Ngo क्या होता है कैसे काम करता है What Is Ngo Full Form Works In Hindi

What Is Ngo kya hota hai Full Form Works Names In Hindi: एनजीओ को हिंदी में गैर सरकारी संगठन कहा जाता हैं, नाम से स्पष्ट हैं यह एक ऐसा संगठन है जो गैर लाभकारी होने के साथ ही साथ गैर सरकारी भी होता हैं.

गरीबों, बच्चों, महिलाओं तथा पर्यावरण के क्षेत्र में खासकर इन संगठनों द्वारा कई सामाजिक कार्य किये जाते हैं. आज के आर्टिकल में हम गैर सरकारी संगठन के बारे में विस्तार से जानेगे.

Ngo क्या होता है कैसे काम करता है What Is Ngo Full Form Works In Hindi

Ngo क्या होता है कैसे काम करता है What Is Ngo Full Form Works In Hindi

NGO का full form Non Governmental Organization अर्थात गैर सरकारी संगठन है. अपने निजी वित्तीय स्त्रोत से आंशिक अथवा पूर्ण सरकारी सहायता से या बाहरी सहायता से बहुधा शिक्षा, स्वास्थ्य या उद्योग धंधो के क्षेत्र में लोगों को सुविधा या सेवा प्रदान करती है. जब शिक्षा का व्यापक प्रचार नही हुआ था.

तो इन्ही स्वैच्छिक संस्थाओं ने स्थान स्थान पर स्कूल कॉलेज खोलकर शिक्षा का प्रचार किया था. प्रोढ़ शिक्षा महिला शिक्षा विकलांग शिक्षा आदि के कार्य हाथ में लेकर आजादी से पूर्व व आजादी के बाद भी स्वैच्छिक संस्थाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

केरल उत्तरप्रदेश जैसे प्रान्तों में स्कूल व कॉलेज अधिकाँश स्वैच्छिक संस्थाओं के है. जिनको सरकार 90 प्रतिशत तक या इससे भी अधिक आर्थिक अनुदान प्रदान करती है. इसी प्रकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में अस्पताल औषधालय आदि खोलकर पिछड़े इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुचाई है.

कई संस्थानों ने अभियानों के माध्यम से चिकित्सा कैम्प, नेत्र शल्य चिकित्सा शिविर आदि लगवाने का कार्य भी हाथ में लिया है. कुष्ट निवारण विकलांग सेवा आदि कार्य भी किये है. जो सेवा के अनूठे उदहारण है. जिनसे कई स्वंयसेवी संस्थाएँ के नाम अमर हो गये है.

उत्तरकाल में शिक्षा और स्वास्थ्य की कमी इन संस्थाओं का प्रादुभाव हुआ जिन्होंने काफी फीस लेकर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जिससे संस्थाएं न केवल स्वावलंबी बनी बल्कि बचत और लाभ का साधन भी बन गई.

उच्च आय वर्ग के लोगों के लिए वे आकर्षण का केंद्र बनी. ऐसी संस्थाओं का उद्भव और विकास हुआ जिन्होंने सरकारी उत्तरदायित्व को पूरा किया.

जो कार्य स्वयं सरकार को पूरा करना चाहिए था उसे स्वंय सेवी संस्थाओं को सौप दिया व बजट की राशि उनको दे दी गई.संस्था ने सरकारी शर्तो के अनुसार कार्य पूरा किया और अपना हिसाब सरकार को पूरा दे दिया. इस प्रकार से सरकार के उप ठेकेदार के रूप में कार्य किया.

सरकार की अपेक्षा संगठन द्वारा कार्य होने में कई लाभ है. गैर सरकारी संगठन समुदाय और जनता के नजदीक है उनकी कार्यशैली में लचीलापन है.और जनसहयोग प्राप्त करने में भी इसकी विशेष भूमिका है.

इस कारण सरकार ने इन संस्थाओं को अपना माध्यम बनाना उचित समझा, परन्तु इनमे एक कमी यह रही कि इनका कार्य क्षेत्र और दायित्व सुविधा जुटाने तक ही सिमित था. जो सरकार को देनी थी. वह संस्था ने दी अर्थात सरकार की जगह इन गैर सरकारी संगठन ने ले ली.

यदि ये गैर सरकारी संगठन अधिक कुशल और जनसेवी थी. तो जनता को अधिक लाभ मिला, किन्तु यदि अशक्त थी लोभी व्यक्तियों के हाथ में थी तो जनता को लाभ की बजाय हानि हुई.

कुछ संस्थाएँ ऐसी बनी जिन्होंने लोगों में योग्यता का विकास करना उचित समझा जैसे साक्षरता का प्रचार, उद्योगों में प्रशिक्षण जन चेतना का विकास शोषको से मुक्ति आदि.

