भेड़ पालन की जानकारी | Bhed Palan Hindi

Sheep Farming Business Bhed Palan Hindi भेड़ पालन की जानकारी भेड़ एक महत्वपूर्ण पशु है जिसका ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान है.

विशेष तौर पर शुष्क, अर्धशुष्क तथा पहाड़ी क्षेत्रों में जहाँ फसले उगाना या गाय भैस पालन के अधिक उत्पादक नही होते है. भेड़ लघु तथा सीमान्त किसानो एवं भूमिहीन मजदूरो के लिए जीविकापार्जन का साधन है.

भेड़ पालन की जानकारी | Sheep Farming Business/Bhed Palan Hindi

भेड़ पालन की जानकारी | Bhed Palan Hindi

अनेक ग्रामीण भेड़ की ऊन व चमड़े को कच्चे माल की तरह उपयोग करते है. भेड़ की मैंगनी भूमि की उर्वरकता का अच्छा साधन भी है. राजस्थान, गुजरात, जम्मू कश्मीर इत्यादि प्रदेशो में भेड़ का दूध भी निकाला जाता है. भेड़ के दूध का उपयोग खाने में भी किया जाता है. जिसका दही जमाकर घी निकालने में प्रयुक्त किया जाता है.

प्रकृति के अनुसार भेड़े छोटी झाड़ियाँ जंगल में उगने वाली प्राकृतिक घास तथा खेत के काटने के पश्चात बचे हुए फसल अवशेष डंटल पतियों को चरकर अपना जीवन निर्वाह कर लेती है.

प्राय भेड़ो को गर्मियों में 12 घंटे तथा सर्दी ऋतू में 8 घंटे चरने के लिए भेजा जाता है. यदि पर्याप्त चराई उपलब्ध हो तो भेड़ो को दाने की आवश्यकता नही पड़ती है.

परन्तु संकर नस्ल के मेमनों के पशु आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए. जहाँ तक सभव हो सके भेड़ो को रिजका, बरसीम, गवार इत्यादि हरे चारे अथवा उनसे निर्मित सुखा चारा खिलाना चाहिए.

चारागाह में घास की कमी के समय भेड़ को बेर, बबूल, खेजड़ी, झरबेरी इत्यादि की पत्तियां खिलाते है. इनकी मात्रा अपर्याप्त होने पर भेड़ो को प्रति भेड़ 100-200 ग्राम प्रतिदिन दाना खिलाएं.

इस दाने में जौ का अनाज, मूंगफली की खली, गेंहू की चापट, दाल की चुरी, गवार की चूरी, चावल की पोलिश इत्यादि खाद्य उपजात का प्रयोग करे.

यदि भेड़ को बंद बाड़े में रखकर पाला जाता है. तो 1 से डेढ़ किलो झरबेरी के पते, बबूल की पत्तियाँ, खेजड़ी की पत्तियां. इत्यादि प्रतिदिन खिलाएं. साथ में 1 किग्रा रिजका, ज्वार हरा चारा, सुखा चारा रूचि के अनुसार खिलाए.

भारत में भेड़पालन (Sheep Farming in India)

भारत में भेड़ो की कुल संख्या 6.5 करोड़ है. भेड़े कम वर्षा वाले स्थानों तथा पठारी भागों में मुख्य रूप से पाली जाती है. राजस्थान में देश की कुल भेड़ो का 14 प्रतिशत पाला जाता है.

भेड़ उत्पादन की द्रष्टि से आंध्रप्रदेश का देश में पहला स्थान है. देश के पश्चिमी भागों में भेड़ पालन बहुतायत किया जाता है. इसके अतिरिक्त कर्नाटक, तमिलनाडु पंजाब हरियाणा में भी भेड़ पालन का कार्य किया जाता है.

भेड़ो के आवास के लिए स्वच्छ और हवादार स्थल होना चाहिए. एक भेड़ को एक वर्ग मीटर ढका हुआ स्थान होना चाहिए. जहाँ तक संभव हो भेड़ो का बाड़ा पक्का होना चाहिए.

आवास कच्चा स्थान भी हो सकता है. कच्चे आवास को समय समय पर लीप पोत कर साफ़ रखना चाहिए. अधिक गर्मी के दिनों में भेड़ो को भूमिगत बाड़ो में भी रखा जा सकता है.

भेड़ पालन के फायदे

कृषि के साथ साथ पशुपालन और ख़ास कर भेड़ पालन के कई लाभ हैं. अन्य जानवरों को पालने की तुलना में भेड़ों को पालन बहुत आसान भी होता हैं. ये आकार में छोटी होने के कारण कम स्थान में आसानी से रह सकती हैं इनके लिए चारा भी कम मात्रा में होने पर जीवन निर्वाह कर लेती हैं.

भेड़ में हर मौसम के अनुसार स्वयं को ढाल लेने की अद्भुत क्षमता होती हैं जो विभिन्न जलवायु में कठिनाई का कारण नहीं बनती हैं. भारत में 20वीं पशु गणना के मुताबिक, देश में 10.26 मिलियन भेड़ हैं. अगर सही नस्ल की भेड़ का चयन कर उनकी अच्छी देखभाल की जाए तो इस व्यवसाय में बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता हैं.

भेड़ की नस्ल (Sheep breed)

  1. मालपुरी-ऊन मोटी और गलीचे के लिए सबसे उपयुक्त
  2. चोकला-इसे भारत की मेरिनो भी कहते है.
  3. सोनाड़ी- मोटी ऊन वाली भेड़ की नस्ल इसे चनोथर भी कहते है.
  4. नाली
  5. मगरा
  6. मारवाड़ी
  7. जैसलमेरी –फाइन और मध्यम श्रेणी की ऊन के लिए
  8. खेरी
  9. रुसी मेरिनो – विदेशी नस्ल की भेड़
  10. डोस्रेट- विदेशी
  11. रेम्बुले-विदेशी
  12. कोरिडेल-विदेशी
  • भेड़ो को होने वाले रोगों में शीप पॉक्स तथा फड़किया प्रमुख है.

भेड़ की ऊन कताई (Sheep wool spinning)

भेड़ पालक सामान्यतया वर्ष में दो बार ऊन की कताई करते है. लेकिन कही कही पर यह कार्य साल में तीन बार भी किया जाता है. प्रथम बार की ऊन कतराई मार्च अप्रैल महीने में तथा दूसरी बार की ऊन कतराई का समय उपयुक्त मौसम के अनुसार ही चुना जाता है. ऊन कतरने से पूर्व भेड़ को नहलाया जाता है.

नहलाने से भेड़ की ऊन में जमी धुल गंदगी आदि धुलकर पूरी तरह साफ़ हो जाती है. भेड़ो को बहते हुए पानी तालाब या पानी के कुंड में नहलाना चाहिए. जिस भेड़ को नहलाना हो उस दिन धुप अच्छी होनी चाहिए, ऊन कतरने का कार्य ऊन के अच्छी तरह सूखने के बाद करना चाहिए.

ऊन कतरने का स्थान पक्का और स्वच्छ होना चाहिए, जहाँ पर तिरपाल बिछाकर ऊन काटनी है. भेड़ की ऊन काटने का स्थान 10 गुना 5 फीट के आकार से कम नही होना चाहिए. सामान्यतया ऊन कतरने का कार्य हाथ द्वारा कैंची से ही किया जाता है.

एक कुशल व्यक्ति एक दिन में हाथ की कैंची द्वारा 20 भेड़ो की ऊन कतर सकता है. विद्युत चालित ऊन कतरने की मशीन द्वारा अनुभवी तथा कुशल व्यक्ति 150 भेड़ो की ऊन एक व्यक्ति कतर सकता है.

भेड़ पालन से इनकम की गणना (Calculation of income from sheep Farming)

यहाँ हम एक अनुमानित आंकलन के जरिये समझने का प्रयास करेगे कि आखिर भेड़पालन के बिजनैस से कितना फायदा निकाला जा सकता हैं. हर भेड़ एक साल में 2 बच्चों को जन्म देती हैं. इतना ही नहीं अच्छी नस्ल की ब्रीडिंग हो तो एक ही बार में एक भेड़ दो बच्चों को भी जन्म देते हैं.

इस तरह आप अच्छी नस्ल की 15 से 20 भेड़ों के साथ यह कारोबार शुरू करें तो एक साल के अंत में आपके पास करीब 50 से 60 भेड़ हो जाएगी. अगर एक भेड़ की न्यूनतम कीमत 7 हजार रु रखे तब भी वर्ष के आखिर में साढ़े 3 लाख रु की इनकम हो जाती हैं.

यदि इसमें इन्वेस्टमेंट के खर्च को निकाल देते है तब भी भेड़ पालक के हाथ में एक लाख से डेढ़ लाख रु की बचत होती हैं. यह कमाई महज पहले वर्ष की हैं, अगर यह चक्र कई साल तक चलता रहे तो साल तो दस लाख तक की वार्षिक इनकम इस व्यवसाय में की जा सकती हैं.

भेड़ पालन हेतु जमीन 

किसी भी प्रकार के बिजनेस को शुरू करने के लिए जमीन का होना आवश्यक है। इस प्रकार से भेड़ पालन करने के लिए भी आपके पास जमीन होनी चाहिए।

अगर आपके द्वारा छोटे पैमाने पर भेड़ पालन का काम किया जा रहा है तो आप चाहे तो अपने घर पर ही इस काम को आसानी से शुरू कर सकते हैं।

हालांकि अगर आप की शुरुआत बड़े पैमाने पर हो रही है तो इसके लिए आपको पशुओं को रखने के लिए एक बड़ी और खुली जगह की आवश्यकता पड़ेगी।

भेड़ पालन के दरमियान एक भेड़ के विकास के लिए तकरीबन 10 वर्ग फीट जगह की आवश्यकता होती है। बता दें कि भेड़ पालन करने के लिए सभी भेड़ को एक साथ रख सकते हैं क्योंकि यह सभी भेड़ आपस में लड़ने की प्रवृत्ति नहीं रखती हैं। हालांकि जब कोई भेड़ गर्भ धारण कर ले तो उसे दूसरे भेड़ से अलग रखने की व्यवस्था अवश्य करनी चाहिए।

नर भेड़ के रहने का स्थान 

जो नर भेड़ होती हैं, उन्हें आपको मादा भेड़ से अलग रखने की व्यवस्था अवश्य करनी चाहिए ताकि मादा भेड़ को पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक भोजन प्राप्त हो सके साथ ही सही प्रकार से उनकी देखभाल भी की जा सके।

जानवरों के एक्सपर्ट के अनुसार तकरीबन 30 मादा भेड़ पर एक नर भेड़ पर्याप्त होते हैं। बता दे कि नर भेड़ की प्रवृत्ति थोड़ी सी हिंसक होती है। इसीलिए इन्हें मादा भेड़ से अलग रखना चाहिए।

गर्भित पशु के लिए रहने का स्थान 

ऐसी भेड़ जिनके द्वारा गर्भधारण किया जा चुका है उन्हें दूसरी भेड़ से अलग रखना चाहिए, क्योंकि जो भेड़ गर्भावस्था में होती है उन्हें चोट लगने की संभावना ज्यादा होती है।

अगर उन्हें चोट लग जाती है, तो ऐसी अवस्था में गर्भ धारण कर चुकी भेड़ और उसके बच्चे को नुकसान हो सकता है। आपके द्वारा किसी एक जगह पर तीन से चार गर्भ धारण कर चुकी भेड़ को आसानी से रखा जा सकता है। इसके लिए आपको तकरीबन 25 से लेकर के 30 वर्ग फीट की दूरी की जरूरत होती है।

भेड़ो के लिए भोजन की व्यवस्था 

भेड़ का सही प्रकार से विकास हो सके, इसके लिए उन्हें पौष्टिक भोजन देने की आवश्यकता होती है। देखा जाए तो सामान्य तौर पर इन्हें खुले में छोड़ने पर यह आसानी से चरने का काम करती हैं। 

हालांकि इनके मुख्य भोजन की बात की जाए तो इनका मुख्य भोजन जंगली हरी घास और पेड़ की पत्तियां होती है। अधिकतर जो लोग भेड़ पालने का काम करते हैं.

वह इन्हें चराने के लिए खुले मैदान में लेकर के जाते हैं परंतु आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपको भेड़ को सुबह या फिर शाम के वक्त ही चराना चाहिए।

भेड़ पालन हेतु सरकार द्वारा वित्तीय सहायता 

जो लोग भेड़ पालन करते हैं, सरकार के द्वारा उन्हें सहायता भी दी जाती है। भेड़ पालन करने के लिए सरकार के द्वारा आप अधिकतम ₹100000 तक की सहायता प्राप्त कर सकते हैं.

जिनमें से तकरीबन 90 परसेंटेज पेमेंट किसानों को लोन के तौर पर मिलती है तथा जो बचा हुआ 10 परसेंट है उस पैसे का इंतजाम भेड़ पालने वाले व्यक्ति को खुद ही करना पड़ता है।

सरकार के द्वारा लोन के तौर पर जो 90 पर्सेंट पैसे दिए जाते हैं उसमें से तकरीबन 50 पर्सेंट पेमेंट पर जानवर पालन करने वाले व्यक्तियों को ब्याज नहीं भरना पड़ता है,

वही जो बचा हुआ 40 परसेंट है उस पर व्यक्ति को ब्याज भरने की आवश्यकता होती है। गवर्नमेंट के द्वारा इस लोन को चुकाने के लिए तकरीबन 9 साल का समय दिया जाता है।

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उम्मीद करते हैं दोस्तों आपको भेड़ पालन की जानकारी | Bhed Palan Hindi के इस लेख में भेड़पालन के आधारभूत व्यवसाय के बारे में दी जानकारी पसंद आई होगी, यदि आपको यहाँ दी जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने फ्रेड्स के साथ भी इस आर्टिकल को शेयर करें.

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