बस स्टॉप के दृश्य पर निबंध – Essay On Bus Stand In Hindi

बस स्टॉप के दृश्य पर निबंध – Essay On Bus Stand In Hindi: आपका स्वागत हैं मित्रो आज का निबंध हम बस स्थानक पर (bus stand in hindi) आपकों बताने जा रहे हैं.

कई बार स्कूल में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स को एक शब्द सीमा में बस स्टॉप पर एक घंटा निबंध, बस स्टेंड पर निबंध bus stand Essay आदि लिखने को कहा जाए तो आप हमारे इस निबंध का उपयोग कर सकते हैं.

Essay On Bus Stand In Hindi

essay on bus stop in hindi, बस व बस स्टैंड

यातायात के साधनों का हमारे जीवन में बहुत महत्व हैं. इनसे ही आवागमन होता हैं. सड़क मार्ग से यात्री परिवहन बसों के द्वारा संचालित होता हैं. बस स्टैंड वह स्थान है जहाँ से बसों द्वारा यातायात हेतु आवागमन किया जाता हैं.

बस स्टैंड पर बसें यात्रियों को अन्य स्थानों से लेकर आती हैं तथा उन्हें गन्तव्य स्थानों तक ले जाती हैं. अतः बस स्टैंड सड़क यातायात का मुख्य घटक हैं.

प्रत्येक बस स्टैंड पर बड़ी संख्या में यात्रियों का आवागमन होता हैं, अतः वहां पर्याप्त यात्री सुविधाओं का होना आवश्यक है, यात्री सुविधाओं में शौचालय, आवास व्यवस्था, विश्राम स्थल व खानपान की सुविधाएं शामिल हैं.

बस स्टैंड साफ सुथरे होने चाहिए. बस स्टैंड को स्वच्छ रखने में न केवल सरकार बल्कि समाज का भी पर्याप्त सहयोग आवश्यक हैं. यहाँ रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था आवश्यकता हैं.

यात्रियों का सामान रखने के लिए लॉकरूम की व्यवस्था एवं टेलीफोन की सुविधा व अन्य सम्पर्क सुविधाएं भी होनी चाहिए. यात्रियों द्वारा बस स्टैंड पर समय गुजारने के लिए पत्र पत्रिकाओं की स्टाल आदि की सुगम व्यवस्था की जानी चाहिए, यात्रियों को सस्ती दरों पर टैक्सी आदि की व्यवस्था सुलभ की जानी चाहिए.

प्रत्येक बस स्टैंड पर बसों के आवागमन को समय सारणी व किराया सूची लगी होनी चाहिए. साथ ही रेल्वे की समय सारणी भी प्रदर्शित की जानी चाहिए. बसों के रखरखाव हेतु वर्क शॉप होने भी आवश्यक हैं.

बस स्टैंड पर प्रत्येक गन्तव्य पर जाने वाली बसों के खड़े होने के स्थान निर्धारित होने चाहिए तथा वहां उन स्थानों के नाम की पट्टिका लगी होनी चाहिए ताकि यात्रियों को असुविधा न हो.

टिकट वितरण हेतु यात्रियों के आवागमन की मात्रा के अनुसार समुचित टिकट काउन्टर होने चाहिए. जलपान गृह एवं शीतल जल की व्यवस्था भी होनी चाहिए. यात्रियों को इन्तजार करने हेतु बैठने की समुचित व्यवस्था हो तथा रोशनी पंखे आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाए.

Essay On Bus Stand In Hindi In 500 words

आज हमारे शहरों, नगरों में परिवहन की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं. मेट्रो, ओला, बस, ट्रेन, रिक्शे हर जगह मिल जाएगे. फिर भी एक शहर से दुसरे शहर जाने के लिए बस की यात्रा आज भी अधिकतर लोग पसंद करते हैं.

एक तरफ बस यात्रा से किराया कम आता हैं तो बैठने की अच्छी व्यवस्था मध्यम दूरी की यात्रा को सुगम बना देती हैं. मैंने रिक्शे को हाथ दिखाया और उन्हें बस स्टॉप तक चलने को कहा.

