ईमेल पर निबंध अर्थ विशेषता लाभ हानि Essay On Email In Hindi

Essay On Email In Hindi ईमेल पर निबंध अर्थ विशेषता लाभ हानि:  ईमेल से हम सभी परिचित हैं. नि शुल्क संदेश पहुचाने के क्रांति लाने का श्रेय इमेल को ही हैं.

इसके लाभ हानि के इस ईमेल निबंध में हम जानेगे कि ईमेल का आविष्कार किसने किया तथा अर्थ व परिभाषा को आज हम विस्तार से जानेगे.

ईमेल पर निबंध अर्थ विशेषता लाभ हानि Essay On Email In Hindi

ईमेल पर निबंध अर्थ विशेषता लाभ हानि Essay On Email In Hindi

ई-मेल में ई का पूर्ण रूप है इलेक्ट्रॉनिक एवं मेल का अर्थ होता हैं डाक.  इस तरह ई मेल का तात्पर्य इलेक्ट्रॉनिक डाक.

परिभाषित रूप से कहें तो ईमेल संदेश भेजने का ऐसा इलेक्ट्रॉनिक तरीका है, जिसके माध्यम से न सिर्फ संदेशों को बल्कि कुछ डिजिटल दस्तावेजों को भी इसके साथ संलग्न कर सुरक्षित रखा जा सकता है

एवं किसी अन्य ई मेल पते पर भेजा जा सकता हैं. पहले ई मेल के माध्यम से दस्तावेजों एवं छवियो का आदान प्रदान ही किया जाता था.

अब ऑनलाइन बातचीत का प्रयोग भी लगातार बढ़ रहा है और चैटिंग के माध्यम से हम किसी भी मुद्दे पर बहस कर सकते हैं.

इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग के साथ ईमेल के प्रचलन में भी वृद्धि हुई हैं. यह भी कहा जा सकता हैं कि ई मेल के प्रचलन ने इंटरनेट के प्रयोग को बढ़ावा दिया हैं, ई मेल आज दुनिया भर में सर्वाधिक लोकप्रिय संचार साधन का रूप ले चुका हैं.

ई-मेल की लोकप्रियता एवं इसके बढ़ते प्रयोग का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि पहले लोग व्यक्ति के घर या ऑफिस का पता पूछते थे, अब उनके ई-मेल का पता पूछते हैं.

वैसे तो ई-मेल के विकास एवं इसके आधुनिक रूप प्रदान करने में कई वैज्ञानिकों का योगदान रहा हैं, किन्तु ई-मेल की शुरुआत करने के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका  के कंप्यूटर वैज्ञानिक रे टॉमलिंसन को ई-मेल का जनक कहा जाता हैं.

उन्होंने  सर्व प्रथम वर्ष १९७२ ई में सिम्पल मेप ट्रांसफर प्रोटोकॉल तकनीक का प्रयोग कर दूसरे कंप्यूटर तक इलेक्ट्रॉनिक मेल प्रेषित करने में सफलता प्राप्त की थी. इसके बाद सामान्य प्रयोक्ताओं के लिए भी ई-मेल सेवा की शुरुआत हुई.

ईमेल पता के तीन घटक होते हैं- यूजरनेम, प्रतीक @ डोमेन नेम. उदहारण के तौर पर [email protected] में hihindi यूजरनेम एवं gmail.com डोमेन नेम हैं.

जिसके बिच में @ का प्रतीक हैं. यूजरनेम से इस बात का पता चलता हैं कि संदेश भेजने वाला कौन है या किसके पास संदेश जाना हैं एवं डोमेन नेम ईमेल सेवा प्रदान करने वाले डोमेन का सूचक होता हैं.

ई मेल के आविष्कार के बाद से अब तक इस तकनीक में काफी प्रगति हुई हैं. इसके माध्यम से अब डिजिटल दस्तावेजों एवं चित्रों या विडियो को भी संलग्न कर भेजा जा सकता हैं.

जीमेल, हॉटमेल, याहूमेल इत्यादि ई मेल सेवा प्रदाताओं के नाम हैं. किसी भी ईमेल सेवा प्रदाता के मेल वाले वेबसाइट पर साइन अप कर नये ई मेल पते का निर्माण किया जा सकता हैं.

