पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं निबंध | Paradhin Supnehu Sukh Nahi Essay In Hindi
पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं निबंध | Paradhin Supnehu Sukh Nahi Essay In Hindi:- यह सूक्ति गोस्वामी तुलसीदास द्वारा स्त्रियों के सन्दर्भ में व्यक्त की गई है. स्त्रियों की पराधीनता की स्थिति इतनी दयनीय मानी जाती थी कि उन्हें बचपन में पिता, युवावस्था में पति और वृद्धावस्था में पुत्र के नियंत्रण में रहने का न केवल […]
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