आत्मनिर्भर भारत पर निबंध Self Reliant India & Aatmnirbhar Bharat Essay in Hindi: स्वावलंबन अर्थात आत्म निर्भरता का आशय यह है कि स्वयं अपने पैरों पर खड़े होने की योग्यता अर्जित करना.
आर्थिक राजनैतिक और सामाजिक रूप से किसी पर निर्भर न होकर खुद के पैरो पर खड़ा होना हैं. केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत देश की जरूरत के सभी सामान को मेक न इंडिया और मेड इन इंडिया को बढ़ावा देकर इस अभियान पर जोर दे रही हैं.
आत्मनिर्भर भारत पर निबंध Aatmnirbhar Bharat Essay in Hindi
नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है आज के लेख में हम क्लास 1 से लेकर 12 वीं तक के स्कूल स्टूडेंट्स के लिए आत्मनिर्भर भारत योजना पर सरल और आसान भाषा में निबंध, भाषण, अनुच्छेद उपलब्ध करवा रहे हैं. उम्मीद करते है यह आपको पसंद आएगा.
आत्मनिर्भर भारत निबंध
प्रस्तावना
आज भारत को आजाद हुए सात दशक से अधिक का समय हो गया है इन सात दशकों में भारत ने कई उपलब्धियां अर्जित की है.
कई छोटे बड़े क्षेत्रों में भारत ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया हैं. मगर आज भी कई क्षेत्र ऐसे है जिन पर हम दूसरी वैश्विक शक्तियों पर निर्भर हैं.
खासकर कोरोना महामारी के दौर के बाद समूची अर्थव्यवस्था ठप पड़ चुकी हैं ऐसे में नई रणनीति के साथ देश को उठ खड़ा होना होगा.
नये वैश्विक परिद्रश्य में हम वैश्विक शक्तियों से प्रतिस्पर्धा तभी कर पाएगे जब हम आत्म निर्भर हो जाएगे अपनी जरूरत की चीजों के लिए दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता कम होगी.
आत्मनिर्भरता का अर्थ
आत्मनिर्भरता शब्द दो शब्दों आत्म और निर्भर से मिलकर बना है जिसमें आत्म अर्थात स्वयं निर्भर अर्थात आश्रित. अर्थात इसका अर्थ हुआ स्वयं पर निर्भर रहना.
मतलब अपनी आवश्यकताओं के लिए दूसरों पर निर्भर न रहना ही आत्मनिर्भरता है और आत्म निर्भर होना हर व्यक्ति समाज और राष्ट्र का स्वप्न होता है.
भारत की अर्थव्यवस्था
आजादी के बाद से भारत आत्मनिर्भरता की ओर लगातार बढ़ता जा रहा है एक विश्व शक्ति बनकर उभर रहा है. और भारत कई सामाजिक और आर्थिक रूप से बदलाव हुए है और इसी कारण से भारत की अर्थव्यवस्था भी आज एशिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है.
आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ता देश
आजादी के बाद से यानी इन 75 सालों में भारत ने लगभग हर क्षेत्र में विकास किया हैं. आजादी के समय एक ध्वस्त इमारत के ढेर की स्थिति में हमें यह देश मिला था.
देश के किसानों, मजदूरों, अर्थशास्त्रियों, व्यापारियों, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की दिन रात की कड़ी मेहनत के कारण ही आज हम सुई से लेकर चंद्रयान तक अपने ही देश में बनाने में सफल हुए हैं.
आत्मनिर्भर भारत में विद्यार्थियों की भूमिका
किसी भी देश का भविष्य उस देश के बच्चों युवाओं पर निर्भर करता हैं. यानी हम कह सकते है कि हमारे देश के बच्चों पर ही आत्मनिर्भर भारत का सपना टिका हैं. और विद्यार्थी ही विश्व में अपने देश को आर्थिक सामाजिक बौद्धिक धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से शानदार पहचान दिला सकते हैं.
और इन सब के लिए विद्यार्थियों का शिक्षित होना बहुत आवश्यक हैं. जब हम देश के बच्चों को शिक्षित करते है तो यह भी आत्मनिर्भर भारत में अपना योगदान होता हैं. क्योंकि विद्यार्थी ही आगे चलकर देश को सही दिशा और दशा दे सकते हैं.
साथ ही साथ विद्यार्थियों का भी यह कर्तव्य है कि वे अपनी शिक्षा का उपयोग अच्छे कार्यों के लिए अपने देश और समाज के विकास के लिए करें.
विद्यार्थी देश के राष्ट्रीय विकास में मजबूती लाते हैं लेकिन इन्हे सही मार्गदर्शन ना मिले तो राष्ट्रीय विकास नहीं हो सकता और अगर राष्ट्र का विकास नहीं होगा तो भारत आत्मनिर्भर नहीं बनेगा. इसलिए विद्यार्थियों को सही मार्गदर्शन देना चाहिए ताकि वे देश का नाम रोशन कर सके.
केंद्र और राज्य सरकारों ने कई योजनाएं चलाई है जिससे कोई भी युवा बेरोजगारन रहे. ऐसी एक योजना स्टार्ट अप स्टैंड अप है इसके तहत युवाओं को रोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हैं.
नये नये इनोवेटिव आइडिया के जरिये नये नये व्यवसाय स्थापित किये जा रहे है और युवाओं को आगे बढ़ने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही हैं.
जिससे वे अपने ही देश में रहकर उद्योग धंधे स्थापित करे जिससे भारत में रोजगार पैदा हो सके. और ज्यादा से ज्यादा चीजों का निर्माण देश में ही हो. देश की दूसरे देशों पर निर्भरता कम हो. हमारे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके और हम आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर सके.
