Essay on LPG Gas in Hindi: नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है आज हम एलपीजी गैस पर निबंध (lpg gas par nibandh) लेकर आए हैं. हम सभी एलपीजी से परिचित है जिन्हें आमतौर पर रसोई गैस के नाम से भी जाना जाता हैं.
आज के निबंध, भाषण, स्पीच, अनुच्छेद, आर्टिकल में हम जानेगे कि एलपीजी क्या है इनके संघटक उपयोग लाभ हानियाँ आदि का विवेचन इस हिंदी निबंध में दिया गया हैं.
एलपीजी गैस पर निबंध | Essay on LPG Gas in Hindi
LPG GAS IN HINDI: द्रवित पेट्रोलियम गैस LPG: पेट्रोलियम गैस इथेन, प्रोपेन और ब्यूटेन का मिश्रण हैं. इसका मुख्य संघटक ब्युटेन हैं जो आसानी से जलती है व अत्यधिक मात्रा में उष्मा देती हैं.
उच्च दाब पर ब्यूटेन द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाती हैं. द्रव रूप में यह सिलेंडरों में उपलब्ध हो जाती हैं और तरल तरल पेट्रोलियम गैस LPG के नाम से जानी जाती हैं.
इस गैस का एक ग्राम लगभग 50 KJ ऊर्जा उपलब्ध कराता हैं. एलपीजी में सर्वाधिक मात्रा में ब्यूटेन ही होती हैं. एलपीजी में रिसाव का ज्ञान कराने हेतु इसमें तेज गंध वाली एथिल मरकैप्टन गैस मिलाई जाती हैं.
पेट्रोलियम पदार्थों से वायु प्रदूषण अत्यधिक मात्रा में होता हैं. पृथ्वी में इनकी मात्रा भी सिमित हैं. अतः हमें इनका प्रयोग सावधानी से करना चाहिए तथा ऐसे उपाय करने चाहिए ताकि इनका दोहन कम से कम करना पड़े.
इस हेतु ऊर्जा के वैकल्पिक साधनों का प्रयोग करना चाहिए. साथ ही प्रयास करना चाहिए कि इन बहुमूल्य पदार्थों का अपव्यय न हो, जैसे वाहन को स्टार्ट करके छोड़ देना, इन पदार्थों के संचय के बर्तन के ढक्कन को खुला रखना आदि.
350 शब्द : एलपीजी पर निबंध
एलपीजी का फुल फॉर्म लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस होता है। हिंदी भाषा में लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस को तरलीकृत पेट्रोलियम गैस कहते हैं।
हमारे भारतीय घरों में अधिकतर एलपीजी गैस का इस्तेमाल रोजाना खाना बनाने के लिए किया जाता है। एलपीजी गैस की खासियत यह है कि इसका ना तो कोई रंग होता है ना ही इसकी कोई सुगंध अथवा दुर्गंध होती है।
लिक्वेफाइड पैट्रोलियम गैस को हाई टेंपरेचर और कैलोरी का मूल्य माना जाता है, क्योंकि एलपीजी गैस काफी कम समय में ही अधिक मात्रा में ऊर्जा देती है।
एलपीजी गैस जब जलती है तो इसमें से किसी भी प्रकार की खराब गैस बाहर नहीं निकलती है बल्कि इसमें से साफ और शुद्ध गैस ही बाहर निकलती है।
एलपीजी गैस को सरलता के साथ स्टोर किया जा सकता है अर्थात इसे सिलेंडर या फिर परिवहन के तौर पर सुरक्षित कर सकते हैं।
एलपीजी गैस का मुख्य तौर पर इस्तेमाल हमारे घर में खाना बनाने के लिए किया जाता है, क्योंकि यह रसोई का महत्वपूर्ण साधन है। रसोई में इसे जलाने पर धुआं पैदा नहीं होता है।
इसके साथ जिन घरों में ठंडी के मौसम में कंसोल अथवा हीटिंग सिस्टम का इस्तेमाल होता है वहां पर गर्मी लाने के लिए एलपीजी का इस्तेमाल होता है।
ठंडी के मौसम में जिन लोगों के द्वारा गर्म पानी का इस्तेमाल किया जाता है उस पानी को भी गर्म करने के लिए एलपीजी गैस का इस्तेमाल होता है। इसके साथ ही कार,बस जैसे वाहनों में ईंधन के तौर पर भी एलपीजी गैस का इस्तेमाल किया जाता है।
इस गैस के द्वारा वाहन लंबी दूरी की यात्रा काफी कम कीमत पर करते हैं क्योंकि इसका खर्चा पेट्रोल और डीजल की तुलना में कम ही होता है।
हमारे भारत देश में एलपीजी गैस ग्राहकों को प्रदान करने वाली कंपनियों के तौर पर भारत पैट्रोलियम, रिलायंस पैट्रोलियम गैस, भारतीय गैस प्राधिकरण और एस्सार लिमिटेड जैसी कंपनियों का नाम आता है।
एलपीजी गैस वातावरण में कम ही प्रदूषण पैदा करता है। इसलिए सरकार के द्वारा लगातार एलपीजी गैस का इस्तेमाल करने पर जोर दिया जा रहा है और लोग भी बचत के लिए अपनी गाड़ियों में एलपीजी गैस सिलेंडर फिट करवा रहे हैं।
700 शब्द : एलपीजी पर निबंध Essay on lpg
एलपीजी गैस जिसे लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस कहा जाता हैं इसके सामान्य उपयोग से हम सभी परिचित हैं. हमारे घर की रसोई में जो गैस का सिलेंडर आता हैं उसमें एलपीजी गैस ही भरी होती हैं.
