सोशल नेटवर्किंग साइट पर निबंध Essay On Social Media In Hindi Language

नमस्कार दोस्तों सोशल नेटवर्किंग साइट पर निबंध Essay On Social Media In Hindi Language में आपका स्वागत हैं, आज का निबंध सोशल मिडिया क्या है इसके उपयोग लाभ हानि और महत्व पर दिया गया हैं. सरल भाषा में स्टूडेंट्स के लिए सोशल मिडिया एस्से यहाँ दिया गया हैं.

सोशल नेटवर्किंग साइट पर निबंध Essay On Social Media In Hindi

सोशल नेटवर्किंग साइट पर निबंध Essay On Social Media In Hindi Language

आज के समय में यदि किसी सोशल नेटवर्किंग साईट पर आपका अकाउंट नही हैं, तो यकीनन आपकों फिसड्डी ही समझा जाएगा.

चाहे फेसबुक को ले ले या ट्विटर को इनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं. आज का युवा वर्ग सोते-खाते, पीते,ऑफिस, रास्ते किसी समय इन साइट्स पर एक्टिव नजर आएगा.

आज की तमाम लोकप्रिय सोशल नेटवर्क साईट व्हात्सप्प, फेसबुक, ट्विटर, बेबो, आरकुट, गूगल प्लस, मायस्पेस जैसी दर्जनों लोकप्रिय साइट्स के बारे में हर कोई जानता हैं. आज के समय में बदलते मानव को अपनों से जोड़ने और प्रेम बढाने में इन साइट्स की महत्वपूर्ण भूमिका हैं.

1969 में जब इन्टरनेट का प्रदुभाव हुआ तो अविष्कृत विज्ञान यंत्रो और आवश्यक जानकारी को विश्व के सभी लोगों तक पहुचाने का प्रयास था.

धीरे-धीरे इन्टरनेट में प्रगति के साथ ही कई महत्वपूर्ण तकनिकी साधनों प्रचलन में आए. सन 2000 आते आते इसी वर्ल्ड वाइड वेब के जरिये दुनिया में सोशल साइट्स अस्तित्व में आई.

यदि हम सोशल साइट्स को परिभाषित करना चाहे तो यह वह ऑनलाइन साधन हैं, जो एक सामाजिक नेटवर्क की तरह कार्य करता हैं. तथा लोगों के बिच सम्बन्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता हैं.

ये सोशल साइट्स अपने उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) के विचार उनकी सोच और गतिविधियों को अपने फॉलोवर और अन्य लोगों तक पहुचाने का कार्य करती हैं.

आज के समय की मुख्य सोशल नेटवर्किंग साइट्स की बात करे तो इनमे वर्डप्रेस, फेसबुक, ट्विटर, व्हात्साप्प, माईस्पेस,बेबो और आर्कुट मुख्य रूप से चलन में हैं.

सोशल मिडिया नेटवर्किंग साइट की शुरुआत

1990 से इक्कीसवी सदी के शुरुआत तक कई साइट्स अस्तित्व में आई और एक नए सामाजिक नेटवर्क के रूप में कार्य करने लगी.

इसमे सबसे पहले द ग्लोब डॉट कॉम इसके बाद जिओसाइट्स, ट्राईपांड जैसी नेट्वर्किंग साइट्स ने बेहद कम कीमत में लोगों को वेबस्पेस उपलब्ध करवाने का कार्य किया.

पहली बार 1995 में क्लासमेट्स डॉट कॉम नामक वेबसाइट ने लोगों को ईमेल के माध्यम से एक दुसरे से जुड़ने का अवसर प्रदान किया. आज के समय में गूगल की ईमेल और जीमेल प्रणाली इसी सिस्टम का परिष्कृत रूप हैं.

