कलम पर निबंध- Essay on pen in Hindi Language

Hello Friends, We Welcome You This Post About Pen in Hindi- Short Essay on Pen In Hindi Language. कलम पर निबंध. पेन पर निबंध Pen par Nibandh In Hindi For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 students.

कलम पर निबंध- Essay on Pen in Hindi Language

कलम पर निबंध- Essay on pen in Hindi Language

पेन अर्थात कलम का हमारें जीवन में बड़ा महत्वपूर्ण योगदान हैं. मन के भावों या विचारों को प्रकट करना का माध्यम ही कलम हैं. कलम की मदद से मानव न सिर्फ स्वयं के बल्कि अन्य लोगों के विचारों को भी पढ़ सके. आज हम जिन शास्त्रों एवं  साहित्य पर गर्व करते हैं ये कलम के कारण ही हमारे ज्ञान का स्रोत बन पाए हैं.

कहा जाता हैं  संसार  के  पहले  कलम को श्री गणेश जी ने अपने दांत को तोड़कर बनाया था. ज्ञात ऐतिहासिक स्रोतों के अनुसार आज से 5 हजार वर्ष पूर्व ईराक की मेसोपोटामिया सभ्यता से कलम का आविष्कार हुआ था. हड़प्पा और मोहनजोदाड़ो काल को भारत में कलम की उत्पत्ति मानी जाती हैं.

पढ़ने लिखने वाले बच्चों की सच्ची मित्र कलम ही हैं. जो कुछ लिखा जाता हैं उसका साधन कलम ही हैं कलम से पट्टी पर लिखते हैं. पेन से ही पत्र लिखे जाते हैं. हम अपना पाठ कलम से कॉपी लिखते हैं

माना कि सब तरह के लेखों का आधार कागज हैं कागज पर ही सब कुछ लिखा जाता हैं, पर यदि कलम सत्याग्रह कर दे, तो कागज महोदय की सारी शान किरकिरी हो जाय, कलम चाहे लिखे, कागज चूं तक नहीं कर सकता. कुछ कहे भी कैसे, कलम बिगड़ बैठे तो पलभर में कागज की छाती को चीरकर न रख दे.

पेन एक झाड़ी से पैदा होती हैं. कलम का नया रूप फाउटेंट पैन हैं कलम अकेली कुछ नहीं कर सकती सदा स्याही को साथ मिला कर ही अपने करतब दिखाती हैं. अफसरों की कलम से निकलती हुई आज्ञा को कोई टाल नहीं सकता.

लेखक कलम  से ही  बड़ी बड़ी पुस्तकें लिखते हैं. कलम का बड़ा दबदबा हैं. मेरी कलम, कलम की पूरी कथा कहने से कतराती हैं. समय के साथ साथ पेन का विकास होता गया.

कभी नुकीले पेन फिर पक्षियों के पंखों को स्याही में डुबोकर लिखा जाता था. 827 में पैट्रिच पोनियारू के द्वारा फाउंटेन पैन बनाया यह यात्रा 1888 तक चलती रही जब जॉन जे लाउड ने बॉलपेन का आविष्कार किया.

kalam par nibandh

वैसे तो कलम एक छोटी सी लिखने की चीज होती है परंतु इसकी धार तलवार से किसी भी प्रकार से कम नहीं होती है। कलम के अंदर स्याही भरी हुई होती है और इसका नीब मजबूत होता है जिसमें एक बहुत ही छोटा छर्रा लगा हुआ होता है.

जो जब हम लिखते हैं तो ऑटोमेटिक घूमता है और स्याही नीचे आती जाती है। इस प्रकार हम जो भी लिखते हैं वह किताब या फिर कॉपी पर लिखा जाता है।

कलम को विभिन्न प्रकार के रंगों में बनाया जाता है और उसमें अलग-अलग स्याही भी डाली जाती है। किसी कलम में लाल स्याही होती है तो किसी कलम में काली और किसी कलम में नीली स्याही होती है। 

नीली स्याही वाली कलम का इस्तेमाल विद्यार्थी करते हैं, लाल स्याही वाली कलम का इस्तेमाल टीचर करते हैं। इसके अलावा काली स्याही वाली कलम का इस्तेमाल विद्यार्थी और टीचर दोनों करते हैं।

