विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण निबंध 2024 | Speech On World Population Day In Hindi

विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण 2024 निबंध Essay Speech On World Population Day In Hindi: नमस्कार साथियों स्कूल स्टूडेंट्स के लिए यहाँ सरल भाषा में जनसंख्या दिवस 2024 का भाषण स्पीच दिया गया हैं.

11 जुलाई को हर साल वर्ल्ड पोपुलेशन डे दुनियाभर में मनाया जाता हैं. भारत में भी इस दिन कई शिक्षण संस्थानों विद्यालयों महाविद्यालयों में निबंध, भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता हैं.

Speech On World Population Day In Hindi 2024

In this article, we are providing information about World Population Day In Hindi. विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण, Speech On World Population Day In Hindi Language अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या डे Vishwa Jansankhya Diwas Par Bhashan.

11 जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस 2024 पर भाषण

सम्मानित मंच मुख्य अतिथि महोदय और समस्त विद्वान् गुरुजनों आज के दिन पोपुलेशन डे के रूप में मुझे बोलने के लिए अवसर दिया गया इसके लिए सभी का धन्यवाद्, आज मैं आपके समस्त तीव्र गति से बढ़ रही जनसंख्या पर अपने उद्गार प्रकट करना चाहता हूँ.

किसी समय देश के मानव संसाधन को उसके मजबूत पक्ष माना जाता था. जहाँ लोग अधिक संख्या में  होते  वहां  प्रगति  का पहिया भी उतनी ही तेज गति से चलता था.   

मगर     अब स्थितियां बदल चुकी हैं. मानव के हाथ मशीनों ने काट दिए है पहले जहाँ 20 लोग काम करते थे अब बस दो लोगों से ही काम चल रहा हैं. 

बेरोजगारी, भुखमरी, कालाबाजारी, मूल्य वृद्धि, हिंसा जैसी विकराल समस्याओं की जड़ तेजी से हो रही जनसंख्या वृद्धि ही हैं. आज दुनियां के सभी देश जनसंख्या की अनियंत्रित वृद्धि के विषय में चिंतित हैं.

दूसरी तरफ हम है जो बिना भविष्य चिंतन के हर साल एक नया ऑस्ट्रेलिया भारत में ही बना देते हैं. जिस तरह पिछले दो दशकों से भारत की जनसंख्या बढ़ी है उतनी वृद्धि दर किसी देश की नहीं रही हैं.

आज हम 135 करोड़ हो चुके है हमसे आगे सिर्फ चीन ही हैं जिसकी कुल जनसंख्या हमसे मात्र १० करोड़ ही अधिक है. वक्त रहते हम न जगे तो अगली जनसंख्या के आकड़ों में भारत विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जाएगा.

यदि हम पिछले दशक के दोनों देशों की जनसंख्या वृद्धि दर के आकंडे देखे तो जान पाएगे कि हमारी और चीन की नीतियों में कितना अंतर है कौन कितना प्रभावी हैं.

भारत की विगत दशकीय वृद्धि दर 18 प्रतिशत के आस-पास थी, जबकि चीन की मात्र 4 प्रतिशत ही थी. आज भी चीन निरंतर इस वृद्धि को और कम करने की कोशिश में हैं.

फिर हम कहाँ है और क्या कर रहे हैं. भारत में परिवार नियोजन का कार्यक्रम इसलिए निष्फल हो रहा है क्योंकि इसे सरकार चला रही हैं,

सरकार के भरोसे चलने वाले अभियानों से ये अपेक्षा करना कि वे रातो रात परिणाम दे देगे बेमानी ही होगी.किसी देश की जनसंख्या पर नियंत्रण वहां के नागरिकों में जागरूकता के जरिये ही लाई जा सकती हैं. सरकार द्वारा नौकरी और लाभ का लालच देकर दो बच्चों की नीति भी असरदार साबित नहीं हैं.

