विश्व धरोहर दिवस पर निबंध Essay on World Heritage Day in Hindi

विश्व धरोहर दिवस पर निबंध Essay on World Heritage Day in Hindi: नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है आज हम यूनेस्को द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित विश्व धरोहर दिवस का भाषण स्पीच निबंध अनुच्छेद आपकों यहाँ बता रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी 193 सदस्य देशों में वर्ल्ड हेरिटेज डे को मनाया जाता हैं.

विश्व धरोहर दिवस पर निबंध Essay on World Heritage Day in Hindi

विश्व धरोहर दिवस पर निबंध Essay on World Heritage Day in Hindi

300 शब्द, वर्ल्ड हेरिटेज डे पर निबंध

हर साल पूरी दुनिया भर में 18 अप्रैल के दिन विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। यह एक सालाना कार्यक्रम और उत्सव है। विश्व धरोहर दिवस मनाने के पीछे इंसानों की विरासत को सुरक्षित करने का उद्देश्य है। 

विश्व धरोहर दिवस को साल 1982 में 18 अप्रैल के दिन सेलिब्रेट करने की घोषणा की गई थी और इसके 1 साल बाद ही यानी कि साल 1983 में यूनेस्को महासभा के द्वारा इसे मान्यता दी गई, ताकि इंसानों के बीच सांस्कृतिक विरासत के महत्व को लेकर के जागरूकता बढे और विरासत के प्रति लोग अपनी जिम्मेदारियों को समझें। 

साल 1982 में 18 अप्रैल के दिन इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ मोनुमेंट्स एंड साइट के द्वारा पहला विश्व विरासत दिवस ट्यूनीशिया देश में सेलिब्रेट किया गया था।

दुनिया भर में तमाम प्रकार के ऐतिहासिक स्थान है, जिनकी सुरक्षा करने के लिए एक संगठन का निर्माण करने की आवश्यकता पड़ी थी जिसमें विभिन्न प्रकार के विशेषज्ञ एक साथ आए जैसे कि आर्किटेक्ट, इंजीनियर, भूगोल कार, सिविल इंजीनियर, कलाकार और पुरातत्वविद। 

इन सभी लोगों ने मिलकर के दुनिया के विभिन्न देशों में स्थित महत्वपूर्ण सांस्कृतिक इमारतों का भविष्य की पीढ़ी के लिए संरक्षित करने का जिम्मा उठाया और अपने संगठन का नाम यूनेस्को दिया।

बता दें कि इसमें दुनिया भर के 150 से भी ज्यादा देशों के तकरीबन 10000 मेंबर शामिल हुए हैं और उन 10000 मेंबर में से 400 से भी अधिक मेंबर इंस्टिट्यूट, नेशनल कमेटी और इंटरनेशनल साइंस कमेटी के मेंबर है। यह सभी लोग मिलकर के महत्वपूर्ण स्थानों को बचाने का और उनकी पहचानो को संरक्षित करने का काम करते हैं।

हमारे देश में भी 36 ऐसी इमारतें, गुफा, शहर और स्थान है जिसे यूनेस्को ने विश्व विरासत में शामिल किया है, जिनमें ताजमहल, आगरा का किला, अजंता- एलोरा की गुफाएं, गुजरात की रानी की वाव, पश्चिमी घाट, ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, राजस्थान का किला, नालंदा विश्वविद्यालय, कार्बूजिए की वास्तुकला, कंचनजंघा पुष्प उद्यान, अहमदाबाद शहर, काजीरंगा अभयारण्य, केवलादेव उद्यान, महाबलीपुरम

सूर्य मंदिर कोणार्क, भीमबैठका, कुतुब मीनार, हिमालयन रेल, महाबोधि मंदिर, मानस अभयारण्य, हम्पी, गोवा के चर्च, फतेहपुर सीकरी, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, चंपानेर पावागढ़, दिल्ली का लाल किला, जयपुर का जंतर मंतर, चोल मंदिर, खजुराहो मंदिर, पट्टादकल, एलिफेंटा की गुफाएं, सुंदरबन, सांची के बुद्ध स्मारक, हुमायूं का मकबरा नंदा देवी का पुष्प उद्यान शामिल है।

600 शब्द, विश्व धरोहर दिवस पर निबंध

हमारी पृथ्वी एक विचित्र ग्रह है यहाँ पर विविधताएं भरी पड़ी हैं. दुनियां के विभिन्न देशों में ऐतिहासिक सांस्कृतिक महत्व के स्थल को भावी पीढ़ी के लिए बचाकर रखा जाए इन्हें धरोहर की सूची में रखा जाता हैं.

यूनेस्को द्वारा ऐसे ही प्राकृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक स्थलों को चिन्हित कर हेरिटेज साईट की लिस्ट में शामिल किया जाता हैं.

