गांधी जयंती पर भाषण और कविता | Gandhi Jayanti Speech In Hindi 2024

गांधी जयंती 2024 पर भाषण और कविता Gandhi Jayanti Speech In Hindi: 2 अक्टूबर 2024 को गाँधी जयंती है. हमारे राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महात्मा गांधी का जन्म इस दिन 1869 को हुआ था.

Gandhi Jayanti Poem Speech In Hindi में स्टूडेंट्स के लिए गांधी जयंती 2022 पर भाषण और मोहनदास करमचन्द गांधीजी पर कविता प्रस्तुत कर रहे हैं.

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गांधी जयंती 2024 पर भाषण कविता Gandhi Jayanti Speech In Hindi

गांधी जयंती 2024 पर भाषण और कविता Gandhi Jayanti Speech Hindi

Gandhi Jayanti Speech In Hindi गांधी जयंती 2 अक्टूबर को हर साल मनाई जाती है. इस साल 2024 में महात्मा गांधी जयंती के दिन सभी विद्यालयों और कोलेज में राष्ट्रपिता गांधीजी के जीवन उनके विचारों पर कविता भाषण प्रस्तुत किये जाते है. य

हाँ आपकों गांधी जयंती के अवसर पर बोलने के लिए Gandhi Jayanti Par Bhashan Speech उपलब्ध करवाया जा रहा है.

Speech On Gandhi Jayanti 2024 In Hindi

सम्माननीय मंच, प्रधानाचार्य महोदय जी समस्त विद्वान् गुरुजनों और मेरे साथ पढ़ने वाले भाइयों और बहिनों. जैसा कि आप सभी जानते है आज हम हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाने बाबत यहाँ एकत्रित हुए है.

गांधी जयंती के इस पावन अवसर में मुझे बोलने का अवसर प्रदान करने के लिए मेरे कक्षाध्यापक जी का विशेष आभार धन्यवाद. दोस्तों आज 2 अक्टूबर का दिन है आज ही के दिन 1869 को गुजरात राज्य के पोरबंदर जिले में एक ऐसे महापुरुष का जन्म हुआ था,

जिन्होंने सत्य और अहिंसा के पथ पर आजीवन चलते हुए विश्व के सबसे ताकतवर सम्राज्यी शक्ति ब्रिटेन को परास्त करने में सफलता अर्जित की थी.

गुजराती ब्राह्मण परिवार में जन्मे महात्मा गांधी जिनका पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था. इनके पिताजी का नाम करमचन्द और माताजी का नाम पुतलीबाई था. मात्र 13 वर्ष की अवस्था में इनका विवाह कस्तूरबा के साथ हो गया था.

इन्होने आरम्भिक शिक्षा अपने जिले के ही एक विध्यालय से ही प्राप्त की थी. आगे की पढ़ाई के लिए इन्हें इंग्लैंड भेज दिया गया, जहाँ से बैरिस्टर (वकालत) की पढ़ाई पर भारत लौटे. m गांधी ने कुछ समय तक अहमदाबाद में वकालत की, एक केस के सिलसिले में उन्हें दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा था.

गांधीजी की अफ्रीका यात्रा उनके जीवन का अहम मोड़ था. साउथ अफ्रीका में मूल निवासियों तथा प्रवासी भारतीयों के साथ वहां की गोरी सरकार के अत्याचार का सामना इन्हें भी करना पड़ा. एक बार रेल यात्रा के दौरान वे गोरो लोगों के डिब्बे में बैठ गये थे.

रंगभेद की निति के चलते अंग्रेज लोगों ने गांधीजी को डिब्बे से बाहर कर दिया. इस घटना से आहत होकर उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में ही रंगभेद के खिलाफ सत्याग्रह शुरू कर दिया. कुछ हद तक वहां समानता की स्थति बनने के बाद गांधी 1915 में भारत लौट आए.

जब गांधीजी भारत लौटे तो कुछ किसान नेताओं ने उनका ध्यान स्थानीय नील व्यापरियों तथा जमीदारों द्वारा कृषकों के शोषण की घटनाओं के बारे में अवगत करवाया. किसानों तथा मजदूरों के शोषण के खिलाफ इन्होने खेड़ा और चम्पारण नामक क्षेत्रों में किसान आंदोलनों का नेतृत्व किया.

जब अंग्रेज सरकार को इस प्रकार के सत्याग्रह विरोध की जानकारी मिली तो उन्होंने गांधीजी को जेल में बंद करने का आदेश दे दिया. मगर किसानों और मजदूरों को मिली एक आशा की किरण को वो किसी भी सूरत में समाप्त नही होने देना चाहते थे.

गांधी जयंती पर सरल भाषण इन हिंदी 2024 महात्मा गांधी स्पीच

अतः उन्होंने अपने विरोध आंदोलन को सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में जारी रखा तथा गांधीजी को रिहा करने को लेकर आंदोलन का अल्टीमेटम जारी कर दिया.

स्थति को समझते हुए अंग्रेज सरकार ने आन्दोलन की सभी मांगो को मानते हुए महात्मा गांधी को जेल से रिहा कर दिया. इस तरह भारत में पहले राजनितिक संघर्ष में मिली सफलता के बाद सत्य और अहिंसा के दम पर इन्होने भारत को आजाद करवाने का संकल्प लिया.

इसके बाद 13 अप्रैल 1919 को पंजाब के जलियावाला बाग नामक स्थान पर अंग्रेज सरकार द्वारा हजारों निर्दोष नागरिकों को मारने के विरोध में गांधीजी ने असहयोग आंदोलन शुरू किया.

इस आंदोलन में सभी भारतीय अधिकारी, शिक्षक और अंग्रेजी सेवा में काम करने वाले सभी भारतीयों ने अपने काम का त्याग कर गांधीजी के समर्थन में सड़को पर आए गये थे.