इस तरह की नीतियाँ पुरे समाज पर लागू न होने के कारण भी प्रभावी नहीं हो सकी हैं. सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द जनसंख्या नीति लाए तथा इसमें इतने कठोर व्यवस्था की जाए जिससे निर्धारित संख्या से अधिक संख्या में बच्चे पैदा करने वाले परिवारों को मतदान सभी प्रकार के अधिकारों से भी वंचित किया जाए.

वर्षों से हम World Population Day  को  11 जुलाई को मनाते आ रहे हैं. इस दिन अच्छे अच्छे Speech  और essay  की प्रस्तुती होती हैं. जनसंख्या रोकने के विषय पर टीवी पर भी खूब चर्चाए होती हैं मगर अगले दिन हम सामान्य हो जाते हैं.

वक्त आ चुका है हम औपचारिकताओं का त्याग कर, देश के जिम्मेदारी इस दिशा में पहल करे तथा लोगों को भी जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए प्रेरित करे.

हमारे देश में कई दशकों से हम दो हमारे दो परिवार नियोजन का नारा प्रचलित हैं, मगर क्या आज तक हम इसे अमल में ले आए हैं. सच्चाई की धरातल पर देखे तो पायेगे हमारे शहरी क्षेत्र में फैमिली प्लानिंग के विषय में कुछ जागरूकता है मगर आज भी गाँवों तथा आदिवासी क्षेत्रो में सन्तान को इश्वर का वरदान मानकर संख्या को अधिक तवज्जु नहीं दी जाती हैं.

जनसंख्या के भयानक दुष्परिणाम क्या हो सकते हैं.इसे समझने के लिए यूपी, बिहार जैसे राज्यों के खेतों में निकलिए, आप पाएगे कि खेत प्लाट बनते जा रहे हैं.

लोगों के घरों की बसावट इतनी तेजी से बढ़ रही है कि जिन्हें हम अन्न उगाने वाले खेत खलिहान कहते आए है अब वे जल्द ही नगरीय रूप लेने जा रहे हैं,

घर बनाने के लिए वनों की कटाई हो रही हैं. ऐसे में जब लोगों के लिए बसने की जगह नहीं रहेगी  अन्न कहां उगायेगे जो हमारी उर की आग को मिटा सकेगा.हमारे लिए जनसंख्या आने वाले समय में सबसे बड़ा संकट साबित होगा यदिहम समय रहते नही जगे तो स्थितियां बेहद विकट हो जाएगी.

सारे संसाधन खत्म होने के बाद मानव जीवन खतरे में पड़ जाएगा. विश्व जनसंख्या दिवस के मेरे Speech की मूल बात यही है कि हम जनसंख्या के विषय पर गम्भीरता से सोचे तथा सम्भावित उपायों पर अमल करे तो हम भविष्य में आने वाले सम्भावित खतरे को मिटा सकते हैं. जय हिन्द जय भारत.

विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई निबंध | Essay On World Population Day 2024 In Hindi

बढती आबादी जिसे जनसंख्या विस्फोट का नाम दिया जाता हैं. यह भारत और सम्पूर्ण विश्व समुदाय के लिए आने वाली सबसे विकट समस्याओ में से एक हैं. जब हम ये विश्व जनसंख्या दिवस 2024 मना रहे हैं.

हमारे भारत देश की आबादी 1.4 अरब के पार जा चुकी हैं, 2011 की जनगणना यानि आज से 7 वर्ष पूर्व हम 121 करोड़ ही थे. हमने इस जनसंख्या बढ़ोतरी की स्पीड को कम नही किया तो 2025 तक हम सुपर पॉवर बनेगे या नही. पर विश्व की सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश अवश्य बन जाएगे.

सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रजनन दर में कमी करने के प्रयासों को हमे आगे बढ़कर समर्थन करना चाहिए. नही तो वो दिन दूर नही जब एक रोटी के लिए पांच इंसान लड़ेगे.

