सुनीता विलियम्स का जीवन परिचय – Biography Of Sunita Williams In Hindi

सुनीता विलियम्स का जीवन परिचय – Biography Of Sunita Williams In Hindi: भारतीय मूल की दूसरी महिला जो नासा के अभियान में अन्तरिक्ष में गई  उनके जीवन संघर्ष इस मुकाम तक पहुचने की कहानी व निजी जीवन की शिक्षा के बारे में जानकारी दी गई हैं.

इनका पूरा नाम सुनीता माइकल जे विलियम जबकि मूल नाम सुनीता दीपक पांड्या ये भारत के गुजरात राज्य में जन्मी थी.

Biography Of Sunita Williams In Hindi

सुनीता विलियम्स का जीवन परिचय - Biography Of Sunita Williams In Hindi

भारत की बेटी नारी शक्ति की प्रतीक सुनीता विलियम्स की जीवनी बेहद प्रेरणादायक हैं. उनकें निजी जीवन से जुड़े कुछ फैक्ट्स इस प्रकार हैं.

पूरा नाम     –  सुनीता माइकल जे. विलियम
जन्म          –  19 सितम्बर 1965
जन्मस्थान –  युक्लिड, ओहियो राज्य
पिता          –  डॉ. दीपक एन. पांड्या
माता          –  बानी जालोकर पांड्या
विवाह        –  माइकल जे. विलियम

सुनीता विलियम्स का जीवन परिचय – Sunita Williams Biography In Hindi

अन्तरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स का नाम तो आप जरुर जानते ही होंगे. आखिर वह भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री हैं. सुनीता के पिता डॉक्टर दीपक पांड्या गुजरात से हैं और माँ बोनी पांड्या स्लोवेनियन मूल की हैं.सुनीता विलियम्स की जड़े भारतीय संस्कृति से जुड़ी हुई हैं.

उनका जन्म 19 सितम्बर 1965 को अमेरिका के ओटियो में युक्लिड नामक स्थान पर हुआ था, मैसाचुसेट्स से हाई स्कूल की शिक्षा पास करने के बाद उन्होंने 1987 में राष्ट्र की नौसेनिक अकादमी से फिजिकल साइंस में बी एस की परीक्षा पास की.

उनके बाद वर्ष 1995 में उन्होंने फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनिरिंग मैनेजमेंट में एम् एस की उपाधि हासिल की. उनका एक बड़ा भाई जय थोमस पांड्या और बड़ी बहिन डायना एन पांड्या हैं. सुनीता का विवाह अपने सहपाठी माइकल जे. विलियम्स से हुआ हैं.

सुनीता विलियम्स बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं. वे हेलीकॉप्टर पायलट, परीक्षण पायलट, नौसेना पोत चालक, पेशेवर नौसेनिक, गोताखोर, तैराक, पशु प्रेमी, मैराथन धाविका और अन्तरिक्ष यात्री एवं विश्व कीर्तिमान धारक हैं.

उन्होंने साधारण व्यक्तित्व से उपर उठकर स्वयं को असाधारण बनाया हैं. जून 1998 में उनका अमेरिका की अन्तरिक्ष एजेंसी नासा में चयन हुआ और प्रशिक्षण प्रारम्भ हुआ, अन्तरिक्ष यात्री बनने के लिए कड़े परिश्रम की आवश्यकता होती हैं. सुनीता ने कठिन से कठिन प्रशिक्षण का स्वागत किया और उन्हें सफलतापूर्वक पार किया.

अपने अटूट साहस एवं आत्म विश्वास के बल पर ही वह अन्तरिक्ष यात्री बन पाई. सुनीता भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं, जो अमेरिका के अन्तरिक्ष मिशन पर गई. सुनीता विलियम्स ने सितम्बर अक्टूबर 2007 में भारत का भी दौरा किया. वर्ष 1998 से नासा से जुड़ी सुनीता ने अब तक कुल 30 अलग अलग अन्तरिक्ष यानों में 2720 उड़ाने भरी हैं.