हर जन का हो एक ही नारा
आत्मनिर्भर हो देश हमारा
आत्मनिर्भर भारत की उपलब्धियां
स्वतंत्रता के बाद से भारत ने कई उपलब्धियां हासिल की है चाहे किसी भी क्षेत्र में हो. आज दुनियां भी मानने लगी है कि भारत की सारी उपलब्धियां पूरे विश्व के लिए उपयोगी है.
भारत ने परमाणु शक्ति से लेकर तकनीकी, सूचना प्रोद्यौगिकी और अन्तरिक्ष में कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं. कोरोना की वैश्विक महामारी के दौरान जीवन रक्षक दवाइयों, कोविड वैक्सीन, मास्क आदि के उत्पादन और आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं.
चंद्रयान 2 भेजकर भारत ने अन्तरिक्ष अभियानों में बड़ी सफलता अर्जित की हैं. आर्यभट्ट उपग्रह के साथ शुरू हुई भारत की अन्तरिक्ष यात्रा अब स्वदेशीकरण की तरफ तेजी से बढ़ रही हैं.
भारत के अन्तरिक्ष का सफर 360 किलोग्राम वजनी आर्यभट्ट से शुरू हुआ था. पूरी तरह भारत में निर्मित चंद्रयान 2 के सफल प्रयास के बाद ये आत्मनिर्भर भारत के प्रयास जारी हैं.
मंगल ग्रह का पहला मिशन नवम्बर 2013 में लोंच किया गया था जो सफलतापूर्वक 24 सितम्बर 2014 को ग्रह अपनी कक्षा में स्थापित हो गया था. इस क्षेत्र में भारत अब दिन प्रतिदिन आत्मनिर्भर होता जा रहा है.
संचार क्रांति के क्षेत्र में
भारत ने संचार के क्षेत्र में बहुत प्रगति की है गाँव गाँव तक इन्टरनेट स्मार्टफोन पहुच चुके है. अब हमारे देश का एक छोटा सा गाँव भी पुरे विश्व से जुड़ गया हैं.
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की शुरुआत की गई जिसके माध्यम से लोग सभी प्रकार की जानकारी घर बैठे ले सकते है. चाहे वो किसी सरकारी योजना की जानकारी हो या अन्य किसी प्रकार की.
आज भारत में विश्व का सबसे सस्ता इन्टरनेट भी जिओ की देन है जिससे भारत में आत्मनिर्भर स्वदेशी मोबाइल इंटरनेट सेवाओं में अभूतपूर्व वृद्धि हुई हैं.
तकनीक के क्षेत्र में
तकनीक के क्षेत्र में भारत में निर्मित वन्दे भारत एक्सप्रेस ने हमारे देश की रेल पटरी पर फर्राटे से दौड़ लगाई हैं. यह ट्रेन पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से निर्मित थी और हमारे देश के मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत बनी हुई थी. इसके अलावा भारत ने आईटी के क्षेत्र में भी प्रगति कर पूरे विश्व को चौका दिया हैं.
कृषि के क्षेत्र में
भारत कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन चूका है आजादी के बाद भारत ने कृषि क्षेत्र में बहुत विकास किया है. उत्पादन के मामले में भारत ने कई देशों को पीछे छोड़ दिया है. भारत दालों का सबसे बड़ा उत्पादक देश है.
चीनी का यह दूसरा सबसे बड़ा और कपास का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. भारत पशुधन के मामले में भी सम्पन्न राष्ट्र है जिस कारण भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध और मक्खन उत्पादक भी हैं.
औद्योगिक क्षेत्र में
आजादी के बाद से भारत में तेजी से औद्योगिक विकास हुआ हैं. लघु मध्यम और वृहद उद्योगों के विकास में सरकारों की पंचवर्षीय योजनाओं का भी बड़ा हाथ रहा हैं. भारत में टेक्स्टाईल, मोटर वाहन, ऑटोमोबाइल का बड़ा उत्पादक देश हैं.
भारत में ही सबसे सस्ती नैनो कार से लेकर bwm के संयंत्र काम कर रहे हैं. विश्व का सबसे बड़ा दुपहिया वाहन निर्माता भी भारत ही हैं.
भारत अब दुनिया के औद्योगीकृत देशों की श्रेणी में गिना जाता हैं. भारत ने विश्व स्तरीय निर्माणों में भी आत्मनिर्भरता हासिल कर देश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान की हैं.
सैन्य शक्ति के रूप में
भारत ने अपनी सैन्य शक्ति का बहुत विस्तार किया है. हमारी सेना में अत्याधुनिक हथियारों के साथ साथ राफेल जैसे घातक फाइटर जैट भी हैं.
साथ ही साथ भारत और रूस द्वारा बनाई गई दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को भी भारतीय सेना में शामिल किया गया हैं.
उपसंहार
स्वतंत्रता से अब तक भारत की विकास यात्रा बहुत ही अच्छी रही है. चाहे वह किसी भी क्षेत्र में हो कृषि क्षेत्र से लेकर अन्तरिक्ष तक, संचार क्रांति से लेकर ट्रेन बनाने तक हर कार्य में भारत आत्मनिर्भरता की और बढ़ रहा हैं. दिन प्रतिदिन अलग और नये नये आविष्कारों से भारत उन्नत बन रहा हैं.
साथ ही मूल्यों संस्कारों समृद्ध परम्पराओं को साथ लेकर चल रहा हैं. अगर भारत एक महाशक्ति के रूप में रूप में पहचान बनाना चाहता है तो उसे हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना ही होगा.
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