मानव बिरादरी के स्वर्णिम भविष्य की खातिर हमे आत्मसंयम से बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए सक्रिय भूमिका निभानी होगी. 

विश्व जनसंख्या दिवस कब है 2024 में वर्ल्ड पॉपुलेशन डे थीम, विश्व जनसंख्या दिवस निबंध हिंदी में, विश्व जनसंख्या दिवस पर लेख, विश्व जनसंख्या दिवस पर कविता, विश्व जनसंख्या दिवस भाषण विद्यार्थियों के लिए यहाँ दिया जा रहा हैं.

विश्व जनसंख्या दिवस कब मनाया जाता हैं. (World population day is celebrated.)

संयुक्त राष्ट्र संघ की सामान्य सभा द्वारा अनियंत्रित बढ़ती जनसंख्या को रोकने और जनजागरूकता के उदेश्य से प्रतिवर्ष 11 जुलाई को विश्व विश्व जनसंख्या दिवस मनाने काक निर्णय लिया गया. वर्ष 1989 से प्रतिवर्ष इसे दुनियाभर के देशो में एक नई थीम के साथ मनाया जाता हैं.

जनसंख्या बढ़ोतरी के कुछ आकड़ो पर जरा नजर डाले तो हम अच्छी तरह समझ सकते हैं. यह किस गति से आगे बढ़ रही हैं. 11व़ी सदी यानि तक़रीबन 900-1000 वर्ष पहले विश्व की कुल आबादी 40 करोड़ के आस-पास थी.

इसके आठ सौ साल बाद विश्व की पहली जनगणना जो 1808 में हुई तब यह बढ़कर 1 अरब हो गयी. अगले 55 वर्ष में यह आबादी तीन गुना बढ़ गयी.

जो वर्ष 2000 तक 6 अरब से अधिक हो गईं. जिसमे एक अरब तो हम भारतीय ही थे. यदि हम विश्व की कुल प्रजनन दर पर नजर डाले तो आकड़े कुछ और ही कहते हैं.

एक शोध के मुताबिक एक मिनट में 250 बच्चे जन्म लेते हैं. एक मिनट में मृत्यु दर 110 के आस-पास हैं. यानि एक सेकन्ड्स में 4 बच्चे जन्म लेते हैं और इससे आधे लोगों की मौत होती हैं.

यदि इसी महीने के नवीनतम आकड़ो पर नजर डाले तो आज के दिन विश्व की कुल जनसंख्या 8 अरब हैं, वही bharat ki jansankya विश्व की कुल आबादी का 6व़ा हिस्सा हैं. अनुमानित जनसंख्या 1 अरब 35 करोड़ ( 11 जुलाई 2017 के अनुसार)

विश्व जनसंख्या दिवस 2024 थीम (World Population Day 2024 Theme)

इस वर्ष के जनसंख्या दिवस पर एक नई थीम तैयार की गयी हैं. इस बार की थीम का विषय परिवार नियोजन,लोगों का विकास,राष्ट्र की प्रगति के विषय पर बनाया गया हैं.

इस संदेश के साथ ही विश्वभर में आयोजित कार्यक्रमों से आमजन तक जनसंख्या बढ़ोतरी पर लगाम कसने इससे पड़ने वाले विपरीत प्रभावों के बारे में संदेश प्रसारित किये गये हैं.

भारत के विभिन्न शहरों और शिक्षण संस्थानों में जनसंख्या दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. परिवार नियोजन के उद्देश्य से लन्दन में विश्व स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा हैं, जिसमे विश्व के सभी देशो के प्रतिनिधि शामिल होंगे.

