शिक्षा के बारे में कहानी Story On Education In Hindi

Story On Education In Hindi शिक्षा के बारे में कहानी: संसार में धन दौलत आदि बेहद जल्द समाप्त होने वाले धन  हैं. Education (शिक्षा) अर्थात ज्ञान धन कभी खत्म न होकर जीवन भर बढ़ता ही जाता हैं.

इसे जितना व्यय किया जाए उतनी ही बढ़ोतरी होती जाती हैं. इसे न कोई चोर चुरा सकता है न समाप्त करने की धमकी दे सकता हैं.

हमारे जीवन में शिक्षा का  महत्व हैं. आज एक short educational stories in hindi के माध्यम से हम समझने की कोशिश करेगे.

शिक्षा के बारे में कहानी Story On Education In Hindi

शिक्षा के बारे में कहानी Story On Education In Hindi

करीम पन्द्रह साल का एक चरवाहा है उसने स्कूल जाना छोड़ दिया है. रानी दीदी गाँव की सामाजिक कार्यकर्ता है, जो लोगों से मिलकर उनकी परेशानियां जानने की और मदद करने की कोशिश करती है.

करीम एक पेड़ की छाया में लेटा हुआ हैं उसकी बकरियां उसके आस पास ही चर रही हैं. रानी दीदी बच्चों के लिए पुस्तकें लेने शहर जा रही हैं. करीम को देखकर वह रूक जाती हैं.

क्यों करीम स्कूल नहीं गये.

नहीं दीदी, करीब दुखी मन से जवाब देता हैं. मैंने स्कूल जाना बंद कर दिया हैं. अब्बा बहुत बीमार रहने लगे, और कोई है नहीं तो मुझी को इन बकरियों को चराने लाने पड़ते हैं.

अरे पर क्या तुम आगे पढ़ना नहीं चाहते करीम?

पढ़ना तो चाहता हूँ दीदी, मैं तो बड़ा होकर टीचर बनना चाहता हूँ.

पर अब दसवीं कक्षा में अगर तुम पढ़ाई छोड़ दोगे तो टीचर नहीं बन पाओगे. क्या तुम बी अपने बेचारे अब्बा की तरह जीवन भर बकरियां चराना चाहते हो?

नहीं दीदी पर कोई उपाय नहीं सूझता.

अरे उपाय तो सोचना ही पड़ेगा, हर समस्या का कोई न कोई हल निकल ही आता हैं. दोनों घास पर बैठकर सोचने लगते हैं.

क्या कोई और नहीं है जो बकरियों को चराने लाये जिससे तुम स्कूल जा सको? मेरा मतलब, अगर कोई व्यक्ति मिल जाए जिसे काम की जरूरत हो तो हम उसे मेहनताना यानी पैसे दे दें?

पैसे कहाँ से आएगे दीदी, हमारे तो खुद के लाले पड़े हैं.

अरे करीम मुझे पता है, यह आसान नहीं हैं, पर इतना मुश्किल भी नहीं, सपने देख सकते हो तो उनको पूरा करने की हिम्मत रखों, क्या तुम्हे लगता है यह बकरी गाय बनने का या चिड़िया बनकर उड़ने बनकर उड़ने का सपना देखती हैं?

दोनों हंस पड़ते है.

करीम फिरोज याद है”

वह आवारा भिखारी?

हाँ वह आवारा भिखारी तो है, पर क्या तुमने उसके बारे में सोचा हैं? शायद उसने भी कभी सपने देखे हो जो पुरे नहीं हो पाए? मुझे लगता है कि फिरोज कोएक मौका देना चाहिए शायद उसकी जिन्दगी हमेशा के लिए बदल जाए.

“पर उसे देने के लिए पैसे कहाँ से आएगे दीदी”

“वो पैसे तुम कमाओगे करीम”

“क्या? मैं पैसे कैसे कमाउगा दीदी?”

“अच्छा बताओ, तुम किस काम में माहिर हो?”

“बकरी चराने में, करीम उदास होकर बोला “और”

“कुछ नहीं, पढ़ाई में भी अच्छा था”

“अच्छे ही नहीं तुम सबसे होनहार छात्र थे क्या तुम दूसरे बच्चों को पढ़ा नहीं सकते? ज्यादा तो नहीं पर इतना तो कमा ही लोगो कि तुम्हारी अम्मी एक और आदमी का खाना पका सके. हम फिरोज को मेहनताने में दो वक्त का खाना देगे”

क्या यह सब इतनी आसानी से हो जाएगा” रानी दीदी क्या अब्बा मानेंगे?, फिरोज के भरोसे बकरियां छोड़ने देगे.

“अरे करीम यूँ डरना छोड़ो, जब जो परेशानी आएगी उसका समाधान करेगे”

सारी योजना ठीक बैठी, फिरोज जो आवारा घूमता था और भूख लगने पर किसी से भी भीख मागकर अपना पेट भरता था, करीम का काम करने के लिए तैयार हो गया. पर वह झटपट तैयार नहीं हुआ काफी नखरे दिखाए और करीम से काफी मिन्नते करवाई.

करीम फिर स्कूल जाने लगा. टीचर बनने का उसका सपना पूरा होता नजर आने लगा था. तो बच्चों कहानी यहाँ खत्म हुई. बताइए आपने इस कहानी से क्या सीखा?

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आशा करता हूँ दोस्तों शिक्षा के बारे में कहानी Story On Education In Hindi का यह लेख आपकों पसंद आया होगा. यदि आपकों शिक्षा पर कहानी में दी गयी जानकारी अच्छी लगी हो तो प्लीज इसे  अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.

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