नमस्कार आज हम विज्ञान के चमत्कार पर निबंध Wonder Of Science Essay In Hindi पढ़ेगे. विज्ञान ने हमें क्या नही दिया, उनके बढ़ते कदम चमत्कारों के कारण साइंस ने हमारे जीवन को सुखमय बना दिया हैं.
विज्ञान की प्रगति ने कई ऐसे चमत्कारों को जन्म दिया है, जिन्हें आज हम विज्ञान का चमत्कार निबंध (Miracle of Science) में पढ़ेगे. 100, 200, 300, 400, 500, 1000 शब्दों में हिंदी निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9,10 के स्टूडेंट्स के लिए सरल भाषा में यहाँ उपलब्ध करवा रहे हैं. चलिए आरम्भ करते हैं.
विज्ञान के चमत्कार पर निबंध-Wonder Of Science Essay In Hindi
विज्ञान का चमत्कार एस्से इन हिंदी 1
प्रस्तावना- आज विज्ञान ने ऐसे अनेक आविष्कार कर दिए हैं जिनसे जीवन का प्रत्येक कार्य आसान हो गया हैं. इतना ही नही आज प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान का ही साम्राज्य है, यही कारण है कि हूम इस युग को पूर्ण रूप से विज्ञान का युग कहते हैं.
विज्ञान का चमत्कार मानव जीवन में– वर्तमान में विज्ञान ने अलग अलग क्षेत्रों में अनेक चमत्कार किये हैं. विज्ञान ने यातायात के साधनों का निर्माण कर स्थानों की दूरी पर विजय पा ली हैं.
राकेट का निर्माण करके अंतरिक्ष यात्रा आसान कर दी हैं. संदेश भेजने के क्षेत्र में अनेक चमत्कार दिखाई देते हैं. टेलीफोन, मोबाइल, इंटरनेट, टेलीविजन, रेडियो आदि.
चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान ने अनेक चमत्कार किये हैं. अब असाध्य रोगों का ईलाज संभव हैं तथा स्वचालित उपकरणों से शरीर के अंदर शल्य क्रिया होने लगी हैं. परखनली से बच्चे जन्म लेने लगे हैं. कंप्यूटर विज्ञान का सबसे बड़ा चमत्कार हैं.
इसे मनुष्य का दस हजार गुना अधिक शक्तिशाली मस्तिष्क कहा जाने लगा हैं. मनोरंजन के साधनों में सिनेमा ग्रामोफोन गेम्स आदि अनेक साधन बन गये हैं.
इसी प्रकार घरों में काम आने वाले कूलर फ्रिज एयरकंडिशनर पंखे आटा पिसाई मशीन मिक्सर जूसर गीजर रूम हीटर आदि अनेक उपकरण बन गये हैं.
विज्ञान से लाभ व हानि– विज्ञान ने अनेक चमत्कारी आविष्कार कर अपनी शक्ति से प्रकृति पर विजय प्राप्त कर ली हैं. परन्तु परमाणु शक्ति के आविष्कार से विज्ञान ने मानव सभ्यता के विनाश का रास्ता खोल दिया हैं.
घरों में रसोई घर से लेकर किसान के खेत खलिहान तक अनेक उपकरण काम में आ रहे हैं. इसे काम शीघ्रता से हो रहा हैं. ये सब चमत्कार विज्ञान की लाभकारी देन है परन्तु विज्ञान ने कुछ आविष्कार ऐसे कर दियें हैं जिससे हानि भी हो रही हैं.
कई नयें आविष्कारों से असाध्य रोग फ़ैल रहे हैं. तथा धरती का तापमान व पर्यावरण भी इन चमत्कारों से प्रभावित हो रहा हैं.
उपसंहार– विज्ञान के चमत्कारों से लाभ और हानि दोनों ही हैं, हमे यह तो मानना पड़ेगा कि आज का जीवन पूरी तरह विज्ञान पर ही निर्भर हैं.
वैज्ञानिक साधनों के बिना आज का मानव एक घंटे भी शांति और चैन से नही रह सकता हैं. हमें चाहिए कि हम विज्ञान का उपयोग मानव कल्याण के लिए करे तो यह विज्ञान हमारे लिए वरदान बन जाएगा.