आजकल यह सर्वाधिक उपयोग ली जाने वाली ईंधन भी हैं. इसके दो कारण है पहला एलपीजी की सर्वसुलभता तथा दूसरा यह पर्यावरण को कम प्रदूषित करती है अन्य ईंधन की तुलना में.
यह गैस कई हाइड्रोकार्बन गैसों का मिश्रण हैं एलपीजी में सर्वाधिक मात्रा में ब्यूटेन व प्रोपेन गैस होती हैं. इन्हें पेट्रोलियम पदार्थों के साथ ही खनन द्वारा निकाला जाता हैं. परिशोधन के बाद उच्च दाब पर इन्हें गैस सिलेंडर में संपीडित कर भरा जाता हैं.
यह घर में भोजन पकाने, वाहनों में ईंधन तथा कई यंत्रों को चलाने के काम भी आती हैं. अब तेजी से एलपीजी को रेफ्रिजरेटर यानी शीतलक में क्लोरो फ्लोरो गैसों के स्थान पर प्रयुक्त किया जाने लगा हैं व्यापक स्तर पर एलपीजी के उपयोग से ओजोन क्षय को रोका जा सकता हैं.
एलपीजी गैस एक उत्कृष्ट ईंधन की सभी शर्तों को पूरा करती हैं. यह कम मात्रा में अधिक उष्मा देने के साथ ही कम धुंआ भी देती हैं इस प्रकार यह पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने में मददगार हैं.
एलपीजी गैस रंगहीन तथा गंध हीन हैं इसका द्रव्यमान वायु से दुगुना तथा जल का आधा होता हैं. हमारे गैस सिलेंडर में रिसाव का पता लगाने के लिए एलपीजी के साथ इथाइल मर्केप्टेन नामक गैस को अल्प मात्रा में भरा जाता हैं जो तीखी गंध वाली होती हैं तथा यह एलपीजी के रिसाव का पता लगाने में मदद गार साबित हो रही हैं.
निश्चय ही रसोई की दुनियां में एलपीजी ने क्रांति ला दी हैं. पहले जहाँ जंगल से लकड़ियाँ व कंडों द्वारा भोजन आदि पकाया जाता था. यह कार्य श्रमसाध्य होने के साथ साथ आँखों तथा श्वसन तन्त्र के लिए बेहद हानिकारक साबित होता था.
एलपीजी ने हमारी माँ बहिन के लिए भोजन पकाने में आ रही समस्याओं को किनारे किया हैं. भारत सरकार भी उज्वला योजना के तहत सभी के घरों में मुफ्त में एलपीजी का सिलेंडर व चूल्हा दे रही हैं जो हमारे देश को सुरक्षित ईंधन की तरफ ले जाने में बड़ा कदम साबित हुआ हैं.
अब घरेलू उपयोग से आगे बढ़कर एलपीजी को व्यावसायिक कार्यों के लिए तेजी से अपनाया जा रहा हैं. मगर आज भी इसकी सुरक्षा को लेकर आमजन में भय देखा जा सकता हैं.
पर्याप्त सुरक्षा उपकरणों व जानकारी के अभाव चलते आए दिन एलपीजी सिलेंडर के फटने या रिसाव से होने वाली घटनाएं आसानी से सुनने व पढ़ने को मिल जाती हैं.
ऐसे में भले ही एलपीजी हमारे लिए एक सस्ती और उपयोगी साधन है मगर इसके खतरे भी काफी अधिक है अतः इसका सावधानीपूर्वक उपयोग ही करना चाहिए.
हमें एलपीजी के उपयोग से जुडी सामान्य सावधानियों का ख्याल रखना चाहिए जिससे सम्भावित जोखिम को कम से कम किया जा सके.
रसोई के उस स्थान पर गैस सिलेंडर को रखा जहाँ जहाँ बिजली का बोर्ड या उपकरण ना हो साथ ही यह स्थान बच्चों की पहुँच से भी दूर होना जरुरी हैं.
यदि गैस के रिसाव या रेग्युलेटर के खराब होने की आशंका हो तो ऐसे में रसोई घर में गैस को न जलाएं न ही अन्य कोई ज्वलनशील पदार्थ का उपयोग करें. हमेशा खिड़की खुली रखे जिससे रिसाव में निकली गैस आस पास एकत्रित न हो.
एलपीजी गैस रिसाव से जुडी अधिकतर घटनाओं में यह पाया गया है कि अधिक हडबडाहट के चलते सामान्य से सुरक्षा उपायों को भूलकर जोखिम मोल ले लिया जाता हैं.
आधुनिक घरों के निर्माण के समय सेफ्टी अलार्म को अवश्य लगाए जिससे कभी दुर्घटना की स्थिति में अपार्टमेन्ट के लोगों को समय पर दुर्घटना का पता चल सके.
यदि कभी गैस रिसाव के चलते आग पकड़ ले तो ऐसे में गृहणीयों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए कि वे क्या करे. यदि वे आग पर नियन्त्रण पाने में असमर्थ है तो उन्हें अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहिए.
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