भारतीय नौसेना निबंध 2023 | Essay on Indian Navy in Hindi

Essay on Indian Navy in Hindi नमस्कार दोस्तों आज इंडियन नेवी डे है यहाँ भारतीय नौसेना पर निबंध बता रहे हैं. देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए नौसेना अथवा जल सेना अपना कार्य करती हैं.

देश के जल क्षेत्र एवं तटीय क्षेत्रों पर बाहरी सुरक्षा का दायित्व नेवी पर होता हैं. आज के नौसेना निबंध, नौ सेना दिवस निबंध, भाषण, स्पीच, अनुच्छेद, लेख में भारतीय जल सेना के इतिहास, पराक्रम आदि के बारें में विस्तार से जानेंगे.

Essay on Indian Navy in Hindi

Essay on Indian Navy in Hindi

यहाँ स्टूडेंट्स के लिए सरल भाषा में भारतीय नौ सेना पर निबंध भाषण स्पीच दिया गया हैं. हम उम्मीद करते हैं यह आपकों पसंद आएगा.

भारतीय नौसेना निबंध

जब भी भारतीय नौसेना का नाम लिया जाता हैं तो दुश्मन में सिहरन उत्पन्न हो जाया करती हैं. अपने इतिहास के उदाहरणों से इसनें न केवल भारत के गौरव को बढ़ाया हैं. बल्कि जन जन में सुरक्षा व विश्वास के भाव को जन्म दिया हैं.

4 दिसम्बर को हर साल इंडियन नेवी डे अर्थात भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता हैं. यह नेवी के स्वर्णिम इतिहास की महत्वपूर्ण तिथि थी. जब बांग्लादेश निर्माण युद्ध 1971 में भारतीय नौसेना ने 4 दिसम्बर के दिन ओपरेशन ट्राईडेंट आरम्भ किया था.

इस सैन्य अभियान ने पाकिस्तान के कराची शहर के नौसेना ठिकानों एवं सैन्य सामग्री को ध्वस्त कर युद्ध को निर्णायक भूमिका में ला दिया था. 3 दिसम्बर की रात पाकिस्तानी वायुसेना ने भारत के कई एयरपोर्ट पर बमबारी की, पाकिस्तान के इस कृत्य पर जवाबी कार्यवाही का बीड़ा भारतीय नौसेना ने उठाया.

4 दिसम्बर की रात को यह अभियान चलाया गया. पाकिस्तानी नेवी के पास उस समय रात में समुद्री जंग लड़ने का कोई हथियार नहीं था. अतः नौ सेना ने कराची मुख्यालय को अपना केंद्र चुना.

एक मिसाइल नाव तथा दो युद्ध पोत की एक टुकड़ी ने कराची पोत पर धावा बोला, पहला आक्रमण एंटी शिप मिसाईल दागकर किया जिसमें पाकिस्तानी नेवी के अधिकतर जहाज और ऑयल के टैंकर तबाह हो गये थे.

कराची हार्बल ऑयल भंडार पर किया गया आक्रमण इतना प्रबल था कि पाकिस्तानी नौसेना ने हार स्वीकार कर ली. 50 किमी दूरी से यहाँ खड़े ऑयल टैंकरों में लगी आग के गुब्बार को देखा जा सकता हैं. अगले सात दिनों तक यह ऑयल डिपो यू ही जलता रहा.

भारतीय नौसेना का इतिहास (History of Indian Navy)

भारत की समुद्री सेना तटीय सुरक्षा व व्यापार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. अपने 400 वर्षों के गौरवशाली इतिहास के साथ नौसेना भारतीय संस्कृति की रक्षक भी हैं. 67 हजार सशस्त्र सैनिक बल, आईएन एस विक्रांत जैसे युद्ध पोतों मिसाइलों से लेस यह विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी नौ सेना हैं.

हाल ही के वर्षों में नौसेना का तेजी से आधुनिकरण हुआ है. कई  आधुनिक हथियारों, तकनीक, युद्ध पोत के बेड़े नेवी में सम्मिलित किये. अपने अथक प्रयासों से नैसेना भारत को सुपर पॉवर बनाने में अपनी भूमिकाओं का निर्वहन कर रही हैं.

तीनों भारतीय सेनाओं का अध्यक्ष राष्ट्रपति होता हैं. नैसेना के प्रमुख अथवा अध्यक्ष को एडमिरल कहा जाता हैं. वर्तमान में कर्मवीर सिंह इस पद पर हैं. नौ सेना का आदर्श वाक्य शं नो वरुणः हैं. प्रथम बार भारतीय नेवी की स्थापना 1613 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा इंडियन मेरिन के रूप में की गई.

वर्ष 1658 में इसका नाम बदलकर बम्बई मेरिन कर दिया. 1934 में पारित भारतीय नौसेना अनुशासन अधिनियम के तहत इसका नाम रॉयल इंडियन नेवी रखा गया. उस समत तक नौ सैनिकों की संख्या मात्र दो हजार थी. दूसरे विश्व युद्ध के समय इसे बढ़ाकर तीस हजार तक कर दिया.

भारतीय नौसेना विद्रोह (Indian Naval Rebellion)

भारत की स्वतंत्रता के प्रयासों में भारतीय नौसेना के प्रयास भी सराहनीय रहे हैं. पता नहीं क्यों आज भी देश जलसेना के साहसिक कदम से अपरिचित हैं. अमूमन लोगों को नो सेना के विद्रोह के सम्बन्ध में जानकारी नहीं हैं.

वर्ष 1942 से 1946 के इन चार वर्षों के दौरान नौ सेना के विद्रोह ने ब्रिटिश सरकार के नाक के दम कर दिया था. अंत में उन्हें हार मानकर भारत से जाना पड़ा था.

रॉयल नेवी में मुंबई में खाने तथा नस्लीय भेद को लेकर शुरू हुई हड़ताल ने एक विद्रोह का स्वरूप ले लिया. 18 फरवरी 1946 को शुरू हुई विद्रोह की चिंगारी कराची, कोलकाता के सभी समुद्री नाविकों तक पहुँच गई.

इस विद्रोह में 200 ठिकानों के 20 हजार नाविकों ने 78 जलयानों के साथ भाग लिया था. विद्रोह का प्रस्फुटन आई एन एस तलवार जलपोत से शुरू हुआ था.

नौसेना दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? When and Why Indian Navy Day is Celebrated?

जल सेना दिवस का इतिहास 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध से जुड़ा हुआ हैं. भारत में 4 दिसम्बर को नेवी डे मनाया जाता हैं, भारतीय जल सेना के पराक्रम को याद करने के लिए इस दिन को मनाते हैं.

स्वतंत्र भारत में नौ सेना का प्रथम बार प्रयोग गोवा व पांडिचेरी में पुर्तगालियों को खदेड़ने के लिए किया गया था. अपने उस मंसूबे में भारतीय जवान सफल हुए और ये क्षेत्र देश का अंग बन सका था. नौ सेना का दूसरी बार प्रयोग पाकिस्तान के खिलाफ 1971 की लड़ाई में किया गया था.

इस अभियान की सफलता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि रात के अँधेरे में इतना बड़ा ओपरेशन अंजाम देने के उपरान्त भी एक भी भारतीय सैनिक की क्षति नहीं हुई थी.

इस हमलें में पाकिस्तान के 500 सैनिक मारे गये तथा 700 से अधिक घायल हो चुके थे. विश्व के सफलतम नेवी अभियानों में इस पराक्रम की गिनती की जाती हैं.

दूसरे विश्व युद्ध के पश्चात नौसेनिक इतिहास की यह सबसे सफल लड़ाई मानी गई हैं. इस दिन को विशिष्ट बनाने के उद्देश्य से हर वर्ष नौसेना दिवस 4 दिसम्बर को ही मनाया जाता हैं.

भारत में नौसेना दिवस कैसे मनाया जाता है? (How is Navy Day celebrated in India?)

देश का प्रत्येक नागरिक अपनी सेना व जवानों पर अभिमान करता हैं. वे सैनिक ही होते है जिसकी वजह है हमारा देश सुरक्षित हैं. हम चैन की नींद सो पा रहे हैं. तटीय सुरक्षा बल के पास मुंबई के तट की रक्षा का दायित्व था. रात में देखने के साधन न थे जिसके कारण कसाब मुंबई को दहला सका था.

भारत में फिर ऐसा हमला नहीं हुआ, दुश्मन के मंसूबों को हर बार समाप्त किया गया और ये हमारे नेवी के सैनिक ही करते हैं. इन पर पूरे देश को नाज हैं.

4 दिसम्बर को नौसेना दिवस देशभर में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता हैं. नेवी अपनी तरफ से इस कार्यक्रम का आयोजन विशाखापत्तनम में करती हैं.

पश्चिम नौसेना कमांड अपने जलपोतों एवं प्रभावशाली दल के साथ अपनी सामरिक शक्ति का प्रदर्शन करती हैं. आरके बेंच में स्थित वार मेमोरियल में श्रद्धांजलि के पश्चात कार्यक्रम की शुरुआत होती हैं.

इस दिवस पर नौ सैनिकों द्वारा जल पोतों एवं सामरिक पनडुब्बी व बेड़ों का प्रदर्शन व परिचालन होता हैं. यह न केवल एक प्रदर्शनी अवसर होता हैं बल्कि नेवी नेवी बॉल, नेवी फेस्ट और नेवी क्वीन जैसी प्रतियोगिताएं भी होती हैं तथा आर्मी अपना प्रोफेशनलिज्म दिखाती हैं.

Indian Navy I भारतीय नौसेना

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