विज्ञान के चमत्कार निबंध 2 (Wonder Of Science)
प्रस्तावना- आधुनिक युग विज्ञान की आश्चर्यजनक प्रगति का युग हैं. विज्ञान आज मानव जीवन में घुल मिलकर इसका अनिवार्य अंग बन गया हैं. ऐसी स्थिति में यह विचारणीय प्रश्न उत्पन्न हो गया हैं. कि क्या विज्ञान मानव समाज को लाभान्वित कर रहा हैं अथवा पतन के गर्त की ओर ले जा रहा हैं.
आधुनिक युग के समाजशास्त्री, दार्शनिक तथा साहित्यकार इन विशिष्ट प्रश्नों के सही उत्तर ढूढने में संलग्न हैं. कई बुद्धिजीवियों की राय हैं कि विज्ञान मानव की मानवता को नष्ट कर रहा हैं. जबकि अन्य विद्वान् चिंतक विज्ञान की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हैं.
विज्ञान का अभूतपूर्व विकास– बीसवीं शताब्दी में विज्ञान ने अभूतपूर्व उन्नति की हैं. जहाँ आज से सौ वर्ष पहले मनुष्य बैल गाड़ियों और घोड़ों पर बैठकर यात्रा करता था और सौ मील की यात्रा करने में उसके कई दिन निकल जाते थे तथा परिश्रम और थकान के मारे उसका कचूमर निकल जाता था,
वहां आज सैकड़ों मील की यात्रा वह चुटकियों में तय कर लेता हैं. विज्ञान के द्वारा प्रदत्त सुविधाओं से वह सैकड़ो मील दूर के द्रश्य देख लेता हैं. तथा मीलों दूर बैठे व्यक्ति से वार्तालाप कर सकता हैं.
यातायात के साधनों, दैनिक सुख सुविधा की वस्तुओं, यांत्रिक साधनों तथा अनेक स्वचालित मशीनों आदि के आविष्कार से विज्ञान का आश्चर्यजनक विकास हुआ हैं.
विज्ञान मानव के लिए वरदान– विज्ञान से मानव को जितना लाभ हुआ है उतना उसे प्राचीन युग में ईश्वर आराधना या धर्माचरण से नहीं हुआ था. विज्ञान से समाज और व्यक्ति दोनों समान रूप से उपकृत हुए हैं.
व्यक्ति का जीवन पग पग में सरल और उच्च स्तरीय बन गया हैं. आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान ने इतने साधन उपलब्ध करा दिए हैं कि अब कोई काम असम्भव नहीं रह गया हैं. इसलिए विज्ञान अब मानव के लिए वरदान ही हैं.
विज्ञान मानव के लिए अभिशाप- लेकिन साथ ही विज्ञान ने मनुष्य के महत्व और कार्यक्षेत्र का अमित विस्तार करके उसे बहुत ज्यादा व्यस्त बना दिया हैं. आज आदमी का जीवन एकदम नीरस और यंत्र जैसा बन गया हैं.
भौतिकता बढ़ रही हैं. पर्यावरण प्रदूषित हो रहा हैं तथा विनाशकारी परमाणु हथियारों के आविष्कार से मानव जाति के समूल विनाश का भय उपस्थित हो गया हैं. अतः विज्ञान का अतिभौतिकतावादी प्रयोग मानवता के लिए अभिशाप बन गया हैं.
समाधान- अतः यह आवश्यक यह है कि विज्ञान को व्यक्ति मानवीय दृष्टि से अपनाएं. संसार में मानव हित का स्थान सर्वोपरि हैं. विज्ञान हमारी सुविधा के लिए हैं. हम विज्ञान की सुविधा के लिए नहीं हैं.
अतः विज्ञान के द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का महत्व तभी है, जब मनुष्य की मनुष्यता सुरक्षित रहे, वह अमानवीय न बन जाए तथा उसकी आत्मा सूखे नाले की तरह नीरस न हो जाए.
उपसंहार- विज्ञान को अभिशाप से वरदान बनाने का उत्तरदायित्व बुद्धिमान और विवेकशील लोगों पर हैं. इसलिए विज्ञान के सुपरिणामों को सही रूप में प्राप्त करने के लिए यह अनिवार्य हैं कि लोगों को सही रूप में शिक्षा प्रदान कर उनमें वैज्ञानिक समझदारी बढ़ाई जाए. विज्ञान मानव जाति के लिए वरदान सिद्ध हो, हमें इस दिशा में सचेत रहना चाहिए.
