Ravan Shayari In Hindi रावण पर शायरी स्टेटस कविता सुविचार कोट्स

नमस्कार मित्रों आपका स्वागत है Ravan Shayari In Hindi में हम अहंकारी रावण की शायरी का कलेक्शन लेकर आए हैं. Ravan Shayari Quotes, Status, Poetry.

व्यक्ति भले ही सर्वशक्तिमान हो मगर उसमें अहंकार रुपी दीमक पनप जा ए तो वही हश्र होता हैं जो लंकापति दशानन का हुआ था.

रावण हिंदी शायरी और बेहतरीन सुविचार कोट्स कविता यहाँ बता रहे हैं. रावण के जीवन पर आधारित इन शायरी स्टेटस को दशहरा रामनवमी आदि पर्वों पर फेसबुक ट्विटर आदि सोशल मिडिया पर भी लगा सकते हैं.

Ravan Shayari In Hindi

Ravan Shayari In Hindi

“राम तुम्हारे युग का
रावण अच्छा था
दस के दस चेहरे
सब बाहर रखता था.”


मुझमे बुराई ,खुद में अच्छाई,
ढूँढ़ते हो सब जानता हूँ ,
मुझसे बड़े तो तुम रावन हो


ना मैं आदी हुं ना मैं अंत हुं
मेरे पुतले मत जलाओ मैं ना ही मरंत हुं ।।?


Kalyug Ke Ravan Satyug
Ke Ravan Ko jalathe hai


राम तुम्हारे युग का रावण अच्छा था
दस के दस चेहरे सब “बाहर” रखता था
” क्यों ना आज अपने ही भीतर झांका जाय,
एक तीर अंदर के रावण पर भी चलाया जाय !!”


प्रभु सेवा कहो या डर मौत का..
विभीषण भाई था रावण का..!!


log to mitti ke putle jala rahe the,
raavan ka aj bhi kahi shehro pr raaj hai


अपहरण कर के मर्यादा का पालन करने वाला
तो ब्राह्मण था।, रावण तो आज के लोग है


मशगूल था सारा शहर रावण जलाने में..
मैंने वीराने में जाकर उसके ख़त जला डाले..


हर देव में छिपा एक ‘दानव’
और दानव मे छिपा है एक ‘देव’!
तुम स्वयं ही देख लो-
इन्द्र ने अहिल्या का जीवन
बर्बाद किया और
रावन ने सीता की इच्छा का
सम्मान किया।
धर सकता था वो भी
रूप राम का पर!
एक पतिव्रता के सतीत्व
का उसने सम्मान किया
जला दो कितने भी रावन तुम,
छली इन्द्र से कैसे बच पाओगे!
बोलो, इन कलयुगी इन्द्र को
कैसे सजा दिलाओगे?
सतयुग में जिसे क्षमादान मिला,
कलयुग में उसका क्या बिगाड़ पाओगे???
यही वास्तविकता है आज हमारे समाज की।

Ravan Shayari Hindi

अपने अंदर के रावण (बुराई) को तब तक न मार पाओगे
जब तक अपने अंदर सोते कुम्भकरण (जमीर) को न जगाओगे।।


जब रावण का पुतला जलता है तो आज का रावण देख कर हंसता है ,
ब्रह्म ज्ञानी नेक नियत शिव भक्त आज भी दिलो में बसता है ।
वो रावण आज के रावण से तो बहुत अच्छा था


हाँ! माना तुम राम नहीं बन सकते हो..
रावण तो बन सकते हो… औरत की इज्जत तो कर सकते हो


जो बहन के लिए भगवान से लड़ जाए
जो सीता को पवित्र लौटाए
जो राक्षस होकर भी विद्वान कहलाए
वो रावण आज किसी मे न नजर आए।
विजय दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं ।।
???


मुझे रावण को जलाने का दुख या दर्द
नहीं है बस उसे कोई राम जलाए..


सत्य पर असत्य की जीत कहने वाले बता झूठा कौ‌न,
हर घर में छुपा है रावण बताने वाले बता झूठा कौन,
बहन की लज्जा में भगवान से भी लड़ गया रावण,
बहन की अस्मिता से खेलने वाले बता झूठा कौन,
रावण से तुलना करने वाले बता झूठा कौन,
झूठा है तू मैली सोच है तेरी,
रावण नहीं, कीड़े की मौत है तेरी,
इंसा की शक्ल में हैवान छुपाने वाले , बता झूठा कौन,
खुद में राक्षसों का चरित्र बताने वाले, बता झूठा कौन ।।


कलियुग में रावण से नारी की अस्मत कौन बचाएगा।
हे राम क्या तभी आओगे जब नाम, सीता रखा जाएगा?


