पर्यावरण का अर्थ व परिभाषा Environment Meaning In Hindi

नमस्कार दोस्तों पर्यावरण का अर्थ व परिभाषा Environment Meaning In Hindi में आपका स्वागत हैं. आज का हमारा आर्टिकल पर्यावरण के अर्थ और इसकी परिभाषा पर दिया गया हैं.

सरल भाषा में हम समझेगे कि इनवायरमेंट क्या है इसकी मीनिंग और डेफिनिशन क्या हैं.

पर्यावरण का अर्थ व परिभाषा Environment Meaning In Hindi

पर्यावरण का अर्थ व परिभाषा Environment Meaning In Hindi

पर्यावरण शब्द एक अंग्रेजी शब्द इनवायरमेंट (Environment) का हिंदी अर्थ हैं. पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ हैं, चारो ओर/ सभी ओर से घेरने वाला (परि=चारों ओर + आवरण=घेरा/ घेरने वाला) यही अर्थ इनवायरमेंट शब्द का भी हैं.

वेबस्टर शब्दकोश में पर्यावरण को एक जीवधारी या जीवधारियों के समूह के अस्तित्व, वृद्धि तथा कल्याण को प्रभावित करने वाली सभी परिस्थतियाँ के समूह के रूप में परिभाषित (Defined) किया गया हैं.

इस प्रकार इनवायरमेंट में जीवधारियों के अस्तित्व, वृद्धि तथा कल्याण से सम्बन्धित परिवेश के सभी घटक और परिस्थतियाँ शामिल हैं. इसे यों भी कहा जा सकता हैं

कि पर्यावरण एक जीवन अवलब तंत्र (life support system) हैं, क्योंकि जैव-मंडल (Biosphere) के सभी घटक जीवधारियों का अस्तित्व तथा सातत्य (Perpetuation) इसी पर निर्भर हैं.

पर्यावरण और जीवधारियों की परस्पर क्रियाओं से सम्बन्धित विज्ञान को पारिस्थितिकी (Ecology) कहते हैं. जीवधारी अपने पर्यावरण में अन्तः स्थापित (Embedded) रहते हैं, जो (पर्यावरण) इनके अनुरक्षण तथा सदा बने रहने के लिए आवश्यक सभी संसाधन (Resource) उपलब्ध कराता हैं.

जीवधारियों के संपोषण तथा सांतत्य से सम्बन्धित आवश्यकताएं उनके जीवन चक्र (Life Cycle) में जन्म से म्रत्यु तक की अवस्थाओं में स्थिर नहीं रहती हैं अर्थात परिवर्तनशील हैं.

पर्यावरण के कारक भी दिककाल (दिक्= दिशा या अवकाश या स्थान+काल= समय) (space and time) के साथ परिवर्तनशील हैं.

अतः किसी विशेष स्थान और समय में एक जीवधारी का अस्तित्व और सातत्य उसकी (जीवधारी) परिवर्तनीय (बदलने वाली) आवश्यकताओं तथा पर्यावरण की गति के बीच समाकलन पर निर्भर हैं.

जीवधारी को आवृत करने वाले वर्तमान पर्यावरण के भौतिकी (Physical), रासायनिक (Chemical), जैविक (Biological), वैज्ञानिक (Scientific) तथा प्रोद्योगिकी (technological) घटकों (Componets) को निम्नलिखित तीन उपसंकुलों (Subcomplexes) में विभाजित किया जा सकता हैं.

  1. अजैविक उपसंकुल (abiotic Subcomplexes)
  2. जैविक (biotic) उपसंकूल तथा
  3. वैज्ञानिक एवं प्रोधोगिकी (Scientific and technological) उपसंकूल

प्रत्येक उपसंकुल में अनेक कारक (fector) होते हैं जो संकुल स्तर (level) पर एक दुसरे को प्रभावित करते हैं और तीनों उपसंकुल एक दूसरें से अन्योन्य क्रिया करते हुए सकल पर्यावरणीय संकुल (total environmental complex) का गठन करते हैं.

पर्यावरण का इतिहास

तुलसीदास जी ने अपने महाकाव्य रामचरितमानस में पांच अजैव (abiotic) घटकों अर्थात क्षिति/पृथ्वी (earth), जल (water), अग्नि/ऊर्जा (energy), गगन/आकाश (space) तथा समीर/वायु (air) को जीवधारियों के गठन के लिए महत्वपूर्ण संसाधन माना गया हैं.

विगत शताब्दी की वैज्ञानिक और प्रोद्योगिकी क्रांति द्वारा लाए गये परिवर्तनों के कारण आज पर्यावरण के जैव तथा अजैव घटकों में बड़े पैमाने पर रूपांतरण किया जा रहा हैं.