विज्ञान के चमत्कार निबंध 3
आज हमारा जीवन कितना सुखी हैं. हमारे कमरे जाड़े में गर्म और गर्मी में ठंडे रहते हैं. पलक झपकते ही हमें हजारों मील दूर के समाचार घर बैठे मिल जाते हैं.
हमारी राते अब दिन जैसी जगमगाती हैं. हमारे घर के भीतर ही रेडियों टेलीविजन हमारा मन बहलाते हैं. यह सब किसकी देन हैं ? एकमात्र उत्तर हैं विज्ञान की.
विज्ञान और उसके चमत्कार- मनुष्य ने जब धरती पर जन्म लिया तो उसके चारो ओर की प्रकृति का कोई ज्ञान नही था. वह अपनी आवश्यकता के अनुसार सभी वस्तुओं का उपभोग करने लगा.
धीरे धीरे उसका ज्ञान भी बढ़ता गया. आज वह विज्ञान के बल पर सम्पूर्ण प्रकृति का स्वामी बन गया हैं. उसने और उसके विज्ञान ने जीवन के हर क्षेत्र में चमत्कार दिखाया हैं.
ज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान के चमत्कार– हमारी पुस्तकें, कापियां और लेखन सामग्री मशीनों से तैयार होती हैं. आज आकाशवाणी और दूरदर्शन द्वारा भी शिक्षा दी जा रही हैं.
कृषि और उद्योग के क्षेत्र में विज्ञान के चमत्कार– आजकल विज्ञान ने हमारी कृषि की उपज कई गुना बढ़ा दी हैं. अच्छे बीजों, रासायनिक खादों और कृषि यंत्रों की सहायता से अब खेती सरल हो गई हैं.
और लाभदायक भी. आजकल हमारे सभी उद्योग मशीनों पर आधारित हैं. कहीं कहीं तो सारा काम मशीने करने लगी हैं. मनुष्य केवल उनके काम को देखते हैं.
समाचार और यातायात के क्षेत्र में विज्ञान के चमत्कार– विज्ञान ने रेल यात्रा जैसे कठिन काम को आसान कर दिया हैं. रेलगाड़ी तथा वायुयान द्वारा लम्बी दूरियां भी थोड़ी सी देर में तय की जा सकती हैं.
दिल्ली शहर में भीड़ के बढ़ते हुए दवाब के कारण जमीन के नीचे तथा ऊपर मेट्रों ट्रेन चलाकर यातायात को सुगम बनाया गया हैं. टेलीफोन तथा ईमेल द्वारा समाचार भेजना अब कितना सरल हो गया हैं. रेडियों तथा दूरदर्शन के माध्यम से हम देश विदेश के समाचार क्षण मात्र में जान लेते हैं.
मनोरंजन के क्षेत्र में विज्ञान का चमत्कार– हमारा विज्ञान मन बहलाने में भी पीछे नही हैं. रेडियो, टेप रिकॉर्डर टेलीविजन आदि अनेक साधनों से वह हमारा मनोरंजन करता हैं.
चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान की प्रगति– आज रोगी के शरीर का भीतरी हाल जानने के लिए एक्सरे से भी अच्छी मशीने हमे प्राप्त हैं. हर बिमारी की अच्छी से अच्छी दवा की खोज की जा रही हैं. ओपरेशन के द्वारा शरीर के अंगों को भी बदला जा रहा हैं. लेजर किरणों से बिना चीर फाड़ के ओपरेशन भी होने लगे हैं.
युद्ध के क्षेत्र में विज्ञान के बढ़ते कदम– आज हम राडार की सहायता से शत्रु के हवाई आक्रमण की जानकारी पहले से कर सकते हैं. ऐसे अस्त्र भी बन गये हैं
जिनसे शत्रु के लड़ाकू विमान को जमीन पर बैठे हुए भी गिरा सकते हैं. निकट भविष्य में सैनिकों के स्थान पर रोबोट के द्वारा युद्ध लड़े जाने की संभावना को साकार करने में वैज्ञानिक लगे हुए हैं.
अन्य क्षेत्रों में विज्ञान का विकास- कैलकुलेटर गणित के कठिन से कठिन प्रश्न को एक क्षण में हल कर देता हैं. कम्प्यूटर तो हमारे दिमाग के समान ही सोचने समझने और निष्कर्ष निकालने का काम करते हैं.
