आइज़क न्यूटन की जीवनी Isaac Newton Biography in Hindi

आइज़क न्यूटन की जीवनी Isaac Newton Biography in Hindi: संसार भर में विज्ञान के क्षेत्र में अहम योगदान दिया जिनमें आइजक न्यूटन का नाम सबसे पहले आता है.

हम सभी ने बचपन में उनके सिर पर सेब गिरने और उस घटना को आधार बनाकर की गई गुरुत्वाकर्षण बल की खोज को अवश्य ही पढ़ा हैं.

चलिए हम आइज़क न्यूटन की जीवनी इतिहास जीवन परिचय कार्य और आविष्कार यहाँ पढ़ेगे.

आइज़क न्यूटन की जीवनी Isaac Newton Biography in Hindi

आइज़क न्यूटन की जीवनी Isaac Newton Biography in Hindi

महान भौतिक विज्ञान गणित और दर्शन के ज्ञाता सर आइज़ैक न्यूटन ब्रिटेन के निवासी थी. उनके जीवन की सबसे बड़ी दें गुरुत्वाकर्षण बल की खोज एवं गुरुत्व नियम हैं.

वर्ष 1687 में उनके द्वारा प्रकाशित फिलोसोफी नेचुरेलिस प्रिन्सिपिया मेथेमेटिका पुस्तक विज्ञान की सबसे महत्वपूर्ण पुस्तकों में गिनी जाती हैं.

न्यूटन ने खगोल शास्त्र से जुड़े केपलर के नियमों के साथ गुरुत्वीय बल की निरन्तरता भी सिद्ध की. सर आइज़ैक न्यूटन की जीवनी में हम उनके इतिहास और सम्पूर्ण जीवन को शोर्ट में समझने का प्रयास करेंगे.

Isaac Newton का जीवन परिचय, जीवनी, बायोग्राफी

जीवन परिचय बिंदुIsaac Newton Biography In Hindi
पूरा नामसर आइज़ैक न्यूटन
जन्म4 जनवरी 1643
जन्म स्थानलिंकनशायर, Germany
पहचानगणितज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, ज्योतिष एवं दार्शनिक
प्रसिद्धिगुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त, न्यूटन के गति नियम
यादगार कृतियाँफिलोसोफी नेचुरेलिस प्रिन्सिपिया मेथेमेटिका

जन्म और प्रारम्भिक जीवन Birth and Early life

न्यूटन के जीवन की शुरुआत से पूर्व ही इनके पिता की मृत्यु हो गयी थी. 4 जनवरी 1643 को इनका जन्म वूलस्ठोर्पे बाय कोलस्तेरवर्थ लिंकनशायर, जर्मनी में हुआ था. जन्म से 3 माह पूर्व पिताजी चल बसे थे. न्यूटन की माँ उन्हें छोड़कर चली गई तथा एक और शादी कर ली.

इन्होने अपनी दादी माँ के साथ शुरूआती जीवन बिताया, वह कई बार अपनी माँ के साथ सौतेले पति के घर भी जाता था. मगर अपनी माँ द्वारा दूसरी शादी करना कतई पसंद नही था.

एक बार गुस्सा होकर न्यूटन ने उसका घर तक जलाने की धमकी दे डाली. कुछ सालों बाद न्यूटन के सौतेले पिता की मृत्यु हो गई और वह अपनी माँ के साथ पैतृक गाँव लौट आए. न्यूटन की माँ चाहती थी कि वह खेती का काम करे मगर उन्हें यह पसंद नहीं था वह आगे पढ़ाई करना चाहता था.

आइज़क न्यूटन की शिक्षा Education of Isaac Newton

सर न्यूटन ने बेसिक स्कूली शिक्षा अपने गाँव में ही प्राप्त की थी. जब न्यूटन की उम्र बारह साल थी तो इन्हें क्लार्क के घर भेज दिया, जो ग्रंथन गाँव में रहते थे तथा पेशे से एक फार्मसिस्ट थे.

न्यूटन यहाँ रहकर ही किंग स्कूल जाया करते थे. क्लार्क के घर विज्ञान की पुस्तकों तथा प्रायोगिक उपकरण पर्याप्त थे. न्यूटन इन्ही समस्त पुस्तकों को पढ़ा करते थे तथा खाली समय में छोटे बड़े प्रयोग भी करते थे.