इसके बाद दांडी नमक सत्याग्रह, स्वदेशी आंदोलन, हरिजन आंदोलन तथा भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व भी गांधीजी ने किया.

भारत को स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 को मिली, इसमे महात्मा गांधी का सबसे बड़ा योगदान था. देश की आजादी के लिए महात्मा गांधी ने अपने जीवन के कई साल जेल की काल कोठरियों में बिताएं तब जाकर भारत को आजादी मिली.

वकालत व्यवसाय में करियर शुरू करने वाले गांधी इतने लोकप्रिय हुए कि लोगों ने इन्हें महात्मा और बापू “राष्ट्रपिता” जैसे उपनामों से पुकारना शुरू किया.

महात्मा गांधी एक सच्चे देशभक्त और महान स्वतंत्रता सेनानी थे ही साथ ही अच्छे समाज सुधारक भी थे. जीवन पर्यन्त इन्होने समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने के लिए साहसिक कदम उठाए.

स्वच्छता को ईश्वरीय गुण मानने वाले गांधीजी स्वय गन्दी बस्तियों में अपने हाथ से झाड़ू निकालकर भारत को स्वच्छ बनाने की दिशा में कार्य करने वाले पहले इंसान थे.

समाज में व्यापत रूढ़ीवाद तथा छुआछूत तथा निम्न जाति के लोगों के साथ उच्च जातियों द्वारा अत्याचार व् भेदभाव पूर्ण व्यवहार को समाप्त करने के लिए हरिजन आंदोलन और दलित उद्धार के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए.

गाँधी जयंती एक ऐसा अवसर है जिसमे हमे एक ऐसें महान महापुरुष को याद कर उनकी राह पर चलने का संकल्प करना चाहिए. जिन्होंने सम्पन्न स्वतंत्र और एक स्वच्छ भारत की कल्पना की थी.

जिनमे बिना किसी उंच नीच के भेद किये सभी नागरिकों को समान रूप से मौलिक सुविधा उपलब्ध करवाए जाए. गाँधी जयंती के अवसर पर अंत में बस इतना ही कहना चाहुगा. कि अमूमन माना जाता है कि अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता.

मगर गांधीजी ने अकेले की एक ऐसें मिशन की शुरुआत जिनका पूरा होना लगभग अस्मभव था. मगर किसी नेक कार्य को करने का मजबूत इरादे भर के पीछे चलने वालों की संख्या लाखों करोड़ो तक चली गई.

इसी प्रकार आज समाज और देश में व्याप्त समस्याओं से निजात पाने के लिए हमे एक और महात्मा गांधी चाहिए जो हमारे बिच में से ही कोई है.

गांधी जयंती पर कविता (Poem on Gandhi Jayanti In Hindi)

गांधी के विरोधियों पुजारियों का मेल है
राजनीति सांप और नेवले का खेल है
काँग्रेसियों का देखो आज तुम कमाल जी
धीरे-धीरे पूरी काँग्रेस है हलाल जी
कोई पश्चाताप नहीं ना कोई मलाल जी
क्या हुआ जो जूतियों में बँट रही है दाल जी
ये नेहरु और गोखले की जान थीं
काँग्रेस इंदिरा जी की आन-बान-शान थीं
काँग्रेस गांधी जी तिलक का स्वाभिमान थीं
कल स्वतंत्रता – सेनानी होने का प्रमाण थीं
CONGRESS अरुणा आसिफ अली का ईमान थीं
काँग्रेस भारती की पूजा का सामान थीं
काँग्रेस भिन्नता में एकता की तान थीं
पूरे देश को जो बांध सके वो कमान थीं
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस काँग्रेसी थे
टंडन जी, नरेंदर देव घोष काँग्रेसी थे
लाल बहादुर की अंतिम साँस काँग्रेस थीं
लोहिया जी की भी कभी प्यास काँग्रेस थीं
लाला लाजपत की चोट वाली काँग्रेस थीं
हर गली – गली में वोट वाली काँग्रेस थीं
जे.पी. की भी जली थीं जवानी काँग्रेस में
आजादी की पली थीं कहानी काँग्रेस में
काँग्रेस पार्टी जो शुरू से महान थीं
जो स्वतंत्र – काल में अधिक समय प्रधान थीं
काँग्रेसी टोपी कल जो शीश पे थीं शेरों के
आज पैरों में है ऐरे – गैरे नत्थू खैरों के

अंत में गांधी जयंती 2024 के भाषण को यह कहकर ही समाप्त करुगा, हर सदी में देवता धरती पर अवतरित होकर दीन दुखियो के कष्ट दूर करते हैं. महात्मा गांधी भी दलितों, वंचितों तथा महिलाओं के मसीहा थे.

सत्य और अहिंसा की राह पर चलकर जीवन में बड़े से बड़े उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सकता हैं. यह हमें गांधीजी के जीवन को एक उदाहरण के रूप में देखने से ही स्पष्ट हो जाता हैं. अतः आज हम सभी को गांधीजी के जीवन से जुडी किसी एक अच्छाई को अपने जीवन में अपनाने का प्रण अवश्य लेना चाहिए.

गांधी जयंती 2024 पर निबंध भाषण लेख हिंदी में Gandhi Jayanti Essay Speech in Hindi

एक ही दिन भारत की पवित्र भूमि पर दो महापुरुषों ने जन्म लिया, दिन था 2 अक्टूबर का इस दिन महात्मा गांधी और आदर्श राजनेता और भारत के द्वीतीय प्रधानमन्त्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दिन है.

Gandhi Jayanti 2024 इस दिन देश भर में गांधी जयंती व शास्त्री जयंती के अवसर पर शिक्षण संस्थानों में कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन होता है.