जब कोई व्यक्ति इन सोशल साइट्स का सदस्य बनना चाहता हैं, तो उसके लिए इन्हे सबसे पहले सदस्यता के लिए एक अकाउंट बनाने की आवश्यकता रहती हैं. कुछ ही पल में उपयोगकर्ता द्वारा अपनी जानकारी प्रस्तुत करने के पश्चात उसका अकाउंट तैयार हो जाता हैं.

उस उपयोगकर्ता की पूरी प्रोफाइल तैयार हो जाती हैं. साथ ही इसमे उन्हें अपनी प्रोफाइल सभी के साथ सार्वजनिक करनी हैं अथवा गुप्त रखनी हैं इस सम्बन्ध में उन्हें प्रोफाइल गोपनीय रखने का आप्शन उपलब्ध रहता हैं.

एक सोशल साईट अकाउंट के माध्यम से व्यक्ति उस साइट्स पर रजिस्टर्ड सभी लोगों के साथ सम्बन्ध स्थापित कर सकता हैं. न सिर्फ यह लोगो से कनेक्टिविटी का अवसर उपलब्ध करवाती हैं. बल्कि अन्य कई लाभ और भी हैं. जो इस प्रकार हैं.

सोशल नेटवर्किंग साइट के फायदे

इनका सबसे बड़ा फायदा यह हैं, कि सोशल साइट्स की मदद से तत्काल सुचना प्रेषित की जा सकती हैं. अपने दोस्तों रिश्तेदारों को आने वाले त्यौहार, समारोह और आगामी पार्टियों की बारे में सुचना सुपुर्द अथवा रिसीव की जा सकती हैं.

यदि इसी साइट्स का कोई उपयोगकर्ता जो आपका मित्र ऑनलाइन हैं और रियल टाइम में इससे आप मैसेज, वीडियो अथवा ऑडियो कॉल भी कर सकते हैं.

इस सिस्टम में जब भी कोई उपयोगकर्ता अपनी प्रोफाइल ओपन करता हैं. तो उन्हें अपने दोस्तों के ऑनलाइन होने अथवा वे कब ऑनलाइन थे, उन्होंने क्या स्टेट्स अपलोड किये इसकी जानकारी त्वरित रूप से प्राप्त कर सकता हैं.

इसके अतिरिक्त आप क्या कर रहे हैं, क्या करने की सोच रहे हैं, आपके प्लान क्या हैं. आप अपने दोस्तों को क्या कहना चाहते हैं. ये सारी जानकारी तुरंत सभी लोगो तक पंहुचा सकते हैं. जो सोशल मिडिया नेट्वर्किंग साइट्स के द्वारा ही संभव हो पाता हैं.

सोशल साइट्स का दूसरा फायदा यह हैं, कि इसका उपयोग करते हुए आप जिन्हें चाहे उन्हें अपना दोस्त बना सकते हैं, अपने दोस्तों की सूची का निरिक्षण कर सकते हैं.

यहाँ एक प्रोफाइल के अतिरिक्त यूजर अपनी श्रेणी, विचार अथवा अनुयायियों के सांझा विचार-विमर्श के लिए ग्रुप भी बना सकते हैं.

फोटो वीडियो और खेल की सुविधा

लगभग प्रत्येक सोशल साइट्स अपने यूजर को अनगिनत रूप से फोटो और वीडियो साझा करने की अनुमति देती हैं. आप अपने परिवार, मित्रों या रिश्तेदारों के अलग से फोटो और वीडियो एल्बम बना सकते हैं.

अपने दोस्तों के साथ अपनी टाइमलाइन पर वीडियोज अपलोड कर उन्हें शेयर कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त फेसबुक जैसी सोशल साइट्स आपको कई लोकप्रिय खेल खेलने की सुविधा भी उपलब्ध करवाती हैं.

ब्लॉगिंग

वर्डप्रेस जैसी सोशल साइट्स आपकों एक आसान प्लेटफोर्म उपलब्ध करवाती हैं, जिसके माध्यम से कम कीमत में आप अपने विचारों को दुनिया भर के लोगों तक पंहुचा सकते हैं.