उपसंहार– विज्ञान एक सेवक के समान हमारे काम करता हैं और हमें आराम देता हैं. वह हमे किसी भी ऋतु में कष्ट नही होने देता. किन्तु कभी कभी युद्ध के रूप में विनाश भी करता हैं. इसलिए हमें विज्ञान का प्रयोग सोच समझकर ही करना चाहिए.
विज्ञान के चमत्कार निबंध 4
विज्ञान का युग है. आज सारे संसार में वैज्ञानिक अविष्कारों एवं अनुसन्धानों की धूम मची हुई है. विज्ञान ने आधुनिक युग में क्रांति पैदा कर दी है. इसके द्वारा ऐसी ऐसी चीजो का आविष्कार हो रहा है.
जिनकी पहले तक कोई कल्पना तक नही कर सकता था. आज मानव जीवन और समस्त प्रकृति का कोई क्षेत्र विज्ञान से अछूता नही है,सारा संसार इसके चमत्कारों से पूर्ण है.
विज्ञान के विविध चमत्कार- विज्ञान ने अनेक क्षेत्रों में विविध चमत्कार किये है यथा-
यातायात के तीव्रगामी साधनों का विकास-इसने यातायात के तीव्रगामी साधनों का आविष्कार किया. कार, स्कूटर, मोटर, रेल, वायुयान की तो क्या कहे, विज्ञान ने दुसरें ग्रहों की यात्रा करने वाले रोकेटों का निर्मांण कर लिया है. ये तीव्रगामी वाले राकेट कुछ ही मिनटों में पृथ्वी की कक्षा से जाकर उपग्रहों का प्रक्षेपण कर देते है.
संदेश-वाहन, समाचार सम्प्रेष्ण एवं शिक्षा मनोरंजन के क्षेत्र में विज्ञान के चमत्कार- संदेश वाहन तथा समाचार सम्प्रेष्ण के क्षेत्र में रेडियों, टेलीफोन, टेलीप्रिंटर, टेलेक्स, बेतार के तार, फैक्स आदि अनेक यंत्रो के निर्माण से अब क्षणभर में संसार के समाचार ज्ञात हो जाते है.
टेलीविजन, विडियो गेम आदि के आमोद प्रमोद एवं शिक्षा प्रचार हो रहा है. सिनेमा भी विज्ञान का अनौखा चमत्कार है. कंप्यूटर आधुनिक मानव का बहुपयोगी आविष्कार है.
चिकित्सा के क्षेत्र में चमत्कार-चिकित्सा के क्षेत्र में भी कंप्यूटर ने चमत्कार दिखाए है. अब अनेक नई नई मशीनों की सहायता से असाध्य बीमारियों का इलाज आसानी से होने लगा है.
अन्य आविष्कार-इसी प्रकार खेलकूद के साधनों और घर गृहस्थी के काम आने वाले साधनों के निर्माण में विज्ञान ने अनेक चमत्कारिक आविष्कार किये है.
विज्ञान के चमत्कारों से लाभ (Benefits from the wonders of science)
विज्ञान के विविध अविष्कारों से अब यातायात की सुविधा हो गई है. और एक स्थान से दूसरे स्थान पर सरलता से पंहुचा जा सकता है. संसार भर के समाचार न केवल सुन सकते है, आपितु टेलीविजन पर उनके द्रश्य देख भी सकते है.
असाध्य रोगों का इलाज आसान होने से आदमी की आयुदर बढ़ गई है. मुद्रण यंत्रो के कारण शिक्षा क्षेत्र लाभान्वित हो रहा है. इस प्रकार विज्ञान के चमत्कारों से अनेक लाभ है.
आज के युग में विज्ञान के चमत्कारों का लाभ सभी को मिलने लगा है. परन्तु परमाणु शक्ति के आविष्कार से मानव सभ्यता के विनाश की भी आशंका होने लगी है. अतएवं विज्ञान का उपयोग सदा मानव हित में ही करना चाहिए.
हम अपने आस पास मानव निर्मित जिन चीजों को देखते हैं, वे विज्ञान के बल पर ही आकार पाने में सफल हो पाई हैं. सड़क पर चलती साईकिल हो या दूर गगन को भेदता हवाई जहाज सभी विज्ञान के आविष्कार हैं यह बात अलग हैं की जिस तरह सिक्के के दो पहलू होते हैं. उसी तरह यह व्यक्ति पर निर्भर करता हैं की वह विज्ञान को सृजनात्मक माने या विध्वंसात्मक.
इसमें कोई शक नहीं हैं की विज्ञान से यदि हमें लाभ हुआ हैं तो इसके कुपरिणाम को भी भुगतना पड़ा हैं. लिहाजा इस बात का निर्णय करना थोडा कठिन हैं की विज्ञान वरदान हैं या अभिशाप. कई मामलों में यह वरदान साबित हुआ हैं तो कई मामलों में यह अभिशाप भी साबित हो रहा हैं. आइये विज्ञान के दोनों पहलुओं को जानते हैं.
विज्ञान ने मानव जीवन को सुगम और सुखद बना दिया हैं. पहले लम्बी दूरी की यात्रा करना मनुष्य के लिए अति कष्टदायी होता था. अब विज्ञान ने मनुष्य की हर प्रकार की यात्रा को सुखमय बना दिया हैं. सड़को पर दौड़ती मोटरगाड़ियाँ एवं एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ इसका उदहारण हैं.
पहले मनुष्य के पास मनोरंजन के लिए विशेष साधन उपलब्ध नहीं थे. अब उनके पास मनोरंजन के हर प्रकार के साधन उपलब्ध हैं. रेडियो, टेप रिकॉर्डर से आगे बढ़कर अब एलसीडी, वीसीडी एवं डीटीएच का जमाना आ गया हैं. यहीं नहीं मनुष्य विज्ञान की सहायता से शारीरिक कमजोरियों एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से पार पाने में पहले से अधिक सक्षम हो गया हैं.
और यह सब संभव हुआ चिकित्सा क्षेत्र में आई वैज्ञानिक क्रांति से, अब ऐसी असाध्य बीमारियों का ईलाज भी सम्भव हैं जिन्हें पहले लायलाज समझा जाता था. अब टीबी सहित कैंसर जैसी खतरनाक बिमारी को शुरूआती स्तर से ही खत्म करना संभव हुआ हैं. आज के हर हाथ में मोबाइल का दिखना भी विज्ञान के सर्वश्रेष्ठ उदहारण हैं.
खैर कुछ लोग कहते हैं कि विज्ञान ने आदमी को मशीन बना दिया हैं. यह कहना उचित नहीं हैं. मशीनों का अविष्कार मनुष्य ने अपनी सुख सुविधा के लिए किया हैं. यदि मशीनें नहीं होतीं, तो मनुष्य इतनी तेजी से प्रगति नहीं कर पाता एवं उनका जीवन तमाम तरह के झंझावतों के बीच ही गुम होकर रह जाता. मशीनों से मनुष्य को लाभ हुआ हैं.
यदि उसे भौतिक सुख सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं. तो उसमें मशीनों का योगदान प्रमुख हैं. मशीनों को कार्यान्वित करने के लिए मनुष्य को उन्हें परिचालित करना पड़ता हैं. इस कार्य में उसे अधिक परिश्रम करना नहीं पड़ता. यदि कोई व्यक्ति मशीन के बिना कार्य करे तो उसे अधिक परिश्रम करने की आवश्यकता पड़ेगी.
इस दृष्टि से देखा जाए तो मशीनों के कारण मनुष्य का जीवन यंत्रवत नहीं हुआ हैं. बल्कि उसके लिए हर प्रकार का कार्य करना सरल हो गया हैं.
यह विज्ञान का वरदान ही हैं की अब डेबिट क्रेडिट कार्ड के रूप में लोगों के पर्स में प्लास्टिक मनी आ गई हैं एवं वह भी चाहे, रूपये निकाल सकता हैं. रूपये निकालने के लिए अब घंटों लाइन में लगने की जरूरत नहीं हैं.
बहरहाल मशीन का आविष्कार मनुष्य ने अपने कार्यों को आसान बनाने के लिए किया था, किन्तु कोई भी मशीन मनुष्य के बिना अधूरी हैं. जैसे जैसे मनुष्य वैज्ञानिक प्रगति करता जा रहा हैं.
उसकी मशीनों पर निर्भरता बढ़ती जा रही हैं. फलतः मशीनों को चलाने के लिए उसे यंत्रवत उसके साथ व्यस्त रहना पड़ता हैं. आधुनिक मनुष्य भौतिक सुख सुविधाओं को प्राथमिकता देता हैं. इसके लिए वह दिन रात परिश्रम करता रहता हैं.