इस अवसर पर स्टूडेंट कई दिन पूर्व से ही महात्मा गांधी पर निबंध, भाषण, लेख, कविता, जीवनी और उनके विचारों को प्रस्तुत करते के लिए सर्च करने में लग जाते है.

यहाँ आपकों गांधी जयंती 2024 पर निबंध भाषण लेख / Gandhi Jayanti Essay Speech उपलब्ध करवाए जा रहे है.

गांधी जयंती पर भाषण 2024 (Speech on Gandhi Jayanti In Hindi)

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय समस्त विद्वान गुरुजनों मेरे साथ पढ़ने वाले समस्त भाइयो और बहिनों. जैसा कि सर्वविदित है आज हम सब गांधी जयंती मनाने के उपलक्ष्य में यहाँ एकत्रित हुए थे.

महात्मा गांधी जिन्हें हम बापू और राष्ट्रपिता के नाम से संबोधित करते है, महान महापुरुष एवं स्वतंत्रता सेनानी थी. यदि हम यह कहे कि आज के भारत के निर्माण में गांधी का सर्वाधिक योगदान था. तो कुछ भी गलत नही है. क्युकि भारत की स्वतंत्रता और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए उन्होंने सभी धर्मो के लोगों को एक करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की.

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 के दिन गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. इनका पूरा नाम मोहनदास कर्मचन्द गांधी था. इनके पिताजी करमचन्द गांधी पोरबन्दर में ही दीवान की ही नौकरी करते थे. इनकी माँ का नाम पुतली बाई था.

जो धार्मिक प्रवृति की महिला थी, जिनका बहुत बड़ा प्रभाव गांधी के जीवन पर पड़ा. महात्मा गांधी ने आरम्भिक पढाई वही के एक निजी विद्यालय से की इसके बाद वकालत की पढाई के लिए इंग्लैंड चले गये थे. महात्मा गांधी का मात्र 13 वर्ष की आयु में ही कस्तूरबा गांधी के साथ विवाह सम्पन्न हो गया था.

वकालत की डिग्री हासिल करने के बाद इन्होंने बोम्बे कोर्ट से कुछ मुकदमे लड़े और इसके पश्चात ये दक्षिण अफ्रीका चले गये वहां पर अंग्रोजो की रंगभेद निति से बहुत आहत हुए और गोरो लोगों के ख़िलाफ एक आंदोलन छेड़ा.

अफ्रीका में मिली सफलता के बाद महात्मा गांधी 1915 को भारत लौट आए. यहाँ उनका ध्यान किसानो और निम्न वर्ग के साथ अंग्रेज सरकार की अत्याचार पूर्ण नीतियों पर गया.

जिनके विरोध में गांधीजी ने कई बड़े आंदोलन किये जिनमे उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा. मगर अपने अट्टल निश्चय के आगे अंग्रेज सरकार को झुकना पड़ा.

और 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी प्रदान कर दी थी. भारत विभाजन के बाद उपजी विषम परिस्थिति में इन्होने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, संभवत वही इनके जीवन के अंत का कारक बनी.

30 जनवरी 1948 को दिल्ली में प्रार्थना सभा के दौरान नाथूराम गोडसे ने गांधीजी पर गोली चला दी, जिससे उनकी मृत्यु हो गई. उनकी याद में दिल्ली के राजघाट में शहीद स्मारक बनाया गया.

तथा 30 जनवरी को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है. महात्मा गांधी के जन्म दिवस 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाकर ऐसे महान देशभक्त के कार्यो को याद किया जाता है.

गांधी जयंती भाषण 2024 (Gandhi Jayanti Essay In Hindi)

“दे दी हमें आजादी खड्ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल”

सत्य और अहिंसा की राह पर चलकर मानवता की वकालत करने वाले महात्मा गांधी न सिर्फ हमारे बापू है. बल्कि विश्व के 100 से अधिक देशों के आदर्श नेता है इस बात को समझने के लिए यह तथ्य काफी है कि महात्मा गांधी एकमात्र वो इंसान है.

जिनके नाम दुनिया के सबसे अधिक देशों ने डाक टिकट जारी किया हो, तकरीबन 104 मुल्कों के डाक टिकट इस महामानव के नाम जारी होना अपने आप में अनूठा है.

चल पड़े जिधर दो पग डगमग, चले पड़े कोटि पग उसी ओर,
पड़ गई जिधर भी एक द्रष्टि, गढ़ गये कोटि दरग.

ये पक्तियां महात्मा गांधी के जीवन पर बिलकुल उपयुक्त है. आज जिनके करोड़ो अनुयायी यू ही नही है बल्कि उन्होंने भारत को आजादी दिलाने में अहम योगदान दिया था. जब 1883 में वे दक्षिण अफ्रीका एक केस के सिलसिले में गये यही से इनके राजनितिक जीवन की शुरुआत हुई थी.

6 जुलाई 1944 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने जी ने सबसे पहले बापू को राष्ट्रपिता कहकर अपने अभियान में सफलता के लीये आशीर्वाद माँगा था.

बोस पहले इंसान थे जिन्होंने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के नाम से पुकारा वही 1915 में रविन्द्रनाथ टैगोर ने इन्हें पहली बार महात्मा की उपाधि दी थी. गांधी ने टैगोर को पहली दफा गुरुदेव कहा था.

गाँधी जयंती नारे और स्लोगन (gandhi jayanti slogans in hindi)

  • हम वो बन सकते है, जैसा बनने में यकीन करते है यह बात इस स्थति में भी लागू होती है मै जिस काम को करने में असमर्थ समझता हु यकीनन मै उसे करने में असफल हो जाता हु. इसके विपरीत मै जिस कार्य में यकीन करता हु कि मै इसे कर सकता हु निश्चित रूप से उसे कर ही लेता हु.
  • बुरी बाते सुनने से मन में अशांति और पवित्रता का अंत होता है. इसलिए बुरा मत देखो बुरा मत सुनो बुरा मत देखो.
  • दुनिया के अधिकतर भूखे लोग रोटी के रूप में इश्वर के दर्शन करते है.
  • दिल की कोई भाषा नही होती है, एक दिल की बात दूसरा दिल समझ जाता है.
  • स्वयं बदलाव कर वो बनिये जो आप दुसरे में देखना चाहते है.
  • आपकों इंसानियत में विशवास करना चाहिए क्युकि यह तो सागर की तरह है जिसमे कुछ बुँदे गन्दी होने से सागर गंदा नही हो सकता है.
  • जब आपका मुकाबला अपने शत्रु से हो तो उसे प्रेम से अहिंसा से जीते.

महात्मा गांधी जयंती 2024 के बारे में जानकारी Gandhi Jayanti Information In Hindi

सत्य एवं अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी के जीवन से हर कोई परिचित हैं. राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महत्मा गांधी के जन्म दिवस को सम्पूर्ण भारत गांधी जयंती के रूप में मनाता हैं. बापू ने आजीवन राष्ट्रसेवा के व्रत का पालन करते हुए भारत को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी.

गांधी जयंती को भारत के राष्ट्रीय उत्सवों की श्रेणी में रखा जाना इसके महत्व को बताता हैं. इस पुण्य दिन भारत की धरा पर एक और सपूत ने जन्म लिया था. उनका नाम लाल बहादुर शास्त्री था.

वे भारत के दूसरे प्रधानमन्त्री थे, इसलिए 2 अक्टूबर को हर साल हम शास्त्री-गांधी जयंती मनाते हैं. महात्मा गांधीजी की जयंती पर कुछ जानकारी (Information On Gandhi Jayanti) को गांधी जयंती के भाषण, निबंध के रूप में बोल सकते हैं.

बापू जिनका पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था. इन्हें राष्ट्रपिता एवं महात्मा की उपाधि से सम्मानित किया गया. उनकें सत्य एवं अहिंसा के सिद्धांतों के बल पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था.

स्वदेशी प्रेम, हिन्दू मुस्लिम एकता, दलित एवं स्त्रियों के हित की बात करने वाले गांधीजी आज मरकर भी हमारे दिलों में जिन्दा हैं. गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) हमें बापू के कदमों पर चलने की प्रेरणा देती है.

हमारा कर्तव्य है कि हम गांधी के सपने के भारत को मिलकर बनाएं और उन्हें श्रद्धांजली स्वरूप स्वच्छ भारत सम्रद्ध भारत की तस्वीर पेश करे.

गाँधी जयंती कब मनाई जाती हैं ? (Gandhi Jayanti Date)

आज के समय में यह यकीन करना कठिन है कि कोई व्यक्ति कैसे बिना शस्त्र एवं हिंसा के सैकड़ों वर्षों से शासन करने वाले लोगों को सत्ता छोड़ने के लिए विवश कर सकता हैं.

यह वैज्ञानिक आइन्स्टाइन ने भविष्यवाणी भी की थी कि आने वाली हमारी पीढियां यकीन नही करेगी कि ऐसा भी कोई पुरुष हुआ था.

200 वर्षों की दासता से भारत को आजादी दिलाने में महात्मा गांधी की राजनैतिक सोच का महत्वपूर्ण स्थान थे. अब तक भारत की आजादी के लिए व्यापक संघर्ष व हड़ताले हो चुकी थी. 1857 की क्रांति के बावजूद अंग्रेजी सत्ता की जड़े नही हिली थी.

मगर बापू ने इसे सशस्त्र क्रांतिकारी आन्दोलन को जन आन्दोलन का रूप दिया जिसमें विद्यार्थी, मजदूर, सरकारी कर्मचारी, महिलाएं व सभी वर्गों के लोग सम्मिलित थे.

महात्मा गांधी का जीवन परिचय

गांधीजी ने भारतीयों को एकता के सूत्र में बांधकर राष्ट्रव्यापी आन्दोलन चलाए और अंग्रेजों को उनके हार माननी पड़ी थी. ऐसे महान पुरुष का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था.

उन्होंने इंग्लैंड से वकालत की डिग्री की तथा व्यवसाय के सिलसिले में उन्हें दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा. इसी दौरे ने उन्हें सामान्य जन से एक जुझारू व्यक्तित्व वाला इन्सान बना दिया था.

जब वे अफ्रीका में रंगभेद की निति के विरुद्ध किये गये आन्दोलन में सफलता के बाद भारत लौटे तथा यहाँ के किसानो ने उन्हें अपने प्रतिनिधि के रूप में चुना. धीरे धीरे उनकी लोकप्रियता देशभर में फैलती गई एक 1918 आते आते महात्मा गांधी राष्ट्रीय नेता के तौर पर जाने जाने लगे.

राष्ट्रीय आन्दोलन एवं भारत को स्वतंत्रता

उन्होंने कई बड़े आंदोलनों का नेतृत्व किया, जिनमें 1942 का भारत छोड़ो आन्दोलन सबसे प्रभावी एवं सफल आन्दोलन था. इसी आन्दोलन के दौरान उन्होंने करो या मरो और अंग्रेजो भारत छोड़ो के नारे दिए थे.

महात्मा गांधी के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हो गया. आजादी के समय ही पाकिस्तान की मांग को उन्होंने अंत तक स्वीकार नही किया था.

मगर देश में बढ़ रही साम्प्रदायिक हिंसा के चलते उन्हें यह मंजूर करना पड़ा था. आज भी भारत की जनता गांधी एवं नेहरु को भारत के विभाजन की जिम्मेदार मानती हैं.