मुख्यत इस प्रकार की वेबसाइट एक ख़ास उद्देश्य को लेकर बनाई जाती हैं. जिनमे शिक्षा समाचार, रोजगार, खेल समाचार, स्टूडेंट्स के लिए टिप्स, रेसिपी टिप्स, माताओं और बहनों के लिए अलग से कई वेबपोर्टल चलन में हैं.

सोशल नेटवर्किंग साइट्स के नुकसान

एक तरफ आज के समय में सोशल मिडिया सबसे लोकप्रिय साधन बन चूका हैं, दूसरी तरफ इसके कई नुक्सान भी हैं.

जिनमे आज के समय में सोशल मिडिया की सबसे बड़ी हानि युवाओं की लत हैं. चाहे फेसबुक हो या व्हात्सप्प रात को सोने से पहले और उठने के बाद पहला काम यही बन चूका हैं.

दूसरी तरफ आज के समय में सोशल मिडिया का दूसरा सबसे बड़ा खतरा हैकर्स का हैं. चाहे छोटे व्यक्ति का खाता हो या किसी बड़ी हस्ती का आज के समय में सोशल मिडिया पर किसी की भी जानकारी को 100 फीसदी सुरक्षित नही कहा जा सकता.

यहाँ हम आपकों कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनका अनुसरण कर आप अपने सोशल नेटवर्किंग साइट अकाउंट को और अधिक मजबूत कर सकते हैं.

सोशल मीडिया हैकर से कैसे बचे

  • किसी भी स्थति में चाहे वो आपका दोस्त भी क्यों न हो उनके साथ अपने अकाउंट के यूजर नाम और पासवर्ड शेयर नही करना चाहिए.
  • जब कभी सार्वजनिक इन्टरनेट प्लेटफोर्म यथा इन्टरनेट कैफे का प्रयोग करते समय अपने पासवर्ड की जानकारी किसी को न होने दे.
  • जब हम कंप्यूटर पर काम कर रहे होते तो ऐसी वेबसाइट को विजिट करने से इगनोर करना चाहिए, जिनसे आपकों किसी तरह के मालवेयर की सम्भावना हो.
  • कभी भी अपनी महत्वपूर्ण निजी जानकारियाँ किसी अविश्वसनीय वेब पोर्टल पर साझा नही करनी चाहिए, वे कभी भी आपकी जानकारी का दुरूपयोग कर सकते हैं.
  • बहुत सारे ब्राउज़र में रेमेबर माय पासवर्ड का आप्शन होता हैं, जहाँ तक संभव हो इसका प्रयोग करने से बचना चाहिए.
  • कुछ दिनों के बाद अपनी सभी अकाउंट के सुरक्षा पासवर्ड बदलने चाहिए.

सारांश

इसमे कोई शक नही कि आपका सोशल नेटवर्किंग साइट का खाता आपकी पहचान के रूप में कार्य करता हैं.मगर किसी तरह की ऑनलाइन हेराफेरी को नियंत्रित करने में साइबर कानून भी लाचार हैं.

इसका जाल समस्या को कम करने की बजाय उन्हें उलझा कर रख देता हैं. आज दुनिया के कोने-कोने में इन्टरनेट का प्रचलन हैं.

मगर किसी तरह की ऑनलाइन फेराफेरी न सिर्फ कई लोगो की इज्जत और प्रतिष्टा को मिटटी में मिला देती हैं. बल्कि उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ सकता हैं. आज के समय में क्रेडिट और डेबिट कार्ड का ऑनलाइन प्रयोग कई गुना बढ़ा हैं.

इस स्थति में यदि किसी व्यक्ति के इन कार्ड की जानकारी अथवा इनके साथ किसी दुसरे का मोबाइल नंबर या ईमेल खाता लिंक होने पर वह उसका दुरूपयोग भी कर सकता हैं.

इसलिए हर किसी सोशल मिडिया उपयोगकर्ता को सही समझ के साथ इनका उपयोग करना चाहिए.

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