सब्जी पर निबंध | Essay on Vegetables in Hindi

Essay on Vegetables in Hindi: हरी सब्जियाँ एवं ताजे फल हमारे भोजन का अभिन्न अंग हैं, आज हम सब्जियाँ या सब्जी पर निबंध बता रहे हैं.

इस निबंध, स्पीच, भाषण, अनुच्छेद लेख में हम जानेगे कि सब्जी क्या है इसका अर्थ औषधीय गुण, उपयोग आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे तो चलिए इस शोर्ट निबंध को पढ़ना आरम्भ करते हैं.

सब्जी पर निबंध | Essay on Vegetables in Hindi

सब्जी पर निबंध | Essay on Vegetables in Hindi

सब्जी पर निबंध (300 शब्द)

सब्जी पैदा करने का काम किसानों के द्वारा किया जाता है और मुख्य तौर पर सब्जी उगाने का काम मौर्या नाम की जाति के द्वारा किया जाता है। जैसे हमें पानी की आवश्यकता प्यास बुझाने के लिए पड़ती है वैसे ही पौष्टिक चीजों की प्राप्ति करने के लिए हमें हरी सब्जियों की आवश्यकता पड़ती है। 

सब्जियां खाने से हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार के पौष्टिक तत्वो की प्राप्ति होती है। सब्जियों में विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट मौजूद होते हैं साथ ही अन्य कई प्रकार के मिनरल और खनिज पदार्थ भी होते हैं, जो हमें पोषण प्रदान करते हैं और हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को भी मजबूत बनाने का काम करते हैं।

भगवान ने हम इंसानों के खाने लायक कई सब्जियों का निर्माण किया है और हर सब्जी का सेवन अलग-अलग मौसम में किया जाता है क्योंकि हर सब्जी सभी मौसम में प्राप्त नहीं होती है।

ठंडी के मौसम में अधिकतर मार्केट में आपको हरी पत्तेदार सब्जियां दिखाई देती है जिनमें मुख्य तौर पर पालक, पत्ता गोभी, बंद गोभी जैसी सब्जियां होती हैं।

इसके अलावा गर्मी के मौसम में दूसरी सब्जी मार्केट में मिलती है। कभी-कभी कुछ बीमारी में विशेष तौर पर डॉक्टर के द्वारा हमें हरी पत्तेदार सब्जियों को खाने की सलाह दी जाती है अथवा हरी पत्तेदार सब्जियों के रस को पीने की सलाह दी जाती है।

सब्जियां हमारे दैनिक भोजन में इस्तेमाल की जाती हैं और रोजाना हमारे घर में अलग-अलग प्रकार की सब्जियां बनती है। कुछ लोगों को सुखी सब्जी खाना अधिक पसंद होता है तो कुछ लोगों को रसदार सब्जी खाना अधिक पसंद होता है।

सब्जी पर निबंध (400 शब्द)

सब्जियां ना सिर्फ हमारी जीभ के स्वाद को पूरा करती हैं बल्कि यह हमारी पूरी बॉडी के लिए विभिन्न प्रकार से फायदेमंद होती हैं। कुछ सब्जियां ऐसी है जिसके अंदर औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं क्योंकि उनके अंदर विभिन्न प्रकार के पौष्टिक तत्व और खनिज मौजूद होते हैं।

हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में जितना योगदान अन्य चीजों का है उतना ही योगदान सब्जियों का भी है और इसीलिए हमारे दैनिक जीवन में हम सब्जियां खाते हैं।

भारत में बड़े पैमाने पर किसानों के द्वारा सब्जियों की खेती की जाती है और सब्जियों के इतने प्रकार हमारे भारत देश में मौजूद है कि हम कभी भी सब्जियां खाने से ऊबते नहीं है।

अगर हम दैनिक तौर पर अपने भोजन में सब्जियों का सेवन करते हैं तो इससे विभिन्न गंभीर बीमारियों से हमारा बचाव होता है। हर सब्जी अलग-अलग प्रकार के गुण को ले करके रखती है और इसीलिए अलग-अलग सब्जी खाने से हमें अलग-अलग प्रकार के विटामिन, मिनरल और पौष्टिक चीजें प्राप्त होती हैं।

बाजार में अलग-अलग प्रकार की सब्जियां बड़ी आसानी से हमें प्राप्त हो जाती है। हर सब्जी का स्वाद अलग-अलग होता है। कुछ सब्जियां स्वाद में खट्टी होती हैं तो कुछ सब्जियां स्वाद में सामान्य होती हैं।

कुछ सब्जियां हमें सिर्फ मौसम के हिसाब से ही प्राप्त होती है, जैसे कि जो सब्जियां ठंडी के मौसम में पैदा होती है वह हमें ठंडी के मौसम में ही खाने को मिलती है। 

हालांकि आज के आधुनिक जमाने में सब्जियों को कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित कर लिया जाता है। इस प्रकार से हमें साल भर सब्जियां खाने का मौका मिलता रहता है।

सब्जियों में सबसे अधिक लोग हरी पत्तेदार सब्जियां खाना पसंद करते हैं क्योंकि डॉक्टर भी कहते हैं कि जो व्यक्ति पत्तेदार सब्जियों का सेवन करता है उसके शरीर को सभी जरूरी विटामिन, मिनरल प्राप्त होते हैं और ऐसा होने से वह बीमारियों से बचा रहता है साथ ही उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी होती है।

