बुलेट ट्रेन पर निबंध Essay on Bullet Train in Hindi

Essay on Bullet Train in Hindi आज हम बुलेट ट्रेन पर निबंध जानेगे. मानव ने लुढ़कते पत्थर को देखकर गाड़ी बनाने का विचार अपनाया, बैलगाड़ी धीरे धीरे यांत्रिक वाहनों को बनाते बनाते आज मानव जेट और बुलेट ट्रेन की संकल्पना  को सच  कर चुका हैं.

जापान अपनी बुलेट ट्रेन और   तेज गति की रेलगाड़ियों के लिए विख्यात है मगर  अब भारत  ने भी इस  दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं अहमदाबाद मुंबई बुलेट ट्रेन  इस मंजिल की पहली चढ़ाई हैं.

Essay on Bullet Train in Hindi बुलेट ट्रेन पर निबंध

बुलेट ट्रेन पर निबंध Essay on Bullet Train in Hindi

बुलेट ट्रेन क्या अर्थ है इसकी भारत में आवश्यकता महत्व विशेषताएं (Bullet Train Essay in Hindi)

भारत में रेलवे प्रणाली काफी प्राचीन और व्यवस्थित हैं. यही वजह हैं कि अधिकतर लोग लम्बी यात्राओं के लिए रेल में सफर करना ही पसंद करते हैं. मगर हम भारतीय रेलों की गति से परिचित हैं.

अधिकतर भारतीय सवारी गाड़ियाँ 50 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ही चलती हैं. जिसके कारण यात्रा में बहुत सारा समय व्यय हो जाता हैं. ऐसे में 200 किमी घंटे की अधिक रफ्तार से दौड़ने वाली बुलेट ट्रेन भारत के लिए बहुत उपयोगी हो सकती हैं.

भारत में बुलेट ट्रेन की आज महत्ती आवश्यकता महसूस की जा रही हैं. यदि यह जल्द ही सम्भव हो पाता हैं लोगों का कीमती समय नष्ट होने से बच जाएगा. हवाई यात्रा की गति से अब कम खर्च में बुलेट ट्रेन में सफर किया जा सकेगा. अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलने वाली पहली भारतीय बुलेट ट्रेन ने देश को लोगों में नई आश जगाई हैं.

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भारत की रेल प्रणाली में सुधार तथा यात्रियों की सुविधा की दृष्टि से बुलेट ट्रेन के अध्याय को मील का पत्थर माना जाता हैं. तेज गति से वायु से बाते करने के कारण इस विशेष रेलगाड़ी को बुलेट का नाम दिया गया हैं. जो गोली की भांति तीव्र गति से पटरी पर भागती हैं.

वर्ष 2014 के आम चुनाव से भारत में बुलेट ट्रेन की चर्चाएँ चली आ रही हैं. स्वतंत्र भारत के 70 वर्षों के बाद नरेंद्र मोदी ने भारत के लोगों में एक नई आशा जगाई, जिन्हें 2018 आते आते पूरा भी कर लिया जब मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन का सफल ट्रायल किया गया.

भारत के तत्कालीन रेल मंत्री डॉ. वी सदानन्द गौडा ने 8 जुलाई, 2014 के बजट में मुंबई अहमदाबाद बुलेट को वर्ष 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था.

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में घोषणा करते हुए कहा कि भारत अपने आजादी के 75 वें साल पर देशवासियों को बुलेट ट्रेन का तोफहा देने जा रहा हैं. योजना को 2024 में पूर्ण होना था मगर इसे तेज गति से आगे बढ़ाते हुए 2022 में ही देश को समर्पित कर दिया जाएगा.

भारत के सपनो की इस ट्रेन की गति 300 किमी प्रति घंटा हैं. यह मुंबई से अहमदाबाद के बीच के सफर को 3 घंटों में पूरा कर लेगी. जिसके लिए आम बजट में सौ करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया हैं.

इस प्रोजेक्ट के पूर्ण होने पर देश के अन्य शहरों दिल्ली-आगरा, दिल्ली-चण्डीगढ़, दिल्ली-कानपुरा, मुम्बई-गोवा, मुम्बई-अहमदाबाद, चेन्नई-हैदराबाद, नागपुर, सिकन्द राबाद नागपुर-बिलासपुर और मैसूर-बंगलुरु चेन्नई में भी बुलेट ट्रेन सेवा को शुरू किया जाना प्रस्तावित हैं.

जापान और फ्रांस जैसे विकसित देशों की मदद से भारत के रेल तंत्र में एक नया अध्याय कुछ आगामी वर्षों में जुड़ जाएगा, मगर भारतीय रेल प्रणाली उतनी विकसित नहीं हैं जितनी अनेक देशों की हैं. इसके निर्माण, रखरखाव का बहुत बड़ा भार देश की अल्प विकसित अर्थव्यवस्था पर क्या असर रहेगा.

भारत जैसे देश में जहाँ राजधानी, शताब्दी जैसे तेज गति से दौड़ने वाली गाड़ियों में सफर करने से पहले नागरिकों को कई बार सोचना पड़ता हैं.

फिर बुलेट के महंगे सफर को भारत की आबादी किस तरह कर पाएगी, यह परियोजना क्या भारत के लोगों के लिए फायदेमंद होगी या फिर सफर बस एक सपना भर रह जाएगा, यह तो आने वाला भविष्य ही बता पाएगा.

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