भगवान श्री राम पर कविता Poem On Ram In Hindi

भगवान श्री राम पर कविता Poem On Ram In Hindi: हिन्दुओं के लिए भगवान (Lord) श्रीराम शौर्य, मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाते हैं.

राम केवल हिन्दुओं के ही नहीं बल्कि समस्त भारत के है उन पर सभी का हक है तथा वे सभी के पूर्वज हैं. हमें उनके आदर्श जीवन कदमों पर चलने का प्रयत्न करना चाहिए.

आज हम राम नवमी, राम मंदिर, राम भक्ति पर कविता बता रहे हैं. यह हिंदी कविता डॉ सुनील जोगी जी द्वारा रचित मौलिक रचना हैं.

श्री राम पर कविता Poem On Ram In Hindi

भगवान श्री राम पर कविता Poem On Ram In Hindi

hindi kavita on ram: सनातन संस्कृति में स्व की बजाय पर को अधिक महत्व दिया गया हैं. इस संस्कृति में महान पुरुष भगवान् श्री राम का आदर्श व्यक्तित्व सभी के लिए प्रेरक हैं.

प्रत्येक भारतीय फक्र से कहता है कि वह श्रीराम का वंशज है मगर आज का दौर जब लोग अपने पुरखों को भूल रहे है तथा राम के होने पर सवाल करते हैं.

जोगी की यह राम गीत कविता उन सभी लोगों के लिए जवाब है जिसका शीर्षक है राम का नहीं वो किसी काम का नहीं,

आप भी यह कविता पढ़े तथा लुफ्त उठाएं. यदि आप भी हनुमान की भांति सच्चे राम जी के भक्त है तथा अपने ह्रदय में राम सीता की तस्वीर रखते है तो अन्य भक्तों तक भी यह कविता पहुचाएं. चलिए हम इस ओज कविता को पढ़ना आरम्भ करते हैं.

राम का नहीं वो किसी काम का नहीं

राम सांस सांस में समाए हुए है
भारत की आत्मा में छाए हुए है
संकटों में खूब आजमाए हुए है
राम जी देश को बचाए हुए है
सुबह का नहीं है जो वो शाम का नहीं
राम का नहीं वो किसी काम का नहीं.

राम प्रतिमा नहीं है प्रतिमान है
नभ में चमकते हुए दिनमान है
वाल्मीकि तुलसी का वरदान है
एक आदर्श है वो भगवान है
राम आस्था है, कोई नारा नहीं है
राम गंगाजल है अंगारा नहीं है
चलते फिरते रोज यही काम कीजिए
जो भी मिले उसको राम राम कीजिए
बेशकीमती भी किसी दाम का नहीं
राम का नहीं वो किसी काम का नहीं.

पथराई अहिल्या को तारा राम ने
अत्याचारी असुरों को मारा राम ने
सुग्रीव की राह में भी राम मिलेगे
राम जी तिजोरी में कुबेरों में नही
शबरी के बेरों में भी राम मिलेगे
राम दशरथ की पुकार में मिले
केवट के संग मझधार में मिले
राम भक्ति भाव से ही जीने में मिले
राम हनुमान जी के सीने में मिले
राजा का है किस्सा गुलाम का नहीं
राम का नहीं वो किसी काम का नहीं.

एक पत्नी का व्रत धारा राम ने
रावण से दुष्ट को भी तारा राम ने
वचन पिता का निभाया राम ने
जो भी मिला गले से लगाया राम ने

राम कोल भीलों में किरात में मिले
राम सुग्रीव वाले साथ में मिले
राम पाने के लिए धन न चाहिए
राम को समझ ले वो मन चाहिए
पूण्य गंगा स्नान चार धाम का नहीं
राम का नहीं वो किसी काम का नहीं.

पुण्य जिन्हें करना था पाप कर रहे
जीवन का वरदान शाप कर रहे
साँस का भी अपनी पता नहीं जिन्हें
देखों राम का हिसाब कर रहे है
राम को न जाने ऐसा नर ना मिला
उन्ही राम जी को यहाँ घर न मिला

राम सिया दूजी कोई युक्ति नहीं है
राम नाम सत्य बिना मुक्ति नहीं है
जागता प्रमाण है ये नाम का नहीं
राम का नहीं तो किसी काम का नहीं.

मर्यादा पुरुषोत्तम राम पर कविता

तब राम मिले थे काकभुशुंडि जी की वाणी मे।
अब भी राम मिलेगे राम का नाम सुनने से।।

तब राम मिले थे तुलसीदास जी को चौपाईयो मे।
अब भी राम मिलेगे उन चौपाईयो का अनुसरण करने से।।

तब राम मिले थे दशरथ को निभाते वचनो मे।
अब भी राम मिलेगे अपने पिता कि आज्ञा का पालन करने से।।

तब राम मिले थे कौशल्या की ममता मे।
अब भी राम मिलेगे अपने माँ बाप की सेवा करने से।।

तब राम मिले थे सीता को पवित्रता मे।
अब भी राम मिलेगे अपने मन को पवित्र रखने से।।

तब राम मिले थे लक्ष्मण को सेवा मे।
अब भी राम मिलेगे राष्ट्र सेवा करने से।।

तब राम मिले थे भरत को शासन करने मे।
अब भी राम मिलेगे अपना राष्ट्र धर्म निभाने से।।