अतः अब तीसरा उपसंकुल भी शामिल किया गया हैं. इसने सभी जीवधारियों के लिए एक कृत्रिम पर्यावरण निर्मित किया गया हैं. हैबर (haber 1989) ने इसे प्रोद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र (tech ecosystem) का नाम दिया हैं.

सजीवों का यह पर्यावरण, प्राकृतिक, भौतिक, रासायनिक एवं जैविक रूप में हो सकता हैं. पर्यावरण में प्राणी, वनस्पति एवं उससे सम्बन्धित कारक जैसे प्रकाश, वायु, जल, मृदा, ध्वनि एवं आद्रता सम्मिलित हैं.

पर्यावरण को जीव मंडल (biosphere) भी कहते हैं. , इसमें जल मंडल, (hydrosphere) वायुमंडल (atmosphere) तथा स्थल मंडल (lithosphere) आते हैं.

पर्यावरण के अंतर्गत वे सभी वस्तुएं आती हैं, जो सजीवों को घेरे रहती हैं एवं उनके जीवन को विभिन्न प्रकार से प्रभावित करती हैं.

वैदिक काल से ही भारत में पर्यावरण निरिक्षण परीक्षण एवं विश्लेषण की प्रवृति रही हैं. इसका ज्ञान पुराण, वेद एवं उपनिषदों में वर्णित हैं.

इन शास्त्रों में लिखा हैं, कि मनुष्य की उत्पत्ति पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश एवं वायु (पंचतत्व) से हुई हैं. विष्णु पुराण, वृहत् संहिता, चरक संहिता एवं सुश्रुत संहिता में पर्यावरण का वर्णन उल्लेखित हैं.

दो काव्यों रामायण एवं महाभारत में कई स्थानों पर पर्यावरणीय चेतना के उदहारण वर्णित हैं. पर्यावरण के अंतर्गत जैविक एवं अजैविक घटक आते हैं.

जैविक घटक में प्राणी, पादप, सूक्ष्म जीव व मानव शामिल हैं, जबकि अजैव घटक में वायु, जल, मृदा, तापमान, आद्रता, स्थलाकृति आदि आते हैं.

पर्यावरण के ये घटक साथ कार्य करते हैं, आपस में समन्वय रखते हैं एवं एक दूसरें के प्रभाव को रूपांतरित करते हैं.

पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत इसके विभिन्न घटकों का अध्ययन और उनका संवर्धन, संरक्षण एवं प्रबंधन सम्मिलित हैं.

पर्यावरण का अर्थ के बारे में FAQ

पर्यावरण का अर्थ क्या है?

पर्यावरण संसाधनों, जैव विविधता, और मानवीय गतिविधियों के संघर्ष के साथ जीवन के सभी प्राकृतिक और गैर-प्राकृतिक परिस्थितियों का सम्पूर्ण संगठन है। यह वातावरण, जल, हवा, भूमि, पेड़-पौधे, जानवरों, मानवों, और अन्य जीवों के साथ जुड़े सभी तत्वों को सम्मिलित करता है।

पर्यावरण क्यों महत्वपूर्ण है?

पर्यावरण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारे सभी जीवन के लिए आवश्यक है। यह हमें शुद्ध हवा, पानी, और खाद्य प्रदान करता है, जंगलों द्वारा ऑक्सीजन उत्पादन करता है, जीव जंतुओं का आवास प्रदान करता है, और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसके साथ ही, पर्यावरण हमारी सामाजिक, मानसिक, और आर्थिक कल्याण पर भी प्रभाव डालता है।

पर्यावरण संरक्षण क्या है?

पर्यावरण संरक्षण एक प्रक्रिया है जिसमें हम पर्यावरणीय संसाधनों, प्राकृतिक प्रदुषण, और पर्यावरणीय समस्याओं की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कार्रवाई लेते हैं। इसका उद्देश्य प्राकृतिक संतुलन को सुरक्षित रखना, जैव विविधता को संरक्षित करना, प्रदूषण कम करना, वनस्पति और जीव-जंतुओं के प्राकृतिक आवास को संरक्षित करना, और समुदायों को पर्यावरणीय जागरूकता के माध्यम से शिक्षित करना है।

मैं पर्यावरण के लिए कैसे योगदान कर सकता हूँ?

आप पर्यावरण के लिए योगदान करने के लिए कई कार्यों को कर सकते हैं। कुछ उदाहरण शामिल हैं: अपने घर और कार्यालय में ऊर्जा और पानी के संपदांत होने का ध्यान रखना, जल संयंत्र लगाकर वर्षा जल को संग्रहित करना, वनों को संरक्षित रखना और पेड़ लगाना, प्रदूषण कम करने के लिए जल्दबाजी से गाड़ी न चलाना, प्लास्टिक उपयोग कम करना, वृक्षारोपण योजनाओं में भाग लेना, और पर्यावरण संरक्षण संगठनों और कार्यक्रमों का समर्थन करना।

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