गांधीजी एक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ साथ समाज सुधारक भी थे. उन्होंने दलितों एवं स्त्रियों के उत्थान के लिए कई कार्यक्रम भी चलाएं. उन्होंने स्वच्छता को स्वतंत्रता से अधिक महत्व दिया था. वे स्वच्छ भारत का सपना पूरा करना चाहते थे.

आखिर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर शुरू किए गये स्वच्छ भारत अभियान के जरिये, गांधीजी के सपनों के भारत को बनाने की दिशा में कदम बढाया हैं.

2 अक्टूबर गाँधी जयन्ती 2024 कब है निबंध भाषण इतिहास गाधी जयन्ती इन हिंदी

आज पूरा देश सत्य व अहिंसा के पुजारी मोहनदास करमचन्द गांधी की जयंती को मना रहा हैं. 2 अक्टूबर 2024 गाँधी जयन्ती है, इस दिन प्रिय बापू का जन्म गुजरात के पोरबंदर में 1869 ई में हुआ था.

उनके जन्म दिवस को गाधी जयन्ती और विश्व अहिंसा दिवस के रूप में हर साल 2 अक्टूबर को मनाते हैं. 2 अक्टूबर महात्मा गांधी पर भाषण स्पीच जयंती भाषण मराठी निबंध शायरी हिंदी में के सम्बन्ध में आज का यह लेख गाँधी जयन्ती 2 अक्टूबर पर आधारित हैं.

आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, सम्मानित भद्रजनों और मेरे प्यारे भाइयों-बहनों आज हम एक ऐसे महामानव की जयन्ती को सेलिब्रेट करने के लिए एकत्रित हुए हैं जिन्हें भारत ही दुनियां भर में जाना पहचाना जाता हैं भारत के लोगों ने इनके योगदान को देखते हुए गांधीजी को राष्ट्रपिताबापू की उपाधि दी थी. उनका जीवन परिचय, जीवनी, हिस्ट्रीविचार प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रासंगिक हैं.

“भारतवासी महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता या बापू कहकर पुकारते हैं. वह अहिंसा के अवतार, सत्य के देवता, अछूतों के प्राणधार एव राष्ट्र के पिता थे. इस महामानव ने ही दीन दुर्बल, उत्पीड़ित भारतमाता को पराधीनता की बेड़ियों से मुक्त कराया था.”

महात्मा गांधी [गान्धी गाँधी गाधी] का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को काठियावाड़ प्रान्त के अंतर्गत पोरबंदर के एक सम्पन्न परिवार में हुआ था. इनका पूरा नाम मोहनचंद करमचंद गाँधी हैं.

इनके पिताजी करमचंद गांधी राजकोट के दीवान थे. इनकी माता पुतलीबाई थी, जो एक धर्म परायण एवं आदर्श महिला थी. गांधीजी का विवाह कस्तूरबा के साथ हुआ. वह शिक्षित नहीं थी, फिर भी उन्होंने जीवन भर गांधीजी का साथ दिया.

इनकी शुरूआती शिक्षा अपने ही शहर राजकोट में सम्पन्न हुई थी. राजकोट से दसवीं पास करने के बाद कानून की पढाई करने के लिए गांधीजी वर्ष 1888 में लन्दन चले गये. तथा तीन वर्षीय लो कोर्स करने के बाद 1891 में स्वदेश लौट आए.

उस वक्त उनकी माता जी का देहांत हो गया था. वे मुंबई कोर्ट में प्रेक्टिस करने लगे. इसी दौरान एक गुजरात के कारोबारी के मुकदमा उनके हाथ लगा जिसकी सुनवाई के लिए उन्हें साउथ अफ्रीका जाना पड़ा.

उन्हें वहां तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा, द्वितीय श्रेणी के डिब्बे से निकाल देना, अदालत में पगड़ी उतरवाना. मगर वे इन घटनाओं से विचलित न होकर अपने लक्ष्य पर टिके रहे.

इस तरह अंत में गांधीजी के प्रयासों से वहां भारतीयों को सम्मान जनक स्थान मिला. 20 साल अफ्रीका में रहकर जब गाँधी भारत आए तो उनका खूब आदर सत्कार किया गया.

Speech On Gandhiji In Hindi – महात्मा गांधी स्पीच इन हिंदी

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सभी साथियों को हमारा नमस्कार हैं आज यानी 2 अक्टूबर 2024 को गांधी जयंती हैं. इस अवसर पर हम गांधीजी को श्रद्धापूर्वक याद करते हैं. आज का हमारा संपूर्ण लेख Gandhiji Speech In Hindi में बच्चों व स्टूडेंट्स के लिए छोटा बड़ा निबंध भाषण यहाँ बता रहे हैं. 

सत्य एवं अहिंसा  की राह पर चलते जिस महामानव ने भारत को आजादी दिलाई, पूरा भारत उन्हें राष्ट्रपिता या बापू कहकर संबोधित करता हैं. यह दिन हमारे भारतवर्ष में गांधी जयंती के रूप में स्कूलों एवं कॉलेजों में मनाया जाता हैं. महात्मा गांधी भाषण को जानते हैं.

mahatma gandhi speech in hindi for kids Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 Students Use Gandhi Bhashan सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर चलकर भारत के लोगों को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराकर आजादी की रोशनी दिखाई थी.

gandhi jayanti speech for children में उनके महान व्यक्तित्व तथा बिना रक्त बहाएं सदी की बड़ी जंग में जीत हासिल की थी. गांधी जयंती के अवसर पर बच्चों को भाषण आदि कहने को कहा जाए तो आप इस लेख की मदद ले सकते हैं.

Gandhi Jayanti Speech In Hindi Language

few lines on mahatma gandhi for children: 2 अक्टूबर का इतिहास क्या है, इस दिन क्या है गांधीजी का जन्म कब हुआ था, 2 अक्टूबर का दिन भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण दिनों में इसकी गणना की जाती हैं.

इस दिन भारत के दो सपूतों का जन्म हुआ था, एक थे महात्मा गांधी व दूसरे थे लाल बहादुर शास्त्री जी. 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबन्दर में गांधी जी का जन्म हुआ था. इनका पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था.

राष्ट्र ने इन्हें बापू और राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित किया, 2 अक्टूबर के दिन देशभर में गांधीजी पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं. गांधी जयंती के मौके पर भाषण व निबंध की प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जाता हैं.

भारत में गांधीजी जयंती पर राजकीय अबकाश होता हैं. 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अहिंसा दिवस के रूप में बापू के जन्म दिवस को मनाने का निर्णय लिया था,

अपने सम्पूर्ण जीवन को राष्ट्र सेवा की राह में लगा देने वाले गांधी के भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान को कोई नहीं भूला सकता हैं.

आज के दिन बापू शांति, अहिंसा और सच्चाई की मूर्ति के रूप में इनका स्मरण किया जाता हैं. यहाँ आप गांधीजी पर स्पीच (gandhi jayanti in hindi speech) पढ़ सकते हैं.

speech on gandhi jayanti 2024 for kids in hindi

short speech on mahatma gandhi for kids: माननीय मुख्य अतिथि महोदय, प्रधानाचार्य महोदय, मेरे समस्त विद्वान् गुरुजनों एवं मेरे सहपाठी मित्रो. आज 2 अक्टूबर है हम सभी जानते हैं कि आज के दिन का इतिहास क्या हैं. 

जी, हाँ सत्य एवं अहिंसा के पद चिह्नों पर चलने वाले गांधीजी का जन्म आज ही के दिन हुआ था. उनके जन्म दिन को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता हैं और इसी लिए आज हम सब यहाँ एकत्रित हुए हैं.

आज मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर भाषण (information mahatma gandhi hindi) बोलने जा रहा हूँ.

गांधी जयंती की गिनती भारत के राष्ट्रीय पर्व के रूप में की जाती हैं, 2 अक्टूबर के दिन देशभर में इसे धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं. जब दिल्ली के राजघाट में नाथूराम ने गोली मारकर इनकी हत्या कर दी तो गांधीजी की समाधि को राजघाट पर ही बनाया गया था.

इस अवसर पर कुछ दिन पूर्व से ही राजघाट पर तैयारियां शुरू हो जाती हैं. गांधीजी की जयंती के दिन देश के सभी बड़े पदाधिकारी व नेता यहाँ आकर बापू को श्रद्धांजलि देते हैं. इस दिन सवेरे सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन भी करवाया जाता हैं. समूचा भारत उनके बलिदान एवं कार्यों को याद करता हैं.

विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में नाटक, कविता, भाषणों, वाद विवाद प्रश्नोत्तरी, निबंध लेखन प्रतियोगिताओं के द्वारा गांधीजी के जीवन तथा भारत के स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका को दर्शाया जाता हैं.

उनके सत्य एवं अहिंसा के शील गुणों के महत्व तथा वर्तमान समय में इसकी आवश्यकता को हम भली भांति समझ सकते हैं. सिद्धांतों पर चलकर जीवन जीने वाले बापू ने एक बार कहा था ‘मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन’

यह सर्वविदित हैं कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भारत को आजाद कराने के लिए अहम योगदान किसी एक नेता का था तो वह महात्मा गांधी ही थे, वे कई बार जेल गये, अहिंसक आन्दोलन किये, बहिष्कार की नीति अपनाई,

मगर आजादी के लिए उन्होंने कभी हिंसा की राह को नहीं चुना. अहिंसा, सच्चाई और शांति की ताकत के बल पर सर्वाधिक शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य को झुका देने की क्षमता गांधीजी में ही थी.

भारत आने से पहले गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में गोरी सरकार की करतूतों से परिचित थे, दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने श्वेत अ श्वेत की कानूनी लड़ाई लड़ी और उसमें विजयी हुए, जब 1915 में भारत में आए तो इन्होने देश को ढंग से समझने के लिए पुरे भारत का दौरा किया, लोगों की समस्याएं समझी.

वे जानते थे कि इतने लम्बे समय तक ब्रिटिश राज के भारत में रहने का बड़ा कारण भारतीयों का सहयोग हैं. अतः उन्होंने विदेशी उत्पादों के बहिष्कार, असहयोग आन्दोलन  प्रयासों से जनता को सरकार के विमुख ला खड़ा किया.

गांधीजी के आंदोलन की यात्रा वर्ष 1919 में शुरू हुई जब इन्होने अंग्रेज अधिकारी डायर द्वारा जलियांवाला बाग़ हत्याकांड में हजारों नागरिकों की हत्या के बाद शुरू किया. इसके बाद इन्होने 12 मार्च 1930 से लेकर 6 अप्रैल तक 26 दिनों की दांडी यात्रा निकालकर नमक को शासन के दायरे से मुक्त कराया.

उनकी लोकप्रियता व ब्रिटिश सरकार के अत्याचारों के चलते लोग गांधी के साथ जुड़ते गये और कारवाँ बनता गया, देखते ही देखते उनके कहने भर से लाखों लोग सरकारी नौकरियां सेना आदि को छोड़ हुकुमत के खिलाफ एकजुट हो जाते थे.

महात्मा गांधी छोटी छोटी चीजों को अधिक महत्व देते थे, उनके द्वारा नमक सत्याग्रह अथवा दांडी यात्रा करने का कोई बड़ा लक्ष्य नहीं था, मात्र नमक बनाकर सरकार के अवैध नियम को तोडना भर था, इसके लिए पूरा देश उनके पीछे पीछे चला था,

मगर इन छोटे छोटे प्रयासों से उन्होंने सरकारी व्यवस्था को पूरी तरह कमजोर कर दिया था. अक्सर गांधीजी स्वच्छता के बारे में बेहद जागरूक रहते थे. वे समाज सेवा, हिन्दू मुस्लिम एकता, दलित हितों की बात भी किया करते थे.

Speech On Gandhi Jayanti For School In Hindi Teacher And Students Speech Bhashan 2 October 2024

महात्मा गांधी जयंती 2024 पर स्पीच भाषण स्कूल के स्टूडेंट्स और शिक्षकों के लिए– Gandhi Jayanti Speech For School In Hindi सरल भाषा में उपलब्ध करवाया गया हैं, जिन्हें कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के विद्यार्थी व शिक्षक आसानी से भाषण की तैयारी कर सकते हैं.

2 Octomber 2024 Bhashan, speech on mahatma gandhi Jayanti For Students & Teachers को 100, 200, 300, 400, 500, शब्दों में छोटे बड़े भाषण के रूप में आप विभक्त कर याद कर सकते हैं.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी की जयंती उनके जन्म दिवस 2 अक्टूबर के दिन देशभर में एक राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाई जाती हैं.

आप सभी को सुप्रभात जैसे कि हम सभी जानते है कि आज का दिन एक ऐसे महापुरुष का जन्म दिन है जिससे सम्मान स्वरूप हम अपने राष्ट्र पिता के रूप में याद करते हैं. आज Gandhi Jayanti और शास्त्री जयंती हैं.

इस अवसर पर मैं गांधी जयंती पर भाषण प्रस्तुत कर रहा हूँ, जिस व्यक्ति के बारे में प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि भावी पीढ़ी को इस बात पर भरोसा भी नही होगा कि हाड़-मांस का बना ऐसा गांधी हुआ करता था जिसने भारत की आजादी का अभियान छेड़ा था और अंग्रेजों को पराजित कर भारत को स्वतंत्र कराया था.

Speech On Gandhi Jayanti For School In Hindi

2 अक्टूबर 1869 के दिन मोहनदास करमचन्द गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. इसी दिन को गांधी जयंती-  Gandhi Jayanti  के रूप में मनाया जाता हैं. 30 जनवरी 1948 में दिल्ली की प्रार्थना सभा के दौरान नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर बापूजी की हत्या कर दी थी.

सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धांतों पर चलकर ही महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ आन्दोलन एवं भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में सफलता प्राप्त की थी.

उनकी हत्या के दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता हैं. गांधी जी के इन्ही सिद्धांतों व नागरिक अधिकारों के लिए विश्व में कई स्थानों पर औपनिवेशिक सरकारों के विरुद्ध आन्दोलन हुए.

अहिंसा के पुजारी गांधीबाबा पर चले होते तो आज हिंसा और आतंकवाद से मानवता को संकट से नही गुजरना पड़ता. उन्हें सत्य अहिंसा और सत्याग्रह ने न केवल भारत को आजाद कराया बल्कि भारत-पाक विभाजन के समय भड़की साम्प्रदायिक हिंसा को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

दुनियां गाधीजी के अहिंसा के सिद्धांतों से प्रभावित हैं. विश्व शान्ति एवं सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती- Gandhi Jayanti को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय 2007 में किया था.

गांधी जयंती 2024 भाषण

भले ही आज के समय में लोग गांधीवाद में विश्वास कम ही करते हो, मगर जब अंग्रेजों के दमनकारी चक्र में भारतीय जनता पीस रही थी तो गांधीजी ने अपनी लोकप्रियता एवं जन समर्थन के बल पर ब्रिटिश सरकार को हर बार झुकाया था.

बेशक आजादी की कीमत हमारे लाखों स्वतंत्रता सैनानियों ने चुकाई थी, मगर इसमें कही न कही बड़ा योगदान महात्मा गांधी का भी रहा.

Gandhi Jayanti मनाने का उद्देश्य उस महापुरुष के विचारों एवं शिक्षाओं पर चलने से हैं. जिन्होंने तीन बन्दर की अवधारणा को प्रस्तुत किया था. यदि उनकी इस सोच को हर कोई अपना ले तो विश्व के अधिकाँश संकट समाप्त हो सकते हैं. उन्होंने कहा था. बुरा मत सुनो, बुरा मत देखों और बुरा मत कहो.

पेशे से वकील गांधी ने एक केस की सुनवाई के सिलसिले में दक्षिण अफ्रीका में कदम रखा था. वहां अंग्रेजी औपनिवेशिक सरकार के लोगों के साथ रंगभेद की निति से वे बेहद आहत हुए. तथा वहां की जनता के साथ उन्होंने सरकार के विरुद्ध आन्दोलन शुरू कर दिया.

1915 में जब वे अफ्रीका से भारत लौटे तो उनका ध्यान अंग्रेजों द्वारा चम्पारण के किसानो पर किये जा रहे अत्याचार पर गया. उन्होंने किसानों की आवाज बनकर चम्पारण खेड़ा आंदोलन शुरू किया इसके बाद उन्होंने नमक कानून तोड़ने के लिए दांडी यात्रा शुरू की. तथा भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति को अपने जीवन का लक्ष्य मानकर आन्दोलन हड़ताले करते गये. इस दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा.

महात्मा गांधी ने समाज सुधार की दिशा में भी कई महत्वपूर्ण कार्य प्रारम्भ किए, उनके द्वारा किए गये कार्यों में छुआछूत, गरीबी, जाति-पाति में बंटे समाज, विधवा विवाह, बाल विवाह, सिर पर मैला ढोने एवं अन्य बुराइयों को समाप्त करने के लिए कदम बढाया.

हिन्दू मुस्लिम एकता और स्वच्छता पर वों सबसे अधिक ध्यान देते थे. आजादी के 73 साल बाद नरेंद्र मोदी ने गांधीजी के स्वच्छ भारत अभियान को गांधी जयंती तक पूरा करने का लक्ष्य रखा हैं.

Gandhi Jayanti In Hindi | 2 अक्टूबर 2024 विशेष

2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में एक ऐसें महापुरुष का जन्म हुआ, जिन्होंने गोली या बंम के धमाकों की बजाय शांति और अहिंसा की राह पर चलते हुए 15 अगस्त 1947 को भारत से अंग्रेजी सम्राज्य को छिन्न भिन्न कर दिया था. जी हां हम बात कर रहे है महात्मा गांधी की.

जिन्हें भारत ही नही समूचा विश्व राष्ट्रपिता व बापू के नाम से पुकारता है. इनका पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था. जिन्होंने वकालत की पढाई की मगर रास्ता चूना जननेता का न कि राजनेता.

एकमात्र ऐसा व्यक्तित्व जिन्होंने अपने जीवनकाल में कभी पंचायत के सदस्य तक की राजनीती में कदम नही रखा. मगर 30 जनवरी 1948 जिस दिन गांधीजी की हत्या हुई, उनके सम्मान में सयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रिय ध्वज भी झुकाया गया.

महात्मा गांधी एक व्यक्ति ही नही बल्कि 19वी सदी का चमत्कार से कम नही था. आज उनकी शिक्षाओं को मानने वाले गांधीवादी घर घर मिल जाएगे. सत्य, परिश्रम और ईमानदारी की कितनी बड़ी ताकत होती है. इसका उदाहरण समझने के लिए महात्मा गांधी का जीवन पर्याप्त है.भले ही स्वच्छता, रामराज्य जैसे उनके सपने आज तक साकार नही हो पाए है

मगर उनकी बताई राह पर चलकर हम अपने समाज/देश को नई उचाई तक ले जा सकते है. 2 अक्टूबर Gandhi Jayanti उस महान आत्मा को याद करने उनके द्वारा बताई गई राह पर चलने का एक माध्यम है.

देश और दुनियाभर में इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. विद्यार्थी एवं शिक्षक Mahatma Gandhi’s life introduction, biography, precious words आदि के आख्यान की प्रस्तुती दी जाती है.

इस दिन राज्य और राष्ट्रिय स्तरीय कार्यक्रमों में गांधीजी की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर समारोह का आरम्भ किया जाता है. इस दिन आयोजित विशेष कार्यक्रमों का मुख्य राष्ट्रिय टीवी चैनल्स पर भी सीधा प्रसारण किया जाता है.

गांधी ने कई ऐसे कार्यक्रमों की शुरुआत की यदि आजादी के बाद से भी कोई सरकार उनके बताए कदमों पर चलती तो भारत अब तक विश्व का सबसे बड़ा आर्थिक पावर वाला देश बन सकता था.महात्मा गांधी ने अपने जीवनकाल के दौरान स्वच्छता, अस्पर्श्यता और भेदभाव का विरोध, स्वदेशी वस्तुओ के उपयोग पर जोर, कुटीर उद्योग को बढ़ावा, ग्राम को अर्थव्यवस्था का आधार बनाने जैसे कार्यो की नीव रखी थी.

भले ही देर से सही वर्तमान केंद्र सरकार के कार्यक्रमों की सराहना करनी चाहिए, जिन्होंने गांधीवादी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए मेक इन इण्डिया, स्वच्छ भारत जैसे अनेक कार्यक्रम शुरू किये है.

भारत और समूचे संसार में 2 अक्टूबर यानि अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस (Gandhi Jayanti) के रूप में मनाया जाता है. विशेषकर विद्यार्थियों के लिए बापू का जीवन अनुसरण करने योग्य है.

जरुरी नही कि कोई बड़ा काम करने के लिए बड़े घराने या शहर में जन्म लेने की जरुरत रहती है. महात्मा गांधी पोरबंदर के एक छोटे से गाँव के ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए थे. बचपन तक वे भी साधारण बच्चो की तरह ही थे, जिन्हें अंग्रेजी बोलनी नही आती थी,

उनकी लिखावट बेहद खराब थी. मगर कोई अच्छा कर्म करने के लिए नेक इरादों की आवश्यकता होती है. जो अहिंसा के इस पुजारी ने करके दिखाया. 1915 तक भारत में महात्मा गांधी को कोई नही जानता था.

मगर अपने अच्छे कर्मो और दृढ संकल्प से आज वो करोड़ो भारतीयों के लिए भगवान का रूप है. गाँधी जयंती (Gandhi Jayanti) के इस अवसर पर आज हम सभी को यह कृत संकल्प लेना चाहिए.

कि हम तन मन धन से ऐसा भारत बनाएगे जिसका सपना गांधी ने 100 साल पहले देखा था. महात्मा गांधी की शिक्षा को अपने जीवन में उतारकर इस महापुरुष को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते है.

FAQ

प्रश्न: कब से महात्मा गांधी के जन्म दिवस को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता हैं?

उत्तर: वर्ष 2007 से संयुक्त राष्ट्र एवं इसके सभी सदस्य देश बापू के जन्म दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाते हैं.

प्रश्न: गांधी जयंती पर अच्छा भाषण कैसे तैयार करे?

उत्तर: इस लेख में हमने गांधीजी पर बेहतरीन भाषण आपके लिए तैयार किये हैं, आप इनमें से किसी भाषण को तैयार कर सकते हैं.

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