में जिंदा हूँ
हा, में जिंदा हूँ
बरसो से जलाते आये हो मुझे
फिर भी में जिंदा हूँ
हा, मुझे जलाया गया हर बार
फिर आप सभी से दोबारा मे उतपन्न हुआ
असलियत में मै, मै कभी मरा ही नही
मै मर ही नही सकता
मे तब तक नही मर सकता जब तक आप सभी मेरे साथ हो
हा…. हा… हा…!

रावण कौन था?

रामायण के नजरिए से देखा जाए तो रावण बहुत ही पराक्रमी राजा था, जिसका निवास लंका में था। लंका को वर्तमान के समय में श्रीलंका कहा जाता है। रावण को राक्षसों का सरदार कहा जाता था। रावण वैसे तो एक पंडित था परंतु इसके गुण राक्षसों वाले ही थे। इसने अपने जीवन काल में कई अनैतिक कार्य किए थे।

इसके द्वारा कई साधु संतों की हत्या की गई थी परंतु इसकी सबसे आखरी गलती साबित हुई माता सीता का अपहरण करना, जिस पर राम और रावण के बीच काफी खतरनाक युद्ध हुआ।

इस युद्ध में विभीषण की सहायता से रावण को भगवान श्रीराम ने मुक्ति दे दी। रावण के पिताजी का नाम विश्रवा था एवं इनकी माता जी का नाम वरवर्णिनी था। प्रकांड पंडित होने के अलावा रावण भगवान शंकर के बहुत ही बड़े उपासक थे।

इन्हें भगवान शंकर के द्वारा कई वरदान प्राप्त हुए थे। रावण के द्वारा दैनिक तौर पर भगवान शंकर की पूजा की जाती थी और रावण ने “शिव तांडव स्त्रोत” की रचना करने का काम किया था।

रावण की ताकत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इसने शनिदेव को अपने महल में कैद कर लिया था और सभी प्रकार के ग्रहों को भी उसने अपनी मुट्ठी में कर लिया था।

रावण को दशानन भी कहा जाता था क्योंकि इसके 10 सिर थे। रावण सोने से बने हुए महल में रहता था और वर्तमान के समय में भी इस बात के कई सबूत मिल चुके हैं कि वास्तव में रावण का सोने का महल था और रामायण के सभी पात्र वास्तविक तौर पर थे।

Ravan Status In Hindi रावण शायरी

रावण अपनों से हारा था
यें बात दिल से लगाये बैठा हूं
मै अपने राज़ अपनों से ही
छुपाए बैठा हूं।


रावण क़ो हरा पाना तेरें वश की बात नही
क्योंकि यहां ऐसा कोईं राम नही।


अधर्मं के नाश के लिये
ये पुतलें ज़ला रहे हों
तेरें अन्दर जो रावण हैं
उसे क्यो पाल रहे हों।


बेहाल इतनें रहे हैं कि
आज़ ख़ुद के अपने हाल भुल गये हैं,
ये उंची उडान भरनें वाले परिन्दे
लगता हैं गुलेल की मार भुल गये।


रावण सब ज़ानता था फ़िर भी अनज़ान था
रण नही छोड सक़ता था यह उसक़ा स्वाभिमान था

रावण ने की थी ब्रह्मा की तपस्‍या

रावण को धर्म की शिक्षा ऋषि विश्वेश्रवा के द्वारा प्राप्त हुई थी और माता जी के कहने पर रावण ने भगवान ब्रह्मा जी की उपासना भी की थी। रावण के सौतेले भाई कुबेर थे परंतु रावण कुबेर से काफी अधिक ताकतवर और शक्तिशाली थे।

रावण की तपस्या का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि भगवान ब्रह्मा को प्रसन्न करने के लिए इसने लगातार 10000 सालों तक उनकी उपासना की थी और वह हर 10 साल में अपने एक सर को काटकर के भगवान ब्रह्मा को अर्पित करता था।

जब भगवान प्रसन्न हुए तो उन्होंने रावण से वरदान मांगने के लिए कहा, इस पर रावण ने ब्रह्मा भगवान से वरदान मांगा कि देवी, देवता, गंधर्व, किन्नर कोई भी उसका संहार ना कर सके।

ब्रह्मा जी के द्वारा इस वरदान को प्राप्त करने के पश्चात अपने आप के सामने सभी देवी देवताओं को रावण छोटा समझने लगा। इस प्रकार रावण का अंत करने के लिए भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर अवतार लिया और कालचक्र चलता रहा और अंत में रावण की मृत्यु श्री राम के हाथों ही हुई।

रावण की ताकत 

रावण के पास अपार शक्तियां मौजूद थी जिसे प्राप्त करने के लिए उसने विभिन्न देवी देवताओं की साधना की थी। रावण के पास सम्मोहन की शक्ति थी।

इसके अलावा इंद्रजाल तंत्र भी था, साथ ही उसे अनेक प्रकार के जादू भी आते थे। रावण भगवान शंकर का बहुत ही बड़ा भक्त था।

रावण के द्वारा शनि देव को अपने महल में कैद कर लिया गया था। रावण ने सभी नवग्रह को अपनी मुट्ठी में कर लिया था और एक बार तो रावण ने अपनी सेना लेकर के यमराज के गढ पर भी आक्रमण कर दिया था, क्योंकि रावण को कालजयी बनना था। 

Ram Ravan Shayari 2 Line

राम का नाम लेवा आज राम को गए भूल,
इन्सान कहा अब दानव असुर रावण ही आएंगे नजर जिधर देखो उधर


धर्म पर अधर्म की जीत में वे रावण को जला रहे हैं ,‍
न जाने कौन सा धर्म है पशु-पक्षियों को सता रह है


अब लंकापति सा ज्ञान तू
अब राम का सा बाण तू ।
अब सूर्य का भी तेज तू
अब चाँद का भी स्वेत तू ।


रावण दहन का हमें हक नहीं,
क्योकि हमें उतना ज्ञान नहीं,
परस्त्री हरण कर माता रूपी सम्मान दिया,
उतनी हममे मर्यादा नहीं ।।


सीता माता जिंदा थी ,
ये राम की ताकत थी और सीता माता पवित्र थी,
ये रावण की मर्यादा थी।


सीता मां की कहानी थी क्योंकि
रावण को भगवान राम जी के हाथों मरना था
रावण तो बहुत ही ग्यानी था वो शिव जी का दीवाना था
एक बुरे कर्म से उसे अपने पापों को धोना था।।।।।


हाँ मैं घमंडी, मैं पापी, मैं ताकत का प्रतीक हूँ…
हाँ मैं वही रावण, दशानन और थोड़ा सा ढीठ हूँ…
तुम श्री राम ही बन जाओ, मैं रावण ही ठीक हूँ…


मुझमे बुराई ,खुद में अच्छाई, ढूँढ़ते हो
सब जानता हूँ ,मुझसे बड़े तो तुम रावन हो


Ravan Hindi Status

आज हजारों Ravan निकलेंगे एक जलते हुए पुतले को देखने


उस दौर का रावण अच्छा था सिर्फ़ “बाण” मारता था।।


बलवान + बुद्धिवान + धनवान + अहंकार – इशविश्वास = रावण । क्या में खुद रावण तो नहीं?????


Khatam nhi hoti buraayi ek putle k dahan se, raavan ko mitaana hoga har ek insaani zahan se.


पराई औरत को घर में रख कर इज्जत देना तो कोई रावण से सीखे वरना लोगों ने तो यहां दूध पीती बच्चियों तक को नहीं छोड़ा


आज फिर रावण के पुतले को फूंका जाएगा , और दिलों में बैठा रावण उसे देख रहा होगा ।


अगर राम जैसी काबीलियत रखते हो , तो ही जाना उस पुतले वाले रावण को जलाने


उसे जलाते हो जो कभी मरता नही।


wo gyani nhi mara tha mara tha uska ahnkar bss


जरूरी है अपने जेहन में राम को जिंदा रखना,,,,, पुतले जलाने से ‘रावण’ नहीं मरा करते।


हां किया गलत एक औरत की इज्जत के लिए दूसरे को उठा लाया था तो बता दूंगी कि राम ने सीता को कुरान सा पाक और गीता सा साफ पाया था


