नमस्कार दोस्तों आज का निबंध क्रिसमस पर निबंध 2023 Christmas Essay in Hindi पर दिया गया है. सरल भाषा में स्टूडेंट्स के लिए इसाई समुदाय के प्रमुख पर्व क्रिसमस का निबंध दिया गया हैं.
इसमें हम जानेगे कि क्रिसमस क्या है कब कैसे और क्यों मनाया जाता हैं इसके इतिहास और महत्व के बारे में जानेगे.
क्रिसमस पर निबंध 2023 Christmas Essay in Hindi
आज दुनियां के सभी देश एक दूसरे से पूरी तरह जुड़े हुए हैं. आपसी मेलमिलाप की इस भावना से लोगों के बीच प्रेम और भाईचारा बन पाया हैं. कुछ दशक पहले तक कोई परम्परा या रिवाज दुनिया के किसी एक कोने तक सिमित थे,
सिर्फ वही के लोग उसे मनाते थे. जैसे कि क्रिसमस, कुछ समय पूर्व तक इसाई बहुल देशों का प्रमुख त्योहार था. मगर आज क्रिसमस दुनियां के हर देश में बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता हैं. क्रिसमस क्या है, क्यों मनाया जाता है.
क्रिसमस का अर्थ क्या है (What is the meaning of Christmas)
इस पर्व का नाम क्रिसमस शब्द क्राइस्ते माइसे यानी क्राइस्टमास से मिलकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है जीसस क्राइस्ट का बर्थडे. यह दिन हर साल ग्रेट डे अथवा बड़ा दिन के रूप में सेलिब्रेट किया जाता हैं.
क्रिसमस का पर्व क्राइस्ट जीसस यानी ईसा मसीह के जन्म दिन के रूप में हर साल 25 दिसम्बर को मनाया जाता हैं. इशु ईसाई धर्म के संस्थापक थे.
क्रिसमस का इतिहास क्या है (What is the history of christmas)
यदि हम क्रिसमस त्योहार के मनाने के इतिहास की तह तक जाए तो न्यू टेस्टामेंट नामक ईसाई धार्मिक पुस्तक के मुताबिक़ इस पर्व की शुरुआत पेरिस की राजधानी रोम से 336 ई में इसकी शुरुआत हुई थी.
क्रिसमस की कहानी (Christmas story)
यदि हम न्यू टेस्टामेंट को आधार मानकर क्रिसमस की कथा के बारे में पढ़े तो यह इस तरह हैं. गॉड ने अपना एक गेब्रियल नाम का एक दूत धरती पर एक लड़की के पास भेजा, जिसका नाम मरियम था.
उसनें उस लड़की को जाकर बताया कि आपके गर्भ से गॉड जन्म लेगे, तथा वे बड़े होकर किंग बनेगे तथा इनके साम्राज्य की कोई सीमा नही होगी.
तथा उस बालक का नाम जीसस होगा. इतना कुछ कहने के बाद वह देवदूत मरियम के पति जोसेफ के पास पंहुचा, उसने उसे भी वहीँ बताया और सलाह दी कि आप मरियम के तबियत का ख्याल रखना उनकी अच्छी तरह सेवा करना. तथा उन्हें अकेले मत छोड़ देना.
इतना कुछ कहने के बाद देवदूत चला गया. उस समय वहां पर राजकीय जनगणना चल रही थी. तथा सभी नागरिकों को यह आदेश दिया गया कि वे अपने मूल स्थान पर ही अपनी गणना करवाएं.
उधर जोसेफ अपनी पत्नी को नाजरथ पर बिठाकर बेथलेहम शहर की ओर जा रहे थे. कुछ ही सफर तय किया, कि तेज तूफ़ान और घनघौर वर्षा होने लगी थी.
खराब मौसम के चलते जोसेफ तथा मरियम को पास ही के एक अस्तबल में एक रात रूकना पड़ा. वह रात थी 25 दिसम्बर की इसी रात को ठीक बारह बजे मरियम ने जीसस को जन्म दिया.
यही वजह है कि इस कहानी को आधार मानकर आज भी ईसाई धर्म के लोग 25 दिसम्बर को ईसा मसीह के जन्म दिवस को क्रिसमस के रूप में मनाते हैं.
क्रिसमस कैसे मनाया जाता है (christmas celebration essay)
इस उत्सव को मनाने की तैयारियां कई महीने पूर्व से ही शुरू हो जाती है. इस मौके पर लोग अपने घरों को साफ़ सुथरा बनाते है सभी अपने लिए अपनी पत्नी व बच्चों के लिए बाजार से नई ड्रेस मंगाते हैं.
क्रिसमस का सेलिब्रेशन 24 दिसम्बर की मध्यरात्रि से ही शुरू हो जाता है, क्योंकि जीसस का जन्म भी आधी रात को हुआ था.