प्राचीन काल में भोजपत्र पर लिखने के लिए भी कलम का इस्तेमाल किया जाता था और भोजपत्र पर लिख कर के राजा दूसरे राजा के पास अपना संदेशा पहुंचाते थे।

इसके अलावा प्राचीन काल में कई ग्रंथ भी कलम के द्वारा लिखे गए थे, साथ ही राजा किसी भी प्रकार के घोषणा पत्र को लिखने के लिए भी कलम का ही इस्तेमाल करता था।

कलम हमारे बहुत काम आती है। इसके द्वारा हम अपनी परीक्षा देते हैं साथ ही अपनी खुशी और दुख को व्यक्त करने के लिए चिट्ठियां भी हम कलम की सहायता से ही लिखते हैं।

आज भले ही लोगों के पास कीबोर्ड और माउस उपलब्ध हो गए हैं परंतु कलम की उपयोगिता अभी भी कम नहीं हुई है, क्योंकि यह लिखने का पारंपरिक तरीका है।

ऐसी जगह जहां पर कीबोर्ड और माउस उपलब्ध नहीं होता है, वहां पर कलम और पेन की सहायता से हम अपने आवश्यक काम निपटा लेते हैं।

यहां तक कि स्कूलों में अर्जी देने के लिए या फिर किसी ऑफिस में अर्जी देने के लिए हमें एप्लीकेशन लिखना पड़ता है जिसका इस्तेमाल हम अपना काम करवाने के लिए करते हैं और अर्जी लिखने के लिए भी कलम का ही इस्तेमाल होता है।

कलम के द्वारा आज भी कहानी, कविता, जीवनी, खोज, गीत, प्रयोग, थीसिस, शोध पत्र, प्रतिज्ञा पत्र इत्यादि लिखे जाते हैं। इसके द्वारा कलम का इस्तेमाल करते हुए भी न्यायाधीश अदालत में अपराधी को फांसी की सजा सुनाता है।

कलम की उपयोगिता उस व्यक्ति को ही पता है जिसका काम बिना कलम के बाधित हो जाता है। अगर यह डॉक्टर के हाथ में होती है तो डॉक्टर कलम का इस्तेमाल करके पर्ची पर रोगी को कौन सी दवाई लेनी है उन दवाइयों का नाम लिखता है साथ ही उन्हें कौन से टेस्ट करवाने हैं उसका नाम भी लिखता है।

कलम का इस्तेमाल करके विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण दस्तावेज पर सिग्नेचर किए जाते हैं क्योंकि बिना सिग्नेचर किए हुए किसी भी कार्य की पुष्टि नहीं होती है। इसीलिए कलम सिक्योरिटी का महत्वपूर्ण साधन माना जाता है।

अपना बिजनेस करने के लिए भी लोग कलम का इस्तेमाल करते हैं। ठेला लगाने वाले लोग कलम बेचते हैं साथ ही अपनी आजीविका चलाते हैं। जैसे-जैसे जमाना गुजरता जा रहा है, वैसे वैसे कलम के नए-नए आविष्कार भी होते जा रहे हैं। 

वर्तमान के समय में रंग बिरंगी कलम बाजार में मिल जा रही है। इसके अलावा चमकीली स्याही वाली कलम भी बाजार में देखने को मिल रही है, जो शब्दों को लिखने पर काफी आकर्षक बना देती है।

कलम का इस्तेमाल हमे अपने दैनिक जीवन में करना ही पड़ता है। बहुत प्राचीन काल में जब स्याही वाली कलम नहीं थी, तब भोजपत्र पर लिखने के लिए अनार की कलम, आम की कलम का इस्तेमाल किया जाता था और स्याही के तौर पर हल्दी के पेस्ट या फिर कस्तूरी का इस्तेमाल होता था।

आज के समय में हम जिस आधुनिक कलम का इस्तेमाल करते हैं उसकी कीमत ₹2 से चालू होती है और आधुनिक कलम जल्दी खराब भी नहीं होती है, साथ ही कलम हर दुकान पर मिल जाती है। इसलिए हम आसानी से किसी भी दुकान से कलम खरीद सकते हैं।

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