कुछ सीमा तक यह सेवा बिलकुल निशुल्क हैं. ई मेल पते का निर्माण करने के बाद व्यक्ति को उस पते पर संदेश भेजने एवं उसे सुरक्षित रखने के लिए कुछ स्थान प्रदान किया जाता हैं.

ईमेल के कई लाभ हैं. इसका प्रयोग करना अत्यधिक सरल होता हैं. इसके माध्यम से हर रोज काफी संख्या में दस्तावेजों को व्यवस्थित कर प्रयोग में लाया एवं उन्हें सुरक्षित रखा जा सकता हैं.

ई मेल के माध्यम से भेजे गये संदेश सुरक्षित तो रहते ही हैं, साथ में भेजे गये समय एवं दिनाकं को भी इसमें सुरक्षित रखा जा सकता हैं. जो बाद में बहुत उपयोगी साबित होता हैं. ईमेल पता इंटरनेट पर व्यक्ति की पहचान के रूप में भी कार्य करता हैं.

इंटरनेट की कई वेबसाइट पर पंजीकरण करवाने में ई पते की आवश्यकता पडती हैं. ई मेल से होने वाला एक बड़ा लाभ इसकी गति हैं. इसके माध्यम से तीव्र गति से पृथ्वी के किसी भी कोने में संदेशों को भेजा जा सकता हैं.

ई मेल के माध्यम से प्राप्त संदेशों को व्यवस्थित करना भी आसान होता हैं. आवश्यकता हो तो उसे पढ़िये अन्यथा मिटा दीजिए.

ई मेल के माध्यम से संचार करना सुरक्षित एवं विश्वसनीय होता हैं. किसी विशेष व्यक्ति के ई मेल पते पर भेजे गये संदेश के खोने का भी खतरा नहीं रहता हैं.

ई मेल प्राप्त होने की स्थिति में उसी सन्दर्भ के साथ उसका जवाब देने का भी विकल्प प्रयोग कर्ता के पास रहता हैं. प्राप्त मेल को प्रिंटर के माध्यम से प्रिंट भी किया जा सकता हैं.

पर्यावरण के दृष्टिकोण से देखा जाए तो संचार के लिए पारस्परिक डाक सेवा के बदले ई मेल का प्रयोग करने से कागज की बचत होती हैं. पेड़ों की कटाई पर नियंत्रण के लिए कागज के प्रयोग को कम करने की आवश्यकता हैं.

पारम्परिक डाक से प्राप्त कागजी दस्तावेजों की तुलना में ई मेल के दस्तावेजों को संभालना अत्यंत आसान होता हैं. ई मेल कई विज्ञापन कम्पनियों के लिए वरदान साबित हुआ हैं. इसके माध्यम से विज्ञापन करना भी आसान हो गया हैं. इसका प्रयोग अब व्यवसायों में खूब होने लगा हैं.

ई मेल से यदि कई प्रकार के लाभ है तो इससे नुकसान होने की सम्भावना भी बनी रहती हैं. यदि किसी ई मेल का पासवर्ड किसी अन्य व्यक्ति को पता चल जाए तो इसका दुरूपयोग कर सकता हैं.

इसलिए ई मेल की सुविधा का प्रयोग करने वाले व्यक्ति को इस सन्दर्भ में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता पड़ती हैं. इसके अतिरिक्त ईमेल पते को हैक किये जाने का भी खतरा बना रहता हैं. हैकिंग से बचने के लिए समय समय पर पासवर्ड परिवर्तित करने की आवश्यकता पडती हैं.

ईमेल के माध्यम से कंप्यूटर वायरसों के हमले की संभावना बनी रहती हैं. अब तक दुनियां में जितने भी कंप्यूटर वायरसों का हमला हुआ, उनके प्रसार में ईमेल की भूमिका मुख्य ही थी.

एंटी वायरस सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर कंप्यूटर वायरसों से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता हैं ईमेल पर आने वाले स्पैम मेल भी ईमेल से होने वाली परेशानियों का एक कारण हैंईमेल की सबसे बड़ी खामी यह हैं कि इसके माध्यम से एक बार में एक निश्चित सीमा तक ही दस्तावेजों एवं डिजिटल सामग्रियों को संप्रेषित किया जा सकता हैं.

