आदर्श पर सुविचार अनमोल वचन | Ideal Quotes In Hindi

Ideal Quotes In Hindi (आदर्श सुविचार): प्रेरक अर्थात आदर्श वह होता है जिनका व्यक्ति अनुसरण करके आगे बढ़ता हैं. ideal शब्द idea से निर्मित है जिन्हें हिंदी में विचार कहते हैं.

यानि जो  अपने विचारों सिद्धांतों  का पक्का होता है लोग भी उसे अपना आदर्श मानते हैं. असल में किसी के आदर्श बनने की वजह उनके विचार होते है जिनके जैसा हम बनना चाहते है इसलिए उनका अनुसरण करते हैं.

आज हम idea quotes और आदर्श पर सुविचार (Ideal Quotes hindi) में कुछ महापुरुषों के थोट्स को जानेगे.

आदर्श पर सुविचार अनमोल वचन | Ideal Quotes In Hindi

1#. एक आदर्शवादी वह है जो सम्पन्न होने में अन्य व्यक्तियों की सहायता करता हैं.


2#. एक आदर्शवादी वह होता है, जो यह देखकर कि गुलाब का फूल बंदगोभी की अपेक्षा अधिक अच्छी सुगंध देने के कारण अधिक अच्छा रसा भी प्रदान करेगा.


3#. आदर्शवादी जब अपनी हाथी दांत की मीनार अथवा कल्पनालोक की सीढ़ियों से नीचे उतरते हैं तो सीधे नाली में जाने को जाने को तत्पर रहें.


4#. जो मनुष्य अपने जीवन का उद्देश्य पूरा करना चाहता हैं, उसकों एक विचार अथवा योजना वाला मनुष्य होना चाहिए. अर्थात अन्य उद्देश्यों को अपने अधीन रखने वाला एक विचार, अन्य लक्ष्यों को ढक लेने वाला एक ऐसा विचार होना चाहिए जो जो उसके सम्पूर्ण जीवन का पथ प्रदर्शन एवं नियंत्रण करे/ करने वाले हो.


5#. किसी विचार के नाम प्राण त्यागना, असंदिग्ध रूप से उत्तम हैं, परन्तु यह कितना उतमतर होगा यदि मनुष्य उन विचारों के लिए प्राण त्यागें जो सत्य हैं.


6#. प्रत्येक युग से नियंत्रित करने वाले विचार उसके शासक वर्ग के विचार रहे हैं.


7#. कोई विचार/ योजना जो खतरनाक नही होता हैं, वह विचार/ योजना कहे जाने योग्य ही नही होता हैं.


8#. सामान्य और अव्यवहारिक विचार मनुष्य जाति द्वारा द्वारा की जाने वाली भूलों के स्रोत होते हैं.


9#. विश्व को प्रभावित करने वाले विचार का यह अधिकार ही नहीं, बल्कि कर्तव्य भी होना चाहिए कि उस विचार या योजना को कार्यान्वित करने के साधन भी उपलब्ध कराएं.

आदर्श पर सुविचार

आदर्श विचार सिर्फ कहे नहीं जाते हैं पालन भी किए जाते हैं।


मनुष्य की कथनी करनी में समानता ही विचारों में एक आदर्श पुट का आविर्भाव करती है।


मनुष्य का आदर्श रूप उसके विचारों के साथ साथ उसकी सोच, व्यवहार, समझ के मिले-जुले स्वरूप को परिलक्षित करते हैं।


कथनी से ज्यादा करनी हमें प्रेरित करती है। मनुष्य को ऐसे विचारों को जीवन में अपनाना चाहिए जो सही हो एवं जीवन लक्ष्य में मनुष्य का जीवन सुमार्ग की ओर ले जाये और जीवन सफल बनाये।


मनुष्य को अपने जीवन में अच्छे कर्म करते रहना चाहिए क्योंकि बुरे कर्म अंधकार की दिशा दिखाते हैं जो सिर्फ ठोकर दे सकते हैं। सही राह सिर्फ अच्छे कर्म के द्वारा ही दिखती है।


जीवन में अनेक मुश्किलें आती हैं व संघर्ष का दौर आता है जिनका मनुष्य को सामना करना चाहिए व अपना आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए।


जीवन में निरंतर कोशिश करने वाला इंसान कभी हारता नहीं वो अपनी मेहनत, लगन, विश्वास से अपना लक्ष्य प्राप्त कर लेता है।