इस अवसर पर न सिर्फ ईसाई समुदाय के लोग बल्कि सभी धर्मों के लोग मोमबत्तियां जलाते है तथा माँ मरियम तथा ईसा मसीह की शिक्षाओं को याद करते हैं. पाठ पूजा व प्रार्थना के बाद सभी अनुयायियों द्वारा कैरोल को सभी के साथ मिलकर गीत गाया जाता हैं.
क्रिसमस के दिन लोग एक दूसरे के घर जाते है उन्हें जीसस के अवतरण दिवस तथा अगामी नववर्ष की शुभकामनाएं पेश करते हैं. इस उत्सव पर लोग कई तरह के गीत गाते हैं जिगल बेल्स जिगल बेल्स, जिंगल आल द वे ये कुछ क्रिसमस के गीत हैं.
क्रिसमस मनाने का तरीका (Christmas Way Of Celebration In Hindi)
कई मायनों में क्रिसमस बेहद ख़ास है, इसलिए यह मेरा प्रिय त्योहार है. इस अवसर पर वाईट और रेड ड्रेस को पहने सफ़ेद बाल और सफ़ेद दाड़ी वाले सांता क्लोज़ के बिना यह उत्सव अपूर्ण ही लगता हैं. रेनडियर पर सवारी करने वाले इन सांता क्लाज की हर बालक को बड़ा इन्तजार रहता है.
पुरानी परम्परा एवं रीती रिवाजों के अनुसार आज भी बड़े बूढ़े लोग इस तरह के सांता क्लोज के साथ आते हैं. अपने प्यारे प्यारे बच्चों को हाथों गिफ्ट उपहार खाने की चीजे देने के साथ साथ उन्हें हैप्पी न्यू ईयर विश करते हैं. इसी कारन आज भी लोग इस तरह के रीती रिवाजों के जरिये बच्चों का मन मोह लेते हैं.
क्रिसमस ट्री क्या होता है इसका महत्व
यह परम्परा रही है कि क्रिसमस के पेड़ के बिना, इस पर्व को अपूर्ण माना जाता हैं. इस मौके पर अपने घर के आंगन में एक क्रिसमस पेड़ को लगाकर उन्हें भांति भांति के फूलों से सजाने की परम्परा हैं.
इस दिन सभी पूजा स्थलों को खूब सजाया जाता हैं. क्रिसमस ट्री को सजाने के पीछे मान्यता यह है कि ऐसा करने से सुख सम्रद्धि का आगमन होता हैं.
क्रिसमस के अवसर पर ईसा मसीह की झाकियां निकाली जाती हैं, लोग अपनी अपनी पसंद के अनुसार कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं.
सभी लोग अपने पड़ोसियों व रिश्तेदारों के घर जाते हैं. सभी को केक, गिफ्ट तथा मीठा मुहं करवाकर आने वाले न्यू ईयर की बधाईयाँ देते हैं.
25 दिसम्बर के बाद 1 जनवरी तक पूरा सप्ताह लोग इस पर्व को मनाने में व्यस्त रहते हैं. ये नयें वर्ष के स्वागत के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, अच्छे अच्छे वस्त्र धारण करते हैं. एक उत्सव के रूप में सभी लोग सामूहिक गान एवं नृत्यों का आनन्द लेते हैं.
भारत में क्रिसमस का त्योहार (christmas festival in india)
यदि भारत के क्रिसमस के पर्व का असली रूप देखना हो तो गोवा में इसका नजारा सबसे अलग ही हैं. भारत के सभी शहरों में क्रिसमस का उत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं. होली, दिवाली, ईद की तरह क्रिसमस के दिन भी देशभर में राजकीय अवकाश रहता हैं.
इस मौके पर शहरों में अच्छी चहल पहल देखी जा सकती हैं. भारत में तकरीबन 4 करोड़ ईसाई रहते हैं. मगर यह पर्व भले ही ईसाई धर्म का होगा, मगर सभी धर्मों के लोग बड़े ही सद्भाव के साथ इसे मिलकर मनाते हैं. क्रिसमस की प्रार्थना में सभी लोग शामिल होते हैं.
जिस तरह हरेक पर्व कुछ न कुछ शिक्षाएं एवं संदेश देता है वैसे ही क्रिसमस भी हमें आपसी प्रेम, भाईचारे तथा परउपकार की सीख देता हैं.
जिस तरह गॉड ईसा मसीह ने अपने छोटे से जीवन काल में मानवता के लिए, आपसी सोहार्द के लिए कार्य किये वह हम सभी के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं.
विश्व में सुख शान्ति तथा सम्रद्धि की स्थापना में इस तरह के पर्वों का बड़ा महत्व हैं. ईसा ने कहा था गॉड अपने सभी संतानों से बेशुमार प्यार करता है इसलिए हमें भी जीवन में प्यार के जरिये ईश्वर के साथ सम्बन्ध बनाने चाहिए.
गॉड ने कहा था गरीबों, पीड़ितों, दीन हीनों की सहायता करना ही ईश्वर की सहायता करना हैं. क्रिसमस का पर्व हमें जीसस के विचारों को अपने जीवन में अपनाने का संदेश देता हैं.