गांधी जयंती निबंध 2024 – Gandhi Jayanti Essay in Hindi Pdf Download for Class 1-12 Pdf – Gandhi Jayanti par Nibandh

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गांधी जयंती निबंध 2024 – Gandhi Jayanti Essay in Hindi Pdf

आप सभी को दोस्तों मेरा प्रणाम – 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती 2024 है| हम सभी यहा गांधीजी को श्रद्धांजलि देने के लिए इकठे हुए है | हम Mahatma Gandhi Ji के महान व्यक्ति के बारे में बात करेगे |

जिन्होंने हमें सत्य और अहिशा के मार्ग पर चलाना सिखया था | हम गांधी जयंती को पुरे भारत में एक राष्ट्रीय अवकाश के रूप मे मनाते है| महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है |

जिसे हम बापू या राष्ट्रपिता के नाम से भी जानते है | आज आप हमारे साथ पढेगे Mahatma Gandhi Jayanti Essay Hindi और सभी विद्यार्थियो के लिए Nibandh On Bapu For School Student Class LKG UKG And 1 2 3 4 5 6 7 8 सभी कक्षाओं के विद्यार्थी अपनी शाला मे गांधी जयंती पर हिंदी में निबंध को आराम से गाँधी जयंती के अवसर पर प्रस्तुत कर सकते है

गांधी जयंती पर निबंध 2024

महात्मा गांधी जयंती 2 अक्टूबर 2024: हम सभी को पता है कि 2 अक्टूबर को हर साल गांधी जयंती मनाई जाती हैं. इस दिन एक अन्य महापुरुष जिनका नाम लाल बहादुर शास्त्री है उनकी जयंती भी हैं.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सम्मान देने के लिए गांधी जयंती- Gandhi Jayanti मनाई जाती हैं. सत्य एवं अहिंसा के परम पुजारी राष्ट्रपिता गांधी के जन्म दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता हैं.

संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे 2007 से मनाना शुरू किया था. गांधीजी के सम्मान में इस दिन छात्रों को महात्मा गांधी जयंती का भाषण, गांधी जयंती के लिए निबंध Gandhi Jayanti par essay, ka nibandh आदि बोलने को कहा जाता हैं. कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के विद्यार्थियों के लिए हम गांधीजी जयंती के लिए निबंध लेकर आए हैं.

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आप सभी को 2 अक्टूबर 2024 गांधी जयंती & शास्त्री जयंती की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं.

महात्मा गांधी जयंती 2024 पर निबंध

प्रस्तावना

गांधी जयंती भारत का राष्ट्रीय पर्व है यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के जन्म दिवस 2 अक्टूबर के उपलक्ष्य में हर साल मनाया जाता हैं. समूचे भारत देश में बड़े ही हर्षोल्लास से गांधी जी की जयंती मनाई जाती हैं.

सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी ने भारत की आजादी के लिए इन्ही हथियारों को अपनाया. गांधी जी को भारत के राष्ट्रपिता और बापू उपनाम से भी जाना जाता हैं.

महात्मा गांधी ने अपने जीवन कई अहिंसक आंदोलन किये जिनमें चम्पारण, नमक सत्याग्रह, भारत छोड़ो और असहयोग आंदोलन मुख्य थे. आज भी गांधीजी को पूरा विश्व उनके सत्याग्रह की क्षमता के लिए जानता हैं.

मेक इन इंडिया

गांधीजी स्वाधीनता, स्वच्छता और स्वावलंबन के पक्षधर थे, इन्होने अप्रत्यक्ष रूप से मेक इन इंडिया की शुरुआत तो वर्ष 1921 में ही कर दी थी. स्वदेशी अपनाने और विदेशी वस्तुओं का उपयोग न करने पर उनका बड़ा जोर था.

चरखा गांधीजी की निशानी था, वे स्वयं हाथ की बनी खादी की धोती पहना करते थे. आज पूरा विश्व बापू की 150 वीं जयंती को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मना रहा हैं. ये उनके सिद्धांतों की एक बड़ी जीत हैं.

जातिवाद और अस्पृश्यता

बापू में कई से बढ़कर एक गुण थे, वे एक सच्चे देशभक्त तो थे ही साथ ही अच्छे नेता, समाज सुधारक भी थे. इन्होने समाज की कई कुरीतियों को समाप्त करने की भी पहल की. वे जाति व्यवस्था के घोर विरोधी थे.

इन्होने अछूतों को हरिजन का नाम दिया था. गांधी जी बुनियादी शिक्षा और स्वच्छता के भी पक्षधर थे. हिन्दू मुस्लिम भाईचारे के लिए तथा महिला अधिकारों के लिए भी का महत्वपूर्ण योगदान था.

देश के स्कूलों और कॉलेजों में कार्यक्रम

हमारे देश के राष्ट्रीय पर्वों में गांधी जयंती की गिनती की जाती हैं. इस दिन देश के प्रत्येक कोने में स्थापित विद्यालयों कॉलेजों में बापू के जन्म दिवस के अवसर पर विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं.

गांधी जी के संदेशो उनकी शिक्षाओं को जन जन तक पहुचाने के लिए निबंध, पोस्टर, प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता हैं, काव्यकारों द्वारा गांधी जी के जीवन पर कविता, शायरी आदि का वाचन किया जाता हैं.

निष्कर्ष

महात्मा गांधी बापू सच्चे अर्थों में एक महापुरुष थे, जिन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई तो लड़ी ही साथ ही एक नयें युग की नीव भी रखी. उनके सपनों के भारत के खाके को किसी न किसी रूप में आज भी पूरा करने में हर भारतीय अपना योगदान दे रहा हैं.

2 अक्टूबर के दिन गांधी जयंती के दिन हम सभी को बापू को अपना आदर्श मानते हुए उनके बताएं मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए, साथ ही गांधी दर्शन की बातों को समाज में प्रसारित किये जाने की महत्ती आवश्यकता हैं.

गांधी जयंती निबंध 2024 – Gandhi Jayanti Essay in Hindi

भूमिका:- सत्य एवं अहिंसा को मानवता का धर्म मानने वाले गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था. वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बड़े नेताओं में से एक थे.

सत्याग्रह, अहिंसा एवं सादा जीवन और स्वच्छता इनके जीवन के मुख्य सिद्धांत थे. एक ऐसे सैद्धांतिक व्यक्ति से ही प्रभावित हुए बंगाली कवि टैगोर ने उन्हें महात्मा की उपाधि दी थी.

सत्य के साथ प्रयोग उनकी आत्मकथा थी. वे हमेशा सत्य की खोज में अपनी भूलों एवं गलतियों पर नयें एक्स्परिमेंट करते थे. अंग्रेजी सत्ता को भारत से बाहिर करने के लिए पहली बार उन्होंने महिलाओं एवं दलितों को आन्दोलन से जोड़ इसे जन आन्दोलन का रूप दिया.

उन्होंने कई व्यापक आन्दोलन चलाकर भारत की आजादी के लिए भूमिका तैयार कर दी थी. वे अस्पर्शयता एवं अस्वच्छता के पूर्ण खिलाफी थे.

गांधी जयंती क्यों मनाते हैं– महात्मा गांधी जिनका पूर्ण नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के काठियावाड़ जिले में हुआ था.

पोरबन्दर में जन्में गांधी के जन्म दिन को गांधी जयंती के राष्ट्रीय पर्व के रूप में देशभर में मनाते हैं. इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाते हैं, तथा सभी सरकारी संस्थाओं, विद्यालयों में सरकारी अवकाश भी होता हैं.

गांधीजी की हत्या 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने दिल्ली में एक प्रार्थना सभा के दौरान कर दी थी. उनकी समाधि राजघाट में बनी हुई हैं. जहाँ पर इस दिन राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री सभी बड़े पदाधिकारी आकर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजली अर्पित करते हैं.

इस दिन देश के भर शैक्षणिक संस्थानों एवं सरकारी कार्यालयों में महात्मा गांधी के कार्यों देश के प्रति उनके योगदान को याद किया जाता तथा उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये जाते हैं.

एक प्रसिद्ध नायककार ने महात्मा गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि आने वाली पीढियां यकीन ही नही करेगी कि भारत में एक समय में ऐसा महान पुरुष हुआ था.

सत्य एवं अहिंसा के पुजारी थे, जिन्होंने भारतीय इतिहास के महापुरुषों की अग्रिम पंकित में स्वयं को स्थापित किया था. भारत के राष्ट्रपिता नव भारत के निर्माता एवं भाग्य विधाता थे.

गांधीजी के पिताजी राजकोट के दीवान थे, उनकी माता का नाम पुतली बाई था जो बेहद धार्मिक महिला थी, जिनकें विचारों का गांधीजी के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ा. महात्मा गांधी की आरम्भिक शिक्षा पोरबंदर में फिर राजकोट में हुई.

जब वे 18 साल के हुए उन्होंने दसवीं पास कर ली थी तथा वकालत के लिए उन्हें इंग्लैंड भेज दिया गया था. इससे पूर्व इनका विवाह कस्तूरबा गांधी के साथ मात्र तेरह वर्ष की आयु में ही हो चूका था. जब वे इंग्लैंड से वकालत कर घर पहुचे तब तक उनकी माँ पुतली बाई का देहावसान हो चूका था.

जब वे बेरिस्टर की डिग्री लेकर गुजरात लौटे तो उन्हें एक क्लाईट के केस की सुनवाई की सिलसिले में दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा. उन्होंने वहां जाकर देखा कि वहां भारतीय लोगों के साथ अंग्रेजों द्वारा रंगभेद चरम पर था. गांधीजी उनका भेदभाव स्वयं भी भुगत चुके थे.

उन्हें एक बार चलती ट्रेन से इसलिए फेक दिया था क्योंकि वे गोरे लोगों के डिब्बे में चढ़ गयें जिनमें काले अर्थात भारतीय लोगों का प्रवेश निषेध था. उन्होंने भारतीय लोगों के लिए न्याय की लड़ाई बड़ी निडरता के साथ लड़ी तथा अन्तः वे इसमें कामयाब भी रहे.

महात्मा गांधी 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौट आए यहाँ आकर उन्होंने भारत के लोगों के साथ गोरी सरकार द्वारा किये जा रहे अत्याचारों के विरुद्ध आवाज उठाई, उन्होंने किसानों के हक़ के लिए उनके साथ कई आन्दोलन किए.

उन्होंने सबसे पहले रोलेट एक्ट का विरोध किया जिनका उन्हें राष्ट्रव्यापी समर्थन भी मिला. जब भारत आजादी की राह पर था तो वे शस्त्र क्रांति की बजाय सत्याग्रह एवं अहिंसा के रास्ते पर चल रहे थे. इस दौरान उन्हें कई बार जेल की यात्रा भी करनी पड़ी थी.

उनके मुख्य आंदोलनों में बिहार का नील सत्याग्रह, दांडी यात्रा, खेड़ा का किसान आन्दोलन महात्मा गांधी के मुख्य सत्याग्रह थे. उन्होंने आम भारतीयों को स्वदेशी अपनाने के लिए संदेश दिया वे खुद चरखा चलाते थे तथा खादी के बने वस्त्र पहना करते थे.

वर्ष 1942 में उन्होंने भारत छोड़ों आन्दोलन की शुरुआत की, इन्ही के अथक प्रयासों के फलस्वरूप 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली, आजादी के बाद भारत में रामराज्य की उनकी कल्पना थी, जो शायद आज तक पूरी नही हो पाई हैं.

गांधीजी छुआछुत में विश्वास नही करते थे, उनका सम्पूर्ण जीवन अछूतों के उद्धार, ग्राम सुधार, नारी शिक्षा और हिन्दू मुस्लिम एकता के संघर्ष में ही व्यतीत हुआ. 30 जनवरी 1948 को दिल्ली की प्रार्थना सभा में जाते समय नाथूराम गोडसे ने गांधीजी पर गोलियां चला दी.

उन्होंने वही पर हे राम कहते हुए प्राण त्याग दिए इस तरह गांधीजी मर कर भी आज जिन्दा हैं. गांधी जयंती पर निबंध आपकों अच्छा लगा हो तो आगे जरुर शेयर करे.

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FAQ

प्रश्न: महात्मा गांधी जयंती को किस रूप में संयुक्त राष्ट्र संघ मनाता है?

उत्तर: प्रतिवर्ष UNO गांधी जयंती को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाता हैं.

प्रश्न: गांधी जयंती के मौके पर विद्यालयों में किस तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जा सकते हैं.

उत्तर: इस अवसर पर राष्ट्रपिता के नाम निबंध, भाषण, कविता प्रतियोगिता, कवि सम्मेलन, सर्वधर्म प्रार्थना, बाल सभा आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता हैं.

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