सब्जियां खाने से तनाव की समस्या हमें नहीं होती है। इसके अलावा अनिद्रा की समस्या भी दूर होती है। अगर किसी व्यक्ति के बाल अत्याधिक झड़ रहे हैं तो उसे विटामिन डी युक्त सब्जी का सेवन करना चाहिए।

अगर किसी व्यक्ति के शरीर के खून में अधिक विषैले पदार्थ इकट्ठा हो गए हैं तो उसे करेले अथवा दूसरी कड़वे स्वाद वाली सब्जियों का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से खून साफ होता है।

किसी व्यक्ति के शरीर में अगर खून की कमी हो गई है अथवा किसी व्यक्ति को एनीमिया नाम की बीमारी की शिकायत है तो उसे टमाटर, चुकंदर जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए।

यह हमारे शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाने का काम करते हैं। इस प्रकार से अलग-अलग प्रकार की सब्जियों को खाने से हमें अलग-अलग प्रकार के फायदे प्राप्त होते हैं।

500 शब्दों में सब्जी पर निबंध

अच्छे स्वास्थ्य व तंदुरस्ती के लिए भोजन में पर्याप्त मात्रा में फल एवं हरी सब्जियों का होना जरुरी हैं. सब्जी किसी पादप के उस भाग को कहा जाता हैं, जिन्हें आंच पर पकाकर खाने के उपयोग में लाया जाता हैं.

इन्हें किसान (माली) अपने खेतों में उगाते हैं तथा पकने पर बाजार में ठेला सजाकर बेचते है अथवा सब्जी के थोक विक्रेताओं को मंडी में बेच आते हैं.

हमारा देश सब्जियों के मामले में आत्मनिर्भर हैं. प्रत्येक राज्य में सब्जियों का बड़ा उत्पादन होता हैं जिन्हें आवश्यकतानुसार परिवहन के द्वारा एक दूसरे स्थान पर पहुंचाया जाता हैं.

कुछ अधिकतर सब्जियों का सेवन पकाकर ही भोजन के रूप में होता है जबकि कुछ का कच्चे रूप में सलाद बनाकर खाया जाता हैं. सभी सब्जियों के गुणधर्म अलग अलग होते है यह कई रोगों के ईलाज में औषधि के रूप में भी काम करती हैं.

जीवन में सब्जी का महत्व इसी से समझा जा सकता है कि इसके बिना रसोई उसी तरह है जिस तरह बिना पहियों के गाड़ी, हम अक्सर गोभी, टमाटर, आलू, लाल व हरी मिर्च, भिंडी, प्याज, करेला, पालक, मेथी, खीरा आदि का बहुतायत उपयोग करते हैं, ये ऋतुओं के अनुसार खेतों में उगाई जाती है. विश्व भर में कुल 80 किस्म की सब्जियाँ उगाई जाती है, जिनमें अधिकतर का उत्पादन हमारे देश में भी होता हैं.

सब्जियों में पाए जाने वाले पोषक तत्वों में विटामिन, प्रोटीन, खनिज, रेशे प्रमुखतया हैं. इनका सिमित मात्रा में उपयोग ही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना गया हैं.

बच्चें, बूढ़े, स्त्री, पुरुष, विद्यार्थी, मरीज, एथलीट सभी को सब्जियों का नियमित सेवन करना चाहिए. ये शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद करते हैं.

हरी सब्जियों का महत्व

शरीर के संतुलित विकास एवं आरोग्य के लिए शाक सब्जियाँ महत्वपूर्ण हैं, इनमें शरीर के विकास एवं वृद्धि के लिए आवश्यक पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाएं जाते हैं.

पालक, तोटाकुरा, गोंगुरा, मेथी, सहजन की पत्तियाँ व पुदीना को बिना पकाएं भी खाया जा सकता हैं, सब्जियों को अग्नि पर कम समय पर रखना चाहिए क्योंकि अधिक मात्रा में पकाने से विटामिन सी के गुण समा प्त हो जाते हैं.

पत्तेदार सब्जियों में आयरन की मात्रा भरपूर होती है यह गर्भवती स्त्रियों के लिए अच्छा पोषण माना जाता हैं, नित्य पत्तेदार सब्जी के सेवन से एनीमिया की समस्या से निपटा जा सकता हैं.

भारत में कम उम्रः के बच्चों में अंधेपन की समस्या आम है विटामिन ए की कमी के कारण ऐसा होता हैं. यदि उन्हें नियमित रूप से सब्जियों का सेवन कराया जाए तो सब्जियों में केरोटीन तत्व पाया जाता है जो अंधेपन की समस्या को समाप्त कर सकता हैं.

हरी सब्जियों के पोषक का एक मानक स्तर निर्धारित हैं जिसके अनुसार हमें इसका सेवन करना चाहिए, महिलाओं के लिए 100 ग्राम, पुरुषों के लिए 50 ग्राम, स्कूल जाने वाले व यूकेजी एलकेजी के बच्चों के लिए भी 50 ग्राम सब्जी प्रतिदिन पर्याप्त हैं. इससे अधिक मात्रा में अनियंत्रित उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता हैं.

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