अन्तरिक्ष में भारहीनता की स्थिति के बिच यात्री हवा में तैरते हुए ही सारे काम करते हैं. उन्होंने 16 दिसंबर 2006 को बॉब कर्लिम के साथ स्पेस वाक भी की. स्पेस वाक के दौरान अन्तरिक्ष केंद्र से बाहर आकर कार्य करना होता हैं. कितनी हैरत और रोमांचक बात है न यह.

सुनीता ने अपने धैर्य साहस और आत्मविश्वास से सबसे लम्बे समय तक स्पेस वाक करने का कीर्तिमान भी बनाया हैं. वे नारी शक्ति की सशक्त प्रतिरूप हैं. उन्हें उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए नेवी कमेंडेशन, नेवी एंड मैटिर कोर व अचीवमेंट मेडल आदि प्रदान किये गये हैं.

सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की है उनकी जड़े भारत से जुड़ी हुई हैं उनकी उपलब्धियों को देखते हुए 2008 में भारत सरकार द्वारा उन्हें विज्ञान अभियांत्रिकी के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया हैं. सुनीता विलियम्स का जीवन परिचय उन लोगों के लिए बेहद प्रेरणा से भरा है जो बड़े होकर अन्तरिक्ष में जाने का सपना देखते हैं.

सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष यात्रा in Hindi

आज समूची दुनिया सुनीता विलियम्स को उनके अंतरिक्ष मिशन के लिए जानती हैं. वह दूसरी भारतीय ओरिजन की महिला हैं जिन्होंने से धरती से अन्तरिक्ष तक के सफर को सफलतापुर्वक तय किया हैं इससे पूर्व कल्पना चावला ऐसा कर चुकी हैं.

सुनीता की वर्तमान आयु 55 वर्ष हैं ये 2007 में भारत आई थी. वर्ष 1998 से अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा से जुड़ने के बाद यह अब तक 30 से अधिक अन्तरिक्ष यानों में करीब तीन हजार उड़ान भर चुकी हैं.

वर्ष 2012 में अंतरिक्ष में लगातार चार माह गुजारने के बाद यह अमेरिका लौट आई थी. सर्वाधिक समय तक स्पेस में रहने का कीर्तिमान भी अब उनके नाम हैं. इस मिशन में उनके साथ रूस के यूरी मालेनशेनको और जापान के आकिहिको होशिदे भी थे.

नासा के स्पेस मिशन एक्सपेडिशन 33 की कमांडर सुनीता जब 46 साल की थी तब इन्होने दूसरी बार ये उड़ान भरी थी. उन्होंने अपनी टीम के साथ अन्तरिक्ष में 127 दिन बिताएं. इसके साथ ही वह अब तक 322 दिन अन्तरिक्ष में बिता चुकी हैं.

पहली बार सुनीता 2006 में अन्तरिक्ष में गई थी तथा 195 दिन बिताएं थे. इस बार अपने मिशन पर वह एक मछली और मेढक भी लेकर गई.

सुनीता विलियम्स ने अपने स्पेस सेंटर से बाहर निकलकर तीन बार स्पेस वाक भी की, जो बेहद कठिन मानी जाती हैं. अब तक ये 44 घंटे से अधिक अंतरिक्ष की सैर कर चुकी थी. अपनी पहली यात्रा में इन्होने चार बार स्पेस वाक किया था.

सुनीता विलियम्स पुरस्कार – Sunita William Awards

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को उनकी उपलब्धियों को लेकर कई सम्मानों से भी नवाजा गया हैं. उनकी कुछ उपलब्धियां व सम्मान इस प्रकार हैं.

  1. नेवी कमेंडेशन मेडल अवॉर्ड।
  2. नेवी एंड मैरीन कॉर्प एचीवमेंट मेडल।
  3. ह्यूमैनिटेरियन सर्विस मेडल।
  4. बल्लभ भाई पटेल विश्व प्रतिमा (भारत सरकार)
  5. पद्म भूषण (२००८, भारत सरकार)
  6. गुजरात विश्वविद्यालय ने डॉ. की मानद उपाधि
  7. गोल्डन आर्डर फॉर मेरिट्स (स्लोवेनिया सरकार)

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