देशाटन पर निबंध | Deshatan Essay In Hindi

Deshatan Essay In Hindi प्रिय दोस्तों आज के इस निबंध में हम देशाटन पर निबंध को पढ़ेगे. परीक्षा  में कई बार बच्चों  को देशाटन विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता हैं.

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चें देशाटन के महत्व लाभ हानि पर यहाँ दिया गया निबंध प्रस्तुत कर सकते हैं.

देशाटन पर निबंध Deshatan Essay In Hindi

देशाटन पर निबंध | Deshatan Essay In Hindi

मानव अपने स्वभाव से जिज्ञासु प्रवृत्ति का होता हैं अर्थात वह हर पल कुछ न कुछ नया जानने में लगा रहता हैं. उनकी यह ललक न केवल अपने मतलब तक चीजों से जुडी होती हैं बल्कि वह नई नई जगहों आदि के बारें में जानकारी इकट्ठा करता रहता हैं.

आज इंटरनेट पर प्रत्येक स्थान की जानकारी उपलब्ध हैं मगर साक्षात अनुभव एवं दर्शन की ललक उन्हें देखने से ही पूरी होती हैं.

देशाटन का अर्थ- देशाटन हिन्दी के दो शब्दों देश और अटन से मिलकर बनता हैं. यहाँ देश शब्द का आशय एक ऐसे भूभाग से किया जाता हैं. जो प्राकृतिक रूप से संसाधनों से सम्पन्न हो. ऐसे ही भूभाग को को देश कहा जाता हैं.

जो दूसरे देश या प्रान्त से पूर्ण रूप से अलग हो, वही अटन शब्द का अर्थ होता हैं भ्रमण, घूमना, फिरना या सैर करना, नयें नयें स्थानों को देखना आदि.

इस तरह से कोई व्यक्ति अपने या दूसरे देश के भूभाग में प्राकृतिक सौन्दर्य, ऐतिहासिक स्थलों, स्मारकों, पर्वतों, सभ्यता, संस्कृति का अवलोकन करने जाता हैं तो उसे देशाटन कहा जाता हैं.

हिन्दी में देशाटन के लिए एक अन्य शब्द देश दर्शन भी प्रयोग किया जाता हैं. इस तरह छोटे या व्यापक रूप में देशाटन का अर्थ भ्रमण या दर्शन करने से लिया जाता हैं फिर वह किन्ही राज्यों का हो या दुनियां के किसी देश का हो.

इतिहास-देशाटन का अतीत उतना ही पुराना हैं जितना कि मानव का. प्राचीन काल में भी बड़ी मात्रा में देशाटन हुआ करते थे. मध्यकाल तथा उससे पूर्व दसवीं सदी तक के समय में कई विदेशी यात्री भारत में देशाटन के लिए आए थे.

फाहियान, ह्वेनसान, इब्नबतूता जैसे यात्रियों ने यहाँ भ्रमण कर भारत की संस्कृति, सभ्यता एवं लोगों के जीवन रहन सहन आदि के बारें में जानकारी प्राप्त की थी.

जो भी विदेशी यात्री भारत आया, उसने अपनी पुस्तक में भारत के स्वरूप यहाँ के लोगों के बारें में विस्तृत वर्णन किया हैं. चीन, वियतनाम आदि देशों से कई बौद्ध भिक्षु भी भारत दर्शन के लिए समय समय पर आते रहे,

यह वह दौर था जब यातायात एवं संसार के साधन न के बराबर थे. वास्कोडिगामा भी इसी काल अवधि में भारत आया था.

देशाटन के लाभ- भिन्न भिन्न नयें स्थानों का देशाटन के कई सारे फायदे हैं. आज के दौर में देश विदेश की यात्रियों से जो सुख अनुभव मिलते हैं वे अन्यत्र असम्भव हैं.

आज किसी भी क्षेत्र में यात्रा के लिए हवाई जहाज, रेल, बस, कार समस्त सेवाएं मिलती हैं. विदेशी यात्राओं के लिए साहसिक समुद्री यात्रा अनुभव का भी लुफ्त उठाया जा सकता हैं.

देशाटन का सबसे बड़ा फायदा यह हैं कि हमारे ज्ञान एवं अनुभव में वृद्धि होती हैं. नयें नयें स्थानों तथा लोगों से मिलने उनकी संस्कृति रीती रिवाज रहन सहन, भाषा का परिचय होता हैं.

प्राकृतिक स्थलों का देशाटन से हम प्रकृति के नयें नयें रूपों से अवगत होते हैं.

ऐतिहासिक स्थल व स्मारक हमारे इतिहास के ज्ञान को ताजा करते हैं. हमें उस समय की कला संस्कृति तथा ज्ञान का अनुभव मिलता हैं. अधिकतर लोग शौक से भी देशाटन करते हैं ऐसा करने से उनके मन को शांति, जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता हैं,

आज विश्वभर में देशाटन को एक उद्योग की तरह तवज्जु दी जाती हैं. इसकी वजह यह हैं कि देशी विदेशी पर्यटकों के आने से न केवल अर्थव्यवस्था को बल मिलता हैं बल्कि प्रेम एवं भाईचारे के माहौल की भी स्थापना होती हैं.

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