जीवन में अपने गुणों के बलबूते पर आगे बढ़ना चाहिए और अपनी कमजोरियों को जानकर उसे भी सकारात्मक रूप देना चाहिए।


मनुष्य को अपना दुख – दर्द – परेशानी विश्वासी मनुष्य से ही सांझा करनी चाहिए जो आपकी बातों को समझे, सही सलाह व साथ दे न कि फायेदा उठाये या परिहास करे। हर किसी के लिए ज़रूरी नहीं आपका मोल हो।


जिंदगी में व्यवहार मनुष्य के व्यक्तित्व की पहचान होते हैं, उसके विचार और सोच उसके जीवन को राह देते हैं, तीनों का मिलन सही रूप में आदर्श प्रस्तुत करता है।


आदर्शवादी दूसरे का बुरा नहीं करते बल्कि स्वयं का जीवन संँवार कर दूसरों को भी सही राह दिखलाते हैं उनके सिर्फ कथन नहीं बोलते हैं बल्कि व्यवहार में भी कथ्य की सत्यता दिखती है।


अपनी खुशी का ख्याल रखना अच्छी बात है लेकिन दूसरे की भावनाओं को समझ कर किसी के दिल को जानबूझकर ठेस नहीं पहुँचानी चाहिए।


जीवन वो नहीं जो सिर्फ स्वयं के लिए जिया जाए बल्कि अपने साथ दूसरों का भी अपने सामर्थ्य के हिसाब से भला किया जाए।


आदर्शवादी मनुष्य किसी की सहायता या कुछ अच्छा करके दिखावा नहीं करते हैं और न ही अहसान जताया करते हैं वो जो भी करते हैं दिल से करते हैं अच्छे कर्म समझकर करते हैं।


जीवन में मनुष्य को अपने लक्ष्य बनाने चाहिए और उन्हें पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए बिना लक्ष्य या उद्देश्य के जीवन के रास्ते भ्रम पैदा करते हैं।


दूसरों का साथ देना आदर्श है ना कि दूसरों को नीचा दिखाना, मज़ाक बनाना, बुरा करना, धोखा देना, परेशान करना या दुख दर्द देना। मनुष्य के कर्म ही उसे जीवन में सम्मान योग्य बनाते हैं, जबरदस्ती कोई सम्मान प्राप्त नहीं कर सकता है।


अपने जीवन में सही व अच्छी बातों को अपनाना चाहिए। बुराई व बुरी बातों से दूर रहना ही समझदारी है इनसे कभी जीवन सफल नहीं होगा न ही खुशहाली प्राप्त होगी।


कितने महापुरुषों को उनके कर्मों की वजह से आदर्श पुरुषों की संज्ञा दी जाती है उनके विचारों का पालन किया जाता है। उनका व्यक्तित्व ही ऐसा था कि जो सही सीख ही देता था जो मरकर भी अमर हो गए।


आदर्श बनने के गुण जबरदस्ती नहीं आते स्वयं की आत्मचेतना की अनुभूति से प्राप्त किये जाते हैं।


माता पिता अपने बच्चों के लिए सही आदर्श प्रस्तुत करेगें तो बच्चा कभी भटकेगा नहीं क्योंकि बच्चे बड़ों को देखकर अपने व्यवहार में बातों को अपनाते हैं।


अपने लक्ष्य की प्राप्ति भले आसान न हो लेकिन अपने दम पर, कोशिशों से, दृढ़ निश्चय व सही मार्ग चयन से पूर्ण की जा सकती है क्योंकि बिना लक्ष्य जीवन नीरस होता है।


अच्छाई का भाषण देने से अच्छा है कि किसी के सामने अच्छा आदर्श प्रस्तुत करें।


मनुष्य एक दूसरे को अनगिनत सलाह देते हैं लेकिन सलाह वही कारगर होती है जो स्वयं पालन की जाती है व अनुभव से संँवारी जाती है अन्यथा कहने वाले बहुत दिखाई देते हैं करने वाले ही कम दिखाई देते हैं।


जीवन का आदर्श अपने जीवन को दिशाहीन होने से बचाना है और जीवन को सफल बनाकर अपने जीवन को प्रेरणा स्वरूप बनाना है।


मनुष्य का दृष्टिकोण सही हो तो मनुष्य गलत कर्मों से बच जाएगा।


विचारों का पालन करने वाले ही दूसरों को सही मार्गदर्शन दे सकते हैं।


मनुष्य की सम्पन्नता इस बात पर निर्भर करती है कि वह अपनी सम्पत्ति से कितनों की दिल से सहायता करता है।


