संचार माध्यम का अर्थ महत्व एवं लोकतंत्र में भूमिका | Mass Communication Meaning Medium Importance & Role Of Mass Media In Hindi

संचार माध्यम का अर्थ महत्व एवं लोकतंत्र में भूमिका Mass Communication Meaning Medium Importance & Role Of Mass Media In Hindi: जन संचार माध्यम क्या होता हैं तथा इसके रूप कौन कौनसे होते हैं.

साथ ही वर्तमान समय में विभिन्न क्षेत्रों में मिडिया की बढती भूमिका के बारे में जानकारी प्राप्त करेगे. साथ ही एक लोकतांत्रिक देश में किस तरह संचार माध्यम अथवा मिडिया लोकतंत्र को मजबूत करने में भूमिका निभाता हैं.

तथा इस व्यवस्था में कैसे मिडिया की स्वायता को बनाए रखते हुए उसके उत्तरदायित्व तय किए जा सकते हैं.

संचार माध्यम का अर्थ महत्व एवं लोकतंत्र में भूमिका

संचार माध्यम का अर्थ महत्व एवं लोकतंत्र में भूमिका | Mass Communication Meaning Medium Importance & Role Of Mass Media In Hindi

अक्सर हमारे राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री विदेश यात्रा पर जाते हैं. तो पल पल उनके यात्रा कार्यक्रमों की समस्त जानकारी हमे मिलती रहती हैं.

इसी तरह हमारी क्रिकेट टीम विदेश दौरे पर जाती हैं तो वहां खेले जाने वाले मैच के परिणामों की जानकारी तुरंत हो जाती हैं. विश्व में होने वाले घटनाक्रम की जानकारी भी हमे निरंतर मिलती रहती हैं. आखिर हमे ये जानकारियां किस तरह प्राप्त होती हैं?

हमे ये जानकारी टीवी, रेडियों, अखबार आदि साधनों से प्राप्त होती हैं. इन सभी साधनों को हम संचार के साधन या माध्यम (मिडिया) कहते हैं. इन साधनों के बिना हमारे जीवन की कल्पना करना भी कठिन होगा.

संचार माध्यम का अर्थ (mass communication meaning in hindi)

मिडिया अंग्रेजी शब्द मीडियम से बना हैं, जिसका अर्थ होता हैं माध्यम. विचारों और सूचनाओं के आदान प्रदान की प्रणाली को हम संचार माध्यम या मिडिया कहते हैं. रेडियो, दूरदर्शन, सिनेमा, समाचार पत्र व पत्रिकाओं, कम्प्यूटर आदि मिडिया के विभिन्न रूप हैं. जो वर्तमान समय में प्रचलित हैं.

अपने विचारों भावों संदेशो एवं सूचनाओं को एक स्थान से दुसरे स्थान पर प्रेषित करना संचार कहलाता है. कंप्यूटर और इन्टरनेट मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हस्तक्षेप कर संचार का सशक्त माध्यम बन चूका है.

आज कंप्यूटर तथा इन्टरनेट का महत्व इतना अधिक हो गया है कि मानव की प्रत्येक गतिविधियों एवं कार्य अपने स्वयं से भी अधिक कंप्यूटर व इन्टरनेट द्वारा संपादित किये जाते है. 

सही संचार के लिए यह आवश्यक है कि संदेश प्राप्तकर्ता व्यक्ति वही संदेश का अर्थ समझे जो कि संदेशदाता का है. साथ ही संदेश के महत्व के अनुसार उसे उचित समय पर सम्प्रेष्ण भी संचार के मुख्य उद्देश्य के अंतर्गत आता है.

संचार के साधन (Communication tools/Instrument in Hindi)

संचार के साधनों को अध्ययन की दृष्टि से दो भागों में विभाजित किया जा सकता है.

  1. डाकघर सेवाएं
  2. शीघ्र संचार के साधन

डाकघर सेवाएं (Post office services)

डाकघर दूरस्थ स्थानों पर संदेश तथा वस्तुएं व धन प्रेषण की सुविधा प्रदान करता है. डाकघर सेवाओं को निम्न तीन भागों में विभाजीत किया जा सकता है.

समाचार प्रेषण-डाकघर संदेश प्रेषण के लिए निम्न सुविधाए प्रदान करता है.

पोस्टकार्ड (पोस्टकार्ड)- कम समाचार तथा गोपनीय प्रकृति के संदेश होने की स्थिति में पोस्टकार्ड संदेश प्रेषण का सबसे सस्ता एवं सुलभ साधन है. वर्तमान में 50 पैसे मात्र खर्च कर किसी डाकघर से प्राप्त किया जा सकता है.

मुद्रित पोस्टकार्ड (Printed postcard)- इस तरह के पोस्टकार्ड का उपयोग मुख्यतया व्यवसायिक संस्थाओं द्वारा किया जाता है. व्यवसायिक संस्थाएँ अपने विज्ञापन हेतु स्वयं के पोस्टकार्ड छपवा सकती है.

इस पोस्टकार्ड पर नियमानुसार डाक टिकट लगाना पड़ता है. प्रतियोगिता पोस्टकार्ड भी इसी श्रेणी में आते है. प्रतियोगिता पोस्टकार्ड भी डाकघर द्वारा प्राप्त किये जा सकते है.

अंतर्देशीय पत्र (Inland letter)- गोपनीय व अधिक समाचार लिखने हेतु अंतर्देशीय पत्र की सुविधा उपलब्ध है.

लिफाफा (Envelope and its charges)- विस्तृत व गोपनीय समाचार अलग कागज पर लिखने के लिए डाक विभाग द्वारा लिफ़ाफ़े उपलब्ध करवाए जाते है.

जिसका वर्तमान मूल्य 5 रुपयें है. यदि लिफ़ाफ़े 20 ग्राम से अधिक है या उसके भाग के लिए 5 रूपये का अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है. व्यक्तियों तथा व्यावसायिक संस्थाओं द्वारा स्वयं के मुद्रित लिफ़ाफ़े भी काम में लिए जाते है.

अति गोपनीय व महत्वपूर्ण पत्रों, कानूनी एवं व्यापारिक प्रलेखों को सुरक्षित भेजने के लिए रजिस्टर्ड पत्र की सुविधा भी उपलब्ध है. शीघ्र डाक पहुचाने हेतु स्पीड पोस्ट की सुविधा भी डाकघर द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है. इसका वर्तमान में न्यूनतम शुल्क 25 रूपये है.

वस्तु प्रेषण (Commodity delivery)

हलकी और मूल्यवान वस्तुएं जो 20 किलोग्राम तक की है, डाक द्वारा प्रेषित की जा सकती है. इन्हें पंजीकृत या अपंजीकृत दोनों रूप से भेज सकते है.

इसका शुल्क पार्सल के वजन के आधार पर तय है. इन वस्तुओं का कुछ शुल्क देकर बीमा करवाने की सुविधा भी डाकघर उपलब्ध करवाता है.

बुक पोस्ट के माध्यम से मुद्रित पुस्तके, पत्र पत्रिकाएँ, नमूने के पैकेट आदि रियायती दर पर भेजने की सुविधा भी उपलब्ध है. यदि पार्सल प्राप्तकर्ता से उस वस्तु की कीमत भी माल सुपुर्दगी के समय वसूल करनी है.

तो इसे VPP के माध्यम से भेजा जा सकता है. वर्तमान में वस्तुओं के प्रेषण में कुरियर सेवाओं वाला काम भी किया जाता है.

धन प्रेषण (Money remittance)

डाकघर द्वारा धन प्रेषण के लिए मनी आर्डर पोस्टल आर्डर तथा बीमा पत्र की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है.

शीघ्र संचार के साधन (Quick communication devices,augmentative communication)

टेलीग्राम या तार (Telegram)

कुछ समय पहले तक कोई भी संदेश लिखित माध्यम से एक स्थान से दुसरे स्थान पर टेलीग्राम (तार) द्वारा भेजे जाते थे. यह साधारण तथा शीघ्र दोनों प्रकार के होते थे.

शीघ्र तार का शुल्क साधारण तार से दुगुना होता था. लेकिन वर्तमान में अत्याधुनिक तकनीक के विकास हो जाने के फलस्वरूप इसे पूर्णरूपेण समाप्त कर दिया गया है.

टेलीफोन (Telephone)

इस यंत्र की सहायता से घर बैठे देश व विदेश में किसी भी व्यक्ति से बात की जा सकती है. दूर संचार कम्पनियां यह सुविधा सशुल्क उपलब्ध करवाती है. आज संचार क्रांति ने मोबाइल फोन की सुविधा प्रदान की है. ये फोन तारविहीन होते है.

अतः चलते फिरते भी किसी भी स्थान पर बात की जा सकती है. मोबाइल से इन्टरनेट, वेबसाइट, ईमेल आदि कई अत्याधुनिक सुविधाएं के होने से संचार के क्षेत्र में नयी क्रांति का सूत्रपात हुआ है.

फैक्स (Fax)

यह टेलीफोन लाइन से जुड़ा एक छोटा सा यंत्र होता है. जो किसी पत्र पर लिखित मुद्रित एवं चित्रित संदेश को टेलीफोन लाइन की सहायता से कुछ ही क्षणों में दुसरे स्थान पर प्रेषित किया जा सकता है. भेजे गये स्थान पर स्थित फैक्स मशीन उसे पुनः उसी रूप में चित्रित व मुद्रित कर देती है.

इंटरनेट (Internet)

आज के युग में इन्टरनेट का महत्व बहुत बढ़ गया है. आज छोटी से छोटी तथा बड़ी से बड़ी जरुरत का सर्वोत्तम विकल्प इन्टरनेट है.चाहे पत्र लिखना हो, अपने किसी परिचित से बात करनी हो, या किसी पुस्तक का क्रियादेश देना हो, इन्टरनेट हमेशा तैयार रहता है.

लेकिन वास्तव में इन्टरनेट क्या है. वस्तुतः यह एक नेटवर्कों का जाल या नेटवर्क है है. यह दुनियाभर के कंप्यूटरों को मॉडेम के माध्यम से एक सूत्र में पिरोता है और एक दूसरे से जोड़ता है. माउस की सहायता से तुरंत वाछित बिंदु पर पंहुचा जा सकता है.

आज भी कम्पनियां या सरकारी संस्थान स्वयं की वेबसाइट के रूप में इन्टरनेट पर उपलब्ध है. इसी से अंदाज लगाया जा सकता है. कि इन्टरनेट कितना महत्वपूर्ण है. कुछ ही समय में इन्टरनेट पर लाखों वेबसाइट खुल चुकी है.

वेबसाइट

वास्तव में इन्टरनेट सूचनाओं का भंडार है लेकिन इसकी यह सबसे बड़ी विशेषता है कि आप इस भंडार में से किसी भी प्रकार की सूचना सीधी प्राप्त कर सकते है. यहाँ वेबसाइट संसार का एक माध्यम है.

कंप्यूटर पर कोई सूचना प्राप्त करनी हो तो उससे संबधित अध्याय या साईट का नाम अंकित करे , जैसे आपकों पर्यावरण के क्षेत्र के बारे में देखना हो तो आप www.EVNI.com टाइप करे, सीधे वहां पंहुचा जाता है और वह मोनिटर पर उपलब्ध होगी.

ईमेल (EMAIL)

ईमेल अब बहुत ही लोकप्रिय हो चुकी है. तथा छोटे से बड़े सभी इसके नाम से परिचित हो गये है. यह सुविधा अब वेबसाइट पर भी उपलब्ध है. जिसे दुनिया के किसी भी कोने में क्षण भर में अपना संदेश या पत्र इसके द्वारा भेजा या प्राप्त किया जा सकता है.

इसके लिए आवश्यक नही है. कि दोनों व्यक्तियों के पास एक ही वेबसाइट का पता हो. किसी भी वेबसाइट से किसी अन्य वेबसाइट पर पत्र भेजा या प्राप्त किया जा सकता है. कुछ वेबसाइट यथा- YAHOO, GOOGLE, INDIYA है,

जो दुनिया को इमेल की सुविधा निशुल्क उपलब्ध करवा रही है. आज कल तो कुछ देशों में सारा पत्र व्यवहार भी इसके द्वारा ही हो रहा है.

पुस्तकालयों में प्राप्त नही होने वाली पत्रिकाओं या पत्रिकाओं के क्रयादेश, बीजक मंगवाना, यहाँ तक की पुस्तकों का क्रय विक्रय भी इसके द्वारा होने लगा है.

वीडियों कांफ्रेसिंग (Video conferencing)

कंप्यूटर द्वार ऑनलाइन बातचीत से विभिन्न देशों में बैठे हुए समान रूचि वाले व्यक्ति[प]यों के बिच आपस में संचार सुविधा उपलब्ध है.

ऑनलाइन बातचीत का अवसर प्रदान करने वाली किसी भी साईट को खोलकर कोई भी व्यक्ति माउस की सहायता से अपने संदेश, प्रश्नोतर, अवलोकन, विचार आदि को टाइप कर सकता है.

यह बातचीत स्क्रीन पर दिखाई देती है. इसमे दो या दो से अधिक व्यक्ति भी भाग ले सकते है. अर्थात इससे संगोष्ठी भी की जा सकती है. टीवी या मोनिटर पर जुड़कर आमने सामने भी बातचीत हो सकती है.

संचार माध्यम के रूप (Forms of communication media):-

  • मुद्रण माध्यम- समाचार, पत्र-पत्रिकाएँ, पुस्तके एवं जर्नल आदि.
  • वार्तालाप माध्यम- टेलीफोन, मोबाइल, फोन, विडियो फोन आदि.
  • इलेक्ट्रानिक माध्यम- फिल्म, रेडियो, दूरदर्शन, इंटरनेट, ऑडियो विडियो कैसेट डिस्क आदि.

जनसंचार के माध्यम (Mass Communication Medium)

अखबार, रेडियो, टेलीविजन और इंटरनेट की सोशल साइट्स की पहुच बड़े जन समूह तक होने एवं अधिक लोगों को एक साथ प्रभावित करने के कारण इन्हें जन संचार के माध्यम (मास मिडिया) कहा जाता हैं.

समाचार पत्र पत्रिकाओं, जर्नल आदि मुद्रण माध्यम (प्रिंट मिडिया) के उदहारण हैं. इन्हें हम मिडिया का सबसे पुराना रूप कह सकते हैं. यदपि पिछले कुछ दशकों में इसके पाठकों में कमी आई हैं.

फिर भी सूचना का सबसे भरोसेमंद एवं उत्तरदायी माध्यम माना जाता हैं. रेडियो, टेलीविजन आदि ब्राडकास्टिंग माध्यम या इलेक्ट्रानिक माध्यम (इलेक्ट्रानिक मिडिया) की श्रेणी में आते हैं.

ये विश्व के किसी भी कोने में होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं की जानकारी तुरंत पहुचाने का प्रभावी माध्यम हैं. ये माध्यम घटनाओं को प्रभावी ढंग से दिखाते हैं और विशेयज्ञों के माध्यम से उनका विश्लेषण करते हैं जिससे दर्शकों को किसी घटना के सभी पहलुओं को समझने का मौका मिलता हैं.

जनसंचार माध्यम का महत्व  (Mass Communication Importance In Hindi)

संचार के माध्यमों से हमे देश विदेश में होने वाली राजनितिक, प्राकृतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, खेल, गीत, संगीत, शिक्षा विज्ञान तथा तकनीक से सम्बन्धित सूचनाओं और महत्वपूर्ण घटनाओं की जानकारी मिलती हैं.

नेपाल में आए भूकम्प की घटना हो या उड़ीसा और आंध्रप्रदेश में सुनामी का कहर, हम सबने टेलीविजन, रेडियो, अखबार के माध्यम से इस विनाश को देखा सुना और पढ़ा हैं.

मिडिया आर्थिक एवं सांस्कृतिक वैश्वीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा हैं. समाचार पत्र, टेलीविजन, रेडियो आदि संचार माध्यम जनमानस के विचारों एवं दृष्टिकोण के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

ये विभिन्न विभिन्न विज्ञापनों और सूचनाओं के माध्यम से सरकार द्वारा जनहित में जारी लोककल्याणकारी योजनाओं के प्रचार व प्रसार में सहायक हैं.

सरकार द्वारा संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं, कार्यक्रमों जैसे शिक्षा, सबके लिए, स्वच्छ भारत अभियान, डिजिटल इण्डिया, भामाशाह योजना, जन धन योजना, ग्रीन इण्डिया क्लीन इण्डिया, बेटी बचाओं बेटी पढाओं, सड़क सुरक्षा अभियान जैसे सामाजिक सरोकारों से सम्बन्धित कार्यक्रमों के प्रचार प्रसार में मिडिया अपनी सकारात्मक भूमिका निभा रहा हैं.

इस तरह हम समझ सकते हैं कि वर्तमान में संचार माध्यम शिक्षा, जागरूकता, समस्या समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा हैं.

मिडिया में हमे सिर्फ सूचनाएं प्रदान करने का कार्य ही नही करता बल्कि सामाजिक सरोकारों से मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाता हैं. जन जागरूकता व जनमत निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं.

लोकतंत्र में संचार माध्यमों की भूमिका (role of media in democracy in hindi)

स्वतंत्र एवं निष्पक्ष संचार माध्यम (मिडिया) लोकतंत्र की अनिवार्य शर्त हैं. यह सरकार एवं जनता के बिच मध्यस्थता का कार्य करता हैं. यह सरकार की योजनाओं एवं कार्यों को जनता और जनता की भावनाओं को सरकार तक पहुचाने का सशक्त माध्यम हैं.

मिडिया द्वारा न केवल समाचार व सूचनाओं का प्रसारण किया जाता हैं, बल्कि व्यापक स्तर पर जनमत के निर्माण में भी इसकी अहम भूमिका होती हैं. व्यापक जन समूह तक पहुच के कारण इसे सशक्त माध्यम माना गया हैं. संचार माध्यमों से नागरिक जान सकते हैं कि सरकार किस तरह कार्य कर रही हैं.

प्रेस मिडिया का ही रूप हैं. जिसे शासन का चौथा स्तम्भ माना गया हैं. लोकतांत्रिक देशों में विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान की गई हैं. इस स्वतंत्रता का उपयोग प्रेस के कारण सही ढंग से हो सकता हैं.

चुनावों के दौरान इसकी भूमिका और बढ़ जाती हैं. यह चुनावों में खड़े होने वाले उम्मीदवारों के बारे में जानकारी देता हैं. जिससे मतदाता अच्छे प्रत्याशी का चयन कर सके. चुनाव होने से लेकर सरकार के गठन तक इसकी प्रभावी भूमिका रहती हैं.

मिडिया का क्षेत्र व्यापक होने से जनमत के निर्माण में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं. इसके द्वारा सरकार के कार्यों और नीतियों को व्यापक जनसमूह तक पहुचाया जाता हैं.

अखबार में लेखों एवं टेलीविजन पर चर्चा द्वारा वास्तविकताओं को जनता के समक्ष रखा जाता हैं. जिससे साधारण नागरिक भी सरकार द्वारा किए जाने वाले कार्यों को जान सके एवं विचार निर्माण कर सके.

सोशल साइट्स के माध्यम से विचार अभिव्यक्ति का दायरा बढ़ गया हैं. जिनके माध्यम से सरकार के किसी निर्णय पर तुरंत प्रतिक्रिया प्राप्त हो जाती हैं. इससे सरकार को जनता के रुख का पता चलता हैं.

एवं सरकार अपनी नीतियों की समीक्षा प्राप्त कर सकती हैं. इस तरह से बहुसंख्य जनता को निर्णय निर्माण में भागीदारी मिलती हैं जो मजबूत लोकतंत्र की पहचान हैं.

उत्तरदायी मीडिया पर निबंध लेख (what is Responsive media)

एक आदर्श मिडिया की अवधारणा में मिडिया सूचना प्रदाता, सकारात्मक, सृजनात्मक, प्रेरणादायी और मनोरंजक होता हैं. मिडिया लोकतंत्र एवं मानव अधिकारों का एक सशक्त रक्षक हैं.

एक उत्तरदायी मिडिया देश में कानून व्यवस्था को बनाए रखने तथा राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता को कायम रखने में अद्वितीय भूमिका निभाता हैं.

मिडिया से राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्व की भावना से कार्य करते हुए देश में स्वस्थ जनमत का निर्माण करने और लोगों में उचित दृष्टिकोण विकसित करने में अपना अमूल्य योगदान देने की अपेक्षा की जाती हैं. उसे पर्यावरण और सामाजिक सरोकारों से सम्बन्धित विषयों को जनता के बिच उठाते रहना चाहिए और स्वस्थ बहस को जन्म देना चाहिए.

उससे नकारात्मक और अनावश्यक सनसनीखेज रिपोर्टिंग के लालच से बचने की अपेक्षा की जाती हैं. मिडिया का यह दायित्व हैं कि वह बिना किसी पूर्वाग्रह या पक्षपात के जनता को वास्तविक स्थति से अवगत कराएं.

लोकतंत्र में मिडिया को अपनी स्वतंत्रता का उपयोग करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि उनके द्वारा प्रसारित व प्रकाशित किसी भी लेख अथवा कार्यक्रम से नागरिकों में परस्पर सोहार्द व शान्ति को अघात न पहुचे.

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