विश्व जनसंख्या दिवस के उद्देश्य (Objectives of World Population Day)

हर वर्ष बढती हुई जनसंख्या के अनुरूप प्राक्रतिक संसाधनो में बढ़ोतरी नही हो रही हैं. यदि इसी गति से हमारी आबादी बढती रही तो एक दिन रहने के लिए जमीन, पीने के लिए पानी और ईधन व रोजगार की बहुत विकराल समस्या पैदा हो सकती हैं. इसलिए हम सभी का दायित्व हैं,

कि बेहतर परिवार नियोजन योजना को अपनाए.सरकार द्वारा प्रतिवर्ष जनसंख्या निति और परिवार नियोजन एव परिवार कल्याण के कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं. हमे इन पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.

बढती जन्म-दर के कारणों में कम उम्र में विवाह, और निम्न वर्ग की गरीबी के कारण वो इस आने वाली समस्या से परिचित नही हैं. इसके अतिरिक्त कम से भारत के अधिकतर मुस्लिम भाइयो को विचार करना चाहिए.

क्युकि हमेशा इस सम्प्रदाय के लोगों को ही जनसंख्या विस्फोट का कारण समझा जाता हैं. इनकी प्रतिस्पर्धा में अन्य समुदाय भी जनसंख्या बढाते हैं. एक सुनहरे भारत के भविष्य के लिए हम सभी को आगे आकर इस दिशा में पहल करनी होगी.

विश्व जनसंख्या दिवस तथ्य (World Population Day Fact In Hindi)

  • आज की तारीख में विश्व की कुल आबादी 8 अरब हैं.
  • भारत में 30 वर्ष से कम युवाओं की संख्या 43 करोड़ हैं.
  • चीन में युवाओं की आबादी 22 फीसदी हैं, जो भारत से 10 फीसदी कम हैं.
  • इस गति से जनसंख्या बढ़ी तो वर्ष 2100 तक दुनिया की आबादी 12 अरब हो जाएगी.
  • विश्व की आधी से अधिक 52 फीसदी आबादी 30 वर्ष से कम की हैं.
  • फेसबुक के 130 करोड़ उपयोगकर्ता हैं, जो हर सप्ताह लॉग इन करते हैं.
  • यदि फेसबुक को एक नेशन मान लिया जाए तो चीन और भारत के बाद तीसरे नंबर पर आता.
  • एक अनुमान के मुताबिक जनसंख्या संबंधी नीतियों के कारण 2050 के बाद आबादी में स्थरता आ सकती हैं.

विश्व जनसंख्या दिवस नारे (World population day slogan)

हमारी धरती आबादी से अधिक है, जनसंख्या को नियंत्रित करने और पृथ्वी को बचाने के लिए खतरे में है

पृथ्वी ही एकमात्र ज्ञात ग्रह है, यह विशाल हो।

जन्म नियंत्रण बढ़ती आबादी पर नियंत्रण पाने के लिए आशीष है।

पृथ्वी हमारा घर है; इसे स्वच्छ, खुश और कम भीड़ में रखें

गरीबी, जनसंख्या और विकास के बारे में सोचने के लिए अभियान में शामिल हों

बेहतर भविष्य के लिए धरती पर भीड़ को कम करें

बिग परिवार बड़ी समस्याएं भी लाता है

अपने परिवार की योजना बनाएं और ग्रह की रक्षा करें

आबादी को नियंत्रित करके धरती का बोझ कम करें।

हमेशा के लिए प्रकृति का आनंद लेने के लिए आबादी को नियंत्रित करें

बढ़ती आबादी पृथ्वी के पर्यावरण के लिए विषाक्त है

अधिक जनसंख्या कम जगह और कम भोजन का कारण है।

जन्म नियंत्रण जनसंख्या नियंत्रण का एकमात्र उपाय है।

जनसंख्या नियंत्रण और महिलाओं के जीवन को बचाने

#World Population Day Speech In Hindi

यह भी पढ़े-

आशा करता हूँ दोस्तों विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण 2024 | Speech On World Population Day In Hindi का यह लेख आपकों पसंद आया होगा. यदि आपकों इस स्पीच एस्से में दी गयी जानकारी पसंद आई हो तो प्लीज इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *