भारत की सभी पंचवर्षीय योजनाएं अवधि व उद्देश्य | Five Year Plan In Hindi

panchvarshiya yojana in hindi, Five Year Plan In Hindi | भारत की सभी पंचवर्षीय योजनाएं अवधि व उद्देश्य : भारत में विकास व अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के दृष्टिकोण से योजना आयोग द्वारा पांच वर्षों की जो पूर्व योजना तैयार की जाती हैं, उसे पंचवर्षीय योजना कहते है.

भारत की सभी पंचवर्षीय योजनाएं अवधि व उद्देश्य | Five Year Plan In Hindi

भारत की सभी पंचवर्षीय योजनाएं अवधि व उद्देश्य | Five Year Plan In Hindi

करीब 70 वर्षों तक भारतीय अर्थव्यवस्था की आधार रही पंचवर्षीय योजनाओं की आधारशिला वर्ष 1947 में रख दी गई थी,

देश की पहली पंचवर्षीय योजना साल 1951 में बनी और यह प्रक्रिया अगली 12 फाइव ईयर प्लान के साथ चलती रही,

वर्ष 2017 में बाहरवीं पंचवर्षीय योजना के समापन पर इस विकास योजना के प्रारूप को पूर्णतया विराम दे दिया गया.

अर्थव्यवस्था के नियोजन बाबत शुरू की गई फाइव ईयर प्लान का क्रियान्वयन 1951 से 2014 तक योजना आयोग करता था,

2014 में इसका नाम बदलकर नीति आयोग कर दिया गया था. इस आयोग के पदेन अध्यक्ष तत्सामयिक प्रधानमंत्री होते थे.

योजना आयोग पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से संसाधनों के आंकलन एवं संसाधनों के प्रभावी एवं संतुलित उपयोग हेतु योजनाएं बनाता हैं,

भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात ही त्वरित विकास को ध्यान में रखते हुए पंचवर्षीय योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया. भारत में अब तक 12 पंचवर्षीय योजनाएं बन चुकी हैं. इन पंचवर्षीय योजनाओं का काल निम्नलिखित हैं.

योजनाएं वर्षउद्देश्य
पहली पंचवर्षीय योजना1951-1956कृषि क्षेत्र पर जोर एवं कई बहुउद्देशीय योजनाएं चलाई गई
द्वितीय पंचवर्षीय योजना1956-1961औद्योगिक विकास की योजनाओं को प्रमुखता
तीसरी पंचवर्षीय योजना1961-1966 नागरिकों को आत्मनिर्भर एवं इकोनोमी को गतिशील बनाने पर जोर
चौथी पंचवर्षीय योजना1969-1974आर्थिक विकास एवं आत्मनिर्भरता को वरीयता दी गई
पांचवी पंचवर्षीय योजना 1974-1979गरीबी में कमी तथा कृषि पर आत्मनिर्भरता पर जोर  
छठी पंचवर्षीय योजना1980-1985आर्थिक विकास, गरीबी उन्मूलन पर जोर, नाबार्ड की स्थापना
सातवीं पंचवर्षीय योजना1985-1990रोजगार के अवसरों का सर्जन, सामाजिक व ग्रामीण विकास पर जोर व गरीबी उन्मूलन
आठवीं पंचवर्षीय योजना 1992-1997जनसंख्या में कमी, स्थानीय स्वशासन को वरीयता और संवैधानिक संस्थाओं का विकास
नवीं पंचवर्षीय योजना 1997-2002सरकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुचाना
दसवीं पंचवर्षीय योजना 2002-2007प्राइमरी एज्युकेशन को बढ़ावा, कृषि उत्पादन में वृद्धि नये रोजगार के अवसर पैदा करना
ग्यारवीं पंचवर्षीय योजना 20072012विकास की तीव्र गति और कई बड़ी केंद्रीय योजनाओं का प्रवर्तन
बारवीं पंचवर्षीय योजना 2012-2017सालाना विकास का लक्ष्य दस प्रतिशत

भारत की पंचवर्षीय योजनाएं ( Five Year Plans in India)

प्रथम पंचवर्षीय योजना-

इस पंचवर्षीय योजना में कुल 2378 करोड़ रूपये का बजट रखा गया. इसमें से 27.2 प्रतिशत कृषि पर, सामुदायिक विकास हेतु 17.4, परिवहन एवं संचार हेतु 24 प्रतिशत, उद्योगों हेतु 8.4 प्रतिशत, सामाजिक कार्यों हेतु 16.64 प्रतिशत, भूमि सुधार हेतु 4.1 प्रतिशत तथा अन्य कार्यों हेतु 2.5 प्रतिशत बजट रखा गया. प्रथम पंचवर्षीय योजना की अवधि 1 अप्रैल 1951 से 31 मार्च 1956 तक थी.