जीवन में समय और परिस्थितियाँ बदलती रहती हैं। मनुष्य को एक दूसरे की ज़रूरत पड़ती है और एक दूसरे का साथ देना सुकर्म का रूप प्रस्तुत करता है।


मनुष्य जीवन में ज़रूरी नहीं की हर इच्छा पूरी हो लेकिन जो भी इच्छा पूरी हो सही रूप से हो और ज़िन्दगी निखार दे।


मनुष्य अगर अपने जीवन लक्ष्य खुद पूरे करता है, कठिन परिस्थितियों में मार्ग खुद बनाता है तो वह सही रास्ते के ज़रिए अपना जीवन सँवार लेता है।


जीवन का असली मज़ा जीवन में आने वाली प्रत्येक कठिनाइयों को पार कर जीवन को परेशानी से मुक्त करना होता है।


जिनकी कथनी करनी में समान रूप नहीं मिलता है जो कहते कुछ हैं, करते कुछ हैं, सामने कुछ, पीठ पीछे कुछ होते हैं, दो मुखी रूप दिखते हैं ऐसे लोगों पर विश्वास नहीं हो पाता है।


जीवन में भले कितनी भी परेशानियाँ आए, मुश्किलें हमारा रास्ता रोकें हमें हारना नहीं चाहिए आगे बढ़ते रहना चाहिए।


जीवन में मन की शांति से बढ़कर कोई सर्वश्रेष्ठ शांति नहीं है।


मनुष्य दूसरों की निन्दा में अपना समय व्यर्थ करता है बल्कि समय का सदुपयोग करके अपना जीवन सुधारना जीवन सफल बनाता है।


ईश्वर मनुष्य के अंतर्मन की भावनाओं को श्रेष्ठ मानते हैं न कि दिखावी रूप को। सच्ची प्रार्थना अवश्य कारगर होती है।


मनुष्य को प्रेम पूर्वक रहना चाहिए न कि एक दूसरे का फायेदा उठाना चाहिए।  वस्तु का प्रयोग करना चाहिए न कि मनुष्य का इस्तेमाल करना चाहिए।


जीवन में बुरा वक्त मनुष्य की सच्चाई को समक्ष लाता है और हकीकत दिखा देता है।


मनुष्य भूल करने से सीख प्राप्त करता है लेकिन मनुष्य उन भूलों को दुबारा न करे तो जीवन सार्थक होता है। 


संघर्ष और ठोकर ही मनुष्य को सफलता प्राप्त कराते हैं।


मनुष्य अगर दूसरों की गलतियाँ कम निकाले और भूल जाए इसकी अपेक्षा अपनी अच्छाई को आंतरिक रूप से जागृत करे तो जीवन में भला ही होता है।


मनुष्य अपने जीवन में दुख – दर्द – कष्ट सहकर ही वास्तविक सीख प्राप्त करता है।


मनुष्य को अगर कोई भी वस्तु आसानी से उपलब्ध हो तो मनुष्य उसकी कद्र करना भूल जाता है और मूलत: सही रूप से उसका सम्मान नहीं करता है जिससे जीवन में परेशानियाँ ही उत्पन्न होती हैं।


मनुष्य को कोई दूसरा मनुष्य बदल नहीं सकता क्योंकि मनुष्य स्वयं के द्वारा ही अपनी सोच, समझ से अपना जीवन बदल सकता है।


मनुष्य को उन लोगों को याद रखना चाहिए जिसने बुरे समय में बिना मतलब के साथ निभाया हो।


सही बदलाव मनुष्य के लिए अच्छा ही होता है अगर कुछ गलत है तो सही बदलाव का विरोध करना।


मनुष्य को दूसरे का आंकलन करने का हक नहीं क्योंकि हर मनुष्य अपने समय और हालात के रूप में ढला होता है।


मनुष्य खुद में बदलाव नहीं करना चाहता और दूसरों से अत्यधिक अपेक्षा करता है जिससे खुशी प्राप्त नहीं होती बल्कि दुख ही प्राप्त होता है।


मनुष्य अपनी नज़रों में आदर्श स्वरूप होना चाहिए दूसरों की नज़र का कोई भरोसा नहीं है जो बदलती रहती है।

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आशा करता हूँ फ्रेड्स आपकों Ideal Quotes In Hindi का यह लेख अच्छा लगा होगा. आदर्श पर सुविचार का यह लेख आपकों कैसा लगा हमें कमेंट कर जरुर बताए.

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