ईमेल की एक यह भी कमी हैं कि ई मेल से प्राप्त दस्तावेजों को कानूनी तौर [पर प्रमाणिक नहीं माना जाता. इसलिए अब तक कानूनी दस्तावेजों को पारम्परिक डाक से ही भेजा जाता हैं.

संचार के सभी माध्यमों एवं सुविधाओं का समाज पर व्यापक प्रभाव होता हैं. नई तकनीक के प्रचलन से कई प्रकार की सुविधाएं प्राप्त होती हैं.तो इससे कुछ नुकसान होने की संभावनाएं भी बनी रहती हैं. ठीक यही बात ईमेल के साथ भी हैं.

यदि सावधानी से इसका प्रयोग किया जाए तो निश्चित रूप से निश्चित रूप से इससे होने वाले नुकसान से बचा जा सकता हैं.

एंटी वायरस सॉफ्टवेयर का प्रयोग, समय समय पर इनबॉक्स की जांच, स्पैम को मिटाते रहना, समय समय पर पासवर्ड को बदलना एवं अवांछित ईमेल से बचने जैसे उपायों से ईमेल से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता हैं.

ई-मेल की सुविधा मनुष्य के लिए विज्ञान का वरदान साबित हुई हैं. इसके माध्यम से न केवल विभिन्न प्रकार की सूचनाओं तक मनुष्य की पहुच हुई हैं. बल्कि उसे प्राप्त करना करना भी उनके लिए आसान हो गया हैं.

पहले ईमेल प्राप्त करने के लिए इंटरनेट के कनेक्शन एवं कंप्यूटर की आवश्यकता पड़ती थी. अब ऐसी सुविधा प्रदान करने वाले मोबाइलों का भी निर्माण होने लगा हैं. संचार क्रांति में इंटरनेट एवं ईमेल की मुख्य भूमिका हैं.

ई-मेल पर निबंध Essay on E-Mail In Hindi

इलेक्ट्रानिक मेल (Email) एक से दूसरे प्रयोक्ता को इंटरनेट/कंप्यूटर नेटवर्क द्वारा प्रेषित एक इलेक्ट्रानिक संदेश है. Email टेक्स्ट की लाइनों से मिलकर बना एक टेक्स्ट आधारित मेल है

और इसमें फाइल अटैचमेंट भी शामिल किये जा सकते है. इन अटैचमेंट में डोक्युमेंट, स्प्रेडशीट, ऑडियो फाइल, विडियो फाइल आदि हो सकते है. ईमेल की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित है.

  1. Email एक ही समय में एक या एक से अधिक व्यक्तियों के लिए भेजा जा सकता है.
  2. ईमेल प्राप्तकर्ता अपनी सुविधानुसार इमेल खाता खोल सकते है.
  3. संदेशों को इंटरनेट पर इलेक्ट्रानिक रूप से प्रेषित किया जा सकता है. यह लोगों के साथ संवाद करने के लिए तेज तरीका है. व्यक्ति उसी कार्यालय, घर, भवन या दुनिया में कही भी स्थित हो सकते है.
  4. Email संदेश किसी भी समय भेजे या प्राप्त किये जा सकते है और प्रारूपित तौर पर इन्हें एक नेटवर्क (कार्यालय नेटवर्क या इन्टरनेट पर अधिक सम्भावना है)
  5. यदि चाहे तो प्रेषक Email की एक प्रति भेजकर इसे बाद में संदर्भ के रूप में कंप्यूटर ईमेल अकाउंट के रिकॉर्ड में सेव कर सकते है.
  6. इसके अलावा संदेश भेजने के लिए एक अटैचमेंट के रूप में डोक्युमेंट भेजने के लिए Email एक आदर्श माध्यम है.

Email और डाक सेवा में समानताएं

  • एक डाक का पत्र एक डाक के पते पर भेज दिया जाता है, एक Email एक ईमेल पते पर भेज दिया जाता है. यह बहुत संक्षिप्त होता है.
  • डाक के पत्र के मामले के समान इमेल का प्रेषक भी संदेश लिखता हाउ और पाने वाले के Email पते पर भेजता है.
  • डाक का पत्र सामान्य तौर पर घर के बाहर लैटर बॉक्स में डाकिया डाल देता है. इसी प्रकार ईमेल भी इसे पाने वाले व्यक्ति के एप्लीकेशन के इनबॉक्स में डाल देता है.
  • डाक का पत्र प्रेषक के डाक खाने से डाक की बस/ रेल/ वायु मार्ग डाकिये के माध्यम से भेजा जाता है, जबकि ईमेल संदेश इंटरनेट और कंप्यूटर नेटवर्क पर इलेक्ट्रानिक मार्ग से चलता है.
  • Email पाने वाला व्यक्ति इसे पढ़ सकता है. किसी अन्य व्यक्ति को फॉरवर्ड कर सकता है या इसका उत्तर दे सकता है. पाने वाला व्यक्ति Email को स्टोर अथवा डिलीट कर सकता है.