तब राम मिले थे बजरंग बली के सीने मे।
अब भी राम मिलेगे राम के नाम का जप करने से।।

तब राम मिले थे अनुसूया को मानवता मे।
अब भी राम मिलेगे उस मानवता को बनाये रखने से।।

तब राम मिले थे सबरी को झुठे बेर खिलाने मे।
अब भी राम मिलेगे भूखो को भोजन कराने से।।

तब राम मिले थे घायल जटायु को दर्द मे।
अब भी राम मिलेगे निर्धन बेसहारो को सम्भालने से।।

तब राम मिले थे अयोध्या को मर्यादाओ मे।
अब भी राम मिलेगे भारत की पहचान श्री राम से कराने से।।

Bhagwan Shri Ram Poem In Hindi

धर्म सत्य पर आधारित हों, ज्ञान हो निर्मल गंगा जैसा,
भूख प्यास की पीड़ा न हो, हर मानव हो मानव जैसा।

नवराते में शक्ति पूजें, हर तन बने बज्र के जैसा,
राज करे चाहे कोई भी, राजा हो श्रीराम के जैसा।

हर शबरी के द्वार चलें हम, जहां अहिल्या दीप जलाएं,
राम तत्व है सबके अंदर, आओ फिर से उसे जगाएं।

शुभ-अवसर है राम-जन्म का, आओ सब मिल शीश झुकाएं,
अंदर बैठे तम को मारें, आओ मिलजुल खुशी मनाएं।

होने को बहुतेरी नवमी, इस नवमी की छटा निराली,
नवराते जग शक्ति पूजे, शीतल, ज्वाला, गौरी, काली।

राम जन्म जिस नवमी होता, उस नवमी की महिमा अद्भुत,
सृष्टि भी होती मतवाली, दिन में होली रात दिवाली।

Hindi Poem Lord Ram Kavita

राम भक्ति की बहती धार
है राम नाम मोक्ष का द्वार
सो जपते जाना जपते जाना
तेरे जीवन का होगा उद्धार

क्या होती मर्यादा जान ले
अपना अस्तित्व पहचान ले
तुझ में पायेगा राम को
बस राम का ही ध्यान ले

कौन कहता है राम भगवान
राम तो है तेरी पहचान
राम है ही तेरा अभिमान
अतः करो राम का गुणगान

राम का नहीं वो किसी काम का नहीं (Poem on Ram in Hindi)

राम सांस सांस में समाए हुए है
भारत की आत्मा में छाए हुए है
संकटों में खूब आजमाए हुए है
राम जी देश को बचाए हुए है
सुबह का नहीं है जो वो शाम का नहीं
राम का नहीं वो किसी काम का नहीं।

राम प्रतिमा नहीं है प्रतिमान है
नभ में चमकते हुए दिनमान है
वाल्मीकि तुलसी का वरदान है
एक आदर्श है वो भगवान है
राम आस्था है, कोई नारा नहीं है
राम गंगाजल है अंगारा नहीं है
चलते फिरते रोज यही काम कीजिए
जो भी मिले उसको राम राम कीजिए
बेशकीमती भी किसी दाम का नहीं
राम का नहीं वो किसी काम का नहीं।

पथराई अहिल्या को तारा राम ने
अत्याचारी असुरों को मारा राम ने
सुग्रीव की राह में भी राम मिलेगे
राम जी तिजोरी में कुबेरों में नही
शबरी के बेरों में भी राम मिलेगे
राम दशरथ की पुकार में मिले
केवट के संग मझधार में मिले
राम भक्ति भाव से ही जीने में मिले
राम हनुमान जी के सीने में मिले
राजा का है किस्सा गुलाम का नहीं
राम का नहीं वो किसी काम का नहीं।

एक पत्नी का व्रत धारा राम ने
रावण से दुष्ट को भी तारा राम ने
वचन पिता का निभाया राम ने
जो भी मिला गले से लगाया राम ने।

राम कोल भीलों में किरात में मिले
राम सुग्रीव वाले साथ में मिले
राम पाने के लिए धन न चाहिए
राम को समझ ले वो मन चाहिए
पूण्य गंगा स्नान चार धाम का नहीं
राम का नहीं वो किसी काम का नहीं।

पुण्य जिन्हें करना था पाप कर रहे
जीवन का वरदान शाप कर रहे
साँस का भी अपनी पता नहीं जिन्हें
देखों राम का हिसाब कर रहे है
राम को न जाने ऐसा नर ना मिला
उन्ही राम जी को यहाँ घर न मिला।

राम सिया दूजी कोई युक्ति नहीं है
राम नाम सत्य बिना मुक्ति नहीं है
जागता प्रमाण है ये नाम का नहीं
राम का नहीं तो किसी काम का नहीं।

यह भी पढ़े

उम्मीद करता हु दोस्तों भगवान श्री राम पर कविता Poem On Ram In Hindi का यह लेख आपकों पसंद आया होगा.

यदि आपकों यह आर्टिकल पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे. सुनील जोगी की ये कविता यहाँ प्रकाशित की हैं.

1 thought on “भगवान श्री राम पर कविता Poem On Ram In Hindi”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *