स्कूल के छात्रों के लिए विदाई कविता गीत | Farewell Poem For School Students In Hindi

Farewell Poem For School Students In Hindi: नमस्कार दोस्तों आज हम स्कूल के छात्रों के लिए विदाई कविता गीत, शायरी, मेसेज आदि बता रहे हैं.

स्कूल की 10, 12th वीं क्लास अथवा कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए विदाई पार्टी के अवसर पर आप यह विदाई गीत, कविता प्रस्तुत कर सकते हैं. अपने दोस्तों, Colleague सीनियर्स या टीचर्स के लिए प्रस्तुत कर सकते हैं.

Farewell Poem For School Students In Hindi

स्कूल के छात्रों के लिए विदाई कविता गीत | Farewell Poem For School Students In Hindi

विदाई समारोह पर कविता Farewell Poems in Hindi: विदाई के समारोह में जब कोई हमारा साथी विदा ले रहा होता है तो हमारे पास यादों के रूप में बहुत सी सामग्री होती है.

मगर हम उन्हें शब्दों में बयान नही कर पाते हैं. ये फेयरवेल कविता आपकों इस दुविधा से निकाल सकती हैं. यहाँ सत्यम शुक्ला रचित विदाई गीत आपकों बता रहे हैं.

हाईस्कूल विदाई गीत स्टूडेंट्स के लिए

चलो अब जा रहे हो तो
सुनाएं तान इस मन की
चलो अब बात करते है
छोड़के साथ बिछडन की

मुलाकातों के ये मेले
न शायद फिर कभी होंगे
जो धागे मोह के बांधे थे
खुद हाथों से खोलेंगे.

न रोएगे यहाँ कोई
किन्तु हंस भी न पाएगे
जो काटे पल सभी के संग
इन्हें कैसे भुलाएगे

हेल्लो हे हाय गुडलक गॉड ब्लेस यू
कह नहीं सकता
मेरे लहजे में हिंदी के सिवाय
कुछ हो नहीं सकता

सितारे हमने पहने थे
किसी को चांद बोला था
तुम्हे उड़ना सिखाया है तो
उड़कर भी दिखा देना

बुलंदी तक है पहुंचना आसमा को भी छू लेना
कहेगे गर्व से हम भी हमारे अंश ही है ये
चुगाए थे जिनको मोती
वो तिरते हंस ही है ये

दुआएं है हमारी कि
खुदा सबको सुखी रखे
हमारा क्या आज है कल पता
क्या है कहाँ रखे | सत्यम शुक्ला विदाई कविता

farewell poem for students by teacher in hindi, विदाई कविता स्कूल शिक्षक के लिए

रोते रोते जब कोई आता है इस आँगन में
डरता है वह सब से भय रहता है
फिर मिलता है वो एक ऐसे इन्सान को
जो लिखना सिखाता है खुद के नाम को

जो बताता है क्या है गलत क्या है सही
जो बताता है क्या है अच्छा और क्या है नही

जो बताता है जीवन जीने का ढंग
जो भरता है जीवन में शिक्षा का रंग

संवारते है हमे जब तक के निखर न जाए
ध्यान रहता है इनको कि टूटे हम, पर बिखर न जाए

सिखाते है हमकों कि हार मानना सिखना मत
पर हाँ गलत तरीकों से जीतना मत

अनुभव बहुत होता है इनके नजर को
भांप लेते है किसी के छुपे हुनर को

लगा देते है पंख की भरलो तुम उड़ान आज
ऐसे शिक्षकों को कर रहा हूँ मई प्रणाम आज. लेखक ” Aalay Imran