Email पता क्या होता है ? (email address ka matlab)

एक ईमेल उपयोग करने के लिए प्रयोक्ता के पास ईमेल पता होना चाहिए. ईमेल पते से दुनिया के किसी भी स्थान पर संदेश भेजने या प्राप्त करने के सभी आवश्यक विवरण होते है. एक ईमेल पते में दो भाग होते है. जिसके बिच @ का संकेत होता है.

जिसका अर्थ है एट, इसके पहले भाग में प्रयोक्ता का नाम और दूसरा भाग मेजबान कंप्यूटर का नाम होता है. Email पता इस प्रकार होता है.

Email सेवाओं के प्रकार

ईमेल सेवाएं दो प्रकार की होती है.

  • एप्लीकेशन आधारित Email प्रयोक्ता के कंप्यूटर पर डाला जाता है. इस मेल को प्रयोक्ता के कंप्यूटर पर स्टोर किया जाता है. (साथ ही केन्द्रीय सर्वर पर, जो प्रारूपित तौर पर विशिष्ट संगठन होता है) एप्लीकेशन आधारित ईमेल प्रोग्राम के कुछ उदहारण इस प्रकार है.

माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक, मोजिला थंडरबर्ड, ओपरा, फोक्समेल आदि.

प्रयोक्ता के पास या तो एक इन्टरनेट प्रदाता (ISP) या इंटरनेट पर मुफ्त Email सेवा प्रदाता में से किसी के जरिये एक ईमेल अकाउंट होना चाहिए.

  • वेब आधारित ईमेल को प्रयोक्ता दुनिया में किसी भी स्थान से किसी कंप्यूटर से देख सकते है. वेब आधारित ईमेल प्रयोक्ता पर कंप्यूटर पर स्टोर नही होता है. वेब आधारित ईमेल की कई सेवाएं उपलब्ध है. जैसे gmail.com, outLOOK.com, yahoo.com आदि.

Email संदेश का फोर्मेट

ईमेल संदेश किसी भी ईमेल सॉफ्टवेयर में फोर्मेट किया जा सकता है. चाहे एप्लीकेशन आधारित या वेब आधारित इनमें कई सामान्य बाते होती है. प्रयोक्ता के कंप्यूटर स्क्रीन पर इनकी व्यवस्था अलग अलग हो सकती है. या अलग दिख सकती है, किन्तु इसमें प्रत्येक बात का प्रयोजन एक समान है.

  • TO– प्रेषक का Email पता.
  • FROM- प्राप्तकर्ता का ईमेल पता
  • DATE- ईमेल कब भेजा गया.
  • SUBJECT- मैसेज का विषय
  • CC- अन्य व्यक्तियों के पास मेल पते, जिन्हें ईमेल की प्रति भेजी गई है. ईमेल पाने वाले लोग उन सभी के ईमेल पते देख सकते है. जिनकी प्रति भेजी गई है. (cc का पूरा नाम कार्बन कॉपी है.)
  • BCC– अन्य व्यक्तियों के ईमेल पते जिन्हें कार्बन कॉपी भेजी गई थी. इसमें संदेश पाने वाले उन लोगों के ईमेल पते नही देख सकते है, कि इसकी BCC की प्रति भेजी गई है.

यह भी पढ़े-

आशा करता हूँ दोस्तों Essay On Email In Hindi का यह निबंध आपकों पसंद आया होगा. ईमेल पर निबंध Essay on Email में हमने ईमेल क्या है इसके बारे में बेसिक जानकारी उपलब्ध करवाई हैं.

निबंध कैसा लगा कमेंट कर अपनी राय जरुर बताएं यदि आपकों यहाँ दी गई जानकारी पसंद आई हो तो प्लीज अपने दोस्तों  के साथ भी इसे शेयर करे.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *