रोग पर शायरी

रोग पर शायरी Best rog Quotes, Status, Shayari, Poetry & Thoughts In Hindi : रोग रोगी और इश्क, प्रेम का रोगी आदि की बेहतरीन हिंदी जुगलबंदी पंक्तियाँ आज हम रोग शायरी के इस आर्टिकल में आपके साथ शेयर कर रहे हैं.

हम उम्मीद करते है आपकों यह कलेक्शन पसंद आएगा. चलिए बगैर अधिक वक्त बिताएं रोग पर दी गई पंक्तियों को पढ़ना शुरू करते हैं.

रोग शायरी स्टेटस हिंदी पंक्तियाँ

रोग पर शायरी

रोग ऐ’से भी ग़म-ए-यार से लग जा’ते है
दर से उठ’ते है तो दी’वार से लग जा’ते है

शायरी 1

रोग !! चाहे इश्क का हो या जिस्म का
तकलीफ तो दोनों ही देती है ।☹?


शायरी 2

रोग ने रोगी बना दिया,
प्रेम ने जोगी बना दिया।


शायरी 3

ptaa hi nhi chala kab wo
muj me apna ghar kar gya…


शायरी 4

सबसे बड़ा रोग ,,,,
क्या कहेंगे लोग


शायरी 5

किसे समझ आया भला ईश़्क नाम का रोग,
उलझ उलझ कर रह गए सुलझे सुलझे लोग ।


शायरी 6

ये जो मन मेंं हद से ज्यादा लालसा का लोभ है
यही इन्सान का सबसे बड़ा रोग है ……..


शायरी 7

रोग चाहे इश्क का हो या फ़िर जिस्म
का तकलीफ तो दोनो मेंं मिलेगी …


शायरी 8

Ishq ka rog mujhpe tera is tarah chadh Gaya,
ki na koi dawa na hi dua, bus tera saath hi kaafi hoga


शायरी 9

Ishq kaa da roog aishaa lgya ki
koi oor rang naa chadeyaa


शायरी 10

तुमने जो शौक के लिए किया,,
वो इश्क हमारे लिए रोग हो गया


शायरी 11

ये रोग है सब से बड़ा ,इस जोग से कोइ ना बचा ,
ना दवाइ काम आई ,ना दुआ ,बस मौत ही बचाने आई.
पर ये कैसा रोग साला ,मर ने के बाद भी
उसी के पास था मेरा साया .


शायरी 12

Kisi Rog Ki Tarah Hai Wo…
Jiski Khuraak Lena Acha Nahi Lagta ?


शायरी 13

Unhe dekhne ka rog lga tha aankho ko,
jb deedar hua unka toh dil ka rog lga aaye..?


शायरी 14

ख्वाहिशें मेरी मुझे सोने नहीं देती,
रोग ये लाइलाज़ हो गया है।


शायरी 15

ये इश्क़ का रोग है जनाब…..
ये आसानी से मिटने वाला नही है ?


शायरी 16

Bina mere kya zindgi gujaar loge tum…
ishq hu ROG nhi jo dawa se utaar loge tum


शायरी 17

Krte raho yog …
raho ge niROG..?


शायरी 18

क्या कहूं तुमसे में क्या है इश्क़।
जान का रोग है बला है इश्क़
  रोग शायरी


शायरी 19

Rog to mujhe bhi tha unse ishq ka
magar unka jana hamara ilaz ho gaya


शायरी 20

इश्क़ ना हुआ हमें जैसे कोई रोग लग गया ,
न कोई पीर की फूँक न पूजा न मन्तर काम आये।


शायरी 21

भोग का रोग सबको लगे , बच न पाये कोई…….
तर निकला वह भोग से , जिसका मन जोगी होय


शायरी 22

रोगी रोए रोग से ..क्यों लग गया तू मुझको,
थोडा ढंग से ढूंढता.. कोई और मिल जाता तुझको ।
रोग बताता रोगी को.. भाई दिन तो सबका आना है,
पहले तू.. क्योंकि डॉक्टर से पिछला हिसाब चुकाना है ।?


शायरी 23

इस दुनियां में जितनी तरह के रोग हैं
सब इंसान के कर्मो के ही भोग हैं.
बस इनसे बचने का उपाय सिर्फ़ योग है ….


शायरी 24

मेरा पहला ओर अतय्धीक गंभीर ओर पीड़ा दायी रोग मेरा इश्क़ था?


शायरी 25

क्या कहूं तुमसे में क्या है इश्क़।
जान का रोग है बला है इश्क़।।


शायरी 26

गिरफ्त में हूँ आहिस्ता तेरे नैनों का रोग है,
तेरे साहिल से मैं लड़ूं क्या मेरी कश्ती‌ जोग है ??


शायरी 27

नब्ज मेरी देखी बीमार लिख दिया,
रोग उस हकीम ने मेरा तुम्हारा प्यार लिख दिया


शायरी 28

खुदा भी जानता है,प्रेम एक हवा है।
प्रेम मेरा रोग और इश्क़ मेरी दवा है।??


