दूरबीन क्या है इसका इतिहास व उपयोग Telescope Meaning In Hindi

दूरबीन क्या है इसका इतिहास व उपयोग Telescope Meaning In Hindi: नमस्कार आज का लेख टेलिस्कोप अर्थात दूरबीन पर दिया गया हैं.

यह यंत्र क्या है इसकी मीनिंग क्या काम आता है इसका इतिहास आविष्कार आदि के बारे में यहाँ हम जानेगे.

दूरबीन क्या है इतिहास व उपयोग Telescope Meaning In Hindi

दूरबीन क्या है इतिहास व उपयोग Telescope Meaning In Hindi

ईसा से 20 वीं सदी तक खगोलशास्त्र आकाशीय पिंडो की गतिविधियों को समझाने वाला अवलोकन मात्र शास्त्र था. आधुनिक वेधशाला एक प्रमुख यंत्र दूरबीन है, जिसकी सहायता से दूर स्थित वस्तुएं हमें पास में एवं बड़ी दिखाई देती है.

प्रथम दूरबीन का आविष्कार होलैंड (नीदरलैंड) के हेंस लिप्परर्स्री ने किया था. टेलिस्कोप अथवा दूरबीन में इस यंत्र के बारे में आपकों जानकारी बता रहे है.

आकाशीय पिंडो को देखने के लिए प्रयोग किये जाने वाले दूरबीन का आविष्कार इटली के गैलीलियों ने 1610 ई. में किया.

वर्तमान में भारत सहित रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस आदि देशों में बड़ी बड़ी दूरबीनें स्थापित की जा चुकी है. जिनकी सहायता से वैज्ञानिक अंतरिक्ष के बारे में नवीन जानकारियाँ एकत्र कर रहे है.

इसी प्रकार की एक दूरबीन राजस्थान के उदयपुर शहर की फतहसागर झील के टापू पर स्थापित की गई है, जो देश की सबसे बड़ी दूरबीन भी है. मास्ट नामक इस दूरबीन की सहायता से सूर्य का अध्ययन किया जा रहा है.

वैज्ञानिक लगातार उत्तम किस्म की नई-नई दूरबीनों का आविष्कार कर रहे है, जिन्हें कम्प्यूटरों से जोड़कर खगोलीय पिंडों का अध्ययन अत्यंत शुद्धता से किया जा रहा है.

दक्षिण भारत के कावलूर (तमिलनाडु) नामक स्थान पर एक वेणु बापू दूरबीन को स्थापित किया गया है. अन्तरिक्ष के रहस्यों को उद्घाटित करने के लिए वैज्ञानिकों ने अप्रैल 1990 में हब्बल अंतरिक्ष दूरबीन को अन्तरिक्ष में स्थापित किया गया है.

वेधशाला क्या है, और भारत की प्रसिद्ध वेधशालाएं (Indian Astronomical Observatory)

अन्तरिक्ष की खोज में वेधशालाओं का महत्वपूर्ण स्थान रहा है. भारत में कई स्थानों पर वेधशालाएं बनाई गई है. विद्वानों का मत है कि प्राचीन पाटलिपुत्र, नालंदा आदि स्थानों से तारों की गतिविधियों पर वेधशालाओं द्वारा नजर रखी जाती थी.

सवाई जयसिंह ने भारत, चीन, बेबीलोन और यूरोपीय ज्ञान के आधार पर वेधशाला निर्माण दिल्ली के जन्तर मन्तर से किया.

उन्होंने 1724 में पहली वेधशाला दिल्ली में तथा 1734 में दूसरी वेधशाला जयपुर में बनवाई. इसके अतिरिक्त बनारस, उज्जैन तथा मथुरा में भी वेधशालाओं का निर्माण करवाया. इनमें से जयपुर की वेधशाला सबसे बड़ी है.

सवाई जयसिंह ने तीन नयें यंत्रों का भी आविष्कार किया जिनके नाम सम्राटयंत्र, जयप्रकाश यंत्र तथा रामयंत्र रखे. इनमें सम्राट यंत्र सबसे बड़ा और उंचा है. इसकी चोटी आकाशीय ध्रुव को सूचित करती है. आज लगभग 300 वर्षों के बाद भी यह यंत्र समय बताने में समर्थ है.

दूरबीन के प्रकार व उनका उपयोग

  • Yerkes Telescope- अमेरिका के यरकिज शहर की वेधशाला में लगी यह दूरबनी स्थायी है. इसके आगे लगे लैंस की त्रिज्या 20 सेमी है. 1897 में इन्हे स्थापित किया गया था.
  • Mount wilson Telescope– यह दूरबीन बनाने वाले व्यक्ति का नाम माउंट विल्सन था, इन्ही के नाम पर 1919 में अमेरिका के ही माउंट विल्सन Observatory में इसे स्थापित किया गया था. इसके लैंस की त्रिज्या 50 इंच जबकि उंचाई 100 फीट है. तक़रीबन सौ टन वजन की इस दूरबीन से गैलेक्सी का निरिक्षण धरती पर किया जाना संभव हुआ.
  • Hale reflector telescope– Dr. Ellery Hale द्वारा निर्मित इस दूरदर्शी को Palomar Observatory में 1947 में स्थापित किया गया था. इसी खोजकर्ता वैज्ञानिक के नाम पर टेलिस्कोप का नाम दिया गया. इसका वजन 500 टन के आस-पास होने के उपरान्त भी विद्युत मोटर के जरिये इसको सभी दिशाओं में घुमाया जा सकता है इसके लैंस की त्रिज्या 100 इंच है. इसकी क्षमता दो अरब लाख ly (light year) है.
  • Radio telescope- दक्षिण पश्चिम चीन के गुइझोऊ प्रांत में इसे शुरू किया गया. 2011 से निर्माणधीन इस दूरबीन के बनने के बाद अन्तरिक्ष तथा अन्य ग्रहों का निरिक्षण इसके जरिये किया जा सकेगा. यह वैज्ञानिक जान्स्की की देन है.

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मित्रों आशा करता हु दूरबीन क्या है इसका इतिहास व उपयोग Telescope Meaning In Hindi में दी गई जानकारी आपकों अच्छी लगी होगी. 

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