यह वर्षा ऋतू का मौसम था, जगह जगह सड़क के बीचो बिच जलाशय बन गये थे. तैसे वैसे हम बस स्टॉप पहुंचे. वहां जाने पर पाया कि बसें काफी देरी से चल रही हैं. स्टॉप पर ही कुछ बसें खराब हो गई.

किस्मत अच्छी थी, 15 मिनट बाद से हमारे शहर को जाने वाली बस बिलकुल सही एवं तैयार थी. हमने स्टॉप के टिकट खिड़की से यात्रा टिकट लिया और बस में बैठकर उसकी रवानगी की राह देखने लगे. कोलाहल और इसे और अधिक फेरी वाले कर देते है जब वे चाय बिस्किट पानी की बोतल लिए सिर चढ़कर बोलने लगते हैं.

थोड़ी ही देर में ड्राईवर और कन्डक्टर महाशय आए. उन्होंने विसल बजाई और बस चल दी. 50 सीटों की बस में 80 लोग सवार थे, इतनी भीड़ की वजह यह भी थी, कि पिछली बस एक घंटे बाद आनी थी.

कन्डकटर महाशय आगे खड़े यात्रियों पर चिल्लाते हुए उन्हें पीछे की ओर खड़ा होने के लिए कहते हैं. कभी कभार यात्रियों एवं महाशय में थोड़ी नोक झोक भी प्रायः देखने को मिल ही जाती हैं.

निश्चय ही मेरा पहला बस स्टॉप का अनुभव किसी तरह अच्छी अनुभूति देने वाला नहीं रहा था, जिसके चलते मैं बस यात्रा बिलकुल भी पसंद नहीं करता. मगर कई बार आर्थिक मजबूरियों के चलते हमें पुनः बस का सहारा लेने के लिए बस स्टॉप ही चलना पड़ता हैं.

बस स्टॉप की कुछ अच्छी बातें भी हैं जो हमारी यात्रा में थोड़ी राहत देती हैं जैसे शहर के किसी कोने से आसानी से रिक्शा मिल जाना, खाने पीने की सामग्री मिल जाना, सार्वजनिक शौचालय व पीने के पानी का उपलब्ध होना अच्छी बातें हैं.

दूसरी तरफ बहुत सी चीजे बस स्टॉप के नजारे को हमारे जेहन में एक गलत छवि बनवाते हैं. स्टॉप पर पसरी गंदगी, शोरगुल, बस में अथवा टिकट खिड़की पर धक्का मुक्की, सीट के लिए यात्रियों की बहस अथवा बस कंडक्टर की बकवास सुननी पडती हैं.

शहर के सबसे व्यस्त स्थानों में बस स्टॉप भी हैं. जहाँ लोग आते जाते ही मिलेगे. सिर पर सामान लादे अथवा रिक्शे से माल की बसों में आवाजाही के लिए ड्राप करने वाले बाइकर्स. भिन्न भिन्न समुदाय एवं संस्कृति के लोग स्टॉप पर बस का इंतजार करते नजर आते हैं.

बस स्टॉप के दृश्य पर निबंध 700 शब्दों में

बस स्टॉप पर हमेशा यात्रियों की भीड़ लगी हुई होती है। यहां पर खड़े रहने वाले हर यात्री किसी न किसी बस पर चढ़ने के लिए ही रुके होते हैं। बस स्टॉप पर जब बस आकर खड़ी होती है तब बस में से कई यात्री नीचे उतरते हैं जिससे बस में सीट खाली हो जाती है,

वहीं कई यात्री आगे तक जाने के लिए बस में सवार होते हैं और खाली सीट पर बैठ जाते हैं। जिन यात्रियों को सीट नहीं मिल पाती है वह खड़े-खड़े ही बस में यात्रा करते हैं।

बस स्टॉप पर खड़ा हुआ हर व्यक्ति अपनी बस आने की प्रतीक्षा करता रहता है और बार-बार वह अपने घड़ी में टाइम भी देखता रहता है। जिन लोगों के पास घड़ी नहीं होती है वह लोग अपने मोबाइल में बस आने का समय देखते रहते हैं।

