स्वच्छता की परिभाषा और महत्व | Cleanliness Importance Definition In Hindi

स्वच्छता की परिभाषा और महत्व | Cleanliness Importance Definition In Hindi: मानव जीवन के लिए स्वच्छता बहुत आवश्यक हैं.

गंदगी तथा कचरे से अनेक प्रकार की बीमारियाँ हो जाती हैं. बच्चे, जवान, वृद्ध बीमारियों से दुःख पाते है. जिससे उनके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती हैं.

आज के इस लेख में हम आपकों बता रहे है स्वच्छता का अर्थ  स्वच्छता की परिभाषा  स्वच्छता का महत्व के बारे में विस्तार से जानेगे.

स्वच्छता की परिभाषा महत्व Cleanliness Importance Definition Hindi

अस्वच्छता से पर्यावरण प्रदूषित होता हैं. गंदगी के कारण अनेक प्रकार की प्रतिकूल दशाएं भी उत्पन्न हो जाती हैं.

इन सभी प्रतिकूल दशाओं से बचने के लिए एवं इन बीमारियों को मिटाने तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु मानव के लिए स्वच्छता की आवश्यकता होती हैं.

स्वच्छता क्या है (what is cleanliness in hindi)

वे सभी प्रावधान, सुविधाएं सेवाएं जो मानव के मल मूत्र एवं कचरे आदि का निस्तारण करने में भूमिका अदा करते हैं. यह प्रक्रिया स्वच्छता कहलाती हैं.

  • सभी प्रकार की गंदगी को दूर कर, निरोग एवं आरामदायक जीवन जीना स्वच्छता हैं.
  • मानव जीवन मूल्यों में एक मूल्य स्वच्छ रहना भी है. स्वच्छता भारतीय संस्कृति का प्रतीक हैं.
  • भारतीय दर्शन में शरीर आत्मा मन बुद्धि व पर्यावरण को शुद्ध रखना, मानव जीवन का महत्वपूर्ण कार्य बताया गया है.
  • बिमारी फैलाने वाले कचरे में पारिवारिक और कारखानों का दूषित जल, मानव व पशुओं का ठोस कचरा व कृषि सम्बन्धी कचरे शामिल हैं.
  • स्वच्छता पूर्ण रूप से एक बड़ा विचार है. इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अनेक प्रकार से परिभाषित किया हैं.
  • पर्यावरण को दूषित करने का एक कारण कचरे का खराब नियंत्रण भी हैं.

स्वच्छता की परिभाषा विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार (definition of cleanliness in hindi)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने स्वच्छता को कई प्रकार से परिभाषित किया हैं.

  • लोगों को स्वच्छता के लिए शौचालयों व दूषित पानी को स्वच्छ करने के साधनों व उपायों को करने की आवश्यकता है.
  • स्वच्छता का सामान्य आशय उन प्रावधानों सुविधाओं और सेवाओं से है जो मानव के मल मूत्र और कचरे का सुरक्षित निस्तारण करते हैं.
  • बहुत से व्यवसायी लोग इस बात पर सहमत है कि स्वच्छता पूर्ण रूप से एक बड़ा विचार है कि इसमें निम्नलिखित बातों में सम्मिलित हैं.
  1. मानव मल मूत्र कचरे आदि का सुरक्षित संग्रहण, भंडारण उपचार निस्तारण तथा पुनः प्रयोग.
  2. ठोस कचरे का पुनः प्रयोग और पुनः चक्रण का प्रबंधन
  3. पारिवारिक दूषित जल की निकासी और निस्तारण और पुनः प्रयोग पुनः चक्रण के उपाय.
  4. तूफान के पानी की निकासी व्यवस्था
  5. औद्योगिक कचरे का संग्रहण व निस्तारण प्रबंधन
  6. खतरनाक कचरा जैसे रासायनिक कचरा, रेडियोएक्टिव कचरा और अस्पतालों का कचरा आदि का संग्रहण व निस्तारण प्रबंधन.