उस फार्मसिस्ट क्लार्क की बेटी न्यूटन की एक अच्छी बचपन की दोस्त थी. न्यूटन उनके खेलने के लिए कई यंत्र बनाया करते थे इन्होने फ्लोटिंग लालटेन, लाइव माउस और सूर्य डायल्स से चलने वाली पवन चक्की भी इन्होने वहां रहते हुए बनाई थी, यह उनकी विज्ञान के प्रति लग्न और विद्वता को दर्शाती हैं.

इस तरह न्यूटन वहां रहकर न केवल अध्ययन करते थे बल्कि अपने ज्ञान से वह प्रयोग करने में भी सफल हो चुके थे, क्लार्क के पास रहकर ही इन्होने इंटरमिडियट पास की. मात्र 19 वर्ष की अवस्था में ही इन्होने स्नातक के लिए ब्रिटेन के ट्रिनिटी कॉलेज में दाखिला लिया और 1665 में स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली.

वे आगे की पढाई करके मास्टर की डिग्री पाना चाहते थे मगर उस समय प्लेग महामारी का शिकार बन जाने के कारण उन्हें जर्मनी स्थित अपने गाँव लौटना पड़ा. वर्ष 1666 से 1667 तक अपने घर पर ही रहे. यहाँ रहकर वे अपने कार्यों में निरंतर लगे रहे.

अगले साल ये मास्टर डिग्री के लिए केम्ब्रिज गये. यहाँ गणित के क्षेत्र में उनकी विद्वता से प्रभावित होकर गणित के प्रोफेसर ने अपना पद त्याग कर सर न्यूटन को दे दिया. इस तरह ये केम्ब्रिज में गणित के प्रोफेसर के रूप में अध्ययन कराने लगे.

आइज़क न्यूटन का करियर Career of Isaac Newton

गणित के प्रति इनकी अत्यधिक रूचि थी यह वजह थी कि केम्ब्रिज में गणित के प्रोफेसर के ये पसंदीदा शिष्य रहे.

एक बार किसी अन्य पद पर सेवा के लिए उन्हें त्याग पत्र देना था तो उन्होंने अपना पद सर न्यूटन को सौपा और चले गये. जिस कॉलेज में न्यूटन ने मास्टरी करी वही उनके शिक्षण करवाने का सौभाग्य भी मिला.

न्यूटन का प्रकाशिकी में प्रयोग (Isaac Newton optics theory)

सर न्यूटन ने प्रकाशिकी के क्षेत्रों में 1670 से 1672 तक निरंतर कार्य किया और कई महत्वपूर्ण यंत्र एवं नियमों को सत्यापित किया. यह उनका पसंदीदा विषय भी था इन्होने एक लेंस यंत्र बनाया जो प्रकाश के अपवर्तन तथा किरणों के अपवर्तित होने के बाद उन्हें देखने में सक्षम बनाता था.

अपने शोध में न्यूटन ने प्रकाश की प्रकृति रंग आदि पर कार्य किया. उन्होंने बताया कि सफेद प्रकाश कई रंगों से मिलकर बनता है उनके इस सिद्धांत को भौतिकी में कलर थ्योरी के रूप में जाना जाता हैं.

न्यूटन के बाद के कई भौतिकशास्त्रियों ने भी उनकी बातों का समर्थन किया. 1704 में उन्होंने ऑप्टिक्स प्रकाश के शोध में बताया कि प्रकाश बेहद छोटे छोटे कणों से मिलकर बना हैं मगर द्रव पदार्थ सामान्य आकार के कणों से बनते हैं.

न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण में प्रयोग Newton’s law of universal gravitation

सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण के न्यूटन के नियम में कहा गया है कि प्रत्येक कण ब्रह्मांड में हर दूसरे कण को एक बल के साथ आकर्षित करता है जो सीधे उनके द्रव्यमान के उत्पाद के आनुपातिक है और उनके केंद्रों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमा नुपाती है।

न्यूटन की खोज : हम सभी ने न्यूटन के सेब गिरने की घटना और वहां से उत्पन्न हुए एक विचार की कहानी पढ़ी ही है, आज से साढ़े तीन सौ साल यानी 1660 के आसपास की यह घटना मानी जाती हैं, उस दौरान न्यूटन केम्ब्रिज युनिवर्सिटी में अध्ययन रत थे. प्लेग महामारी के कारण उत्तरी ब्रिटेन में स्थित अपने घर चले गये थे.