रावण पर कविता

मर चुका है #रावण का शरीर..
स्तब्ध है सारी लंका..
सुनसान है किले का परकोटा..
कहीं कोई #उत्साह नहीं..
किसी घर में नहीं जल रहा है दिया..
विभीषण के घर को #छोड़ कर…. ।
सागर के किनारे बैठे हैं विजयी #राम..
विभीषण को लंका का राज्य सौंपते हुए..
ताकि #सुबह हो सके उनका राज्याभिषेक..
बार-बार लक्ष्मण से पूछते हैं..
अपने सहयोगियों की कुशल-क्षेम..
चरणों के निकट बैठे हैं #हनुमान ..
मन में क्षुब्ध हैं लक्ष्मण..
कि राम क्यों नहीं लेने जाते हैं #सीता को..
अशोक वाटिका से..
पर कुछ कह नहीं पाते हैं …।
धीरे-धीरे सिमट जाते हैं सभी #काम
हो जाता है विभीषण का राज्याभिषेक…
और राम प्रवेश करते हैं लंका में..
ठहरते हैं एक उच्च #भवन में…. ।
भेजते हैं हनुमान को अशोक-वाटिका…
यह समाचार देने के लिए…
कि मारा गया है #रावण..
और अब लंकाधिपति हैं विभीषण …।
सीता सुनती हैं इस #समाचार को..
और रहती हैं ख़ामोश..
कुछ नहीं कहती..
बस निहारती है #रास्ता..
रावण का वध करते ही…
वनवासी राम बन गए हैं #सम्राट ?
लंका पहुँच कर भी भेजते हैं अपना दूत..
नहीं जानना चाहते एक #वर्ष कहाँ रही सीता..
कैसे रही सीता… ?
नयनों से बहती है #अश्रुधार…
जिसे समझ नहीं पाते हनुमान…
कह नहीं पाते वाल्मीकि…. ।
राम अगर आते तो मैं उन्हें #मिलवाती
इन परिचारिकाओं से..
जिन्होंने मुझे भयभीत करते हुए भी..
#स्त्री की पूर्ण गरिमा प्रदान की
वे रावण की अनुचरी तो थीं…
पर मेरे लिए #माताओं के समान थीं …
राम अगर आते तो मैं उन्हें मिलवाती..
इन अशोक वृक्षों से..
इन #माधवी लताओं से
जिन्होंने मेरे आँसुओं को..
ओस के कणों की तरह सहेजा अपने शरीर पर..
पर राम तो अब राजा हैं..
वह कैसे आते #सीता को लेने …?
विभीषण करवाते हैं सीता का शृंगार…
और पालकी में बिठा कर पहुँचाते है #राम के भवन पर..
पालकी में बैठे हुए सीता सोचती है…
जनक ने भी तो उसे #विदा किया था इसी तरह ..
वहीं रोक दो पालकी..
गूँजता है राम का #स्वर..
सीता को पैदल चल कर आने दो मेरे #समीप !
ज़मीन पर चलते हुए काँपती है भूमिसुता..
क्या देखना चाहते हैं…
मर्यादा #पुरुषोत्तम, कारावास में रह कर..
चलना भी भूल जाती हैं स्त्रियाँ …?
अपमान और #उपेक्षा के बोझ से दबी सीता..
भूल जाती है पति-मिलन का उत्साह..
खड़ी हो जाती है किसी #युद्ध-बन्दिनी की तरह ..
कुठाराघात करते हैं राम —- #सीते, कौन होगा वह पुरुष..
जो वर्ष भर पर-पुरुष के घर में रही स्त्री को..
करेगा स्वीकार ..?
मैं तुम्हें मुक्त करता हूँ, तुम चाहे जहाँ जा सकती हो ..

Ravan status in hindi 2 line

आज जला दोगे दस सिर का रावण,
अपने पास के दस दिमाग़ वालों का क्य करोगे,
अरे रावण तो अपने सिर दिखा भी देता था,
तेरे अपनो के छिपे चेहरों का क्य करोगे?


नाश होकर भी जिंदा है । जलकर भी इनसान मैं बसा हैं । उसिका नाम रावण है ।


M kaise jala dauu ravan ko usi n hi tho ram ko bhagwan banaya tha ??


ताकत के साथ नेक इरादा भी रखना .. वरना ऐसा क्या था जो रावण हार गया था।?


रावण कभी मरता नहीं __ अगर मरता तो हर साल उसे जलाया नहीं जाता ?


काँपता है जिस से भूलोक, भय खाता है त्रिलोक
फीका है जिसके समक्ष सूर्य तेज, ऐसा मेरा आलोक
बलशाली हूँ, विश्रवा कैकसी पुत्र, ब्रह्मा का कण हूँ
असुरेश्वर लंकेश्वर दशानन , मैं रावण हूँ


जितना वो जलता जा रहा है ।। ऐसे ही ज़माने में वो बढ़ता जा रहा है


Kuch to khas rhaa hoga RAVAN ka kirdar…..Jise marne ke liye janm liye SRI RAM


बहुत गलत कर के भी बहुत सही हूं में, केबल राम का नहीं महाज्ञानी रावण का भी भक्त हूं में


हम सब हर साल रावण जलाते हैं यह जान कर भी की रावण की सभी अच्छाइयां और बुराइयां हम सब के दिलों में सदैव ज़िंदा रहेगी।


क्या गजब किया रावण ने मारने से पहले अपना स्वर्ग निश्चित कर गया


मै रावण हुं मैं रावण हुं अति क्रूर निर्दायी हुं…
मै वचन हु उस राखी का…
हां मै उसी सुर्पनखा का भाई हुं, मै दशान्न हुं
लंका का तुमसा पति ना पावन हुं, और हवस
भरी इस कलयुग का मै हर सुर्पनखा का रावण हुं…

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उम्मीद करता हूँ दोस्तों Ravan Shayari In Hindi का यह लेख आपकों पसंद आया होगा, यदि आपकों रावण शायरी, रावण स्टेटस, रावण कोट्स, रावण सुविचार & कविता पोएम में दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

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