मानव जीवन में स्वच्छता का महत्व (Importance of cleanliness in human life)

मानव जीवन मूल्यों में एक मूल्य स्वच्छ रहना भी शामिल हैं. स्वच्छता भारतीय संस्कृति का प्रतीक हैं. भारतीय दर्शन में शरीर आत्मा, मन, बुद्धि तथा पर्यावरण का शुद्ध रखना मानव जीवन का महत्वपूर्ण कार्य बताया गया है.

स्वच्छता पूर्ण रूप में एक बड़ा विचार है. वर्तमान में शहरीकरण और औद्योगिकीकरण की प्रक्रियाओं ने कचरे की मात्रा को बढ़ावा दिया हैं.

कचरे या गंदगी का पैदा होना वर्तमान में एक मुख्य समस्या बन गई है. मानव के द्वारा स्वच्छता रखने से कचरे व गंदगी का निस्तारण तो होता ही है

साथ में अनेक प्रकार की बीमारियों व संक्रामक रोगों से भी मुक्ति मिल जाती है. स्वच्छता से हानिकारक कीट उत्पन्न नहीं हो पाते जिससे बीमारियों के फैलने पर रोक लग जाती हैं.

स्वच्छता के कारण मानव की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे मानव की औसत आयु बढ़ती है. स्वच्छता से पर्यावरणीय दशाएं अनुकूल बनी रहती है. किसी भी प्रकार का पर्यावरण प्रदूषण स्वच्छता से नियंत्रित हो जाता हैं.

स्वच्छता से शरीर शुद्ध रहता है, जिसमें बौद्धिक विकास होता है. स्वच्छ दशाओं से खाद्य जाल, खाद्य श्रंखला संतुलित बनती है जो पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखती हैं. उपरोक्त सभी कारणों से मानव जीवन में स्वच्छता महत्वपूर्ण स्थान है.

स्वच्छता का महत्व एवं घर की साफ सफाई | Cleanliness Health And Hygiene In Hindi

स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता आवश्यक है. घर वह स्थान होता है, जहाँ हमारा परिवार निवास करता है. परिवार के सभी सदस्यों को प्रसन्न चित व स्वस्थ रखने के लिए हमे अपने आवास और आसपास के स्थान को स्वच्छ रखना चाहिए. 

स्वच्छता का महत्व और अपने घर की साफ सफाई के लिए हमे निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए.

  • मकान की नालियाँ साफ सुथरी व ढकी हुई हो.
  • शौचालय व स्नानघर प्रतिदिन अच्छी तरह से साफ़ किये जाने चाहिए. क्योंकि यहाँ कीटाणु पनपने की सम्भावना सर्वाधिक होती है.
  • घर की नालियों में कीटनाशकों का नियमित छिड़काव किया जाना चाहिए.
  • कमरों में से दूषित हवा निकलने के लिए रोशनदान की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए.
  • समस्त कूड़ा करकट प्रतिदिन एक कूड़ेदान में एकत्र करने चाहिए. यह कूड़ादान ढक्कन वाला होना चाहिए.
  • रसोईघर में धुंए के निकास के लिए चिमनी की व्यवस्था होनी चाहिए.
  • घर में प्रतिदिन फिनायल आदि डालकर पोछा लगाया जाना चाहिए ताकि मक्खी मच्छर न फ़ैल सके.
  • घर का समस्त कूड़ा करकट बाहर नही फेकना चाहिए, इसे नगर परिषद् के सफाई कर्मचारी के सुपुर्द किया जाना चाहिए.
  • गली मुहल्ले की नालियाँ भी साफ करवानी चाहिए.
  • नगर परिषद से सम्पर्क कर समय समय पर कीटनाशकों फिनाइल, बीएचसी पाउडर आदि का छिडकाव करवाना चाहिए.
  • सामुदायिक स्वास्थ्य के लिए आवासीय बस्तियाँ योजनाबद्ध रूप से बसी होनी चाहिए, जिससे सभी आवासों के लिए समुचित हवा, पानी, रोशनी, जल निकास व शौचालय आदि की व्यवस्था हो.
  • गंदे जल के निकास की नालियाँ व गटर ढके हुए हो.
  • आवासीय बस्तियों में जल के गड्डे नही होने चाहिए, क्योंकि इन स्थानों पर मच्छर पनपने की संभावना अधिक रहती है.
  • जल स्रोत साफ स्वच्छ होने चाहिए, कुएँ ढकें हो, जिनमें समय समय पर जीवाणुनाशक दवाइयाँ डाली जाती रहे.
  • हैण्डपंप, कुएँ व बावडियों आदि के आस-पास का स्थान स्वच्छ रखना चाहिए. इन स्रोतों में कपड़े व बर्तन धोना, स्वयं नहाना, जानवरों को नहलाना आदि कार्य नही करने चाहिए.
  • पानी की टंकियो की नियमित सफाई की जानी चाहिए.
  • बस्ती में वृक्षारोपण करना चाहिए.
  • मरे हुए जानवरों को जलस्रोत या बस्तियों से दूर उचित स्थान पर डालना चाहिए.
  • हर घर के बाहर या कुछ घरों के बिच कचरा पात्र रखे जाए.
  • समुदाय के लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करनी चाहिए.
  • लोगों को गंदगी से होने वाली बीमारियों व संक्रामक रोगों के बारे में जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे अपने आस-पास के क्षेत्र को साफ सुथरा रख सके.
  • भारत सरकार ने 15 अगस्त 2014 को स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत 2 अक्टूबर 2019 तक Swachh Bharat Abhiyan चलेगा.