Farewell Hindi Poems – हमारे विद्यालय के आँगन में

हमारे विद्यालय के आँगन में
खिलता हुआ गुलाब हो आप
हमारे अंधियारे जीवन में
ज्ञान का दीपक हो आप ।
हम सब बच्चे थे नादान
पढ़ने में नहीं था ध्यान
हमारी भूलो को माफ करके
दे दिया विद्या का ज्ञान ।
अपनी अनमोल शिक्षा को
खेल खेल से हमें सिखाया ।
संस्कारों का पाठ पढ़ाया ।
सही गलत का ज्ञान कराया ।
हमारे निराश हारे मन में
आत्मविश्वास जगा दिया
मंजिल तक पहुंचाने का
रास्ता हमें दिखा दिया ।
टीचर जी हमारे आँगन को
छोड़कर जा रहे हो आप
जीवन में सदा खुश रहो
यही है हमारी प्रभू से आस
अपनी खुशबू से महकातो रहो
सबकी बगिया को आप ।

विदा कर रहे हैं (Poetry on Farewell in Hindi)

तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना
अगर भूल जाओ तो चिन्ता नहीं है
मगर याद आकर हमें मत रुलाना।

तुम्हारे लिए तो तड़पना पड़ेगा
बहुत पास आकर बने हो पराए
तुम्हारे लिए क्यों न आएँगी आहें
दबेगा नहीं दर्द दिल का दबाए।

तुम्हें आँख से हम मिटाने चले हैं
कहीं आँसुओं में नज़र आ न जाना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना।

बहुत हो चुकी रोक लेने की कोशिश
मनाए न माने मगर जानेवाले
अभी तो मिले थे अभी जा रहे हैं
अभी जा रहे हैं अभी आनेवाले।

भुलाने की तुमने क़सम ली अगर ले
शपथ है कभी भी सपन में न आना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना।

अगर जानते ये कि मिलना बुरा है
किसी बेरहम से मिला ही न होता
विदाई की रहती न कोई कहानी
जुदाई से कोई गिला ही न होता।

अगर मन पतंगा नहीं मानता है
तुम्हें चाहिए क्या दिए को बुझाना?
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना।

चले जा रहे हो तुम्हारे मिलन के
ये सारे सितारें ग़वाही रहेंगे
ग़वाही रहेंगी ये जूही की डारें
नदी के किनारे ग़वाही रहेंगे।

तुम्हारे सहारे कभी हम भी कुछ थे
तुम्हीं से अलग कर रहा है ज़माना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना।

किसी के गरम आँसुओं की कलम से
लिखी जा रही है तुम्हारी विदाई
किसी की नरम कल्पना की शरम से
लजाई हुई है तुम्हारी जुदाई।

जहाँ जो मिले वे विदा हो गए हैं
कि धंधा है कोई दिलों का लगाना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना।

उमड़ आँख में आँसुओं की घटाओं
अरे! उनको इसकी ख़बर भी नहीं है
हमारी नज़र आज उनकी तरफ़ है
मगर इस तरफ़ वो नज़र ही नहीं है।

फ़िक़र ही नहीं है उन्हें अब किसी की
अभी सोचते हैं सवारी मँगाना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना।

मिले थे तो सोचा बिछुड़ना न होगा
चले हैं सफ़र में तो मिलना न होगा
मगर राह से राह मिलने न पाई
डगर से लिखी थी तुम्हारी विदाई।

कि मिलना बिछुड़ना यही ज़िन्दगी है
मनाया सभी ने मगर मन न माना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना।

हमारे लिए फूल शोले बने हैं
तुम्हारे लिए हो मुबारक़ बहारें
हमारी हँसी भी लिए जा लिए जा
मुबारक़ तुम्हें आसमाँ के सितारें।

कभी डूबती प्यास बढ़ने लगे तो
ज़रा ओस बनकर वहीं झिलमिलाना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना।

अगर हो तुम्हें भूल जाने की आदत
हमें भूल जाना नहीं भूल होगी
हमें भूलकर तुम ख़ुशी से रहोगे
हमें भी इसी से ख़ुशी कुछ मिलेगी।

भला हम ग़रीबों की हस्ती ही क्या है?
न हक़ है हमें एक नाता निभाना?
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना।

