साइकिल पर कविता Poem On Bicycle In Hindi

साइकिल पर कविता Poem On Bicycle In Hindi: बच्चों को अपनी साइकिल बहुत पसंद होती है, आज का हमारा लेख बच्चों के लिए है जो मेरी साइकिल कविता शायरी शेर कोट्स आदि सर्च कर रहे हैं.

यहाँ आपकों सरल भाषा में हिंदी की कुछ कविताएँ बता रहे है, उम्मीद करते है आपकों ये कलेक्शन बहुत पसंद भी आएगा. चलिए पढ़ते है कुछ कविताओं को.

साइकिल पर कविता Poem On Bicycle In Hindi

साइकिल पर कविता Poem On Bicycle In Hindi

छोटी कक्षाओं 1, 2, 3, 4, 5 के बच्चों के लिए एक से बढकर एक सुंदर साइकिल कविता शायरी पोएम यहाँ हिंदी में दी गई है.

सबसे सस्ती सबसे अच्छी
लगती सबसे न्यारी है
कितनी सुंदर दो पहियों की
साइकिल सहज सवारी है

दाना पानी कोयला डीजल
पेट्रोल इसे न चाहिए
चार पम्प बस हवा डालकर
दिन भर इसे नचाइये

धुआं उड़ाना शोर मचाना
इसका है कुछ काम नही
चलते चलते कभी गर्म
होने का लेती नाम नहीं

साइकिल कविता

पापा मुझे साइकिल दिलवा दो
आपकी कार मुझे नहीं भाती है
कितना तो पेंट्रोल पीती है
और कितना धुआं उडाती है

शान से कर साइकिल की सवारी
मै अपनी इच्छा से चला करूंगी
न होगी भीड़ भाड़ की चिंता
ट्रेफिक जाम से बचा रहूंगी

साइकिल चलाने से बनती है
बहुत ही ताकतवर मांसपेशियाँ
फिर बिना थके मैं खूब पढूंगी
जीतूंगी ढेर मैडल और ट्राफियां

शायद मेरे साइकिल चलाने से
बच जाएगी मेरी कुछ साँसे
और हाँ मैं फिर देख सकूंगी
हेली धूमकेतु दूर आसमान में

मेरी प्यारी साइकिल

जिन्दगी कैसे दो पहियों पे चलती है
बता दिया था तुमने
जब पहली बार गिरे थे ना
तभी उठाना सीखा दिया था तुमने
पीछे बैठा शख्स कभी बोझ नहीं लगता
साथी का असली मतलब
बता दिया था तुमने
हर पेडल के बाद कम होती दूरी
मेहनत और मंजिल का रिश्ता
समझा दिया था तुमने
आएगा जो कुछ
जिन्दगी में काम मेरे
वो सब कुछ बचपन में ही
सिखा दिया था तुमने

साइकिल चलाना अच्छा है

पेट्रोल डीजल का दाम बहुत ऊँचा है
मोटर गाडियाँ चलाने में बहुत खर्चा है
पैडल मारके साइकिल चलाना अच्छा है
सफर तय कराती है पैसे की बचत कराती है
आलस दूर भगाती है सेहत बनाने के लिए भी
पैडल मारके साइकिल चलाना अच्छा है
प्रकृति से प्यार करती है, उसे कष्ट पहुचाने से डरती है
दर्शाती है पर्यावरण से उसका प्यार कितना सच्चा है
पैडल मारके साइकिल चलाना अच्छा है
मीलों भगाते घंटों चलाते, बचपना याद दिलाती है
सवारी करके बन जाता दिल फिर से इक बच्चा है
पैडल मारके साइकिल चलाना अच्छा है.

साइकिल बाल कविता

टन टन टन चली साइकिल
फर्र फर्र फर्र भगी साइकिल
गोलू की साइकिल सबसे आगे
भोलू की साइकिल उससे पीछे

किसकी साइकिल आगे आगे
बता कौन किसे पीछे भागे
टन टन चली साइकिल
फर्र फर्र फर्र भगी साइकिल

साइकिल के पीछे दौड़ा बबलू
हमें बैठा ले भाई बोला गबलू
रंग बिरंगी किती साइकिल
फर्र फर्र फर्र उड़ी साइकिल

जीवन की साइकिल शोर्ट पॉएम

जीवन की साइकिल को
कुछ इस प्रकार चलाओ
कि गति भले ही धीमे हो
पर लक्ष्य तक तुम
आसानी से पहुँच जाओ
मंजिल में भले ही बाधा हो
पर तुम एक सीध में
बिना थके बिना डरे
तुम जीवन की साइकिल
को निरंतर आगे बढ़ाते जाओ

जिन्दगी साइकिल की

कहाँ आसान जिन्दगी है साईकिल की
यह खेल है पहियों के ताल मेल की
अगली पथप्रदर्शक
दूसरी काम इंधन की
हर तरफ नजारे ही नजारे
हवाएं भी होगी साथ तुम्हारे
शब्दकोश में न जगह आराम की
कहाँ जिन्दगी आसान साइकिल की
पार्टनर की दोस्ती अनमोल
न किसी को करती तौल
मन मुताबिक़ चलती ये
कितनी भी हों राहें कठोर
हमेशा रहती हित में तत्पर
चाहे कितने हो राहों में पत्थर
हैं संघर्ष जीवन में इनकी
कहाँ आसान जिन्दगी साइकिल की