स्वच्छता क्या है- स्वच्छ शब्द का अर्थ है अत्यंत साफ, विशुद्ध, उज्ज्वल व स्वस्थ. ता प्रत्यय जोड़ने पर भाववाचक स्वच्छता का आशय सब प्रकार से साफ़ सफाई निर्मलता एवं पवित्रता हैं.

मन ह्रदय, शरीर तथा वस्त्रों की घर बाहर, पानी, वायु, भूमि आदि की निर्मलता या सफाई रखना ही स्वच्छता हैं. स्वच्छता अच्छे स्वास्थ्य, अच्छे संस्कार एवं सुसभ्यता की निशानी हैं.

स्वच्छता के प्रकार- स्वच्छता के अनेक प्रकार हैं. जैसे मन और शरीर की स्वच्छता, घर आंगन की स्वच्छता, पेयजल और भूमि की स्वच्छता, वायुमंडल और पर्यावरण की स्वच्छता, ये सब स्वच्छता के भेद हैं.

महात्मा गांधी ने अपने पत्रों के माध्यम से स्वच्छता के महत्व पर सुंदर विचार व्यक्त किये थे. इसी आशय से हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान का शुभारम्भ किया हैं.

स्वच्छता के लाभ- स्वच्छता का सीधा सम्बन्ध हमारी सभ्यता एवं स्वास्थ्य से हैं. खान पान में स्वच्छता रखने से शरीर स्वस्थ रहता है.

घरों के आसपास, सडकों, नालियों, पोखरों, नदियों आदि में गंदगी न फैलने से सारा वातावरण स्वच्छ रहता हैं. फलस्वरूप मानव तथा अन्य प्राणियों की आयु एवं स्वास्थ्य का स्तर बढ़ जाता हैं.

स्वच्छता हमारा योगदान- हमें अपने देश को स्वच्छ बनाए रखने के लिए घर से लेकर सार्वजनिक स्थानों तक सर्वत्र स्वच्छ रखना चाहिए. खुले में शौच नहीं करना चाहिए, गंदगी नही फैलानी चाहिए.

पेयजल को स्वच्छ रखना चाहिए. परन्तु हमें स्वयं ऐसा नहीं करना चाहिए और दूसरों को भी ऐसा करने से रोकना चाहिए. इसमें परस्पर सहयोग एवं सहभागिता का प्रयास जरुरी हैं.

उपसंहार– स्वच्छता मानव सभ्यता का एक श्रेष्ठ संस्कार हैं. स्वच्छता से समस्त पर्यावरण को स्वच्छ रखने की चेतना बढ़ती हैं.

भारत में स्वच्छता अभियान एक अच्छी योजना हैं. सुनागरिक होने के नाते हमें स्वच्छता के प्रसार प्रचार में योगदान करना चाहिए.

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