दुर्गादास राठौड़ पर दस पंक्तियाँ 10 Lines On Durgadas Rathore In Hindi

दुर्गादास राठौड़ पर दस पंक्तियाँ 10 Lines On Durgadas Rathore In Hindiहम मारवाड़ के महान स्वामिभक्त यौद्धा वीर दुर्गादास राठौड़ के इतिहास जीवनी पर आधारित 10 लाइनों में इनका संक्षिप्त परिचय जानते है.

10 Lines On Durgadas Rathore In Hindi

दुर्गादास राठौड़ पर दस पंक्तियाँ 10 Lines On Durgadas Rathore In Hindi

1# वीर दुर्गादास राठौड़ का जन्म 13 अगस्त 1638 ई को मारवाड़ के सालवा नामक गाँव में हुआ था. तथा इनकी मृत्यु 22 नवम्बर 1718 को उज्जैन में हुई थी.

2# दुर्गादास राठौड़ ने महाराजा जसवंतसिंह के पुत्र अजीतसिंह की जीवन की रक्षा की तथा उसे सिंहासन पर भी आसीन किया.

3#  औरंगजेब के विरुद्ध मारवाड़ के स्वतंत्रता संग्राम में दुर्गादास राठौड़ का महत्वपूर्ण योगदान था.

4# औरंगजेब की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध मेवाड़ के महाराणा राजसिंह और मारवाड़ के वीर दुर्गादास के मध्य राठौड़ सिसोदिया गठबंधन हुआ.

5# 1706 ई. में दुर्गादास मेवाड़ चले गये जहाँ उन्हें सादड़ी गाँव जागीर में दिया गया.

6# औरंगजेब की मृत्यु के बाद अजीतसिंह ने जोधपुर पर अधिकार कर लिए और दुर्गादास भी मारवाड़ लौट आए.

7# दुर्गादास जीवन के अंतिम वर्षों में उज्जैन में ही रहे. इनकी मृत्यु जमरूद नामक स्थान पर हुई.

8# दुर्गादास के पिता का नाम आसकरण था.

9# राठौड़ ने अजीतसिंह को कालिंदी के पुष्करणा ब्राह्मण जयदेव की पत्नी को गुप्त रूप से सौपा.

10# दुर्गादास तथा मारवाड़ के शासक जसवंतसिंह की औरंगजेब के साथ संघर्ष का कारण किशनगढ़ की राजकुमारी चारुमति थी, जिससे वह विवाह करना चाहता था.

इसके अलावा जसवंतसिंह की मृत्यु के बाद मुगल सम्राट औरंगजेब द्वारा उनके पुत्र अजीतसिंह को बंदी बनाने का प्रयास व जोधपुर को खालसा घोषित करना था.

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उम्मीद करता हूँ दोस्तों दुर्गादास राठौड़ पर दस पंक्तियाँ 10 Lines On Durgadas Rathore In Hindi का यह छोटा सा लेख पसंद आया होगा.

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