन में सफलता पाने का मूल मंत्र यही है कि इन अच्छे आदर्शों को अपने जीवन में उतारे तथा मेहनत कभी न छोड़े.

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