विदाई तुम्हारी रुलाएगी हमको
बुलाए बिना याद आएगी हमको
कि मौसम तुम्हें याद देगा हमारी
कभी तो कहीं याद आएगी तुमको।

कभी याद आने लगे जो हमारी
हमें भूलने के लिए मुस्कुराना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना।

कहाँ कौन पंछी करेगा बसेरा
कहाँ घोंसला कल बनाएगा कोई
पड़े गीत सौ-सौ मिलन के रहेंगे
विदाई की कविता सुनाएगा कोई।

नहीं कम सकेगा कभी आँसुओं का
किसी याद के ही लिए रिमझिमाना
बहुत पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना।

अगर जा रहे हो तो जाओ मगर हम
तेरी याद दिल में बसाकर रहेंगे
निगाहों में आँसू हँसी चेहरे पर
छिपा दर्द ये मुस्कुराकर कहेंगे।

हमारी यही कामना अन्त में हो
जहाँ भी रहो तुम वहीं लहलहाना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना।

शिक्षक की विदाई पर कविता

हमारे विद्यालय के आँगन में
खिलता हुआ गुलाब हो आप
हमारे अंधियारे जीवन में
ज्ञान का दीपक हो आप ।
हम सब बच्चे थे नादान
पढ़ने में नहीं था ध्यान
हमारी भूलो को माफ करके
दे दिया विद्या का ज्ञान ।
अपनी अनमोल शिक्षा को
खेल खेल से हमें सिखाया ।
संस्कारों का पाठ पढ़ाया ।
सही गलत का ज्ञान कराया ।
हमारे निराश हारे मन में
आत्मविश्वास जगा दिया
मंजिल तक पहुंचाने का
रास्ता हमें दिखा दिया ।
टीचर जी हमारे आँगन को
छोड़कर जा रहे हो आप
जीवन में सदा खुश रहो
यही है हमारी प्रभू से आस
अपनी खुशबू से महकातो रहो
सबकी बगिया को आप

विदाई समारोह पर कविता

एक बच्चे की तरह प्यार से पाला है तुम्हें
अपने हाथों के सहारों से सँभाला है तुम्हें
बाप के दिल की तरह हमने जिगर फैलाकर
हमने मारा भी, मारा है मगर सहलाकर

आज उस प्यार को किस तौर विदाई दे दूँ
भर के वरदान में सारी ही पढ़ाई दे दूँ
काश कुछ ऐसा हुनर मेरी जुबाँ में होता
स्वर्ग का भूमि से होता नहीं है समझौता

हम मुसाफिर की तरह आके चले जाते हैं
फूल-सा खिलके बहारों में बिखर जाते हैं
गन्ध अपनी तुम्हें देते हैं बहुत ख़ुश होकर
और हम ख़ुश हैं ये ख़ुशबू को बीज-सा बोकर

तुम इसे अपने पसीने से सींचना, बोना
और फिर देश के आँगन में सुर्ख़रू होना
ज्ञान की गन्ध पसीने में मुस्कराती है
यह खिज़ाओं के बग़ीचों में लहलहाती है

तुम भी इस देश के आँगन में जगमगाओगे
हमको उम्मीद, सितारों से चमचमाओगे
रात को दीप, सुबह आफ़ताब बन जाओ
हर मुसीबत में चट्टानों की तरह तन जाओ

ज़िन्दगी नींद से पहले का नाम है गोया
भिड़ना तूफ़ान से वीरों का काम है गोया
इम्तहाँ कुछ नहीं तूफ़ान का छोटा भाई
तोड़ दो इसकी नसें ले के एक अँगड़ाई

Farewell Poem for Seniors in Hindi

नए रास्ते खोजने को,
कुछ नया कर दिखाने को,
मंजिलों को अपना बनाने को,
थोड़े से नादान थोड़े से समझदार,
परिंदे आज उड़ चले।