शायरी 29

जिसे हो जाए उसके लिए जोग है,
इश्क एक ऐसा रोग है।


शायरी 30

Ishq ka ye rog kch is kadar hua …..
na dawa kaam aayi naa hi koi dua….


शायरी 31

वो ठहरी नर्स पर , उसे कौन बताये
हमें तो उसके प्रेम के “रोगी” है


शायरी 32

दवा मोहब्बत में वफा की कोई हाकिम बना नही पाया..
लाख जतन किये पर उसे, रोग ऐ बे-वफाई से बचा नही पाया


शायरी 33

रोग शरीर का होतो,
दवा उसका इलाज करती हैं,
यदि रोग दिल का हो
तो ये नजरे ही कमाल करती है
और दिल खुद बा खुद संभल जाता है
जब वो बस देख के जरा सा मुस्कुराता है
ये इश्क का रोग ही कुछ ऐसा है जनाब
बेपनहा,बेहिसाब कभी भी किसी को लग जाता है।


शायरी 34

ये जग था समझा जिस को बावरी,
कहा उसे कोई रोग हुआ, विष पीकर कर भी झूम उठी वो,
मीरा को प्रेम का जोग हुआ।??


शायरी 35

मंजर कुछ ऐसा था इश्क़ की खुमारी के बाद।
जैसे लोग तबीयत पूछते है बीमारी के बाद ।


शायरी 36

कोई रोग पाल ले ऐ नादान,
सेहत के सहारे ज़िंदगी जी नही जाती…..


शायरी 37

रोग ऐसा जो दबये न दबे ,
जितना सोचो उतना बढे ,
चुप रहा तो नासूर सा लगे,
कुछ बोलो तो और गहरा असर करे,
रोग ऐसा जो आत्मा को आत्मा की तड़प दे,
प्रेम ऐसा जो रोग सा असर दे।


शायरी 38

धरा है रोगी , रोगी-रोगी अब संसार है ,
रोगी है मानव , रोगी-रोगी जल जाल है ।


शायरी 39

रोग ये मेरी आँखों को लगा,तुझे देखने के बाद…
अब जो भी देखता हूँ,सब खूबसूरत दिखता है…??


शायरी 40

इतना तन्हा ना कर ए- खुदा,
कुछ नहीं तो रोग ही दे।


शायरी 41

Ham mariz dosti rog ke the kambkht
duniya hme prem rogi samjh baithi ??


शायरी 42

रोग अर्थात अस्वस्थ होना।।
दूसरे शब्दों में कहें तो शरीर के अलग– अलग हिस्सों का सही से काम नहीं करना|
प्रायः शरीर के पूर्णरूप से कार्य करने में किसी प्रकार की कमी होना ‘रोग‘ कहलाता है।
जिस व्यक्ति को रोग होता है उसे ‘रोगी’ कहते हैं।
रोग को ‘बीमारी‘,’रुग्णता’, ‘विकार’,
disease‘भी कहते हैं। Biology student ???


शायरी 43

किसी दिन मर जाउंगा इस रोग मे ,
गर तुम साथ ना चले इस प्रेम रोग मे।


शायरी 44

देख मेरा रोग हकीम भी मुस्कुरा रहे है अजी
इश्क़ जो आपसे किया उसकी सजा पा रहे है


शायरी 45

रोग पानी का लगे कैसे, जब
मौत प्यासा मरके होते रहे


शायरी 46

ये प्यार ये इश्क़ पता नहीं कैसे -कैसे रोग है
ये अजनबी से ये मतलबी से पता नहीं कैसे -कैसे लोग है


शायरी 47

ये कैसा रोग जडा है मुझको,
के आँखे थकती नही तुम्हारी तसवीर देखते देखते।
सोचा की तुम दावा हो इस की पर समय के साथ
इस रोग की आदत हो गायी है, ये कैसा रोग जडा है
मुझको, के आँखे थकती नही तुम्हारी तसवीर देखते देखते।।❤️❤️❤️❤️


शायरी 48

चाहे उसको और वो हमें भी कभी चाहे, मांग हमारी यहीं हैं,
हमारी एकनिष्ता हैं जो हम तुमसे प्यार करते हैं,
इसे रोग ना कहो यही कथन सही हैं।


शायरी 49

दुनियाँ में जो भोगी है, वो हर एक रोगी है.
किसी को इश्क का रोग है, किसी को जुदाई का रोग,
किसी को चमड़ी का रोग है किसी को दमड़ी का रोग ?


शायरी 50

ताक़-ए-जाँ में तेरे हिज्र के “रोग” संभाल दिए,,,
उस के बाद जो ग़म आए फिर हँस के टाल दिए✍️


शायरी 51

रोग बन के रह गया है प्यार तेरे शहर दा,
मैं मसीहा वेख्या बीमार तेरे शहर दा


शायरी 52

sare rog ki ek dawai ….
safai.. safai..safai……
Swachh Bharat, Swasth Bharat……??

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