Deshbhakti Poem In Hindi | Hum Bharat ke Bharat | हम भारत के भरत
Hum Bharat ke Bharat patriotic poem-
हम भारत के भरत खेलते, शेरों की सन्तान से,
कोई देश नही दुनिया में बढ़कर हिंदुस्तान से,
इस मिट्टी में पैदा होना, बड़े गर्व की बात हैं,
साहस और वीरता अपने पुरखों की सौगात हैं ||
बड़ी बड़ी ज्वालाओं से कम, नही यहाँ चिनगारियाँ
कांटे पहले, फूल बाद में, देती हैं फुलवारियां
कभी दहकते कभी महकते जीते मरते शान से
कोई देश नही दुनिया में बढ़कर हिंदुस्तान से ||
कूद समर में आगे आए, जब भी हमकों ललकारने
ऊँगली दांतों तले दबाई, अचरज से संसार ने
सदियों से बनते आए हैं, हम पन्ने इतिहास के
त्याग और बलिदान हमारे व्रत हैं बारह मास के
जब भी निकला हीरा निकला, यहाँ किसी भी खान से
कोई देश नही दुनिया में बढ़कर हिंदुस्तान से ||
यह धरती माँ हैं अपनी, हमे जान से प्यारी हैं
हर बालक के जिम्मे इसकी चौकस पहरेदारी हैं
बोलो मेहनत खूब करेगे, कठिन परीक्षा आई हैं,
माँ का दूध पिया जो हैं, सौगंध उसी की खाई हैं
इसी उम्रः में परिचय पा ले, हम श्रम से बलिदान से,
कोई देश नही दुनिया में बढ़कर हिंदुस्तान से ||
Hum Bharat ke Bharat This Deshbhakti Poem kavita for students and kids, they read in class 1,2,3,4,5,6,7,8. if you searching best independence day poem or republic day poem (26 january/ 15 august) patriotic poem in hindi then you can use this Deshbhakti Poem and video.
Hum Bharat ke Bharat / हम भारत के भरत class-5 patriotic song sing and created by Mukesh
hindi kavita bhart ke bharat with sohan jangid searo ke sath khelne vala bhart ka bharat bacho ki pari kavita
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