मिल बांट कर जो खुशियां मनाते थे,
चुपके से हमारा की टिफिन खा जाते थे,
वो हमको बहुत सताते थे,
वो हर चीज पर अपना हक जमाते थे।

पर बात जब दूसरे स्कूल के बच्चों,
के साथ कॉन्पिटिशन की होती थी,
तब वो हमारे साथ हमेशा खड़े नजर आते थे,
वो हमसे प्यार तो करते पर जताते कम ही थे।

वो आपका डांटना, प्यार से समझाना,
टीचर्स डे वाले दिन टीचर बनकर पढ़ाना,
वो स्कूल टीचर्स के नए-नए नाम हमें बताना,
बहुत याद आएगा।

आप सबका प्यार भरा साथ,
वो साथ बिताए हुए पल,
खट्टी मीठी सी यादें,
बहुत याद आएंगी।

आज आंखों में आंसू तो है,
पर खुशी भी उतनी ही है,
क्योंकि आज हम भी
जूनियर से सीनियर हो जाएंगे।

स्कूल से तो विदा हो रहे हो आज,
पर हमारे दिलों से नहीं आते जाते मिलते जाना,
गुरुजी की डांट खाते जाना,
फिर से ये स्कूल के दिन जीते जाना।

शब्द के हार से दी बिदाई तुम्हें (Farewell Poem in Hindi)

देख लो हमने दे दी रिहाई तुम्हें
अब देंगे कभी हम दिखाई तुम्हें।।

हो गये अज़नबी इक-दूजे से हम
प्रीत मेरी नहीं मीत भाई तुम्हे।।

तोड़ देना अजी दिल लगाकर कहीं
ये अदा मीत किसने सिखाई तुम्हें।।

है न कोई गिला और शिकवा कहीं
अश्क़ देंगे नहीं अब दिखाई तुम्हें।।

दूँ तड़पकर सदा जो कभी मीत मैं
ख़्वाब में भी नहीं दे सुनाई तुम्हें।।

यश फ़लक तक चले ख़ूब गुणगान हो
हर जगह में मिले रोशनाई तुम्हें।।

जा रही छोड़कर ‘हीर’ ख़त आख़िरी
शब्द के हार से दी बिदाई तुम्हें।।

Farewell Hindi Poems – नए रास्ते खोजने को

नये रास्तें खोज़ने को,
कुछ नया कर दिख़ाने को,
मंजिलो को अपना बनानें को,
थोडे से नादां थोडे से समझ़दार,
परिन्दे आज़ उड चले।

मिल बांटक़र जो ख़ुशियां मनातें थे,
चुपकें से हमारा की टिफ़िन खा ज़ाते थे,
वो हमकों बहुत सतातें थे,
वो हर चीज़ पर अपना हक़ ज़माते थे।

पर बात ज़ब दूसरें स्कूल के बच्चो,
के साथ कन्पिटिशन की होती थी,
तब वो हमारें साथ हमेशा ख़ड़े नज़र आते थे,
वो हमसें प्यार तो करतें पर ज़ताते कम ही थें।

वो आपक़ा डांटना, प्यार से समझ़ाना,
टीचर्स डे वालें दिन टीचर बनक़र पढाना,
वो स्कूल टीचर्सं के नये-नये नाम हमे बताना,
बहुत याद आयेगा।

आप सब़का प्यार भरा साथ,
वो साथ बिताये हुए पल,
ख़ट्टी मीठीं सी यादे,
बहुत याद आयेगी।

आज़ आंखो मे आंसू तो हैं,
पर ख़ुशी भी उतनी ही हैं,
क्योंकि आज हम भी
ज़ूनियर से सीनियर हो जायेगे।

स्कूल से तो विदा हो रहें हो आज़,
पर हमारे दिलो से नही आते ज़ाते मिलते ज़ाना,
गुरुजी की डांट ख़ाते ज़ाना,
फ़िर से ये स्कूल के दिन जीतें जाना।
नरेन्द्र वर्मा

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