विलियम स्ट्यूक्ली, जिन्होंने सर आइजक न्यूटन की जीवनी लिखी है वे कहते थे बसंत के दिन थे हमेशा की तरह उस दिन भी न्यूटन किन्ही विचारों में उलझे सेब के पेड़ के नीचे बैठे थे.

अचानक उस पर सेब आ गिरा. बस इस घटना ने उनके जेहन में कई सवाल खड़े कर दिए, ये सेब सीधा ही क्यों आया, आडा तिरछा या उपर क्यों नहीं गया.

मतलब धरती में ही ऐसी कोई शक्ति है जो इसे अपनी ओर खीचती हैं. कुछ लोग मानते है कि यह महज एक कहानी भर हैं. न्यूटन ने लोगों को गुरुत्वाकर्षण बल आसानी से समझाने के लिए इसका सहारा लिया था.

सेब गिरने की इस घटना ने न्यूटन को एक नई वैज्ञानिक खोज एवं गुरुत्वाकर्षण बल की अवधारणा को विज्ञान के समक्ष रखा. उन्होंने गति के तीन नियम भी दिए, उनका महत्व कितना था इसे इस तरह भी समझ सकते हैं कि आगामी दो सदी तक विज्ञान ने इसमें कोई सुधार भी नहीं किया.

न्यूटन ने दुनिया के अंत को लेकर एक भविष्यवाणी भी की. 1704 में उन्होंने बाइबिल की एक पांडुलिपि में लिखा कि संसार का अंत 2060 में होगा न कि उससे पहले.

आइज़क न्यूटन का गति के नियम में प्रयोग Newton’s laws of motion

न्यूटन ने मोशन यानी गति के तीन नियम प्रस्तुत किये, उनके द्वारा बताएं ये निम्न इस प्रकार हैं.

  1. गति के पहले नियम को जड़त्व का नियम कहा जाता हैं. इसके अनुसार कोई वस्तु तभी गति करेगी जब उस पर बल लगाया जाएगा, अन्यथा वह अपने स्थिर स्वरूप में ही रहेगी.
  2. न्यूटन का दूसरा नियम संवेग का नियम हैं जिसके अनुसार किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उसके बल के अनुक्रमा नुपाती और संवेग का परिवर्तन वस्तु पर लगाए गये बल की दिशा में ही होता हैं.
  3. गति का तीसरा नियम क्रिया प्रतिक्रिया का नियम कहा जाता हैं. इस नियम के मुताबिक जितना बल वस्तु पर आरोपित किया जाता हैं पुनः वस्तु भी विपरीत दिशा में उतना ही बल लगाएगी.

न्यूटन के अवार्ड और उपलब्धियां विवाद (Isaac Newton awards and accomplishments & controversy)

न्यूटन ने 1665 में बिनोमिअल थ्योरम अर्थात द्विपद प्रमेय प्रस्तुत किया जिन्हें कैलकुलस के नाम से जाना गया था, साथ ही न्यूटन ने पाई के मान को निकालने का सूत्र दिया था.

एक गणितज्ञ के रूप में एक नवीन विधि का इजाद किया जिन्हें न्यूटन विधि के नाम से जाता हैं. परिमित अंतर का सिद्धांत, क्लासिफिकेशन और अनुक्रमणिका का उपयोग तथा इनको अपने अनुसार डिफाइन भी किया.

आप शायद न जानते हो 1701 में न्यूटन ब्रिटेन से सांसद भी चुने गये थे. उन्होंने 1705 के संसदीय चुनाव में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया था.

ये टकसाल के मास्टर भी रहे तथा एनी ने इन्हें नाईट की उपाधि से भी सम्मानित किया. न्यूटन के जीवन से जुड़े विवादों की बात की जाए तो कैलकुलस विवाद मुख्य है जो न्यूटन और गोटफ्राइड के मध्य हुआ था.