इन गैर सरकारी संगठन ने लोगों को निर्भर न बनाकर उन्हें योग्य बनाकर स्थति में सुधार लाने का प्रयत्न किया. जहाँ गहन गरीबी थी वहां उद्योगों का विकास किया प्रशिक्षण द्वारा लोगों को योग्य बनाया. इनमे से कुछ योजनाओं में सरकार और कुछ विदेशी संस्थाओं द्वारा आर्थिक अनुदान मिला.

यह संस्थाएँ प्रथम श्रेणी की संस्थाओं में अग्रणी है, परन्तु शनै शनै लोगों की आदत इन संस्थाओं पर निर्भर करने की सी हो गई. संस्था की गतिविधि है तब तक लोग जागरूक है और जब संस्था चली गई तो लोग पुनः अपने पुराने ढर्रे में आ गये.

संस्था ने इन लोगों को शक्तिमान नही बनाया. लोगों को शक्ति प्राप्त हो और वे सक्षम बने इसकी आज महती आवश्यकता है.

एनजीओ का इतिहास

एक अनुमान के मुताबिक़ आज के दिन दुनियाभर में करीब 40 हजार अंतर्राष्ट्रीय स्तर के NGO कार्यरत हैं. अलग अलग देशों के राष्ट्रीय स्तर के एनजीओ की संख्या लाखों में हैं. भारत में करीब से 10 से 20 लाख NGO हैं.

गैर सरकारी संगठनों का इतिहास काफी पुराना हैं. वर्ष 1905 में रोटरी इंटरनेशनल पहला अंतर्राष्ट्रीय NGO था. 1914 तक करीब 1083 गैर सरकारी संगठनों की स्थापना हो चुकी हैं.

ये खासकर उपनिवेश विरोधी, महिला मताधिकार आदि से जुड़े हुए थे. 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के बाद NGO की व्यवस्था अधिक तेजी से लोकप्रिय हुई.

विश्व एनजीओ दिवस हर साल 27 फरवरी को मनाया जाता हैं. 17 अप्रैल 2010 के दिन इस दिन को मनाने की आधिकारिक रूप से घोषणा की गई थी.

What Types Of NGOs In Hindi (NGO के प्रकार)

गैर सरकारी संगठनों को उनकी कार्यप्रणाली और स्वरूप के आधार पर मोटे मोटे रूप में पांच भागों में बाटा जाता है, ये 5 प्रकार इस प्रकार हैं.

  • Bingo – Business Friendly International NGO
  • Engo – Environmental NGO
  • Gongo – Government-organized Non-governmental Organization
  • Ingo – International NGO
  • Quango – Quasi-autonomous NGO

भारत के सबसे लोकप्रिय गैर सरकारी संगठन Top 10 Best NGOs Names List in India

जैसा कि पूर्व में बताया गया भारत में लाखों की संख्या में गैर सरकारी संगठन (NGO) काम करते हैं. कुछ नामात्र के हैं तो कुछ दशकों से बेहतरीन काम कर रहे हैं. चलिए जानते हैं देश के दस बड़े एनजीओ के बारे में.

हेल्प एज इंडिया- वर्ष 1978 में इसकी स्थापना की गई थी. वृद्धों और बुजुर्गों के लिए शुरू किया गया यह देश का सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध गैर सरकारी संगठन हैं, जो कई सालों से अपनी सेवाएं दे रहा हैं.

CRY– बाल अधिकार और संरक्षण की दिशा में काम करने वाला एक प्रसिद्ध गैर सरकारी संगठन हैं. CRY एनजीओ की स्थापना वर्ष 1979 में बच्चों के अधिकारों की लड़ाई के उद्देश्य से की गई. देश के कई बड़े शहरों में इसके कार्यालय हैं.

नन्ही कली– वर्ष 1996 में महिद्रा इंडस्ट्रीज के मालिक आनन्द महिंद्रा द्वारा इसकी स्थापना की गई थी. नन्ही कली एनजीओ देश की लाखों बच्चियों को शिक्षा देने का काम पिछले दो दशक कर रहा हैं. मुंबई में इसका मुख्यालय हैं.

इस्माइल फाउंडेशन– देश की राजधानी नई दिल्ली में वर्ष 2002 में इस NGO की स्थापना की गई थी. छोटे बच्चों, बाल श्रमिकों की शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए यह संगठन काम करता हैं.

सरगम संस्था– उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 1986 में स्थापित यह एनजीओ हैं जो समाज के आर्थिक और सामाजिक रूप से वंचित वर्ग के लोगों की प्रगति में सहायता कर रहा हैं. सरगम की गिनती भारत के शीर्ष NGO में की जाती हैं.