हर वर्ष 18 अप्रैल के दिन विश्व विरासत दिवस दुनिया भर में मनाया जाता हैं. इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह है कि लोगों को इन धरोहरों के संरक्षण तथा महत्व से अवगत कराया जाए तथा दुनियां के विभिन्न देशों में स्थित ऐसे स्थलों की जानकारी देकर उन्हें विरासत के प्रति आकर्षित किया जा सके.

हर साल 18 अप्रैल को मनाया जाने वाला यह महत्वपूर्ण दिन विश्व की विरासत के संरक्षण हेतु किया गया एक प्रयास हैं. हमारा भारत भी ऐतिहासिक, धार्मिक, प्राकृतिक एवं संस्कृतियों कलाकृतियों, स्मृतियों एवं स्थलों से परिपूर्ण देश हैं.

ये विरासत के स्थल संसार के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है. प्रत्येक भारतीय नागरिक को अपने देश की विरासत स्थलियों पर गर्व होना चाहिए तथा उनके संरक्षण की दिशा में कदम बढाने चाहिए.

18 अप्रैल 1982 को ट्यूनीशिया में विश्व में पहली बार विश्व विरासत दिवस मनाया गया था. इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ मोनुमेंट्स एंड साइट्स द्वारा इसका आयोजन किया गया था. इसके बाद वर्ष 1983 में यूनेस्को द्वारा इसे प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को मनाने का निर्णय किया गया हैं.

विश्व धरोहर दिवस का उद्देश्य महत्व लक्ष्य (Objective of World Heritage Day In Hindi)

18 अप्रैल को हम विश्व धरोहर दिवस मनाते हैं. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य यह है कि सम्पूर्ण विश्व में मानव इतिहास से जुड़े समस्त इतिहास, संस्कृति एवं प्रकृति से जुड़े स्थलों का संरक्षण किया जाए तथा आमजन में इसके प्रति जागरूकता उत्पन्न की जाए.

विश्व के 193 सदस्य देशों की संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ की यूनेस्को द्वारा एक अंतर्राष्ट्रीय एक संधि प्रस्ताव रखा गया, विश्व के समस्त प्राकृतिक और सामाजिक धरोहरों के संरक्षण के लिए कटिबद्ध हैं.

इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले 21 सदस्य देश हैं. विश्व धरोहर की इस संधि का प्रथम प्रस्ताव वर्ष 1972 में रखा गया था, यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थलों की तीन सूचियों में शामिल किया गया, जो इस प्रकार हैं.

  1. प्राकृतिक धरोहर स्थल (Natural Heritage Site)
  2. सांस्कृतिक धरोहर स्थल (Cultural heritage site)
  3. मिश्रित धरोहर स्थल (Mixed Heritage Site)

दुनियाभर में 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम हैं. इस कार्यक्रम को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि तीनो श्रेणियों की विरासत को अगली पीढ़ी के लिए संरक्षित करना तथा उसके प्रासंगिक प्रयासों को दुनिया के समक्ष रखना मुख्य लक्ष्य था.

वर्ष 2015 तक विश्व भर में यूनेस्को द्वारा 1031 स्थलों को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया हैं. यूनेस्को द्वारा इन स्थलों को विश्व धरोहर निधि दी जाती हैं.

इन सभी स्थलों में सांस्कृतिक श्रेणी के 802, नेचुरल साइट्स की संख्या 197 और मिश्रित स्थलों की संख्या 32 हैं. दुनिया के इन स्थलों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए विश्व धरोहर दिन मनाया मनाया जाता हैं.

भारत की विश्व धरोहर साइट (World Heritage Site of India)

यूनेस्को द्वारा दुनिया के अलग अलग देशों में ऐसे विरासत स्थलों को सूचीबद्ध किया जाता हैं. विश्व में सर्वाधिक वर्ल्ड हेरिटेज साइट इटली में हैं जिसकी संख्या 51 हैं.

इसके अतिरिक्त चीन में 48, स्पेन में 44. फ्रांस में 41, जर्मनी में 40, मेक्सिको में 33 हमारे देश भारत में 32 ऐसे स्थलों को विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित किया गया हैं. जिनमें 25 सांस्कृतिक स्थल व 7 नेचुरल साइट्स हैं.

आगरा किला, अजन्ता की गुफाएँ, साँची के स्तूप, चंपानेर-पांडवगढ बाग, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, पुराने गोवा के चर्च, एलिफ़ेन्टा की गुफाएँ, एलोरा की गुफाएँ, फतेहपुर सीकरी, चोल मंदिर, हम्पी के स्मारक, महाबलीपुरम के स्मारक, पट्टादक्कल के स्मारक, हुमायुँ का मक़बरा, काजीरंगा, नंदादेवी व फूलों की घाटी, केवलादेव, मानस सुंदरवन राष्ट्रीय अभयारण्य, ताज़ महल, भारतीय पर्वतीय रेल, खजुराहो, महबोधि मंदिर, भीमबेटका, कोणार्क का सूर्य मंदिर, क़ुतुब मीनार आदि भारत के स्थल विश्व धरोहर सूची में शामिल किये गये हैं.

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