साइकिल दोस्त

प्रकृति से है अपनी यारी
साइकिल की हम करे सवारी
है धुन के पक्के और हम मस्त
कहलाते है हम साइकिल दोस्त
चुनौतियों से हम टकरा है जाते
आंधी तूफा से नहीं कभी घबराते
नदी पहाड़ जंगल और राहे सख्त
कर नहीं पाये ये हमारे हौसलें पस्त
अपने इरादों का सूर्य नहीं होता अस्त
तभी तो कहलाते है हम साइकिल दोस्त

मेरी साईकिल

दो पहियों की मेरी साईकिल,
कभी नहीं ये थकती है,
न खाती है खाना,न पीती है पानी,
जाने कैसे ये पलती है,
मेरी साईकिल दो पहियों पर ये चलती है ,

न ही ये गन्दा धुआँ उगलती कभी,
न ही यह शोर मचाती है,
पर्यावरण को हमेशा ये शुद्ध रखती है,
हमारे शरीर को स्वस्थ ये बनाती है,
मेरी साईकिल दो पहियों पर ये चलती है ,

आओ मेरे भाइयों इस पर बैठो,
तुमको मैं सैर कराती हूँ,
दूर-दूर ये आराम से चलती,
अपने दोस्तों रिश्तेदारों से मिलवाती है,
मेरी साईकिल दो पहियों पर ये चलती है ,

कम जगह हो सड़कों पर जब भी,
ये बड़े आराम से अपना रास्ता बनाती है,
छोटी सी ये साईकिल मेरी सस्ती है,
पर फिर भी कभी ज्यादा खर्चा नहीं कराती है,
मेरी साईकिल दो पहियों पर ये चलती है ,

मेरे सपनो की पहली गाडी मेरी साईकिल,
ट्रीन-ट्रीन करके दूर- दूर ये जाती है,
पेट्रोल डीजल की इसको जरुरत नहीं है,
सबके शरीर को हृष्ट-पुष्ट बनाती है,
मेरी साईकिल दो पहियों पर ये चलती है ,

——–Aruna Gupta

मेरे पापा की साईकिल

मेरे पापा की साईकिल याद है मुझे,
दो पहियों की प्यारी साईकिल,
जिसे पापा कहते थे रानी अपनी,
तूफ़ानो सी तेज़ चलती थी पापा की साईकिल,
सबसे अच्छी थी मेरे पापा की साईकिल,

मुझे साईकिल की टोकरी में बिठा कर,
बहुत घुमाते थे मुझे पूरा दिन भर,
अपनी गुड़िया को साथ ले कर,
मैं भी पापा संग हंसती थी खिलकर,
सबसे अच्छी थी मेरे पापा की साईकिल,

लोहे से बना ये उड़न खटोला,
जिसमें मेरा अच्छा बचपन खूब खेला,
गाडी मोटर तो सारा दिन शोर मचाती है,
पापा की साईकिल तो बस चलती जाती है,
सबसे अच्छी थी मेरे पापा की साईकिल,

कल तक बेमोल साईकिल आज पारस हो गई,
पापा के हाँथ लगाते ही इसकी सैर बनारस हो गयी,
इस पर बैठ कर अपने को रानी समझा मैंने,
इस साईकिल पर हक़ न दिया लेने,
सबसे अच्छी थी मेरे पापा की साईकिल,

कभी न रूकती बस चलती रहती है,
माना गाड़ियों से ये सस्ती लगती है,
पर न जाने क्यों बहुत अच्छी लगती थी,
क्यूंकि ये गाडी मोटर से आराम दायक रहती थी,
सबसे अच्छी थी मेरे पापा की साईकिल,

——--Aruna Gupta

साइकिल शायरी | Cycle Shayari

महंगी महंगी गाड़ियों का कलेक्शन है पर वोह जंग लगी
साइकिल आज भी दिल के सबसे करीब है,


वो साइकिल आज भी घर के कोने में पड़ी है
कि इतना खूबसूरत था तेरा मेरा साथ घूमना


नहीं कर सकता है कोई वैज्ञानिक मेरी बराबरी
मैं चाँद देखने साइकिल से जाया करता था


मेरे भाई उस बूढी साइकिल को कोई नहीं पूछता
जिसकी घंटी पुरे मोहल्ले की शान हुआ करती थी
जब हम एक साइकिल पर तीन दोस्त
सवारी किया करते थे वह भी क्या दिन थे


काश कोई लौटा देता वो बचपन
मुझे साइकिल वाले यार याद आते है
दिल से खेलते थे वो दिन याद आते है
खौफ के बेखौफ वाले दिलदार याद आते है
मुझे साइकिल वाले यार याद आते है
वक्त बदल गया है अब पर भी मुझे
मेरे यार याद आते है.


साइकिल की सवारी ने जिंदगी का मतलब समझाया,
कई बार गिर कर भी उठना सिखाया,
बिना डरे, कोशिशे करता रहा
उस ख़ुशी का अंदाजा मत लगाओ
जब मुझे साइकिल चलाने आया.


साइकिल का पहिया और नदी किनारा,
कितना भी चले वो कही नहीं पहुँचते हैं.


बचपन में जब मैं साइकिल चलाता था,
तो दिल ख़ुशियों से भर जाता था.


बचपन की वो साइकिल आज भी याद आती हैं,
ट्रिन ट्रिन की आवाज अब भी मुझे खूब भाती है.

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उम्मीद करता हूँ दोस्तों साइकिल पर कविता Poem On Bicycle In Hindi का यह कविता आपकों पसंद आई होगी यदि आपकों साइकिल पर दी गई कविताएँ अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें.

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