न्यूटन का व्यक्तिगत जीवन और मृत्यु (Isaac Newton death)

“मुझे नहीं पता कि दुनिया मुझे किस तरह या किस रूप में दिखेगी, लेकिन मैं अपने आप को एक ऐसे बच्चे की तरह देखते हुए महसूस करता हूँ, जो समुन्द्र के किनारे पर खेल रहा है और अपने आपको बदल रहा है और वह एक सुन्दर सा शक्ल धारण कर लेता है. लेकिन मै ऐसा सोचता हूँ कि अभी भी मुझसे महान सचाई कोसों दूर है.”

यह कोटेशन न्यूटन का है जो एक महान वैज्ञानिक थे. 20 मार्च 1727 को इनका देहांत वेस्टमिन्स्टर एब्बे में हो गया था. ये ईसाईयत में विश्वास करते थे. इन्होने बाइबिल के लिए कई शोध, व्याख्या और भविष्यवाणी भी लिखी.

भले ही इस इन्सान को बीते तीन सदिया बीत गई हो आज भी हम उसको उनके कार्यों के लिए याद करते हैं. न्यूटन के बारे में एक रोचक तथ्य यह भी है कि इन्होने आजीवन विवाह नहीं किया था.

न्यूटन के अनमोल वचन (Isaac Newton quotes)

मानव सभ्यता की प्रगति में जिन जिन विभूतियों ने अपना योगदान दिया, दुनिया उनकी मृत्यु के बाद सदियों तक उनके कार्यों के रूप में याद करती हैं. न्यूटन के योगदान को आज प्रत्येक विद्यालय की किताबों में पढ़ाया जाता हैं. उनके कुछ प्रसिद्ध कथन इस प्रकार हैं.

  1. अगर मैं यह कहूँ कि मैंने लोगों की तुलना में अधिक देखा और जाना है तो इसका आशय यह है कि मैंने लोगों के कन्धो पर सवार होकर चीजो को समझा और देखा हैं.
  2. मैं यह नहीं जानता कि मेरे मरने के बाद संसार मुझे किस तरह देखेगा मगर मैं स्वयं को समुद्र के किनारे खेलते एक बच्चे के रूप में स्वयं को पाता हूँ जो सुलभ मुस्कान लिए खेल रहा हैं, मैं अभी भी पूर्ण सत्य से कोसो दूर हूँ.
  3. भले ही आज हम अपनी दीवारों को मजबूत बनाने में लगे हैं मगर अभी भी उन्हें मजबूत करने वाले पुल कम हैं.
  4. किसी को करने के प्रति मेरी लग्न ही सफलता हैं मुझमें कोई बड़ी आंतरिक शक्ति नहीं हैं मुझे अन्यों की तरह सामान्य शक्तियाँ मिली हैं.
  5. अधिक चीजों और सुविधाओं में सच्चाई नही पाई जाती हैं सच्चाई के दर्शन सादगी में ही मिलते हैं.
  6. प्रत्येक क्रिया के विपरीत बराबर मात्रा में प्रतिक्रिया भी होती हैं.
  7. मैं एक बेहद साधारण इन्सान हूँ मेरे प्रयोगों ने ही मुझे असाधारण बना दिया.
  8. मैं खगोल के पिंड की गिनती तो कर सकता हूँ मगर लोगों के पागलपन की नहीं.
  9. कोई वस्तु तभी तक एक सरल रेखा में गतिशील रहेगी जब तक उस पर की बाह्य बल का प्रयोग न किया जाए.
  10. मेरे विचार में प्रतिभा को एक शब्द में परिभाषित करना पड़े तो वह शब्द धैर्य हैं.

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उम्मीद करता हूँ दोस्तों आइज़क न्यूटन की जीवनी Isaac Newton Biography in Hindi का यह लेख आपकों पसंद आया होगा,

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2 thoughts on “आइज़क न्यूटन की जीवनी Isaac Newton Biography in Hindi”

  1. सर आप बहुत अच्छा लिखते है मै आपकी Daily Reader हूँ आप हमेशा बहुत ही ज्ञान वर्धक जानकारिय शेयर करते है …सर आपका बहुत बहुत धन्यवाद !

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