राजनीतिक समाजीकरण क्या है अर्थ व साधन | Political socialization in hindi

नमस्कार दोस्तों आज का लेख राजनीतिक समाजीकरण क्या है अर्थ व साधन Political socialization in hindi पर दिया गया हैं.

इस आर्टिकल में हम सरल भाषा में जानेगे कि राजनीतिक समाजीकरण क्या हैं इसकी परिभाषा अर्थ और इसके मुख्य साधन क्या क्या हैं. उम्मीद करते है ये लेख आपको पसंद आएगा.

राजनीतिक समाजीकरण क्या है अर्थ व साधन Political socialization in hindi

राजनीतिक समाजीकरण क्या है अर्थ व साधन | Political socialization in hindi

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए एशिया अफ्रिका एवं लैटिन अमेरिकी राज्यों के अध्ययन के लिए तुलनात्मक राजनीति में अनेक नवीन अवधारणाओं का विकास हुआ.

व्यवहारवादी क्रांति के अन्तः अनुशासनात्मक उपागम पर जोर देने के कारण भी राजनीति विज्ञान में विभिन्न अवधारणाएं शामिल की गई.

समाज शास्त्र एवं राजनीति विज्ञान के बढ़ते अंतर्सम्बन्धों के फलस्वरूप कई समाजशास्त्रीय संकल्पनाएं राजनीति विज्ञान में शामिल हुई, जिनमें राजनीतिक संस्कृति, राजनीतिक सहभागिता, राजनीतिक विकास एवं राजनीतिक समाजीकरण आदि प्रमुख हैं.

इस तरह राजनीतिक समाजीकरण समाजशास्त्रीय संकल्पना समाजीकरण से प्रेरित हैं. समाजीकरण समाज में निरंतर चलने वाली एक प्रक्रिया हैं.

जिसके माध्य से व्यक्ति समाज के रीती रिवाजों परम्पराओं, मूल्यों एवं मान्यताओं अर्थात समाज की संस्कृति को अंगीकार कर उसका क्रियाशील सदस्य बनता हैं.

जैसे प्रत्येक समाज अपनी संस्कृति के अनुरूप बालक को बोलना, अभिवादन का तरीका, पूजा पद्धति, पहनावा एवं खान पान की आदते सिखाता हैं. इस प्रक्रिया को समाजीकरण कहते हैं.

जिसके द्वारा बालक मानव समाज से उस विशेष समाज का सदस्य बनता हैं. राजनीतिक जीवन के लिए भी इसी प्रकार सिखने सिखाने की प्रक्रिया रहती हैं.

राजनीतिक समाजीकरण का अर्थ व परिभाषा क्या है (What is political socialization In Hindi)

जिनके माध्यम से व्यक्ति में राजनीतिक समझ विकसित होती हैं. राजनीतिक जीवन एवं पद्धति के प्रति उनके दृष्टिकोण का विकास होता हैं. इस तरह जिस प्रक्रिया द्वारा व्यक्ति राजनीति के प्रति अपना ज्ञान प्राप्त करता हैं. उस प्रक्रिया को राजनीतिक समाजीकरण कहते हैं.

दूसरे शब्दों में कह सकते है कि राजनीतिक समाजीकरण राजनीतिक संस्कृति को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित करने का साधन हैं. वास्तव में राजनीतिक व्यवस्था को सुचारू संचालन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका हैं.

प्रत्येक राजनीतिक व्यवस्था में कुछ आदर्श होते हैं. जैसे भारत का आदर्श लोकतांत्रिक व्यवस्था एवं स्वतंत्र समाज हैं. अतः भारत में राजनीतिक समाजीकरण द्वारा नागरिकों को लोकतंत्र एवं स्वतंत्र समाज के प्रति निष्ठावान बनाने का प्रयास किया जाएगा.

वहीँ साम्यवादी चीन का आदर्श साम्यवादी व्यवस्था एवं बंद समाज हैं, इसलिए चीन के नागरिकों को राजनीतिक समाजीकरण के माध्यम से इसी अनुरूप बनाने का प्रयास किया जाता हैं.

राजनीतिक समाजीकरण की सर्वप्रथम व्याख्या करने वालों में हरबर्ट साइमन प्रमुख हैं. जिन्होंने अपनी पुस्तकpolitical socialization में इसके विविध पक्षों पर प्रभाव डाला. आमंड और पोवेल के अनुसार राजनीतिक समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से राजनीतिक संस्कृति में प्रवेश कराया जाता हैं.

तथा उनकी राजनीतिक उद्देश्यों के प्रति अभिप्रेरणा को बनाया जाता हैं. कावानाद्य के शब्दों में राजनीतिक समाजीकरण वह शब्द है जो उस प्रक्रिया का वर्णन करता हैं, जिस प्रक्रिया के माध्यम से व्यक्ति राजनीति से सम्बन्धित ज्ञान प्राप्त करता हैं.

इन परिभाषाओं का सार यह है कि राजनीतिक समाजीकरण का उद्देश्य व्यक्तियों को अपनी राजनीतिक व्यवस्था की शिक्षा प्रदान करना तथा विकसित करना है जिससे कि वे राजनीतिक व्यवस्था के सुचारू संचालन में सहायक बन सके.

राजनीतिक समाजीकरण के साधन (Tools Of Political socialization Hindi)

व्यक्ति में राजनीतिक समझ विकसित करने वाली समाज में अनेक संस्थाएं होती हैं. जैसे परिवार, शिक्षण संस्थाए, राजनीतिक एवं सामाजिक संस्थाएं, सरकारी प्रक्रियाएं, जनसंचार के साधन इत्यादि.

इनमें से कुछ संस्थाएं ऐसी है जो अनायास या स्वाभाविक रूप से राजनीतिक समाजीकरण करती है, जबकि कुछ ऐसी होती है जो औपचारिक तरीको से यह कार्य करती हैं.

प्रायः खुले एवं लोकतांत्रिक समाजों में राजनीतिक समाजीकरण में अनौपचारिक प्रक्रियाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं. जबकि चीन जैसे साम्यवादी तथा पाकिस्तान जैसे कट्टरवादी राज्यों में सरकारी तंत्रों के माध्यम से राजनीतिक संस्कृति की जबरदस्ती घुट पिलाई जाती हैं. उपर्युक्त संस्थाएं किस प्रकार से यह कार्य करती हैं. इस पर दृष्टि डालना उपयोगी होगा.

परिवार (Family)

परिवार प्रथम पाठशाला मानी जाती है. जिसके माध्यम से बालक रीती रिवाजों और परम्पराओं को सिखाता हैं वह अपने माता पिता की आज्ञा को स्वीकार करता हैं, जिससे उसमें सत्ता का बोध होता हैं.

इसके अलावा सबके साथ मिलकर रहने, परिवार में सहयोग करने एवं अपनी मांगों को मनवाने के लिए किस प्रकार दवाब बनाया जाए आदि बाते सीखकर वह राजनीतिक क्रियाओं की क्षमता विकसित करते हैं.

सामान्यतः चुनावी अनुभव यह बताते है कि परिवार का मुखिया जिस राजनीतिक दल का समर्थक होता हैं. परिवार के अन्य सदस्य भी उसका अनुसरण करते हैं. इस प्रकार राजनीति के प्रति प्रारम्भिक समझ का विकास परिवार के माध्यम से ही होता हैं.

शिक्षण संस्थाएं (Educational institutions)

राजनीतिक समाजीकरण में शिक्षण संस्थाओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं. वह परिवार में जिन राजनीतिक प्रवृतियों को आत्मसात करता हैं. शिक्षण संस्थाओं में वे और अधिक दृढ बन जाते हैं.

विभिन्न प्रष्टभूमि के सहभागियों के साथ अनुकूलन करने की आवश्यकता से बालक राजनीतिक व्यवस्थाओं की विविधताओं और विरोधाभासों के साथ समायोजन करना सीखता है,

बालक की शिक्षा जितनी व्यापक होगी. इसकी संभावना ज्यादा हैं. कि वह राजनीति में उतनी ही रूचि लेगा. उसके राजनीतिक ज्ञान का विकास होगा. लेकिन शिक्षण संस्थाओं का पाठ्यक्रम कैसा हैं. उसकी मित्र मण्डली कैसी हैं.

अथवा शिक्षकों का राजनीतिक व्यवस्था के प्रति दृष्टिकोण एवं वैचारिक अभिमुखीकरण कैसा हैं. यह सब तत्व भी राजनीतिक समाजीकरण प्रभावित करते है. क्योंकि शिक्षक अपने आचरण एवं अन्य विभिन्न तरीकों से अपने विद्यार्थियों को अपनी विचारधारा की ओर प्रेरित करने का प्रयास करते हैं.

राजनीतिक दल (Political party)

राजनीतिक दल अपनी नीतियों और विचारधारा और कार्यक्रम के माध्यम से समाजीकरण का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं. यदपि लोकतान्त्रिक देशों एवं साम्यवादी सर्वाधिकारवादी राज्यों में राजनीतिक दलों की भूमिका अलग अलग होती हैं. ऐसे राज्यों में समाजीकरण के साधनों पर राज्य का कठोर नियंत्रण रहता हैं.

जबकि लोकतांत्रिक राज्यों में राजनीतिक दलों की बहुलता होती हैं. एवं वे स्वतंत्रतापूर्वक अपने अपने विचारो के अनुरूप समाजीकरण के लिए सवर्त्र होते हैं.

राष्ट्रीय प्रतीक (National symbol)

विभिन्न राजनीतिक प्रतीक जैसे राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रगीत, राष्ट्रीय दिवस समारोह, सेना की परेड आदि के माध्यमों से राजनीतिक व्यवस्था तथा राजनीतिक आदर्शों के प्रति नागरिकों में आस्था के भाव पैदा किये जाते हैं.

जनसंचार के साधन (Means of communication)

आधुनिक समय में जनसंचार के साधन समाचार पत्र, टीवी रेडियों आदि व्यक्ति के राजनीतिक ज्ञान को तथा उसके विचारों को दिशा देने का सशक्त माध्यम बन चुके हैं. भारत में ऐसा माना जाता हैं.

कि चुनाव आजकल मिडिया के दफ्तरों में से लड़े जाते हैं. क्योंकि वे विभिन्न कार्यक्रमों से जनमत को प्रभावित करने के प्रयास करते हैं.

इस तरह राजनीतिक समाजीकरण किसी देश की राजनीतिक व्यवस्था को प्रभावित करने वाला महत्वपूर्ण कारक होता हैं. समाज की राजनीतिक संस्कृति को निर्धारित करने में राजनीतिक समाजीकरण की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं. किसी देश में नागरिकों व सरकार के बिच अंत क्रिया का अभाव पाया जाता हैं.

वही किसी और देश में सरकारों के कार्यों और नीतियों को प्रभावित करने में नागरिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यह अंतर् वास्तव में राजनीतिक समाजीकरण के स्तर का अंतर् हैं.

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दोस्तों उम्मीद करता हूँ Political socialization in hindi का यह लेख आपकों अच्छा लगा होगा. 

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