श्री हरमंदिर साहिब स्वर्ण मंदिर का इतिहास | Golden Temple Attack History In Hindi

Golden Temple Attack History In Hindi | श्री हरमंदिर साहिब स्वर्ण मंदिर का इतिहास : भारत के पंजाब राज्य के अमृतसर में सिख सम्प्रदाय का सर्वाधिक पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) स्थित है. जिन्हें श्री हरमंदिर साहिब भी कहा जाता हैं.

यह उसी तरह धार्मिक महत्व का स्थल है जिस तरह मुसलमानों के लिए मक्का मदीना, ईसाईयों के लिए वेटिकन सिटी तथा हिन्दुओं के लिए अयोध्या काशी मथुरा हैं. आज हम स्वर्ण मंदिर अटैक हिस्ट्री आपकों बता रहे हैं.

श्री हरमंदिर साहिब स्वर्ण मंदिर का इतिहास

श्री हरमंदिर साहिब स्वर्ण मंदिर का इतिहास | Golden Temple Attack History In Hindi
स्थानअमृतसर शहर
स्थापत्य कलासिख स्थापत्यकला
निर्माण आरंभदिसंबर 1585
पूर्णअगस्त 1604
वास्तुकारगुरु अर्जुन देव
संस्थापकगुरु राम दास, गुरु अर्जुन देव

गुरु दा चक ये वर्तमान शहर अमृतसर का पुराना नाम हैं. यही से सिख धर्म की शुरुआत मानी जाती है. लगभग 1570 ई में रामदास जी द्वारा यहाँ एक सरोवर तथा गुरूद्वारे का निर्माण किया गया था,

जिन्हें आप दरबार साहिब, स्वर्ण मन्दिर अथवा गुरुद्वारा हरमंदिर साहिब के नाम से पुकारा जाता हैं. सिक्ख धर्म की मूल आस्था का केंद्र बने इस गुरूद्वारे ने अपने इतिहास में कई आक्रमणों का प्रहार झेला हैं. फिर भी आज वह अटल हैं.

सिखों के चौथे गुरु रामदास जी ने हर श्री हरिमन्दिर साहिब की नींव रखी थी, कुछ स्रोतों में इस बारे में यह भी लिखा गया है कि एक सूफी संत मियां मीर ने 1588 में इसकी नींव रखी थी.

मुगल काल में कई बार स्वर्ण मंदिर पर हमले हुए इसको तोडा गया मगर हर बार सिखों ने इसे पुनः खड़ा किया.

जब 17 वीं सदी में स्वर्ण मन्दिर को नष्ट कर गया तब सरदार जस्सा सिंह ने इसे दुबारा बनवाया था. 19 वीं सदी में अफगानों द्वारा नष्ट किये जाने के बाद महाराजा रणजीत सिंह ने इसका पुनः निर्माण करवाया. दरबार साहिब के गुरूद्वारे में स्थित अकाल तख्त का निर्माण साल 1606 में बनाया गया था.

स्वर्ण मंदिर में एक विशाल लंगर भी हैं, श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे चलने वाले इस लंगर में करीब चालीस से पचास हजार लोग रोजाना प्रसाद ग्रहण करते हैं.

गुरुद्वारे में आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए भव्य सराय का निर्माण 1784 में हुआ था जिसमें करीब 18 बड़े हॉल तथा 228 कमरे हैं.

श्री हरमंदिर साहिब स्वर्ण मंदिर का इतिहास- History Of Golden Temple Attack In Hindi

आजादी के बाद इंदिरा गांधी के शासन काल में पंजाब में खालिस्तान आन्दोलन जोरो पर था. बताया जाता है कि स्वर्ण मंदिर में कई देश विरोधी गतिविधियाँ चलाई जा रही थी तथा सिख नेता जरनैल Bhindranwale भी उस समय वहां मौजूद थे.

इंदिरा गांधी ने आदेश पर 3 से 6 जून को स्वर्ण मंदिर में एक सैन्य अभियान चलाया गया जिसका नाम ऑपरेशन ब्लूस्टार रखा गया था.

सरकार के आदेश के बाद 3 जून को भारतीय सेना ने अमृतसर में दाखिला लिया और पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था. सेना को मिली जानकारी के अनुसार गुरूद्वारे में बसे इन चरमपंथियों के पास अपार मात्रा में हथियार हो सकते है,

जिसकी तसल्ली के लिए 4 जून को सेना ने स्वर्ण मंदिर पर फायरिंग शुरू कर दी थी. दूसरी तरफ से जवाब इतना प्रबल था कि सेना को अगले दिन टैंक एवं सुरक्षित गाड़ियाँ मंगवानी पड़ी.

आखिर पांच जून की रात को सिक्ख और सेना दोनों का आमना सामना हुआ. इस गोलीबारी में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 83 सैनिक मारे गए और 249 घायल हुए।

493 चरमपंथी या आम नागरिक मारे गए, 86 घायल हुए और 1592 को कैद कर लिया गया. मगर ये आंकड़े विवादित माने गये हैं.

असल में मरने वालों की तादाद हजारों में थी, मारे जाने वाले हिन्दू तथा सिख लोग थे जो उस समय पाठ करने के लिए आए थे. इस गोलीबारी में सिख धर्म के ग्रंथों व पुस्तकों का एक पुस्तकालय भी जलकर राख हो गया.

ऑपरेशन ब्लू स्टार यानि स्वर्ण मंदिर पर सरकार द्वारा सेना से करवाएं गये इस हमले को सिक्खों ने इसे अपने धर्म पर हमला माना, सभी प्दाधिकारों ने अपने पद का त्याग कर दिया तथा सम्मान लौटा दिए गये. 

31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की गोलियां मारकर की गई हत्या स्वर्ण मंदिर पर हुए हमले का प्रतिशोध ही था, जिसमें इंदिरा गांधी की मृत्यु हो गई थी, गोलियां मारने वाले दोनों अंगरक्षक सिख ही थे.

स्वर्ण मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य। Golden Temple Facts in Hindi

  • कहने को स्वर्ण मंदिर सिख गुरुद्वारा है मगर यहाँ हिन्दू भी बहुत बड़ी तादाद में आते है.
  • श्री हरमंदिर साहिब” नाम का अर्थ है भगबान का मंदिर जो अपनी सुन्दरता तथा धार्मिक महत्व के कारण सम्पूर्ण विश्व में जाना जाता है. विदेशों से लाखों दर्शनार्थी यहाँ आते है.
  • अर्जन देव जी ने 1588 में एक सूफी संत साईं मियां मीर से इस मंदिर की नीव रखवाई थी जो लाहौर के रहने वाले थे.
  • चौथे गुरु रामदास जी ने यहाँ विस्तृत तालाब का निर्माण कराया था, कहा जाता है कि मंदिर निर्माण के लिए यह भूमि सिक्खों द्वारा मुगल शासक अकबर को पैसे देकर खरीदी गई थी.
  • अहमद शाह अब्दाली ने स्वर्ण मंदिर पर सर्वाधिक बार आक्रमण कर बड़ा नुक्सान पहुचाया था.
  • 15 वी सदी में बना यह मंदिर मिट्टी की इंटों से बना था, जिसे अफगान सेना द्वारा शहीद कर दिया तथा फिर से उन्नीसवीं सदी में इसे बनाया गया, इस पर मार्बल पत्थर का प्रयोग किया गया. उपरी परत सोने से मढ़ी हुई हैं.
  • स्वर्ण मंदिर के चार दरवाजे है जिसका अर्थ सर्वधर्म सद्भाव माना जाता हैं.

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आशा करता हूँ फ्रेड्स आपकों श्री हरमंदिर साहिब स्वर्ण मंदिर का इतिहास | Golden Temple Attack History In Hindi का यह लेख पसंद आया होगा, स्वर्ण मंदिर का यह संक्षिप्त इतिहास आपकों कैसा लगा हमें कमेंट कर जरुर बताएं.

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