वह चाहता हैं की उसके पास गाड़ी, बंगला, ऐशोआराम की सभी चीजे हो, इसके लिए वह अपने सुख चैन को भी त्याग देता हैं. और उसे बस एक ही धुन रहती है काम, काम और सिर्फ काम.
इस काम के चक्कर में उसने अपनी जीवन शैली अत्यंत व्यस्त बना ली हैं. खासकर शहरों के लोगों में यह आम दीखता हैं. मनुष्य ने अपने लिए रोबोट का भी आविष्कार कर लिया है. फिर भी उसकी आवश्यकता कम नहीं हुई हैं. वह दिन रात अन्तरिक्ष के रहस्यों को जानने के लिए परिश्रम कर रहा हैं.
कहते हैं दुनियां की किसी भी चीज का दुरूपयोग बुरा होता हैं. विज्ञान के मामले में भी ऐसा ही हैं. विज्ञान का यदि दुरूपयोग किया जाए तो इसका परिणाम भी बुरा होगा.
इस दृष्टिकोण से देखा जाए तो विज्ञान का सहयोग मनुष्य के लिए एक अभिशाप के रूप में सामने आया हैं. विज्ञान की सहायता से मानव ने घातक हथियारों का आविष्कार किया हैं. ये हथियार पूरी मानव सभ्यता का विनाश करने में सक्षम हैं.
द्वितीय विश्व युद्ध के समय इनके प्रयोग से मानव को जो क्षति हुई, उसकी पूर्ति असम्भव हैं. विज्ञान की सहायता से मनुष्य ने मशीनों का अविष्कार अपने सुख चैन के लिए किया, किन्तु अफ़सोस की बात यह हैं की मशीन के साथ साथ वह भी मशीन होता जा रहा हैं.
उसकी जीवन शैली भी अत्यंत व्यस्त हो गई हैं. विज्ञान की सहायता से मशीनों के अविष्कार के बाद छोटे छोटे एवं सामान्य कार्यों के लिए भी मशीनों की निर्भरता बढ़ी हैं.
एवं परिणामस्वरूप जो कार्य पहले मानव द्वारा किया जाता था, अब उसके लिए मशीनों से काम लिया जा रहा हैं, यही कारण हैं कि बेरोजगारी में वृद्धि हुई हैं. मशीनों के प्रयोग एवं पर्यावरण के दोहन के कारण पर्यावरण संतुलन बिगड़ गया हैं.
तथा प्रदूषण के कारण मनुष्य के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा हैं.यही नहीं विज्ञान की सहायता से प्रगति के लिए मनुष्य ने पृथ्वी पर मौजूद संसाधनों का व्यापक रूप से दोहन किया हैं जिसके कारण उसके लिए ऊर्जा संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई हैं.
विज्ञान के दुरूपयोग के कारण यह मनुष्य के लिए विध्वंसक अवश्य लगे किन्तु इसमें कोई संदेह नहीं कि इसके कारण मनुष्य का जीवन सुखमय हो सका हैं.
और आज हम जो प्रगति और विकास की बहार देख रहे हैं, यह विज्ञान के बल पर ही संभव हुआ हैं. इस तरह विज्ञान मानव के लिए सृजनात्मक/ वरदान ही साबित हुई हैं.
विज्ञान के दुरूपयोग के लिए विज्ञान को ही नही बल्कि मानव को भी दोषी ठहराया जाना चाहिए. विज्ञान कभी नहीं कहता कि उसका दुरूपयोग किया जाए.
इस तरह आज तक विज्ञान की सहायता से तैयार हथियारों के दुरूपयोग के लिए विज्ञान को विध्वंसात्मक कहना विज्ञान के साथ अन्याय करने के बराबर हैं. विज्ञान को अभिशाप बनाने के लिए मनुष्य दोषी हैं. अन्तः देखा जाए तो विज्ञान मनुष्य के लिए वरदान/ चमत्कार/ उपहार ही हैं.
यह भी पढ़े-
आशा करता हूँ दोस्तों आपकों Wonder Of Science Essay In Hindi वंडर ऑफ़ साइंस का यह निबंध अच्छा लगा होगा. विज्ञान के चमत्कार (paragraph on science and technology) में दी गई जानकारी आपकों पसंद आई हो तो प्लीज इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.
You are good sir????