इस तरह देश में गूंज, सम्मान फाउंडेशन, गिव इंडिया, लेप्रा सोसाइटी और प्रथम आदि कुछ बेहतरीन सेवा का काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के नाम हैं.

अपना NGO कैसे बनाएं

भारत मे NGO बनाने के लिए 3 कानून मौजद है। आप अपने अनुसार इन में से किसी भी  act  मे NGO का पंजीकरण करवा सकते है।

  • Companies Act,2013 (section 8 company under)
  • Indian Trust Act,1882
  • Society Registration Act,1860

1.Companies Act

Companies Act मे पंजीकरण कराने के लिए आपको Memorandum And Articles Of Association And Regulation Document की आवश्यकता होती है।

यह दस्तावेज बनाना चाहते हो तो आपको इसके लिए किसी भी प्रकार के Stamp Paper की आवश्यकता नहीं रहेगी और Document बनाने के लिए आपको कम से कम तीन सदस्यों की आवश्कता होगी।

2.Indian Trust Act,1882

भारत के सभी राज्यों मे यह कानून अलग अलग है। जिस भी राज्य मे trust act बनाया नहीं होता उस राज्य मे Trust act,1882 अपने आप लागू हो जाता है।

इस act के अंतर्गत NGO के पंजीकरण के लिए Trust Deed नाम के दस्तावेज की आवश्यकताओं होती है और इसके लिए आपको Charity Commissioner या Registrar के Office में आवेदन करना है। Trust deed को गैर न्यायिक स्टांप पेपर पर बनाया जाता है।

Trust Act में पंजीकरण के लिए कम से कम दो Trustee की आवश्यकता होती है।

3.Society Registration Act,1860

Society Act में पंजीकरण करने के लिए Memorandum Of Association And Rules And Regulation का Document जरूरी होता  है। यह दस्तावेज बनाने के लिए stamp pepar की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन आपको कम से कम सात लोगों की जरूरत पड़ेगी।

NGO का पैन कार्ड और बैंक अकाउंट

नॉन गवर्नमेंट आर्गेनाइजेशन अर्थात् एनजीओ के लिए एक बैंक अकाउंट और पैन कार्ड की आवश्यकता होती है। इसके लिए आपको एनजीओ के नाम से इसका पैन कार्ड बनवा लेना और इसके बाद बैंक अकाउंट भी एनजीओ के नाम से खुलवा लेना है।

एनजीओ शुरू करने के तीन चार वर्षो बाद सेक्शन 80 G certificate के लिए income tax में आवेदन किया जा सकता है इसके बाद एनजीओ में आना वाला डॉनेशन टैक्स फ्री हो जाएगा।

एनजीओ के कार्य क्या है (ngo work in hindi)

NGO के प्रकार में हमने जाना कि ये अलग अलग प्रकार के होते हैं. जो किसी विशेष उद्देश्य को लेकर बनाए जाते हैं. मोटे मोटे रूप में एन जी ओ के कार्य इस प्रकार हैं.

  • गरीब लोगों के लिए भोजन मुहैया करवाना
  • गरीबों को शिक्षित करना
  • निरक्षरों के लिए शिक्षा के अवसर पैदा करना
  • महिलाओं के लिए घर बनाना
  • पेड़ पौधे लगाना
  • जल की बचत के लिए कार्य
  • पर्यावरण संरक्षण
  • बीमार लोगों की सहायता
  • बूढ़े बच्चे व असहाय लोगों की मदद
  • लड़कियों की शिक्षा, करियर तथा विवाह में सहायता

FAQ About What Is Ngo In Hindi

Q. भारतवर्ष में कुल कितने एनजीओ काम कर रहे हैं?

Ans: 10 से 20 लाख गैर सरकारी संगठन भारत में सक्रिय हैं.

Q. भारत में सर्वाधिक NGO किस राज्य हैं?

Ans: महाराष्ट्र राज्य में इनकी सर्वाधिक संख्या 4 लाख के आसपास हैं.

Q. एक एनजीओ को फंड कौन करता हैं?

Ans: सेवाभावी लोगों द्वारा डोनेशन के रूप में तथा कई बार राज्य व केंद्र सरकार इन्हें वित्त पोषण देती हैं.

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उम्मीद करता हूँ दोस्तों Ngo क्या होता है कैसे काम करता है What Is Ngo In Hindi का यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा. यदि आपको एनजीओ के बारे में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें.

One comment

  1. I am college student ,mai apna khud ka NGO kholungi but mai abhi NGO childs ki kese help kr sakti hu,kya aap mujhe btayenge

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