दूसरी पंचवर्षीय योजना

इस पंचवर्षीय योजना सार्वजनिक विकास के उत्थान व औद्योगिक विकास को समर्पित रही. इसमें महालनोबिस मॉडल का आर्थिक विकास हेतु प्रयोग किया गया. दूसरी पंचवर्षीय योजना की अवधि 1 अप्रैल 1956 से 31 मार्च 1961 थी.

तृतीय पंचवर्षीय योजना

इस पंचवर्षीय योजना में कृषि सुधाए और गेहूं उत्पादन पर बल दिया गया. इस पंचवर्षीय योजना में वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत रखी गई किन्तु प्राप्ति केवल 2.6 प्रतिशत ही हो सकी. तृतीय पंचवर्षीय योजना की अवधि 1 अप्रैल 1961 से 31 मार्च 1966 थी.

चतुर्थ पंचवर्षीय योजना

इस पंचवर्षीय योजना में 14 बैंकों का राष्ट्रीकरण होने के साथ हरित क्रांति का उदय हुआ. विकास दर 5.6 प्रतिशत रखी गई

किन्तु केवल 3.3 प्रतिशत तक ही प्राप्ति हो सकी. चतुर्थ पंचवर्षीय योजना की अवधि 1 अप्रैल 1969 से 31 मार्च 1974 तक थी.

पंचम पंचवर्षीय योजना

इस पंचवर्षीय योजना में रोजगार, गरीबी को दूर करने की योजना तैयार हुई. न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम का भी प्रारम्भ किया गया. इसकी अवधि 1 अप्रैल 1974 से 31 मार्च 1979 थी.

छठी पंचवर्षीय योजना

इस पंचवर्षीय योजना में आर्थिक उदारीकरण के प्रयास किये गये. नाबार्ड बैंक की स्थापना भी की गई. इसकी अवधि 1 अप्रैल 1980 से 31 मार्च 1985 थी.

सप्तम पंचवर्षीय योजना

इस पंचवर्षीय योजना में उत्पादकता को बढ़ाने के लिए मशीनीकरण पर जोर दिया गया. खाद्यान्न क्षमता बढाना तथा रोजगार उत्पन्न करना इसका मुख्य ध्येय था. इसकी अवधि 1 अप्रैल 1985 से लेकर 31 मार्च 1990 तक थी.

अष्टम पंचवर्षीय योजना

इस पंचवर्षीय योजना में उदारीकरण, निजीकरण एवं वैश्विकरण के रूप में क्रियान्वित हुई. इसमें आधारभूत सरंचनाओं में सुधार, पर्यटन प्रबंधन, मानव संसाधन विकास पर बल दिया गया, इसकी अवधि 1 अप्रैल 1992 से 31 मार्च 1997 तक थी.

नवीं पंचवर्षीय योजना

इस पंचवर्षीय योजना में आर्थिक संभावनाओं को ध्यान में रखकर आर्थिक व सामाजिक विकास पर बल दिया गया. इसकी अवधि 1 अप्रैल 1997 से 31 मार्च 2002 तक थी.

दसवीं पंचवर्षीय योजना

इस पंचवर्षीय योजना में उच्च स्तरीय रोजगार प्रदान करने पर बल दिया गया तथा विकास दर का लक्ष्य 8 प्रतिशत रखा गया. इसकी अवधि 1 अप्रैल 2002 से 31 मार्च 2007 तक थी.

ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना

इसमें गरीबी हटाने व विकास को बढ़ाने, सामाजिक क्षेत्र के विकास, शिक्षा व विकास के माध्यम से सशक्तिकरण, लैंगिक विषमता को दूर करने, पर्यावरण के सतत विकास पर बल दिया गया. इसकी अवधि 1 अप्रैल 2007 से 31 मार्च 2012 तक थी.

बारहवीं पंचवर्षीय योजना

इस योजना के तहत विकास दर को 8.2 प्रतिशत तक पहुचाने का लक्ष्य रखा गया था. इसकी अवधि 1 अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 तक थी.

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आशा करता हूँ दोस्तों आपकों भारत की सभी पंचवर्षीय योजनाएं अवधि व उद्देश्य | Five Year Plan In Hindi का यह लेख अच्छा अच्छा लगा होगा,

भारत में चलने वाले इस पांच वर्षीय योजना के सम्बन्ध में क्या विचार है हमें कमेंट कर जरुर बताए.

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