जिन लोगों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने में लेट होने लगती है वह लोग और भी उत्सुकता के साथ बस आने का इंतजार करने लगते हैं और अगल-बगल खड़े हुए लोगों से भी बस के आने का समय पूछने लगते है।

बस स्टॉप पर अक्सर यह दृश्य दिखाई देते हैं कि बस में बैठने हेतु सीट पाने के लिए यात्री लोग एक दूसरे के साथ धक्का-मुक्की करते हैं और एक दूसरे से पहले ही बस में चढ़ने का प्रयास करते हैं। बस में चढ़ने के बाद जिस व्यक्ति को खिड़की वाली सीट मिल जाती है वह सबसे ज्यादा प्रसन्न होता है।

क्योंकि खिड़की वाली सीट मिलने के बाद उसे बस चलने के दरमियान बाहर के नजारे देखने का मौका मिलता है साथ ही अगर कोई व्यक्ति गुटखा अथवा पान खाने वाला होता है तो उसे थूकने में भी सहायता प्राप्त होती है।

जिस व्यक्ति को खिड़की वाली सीट नहीं प्राप्त होती है वह इसी इंतजार में रहता है कि कब कोई यात्री बस से नीचे उतरे और वह उसकी खिड़की वाली सीट पर जा करके बैठ जाए और वह भी बाहर के नजारों का आनंद ले सके।

कई बार बस स्टॉप पर बस का टिकट लेने के लिए लंबी लाइन लग जाती है जिसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानी होती है परंतु अपने गंतव्य तक जाने के लिए उन्हें टिकट लेना जरूरी होता है।

बिना टिकट की यात्रा करने पर बस के कंडक्टर के द्वारा यात्री की बेज्जती भी की जाती है साथ ही उसे बस से उतार भी दिया जाता है। टिकट की लाइन में खड़े हुए यात्री इसी सोच में रहते हैं कि कब उन्हें टिकट प्राप्त हो और कब वह बस पर बैठकर अपने गंतव्य तक पहुंच जाएं।

बस स्टॉप पर बस आने के पश्चात कंडक्टर बस में से नीचे उतर जाता है और दूसरी तरफ से बस का इंतजार करने वाले यात्री तुरंत ही बस में चढ़ना प्रारंभ कर देते हैं और जो खाली सीट होती है वहां पर जा करके बैठ जाते हैं।

बस स्टॉप के आसपास अक्सर कई भिखारी भी होते हैं जो यात्रियों से भीख मांगने का काम करते हैं जिनमें से कुछ यात्री तरस खाकर के भिखारियों को भीख दे देते हैं परंतु कुछ यात्री भिखारियों को भीख नहीं देते हैं।

बस स्टॉप के पास रिक्शावाले भी होते हैं जो बस में से उतरने वाले यात्रियों से यह पूछते हैं कि उन्हें कहां पर जाना है और यात्री अगर राजी होता है तो रिक्शा वाले उन्हें अपनी रिक्शा पर बैठा करके उनकी मंजिल तक छोड़ आते हैं और बदले में भाड़ा प्राप्त करते हैं।

बस स्टॉप पर अधिकतर बसा आकर के इकट्ठा होती हैं और फिर अलग-अलग दिशा में चली जाती है। हर बस के आगे यह लिखा हुआ होता है कि वह बस कौन से रूट से होकर गुजरेगी ताकि व्यक्ति अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए आसानी से बस की पहचान कर सकें।

बस स्टॉप पर एक पूछताछ खिड़की भी होती है जहां पर जाकर के व्यक्ति बसों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है। कई बार बस छूट जाने के पश्चात यात्री परेशान हो जाते हैं, ऐसी अवस्था में अब कई बस स्टॉप पर यात्रियों के रुकने की व्यवस्था भी की गई है जिससे बस यात्रियों को काफी आराम भी हासिल हो रहा है।

बस स्टॉप पर विभिन्न व्यक्ति अलग-अलग प्रकार के सामान बेचते हुए भी दिखाई देते हैं। कोई व्यक्ति पानी की बोतल बेचने का काम करता है तो कोई चाट बेचने का काम करता है तो कोई पर्स बेचने का काम करता है।

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