डॉक्टर एक समाज सेवक हिंदी निबंध | Doctor Ek Samaj Sevak Essay In Hindi

प्रिय विद्यार्थियों आज के विषय Doctor Ek Samaj Sevak Essay In Hindi में आपके लिए Doctor – चिकित्सक एक समाज सेवक पर हिंदी भाषा में जानकारी से भरा हिंदी एस्से निबंध लेकर आया हूँ.

इस Doctor Hindi Essay में हम जानेगे कि किस तरह डॉक्टर समाज सेवा के रूप में अपना कर्तव्य अदा करते हैं.

Doctor Ek Samaj Sevak Essay In Hindi

डॉक्टर एक समाज सेवक हिंदी निबंध | Doctor Ek Samaj Sevak Essay In Hindi

बहुत से लोगों का सपना होता है कि वे डॉक्टर बने और लोगों की सेवा कर सके, ऐसे ही विषय को लेकर प्रस्तुत किया गया यह हिंदी निबंध स्टूडेंट्स अपनी कक्षा के हिसाब से इसका उपयोग कर सकते हैं. 

Doctor Ek Samaj Sevak Essay In Hindi या  Essay on Doctor in Hindi के इस आर्टिकल की शुरुआत करते हैं.

डॉक्टर एक समाजसेवक हिंदी निबंध 250 शब्दों में

अनेकों व्यवसाय ऐसे होते है जिनसे बड़ी पूंजी पैदा की जा सकती हैं. कुछ लोग ऐसे पेशों को ही चुनते हैं. मगर सेवा भावी स्वभाव के व्यक्ति अपने ही समाज की सेवा से जुड़े व्यवसाय में अपना करियर बनाते हैं जैसे कि एक चिकित्सक.

भले ही वह राजकीय या निजी सेवा देता हो परन्तु समाज के प्रति उनका योगदान बहुमूल्य होता हैं. जब कभी महामारी का प्रकोप होता है तो ये डोक्टर ही हमारी जान बचाने के लिए सबसे अग्रिम पंक्ति में खड़े होते हैं.

कठिन परीक्षाओ को ऊतिर्ण करने के पश्चात एक चिकित्सक बनने का स्वप्न पूरा होता हैं. लोगों के दुःख दर्द के प्रति संवेदना रखने वाले कोमल ह्रदय का व्यक्ति डॉक्टर बनकर समाज सेवा के कार्य को अपनाता हैं.

कोरोना की महामारी में हम सभी ने इनका सेवाभाव देखा हैं. अपनी जान, परिवार की परवाह किये बगैर रोगियों के उपचार के लिए दिन रात अपनी सेवाएं देते रहे.

जब कभी हमारा स्वास्थ्य खराब होता है तब हमें चिकित्सक के पास जाना पड़ता हैं इसके अलावा प्रसव और दुर्घटनाओं के समय में भी चिकित्सक अपने आपातकालीन सेवाएं देकर समाज के प्रति अपने दायित्वों को पूरा करते हैं.

बहुत से ऐसे चिकित्सक होते है जो केवल लोगों के स्वस्थ करने के लिए अपनी सेवाएं पूरी होने के बाद भी इस कार्य में लगे रहते हैं. भले ही एक डॉक्टर मरे हुए इंसान को जीवित नहीं कर सकता हो, मगर मरने की दहलीज पर खड़े मरीज की जान जरुर बचा लेता हैं.

इस तरह एक जीवन में वह सैकड़ों हजारों लोगों के जीवन की रक्षा करता हैं. इससे बढ़कर भला समाज सेवा का क्या तरीका हो सकता हैं.

डॉक्टर एक समाज सेवक निबंध 500 शब्दों में

स्वास्थ्य मनुष्य का अमूल्य धन होता है, इसकी रक्षा की जिम्मेदारी व्यक्ति की होती है. परन्तु स्वास्थ्य बिगड़ जाने पर उसे चिकित्सक की सहायता लेनी पड़ती हैं. चिकित्सक उसे उचित दवा और सलाह देता है. चिकित्सक के निर्देशों के पालन से व्यक्ति धीरे धीरे स्वस्थ होने लगता है.

हमारा समाज सभी व्यवसायों से जुड़े लोगों का सम्मान करता है जिसमें डॉक्टर भी एक हैं उसे समाज में एक समाज सेवक का दर्जा दिया जाता हैं.

वह अपने कार्य में नित्य लोगों को रोगों से बचाकर एक नया जीवन देता हैं. समाज में स्वास्थ्य तथा खान पान के प्रति जाग्रति लाने का कार्य इन चिकित्सकों द्वारा ही किया जाता हैं.

वह अपनी चिकित्सा पद्धति का पूर्ण ज्ञान रखने वाला होता है दवाई देने के साथ साथ स्वास्थ्य सम्बन्धी कई सलाह भी देता है जिससे रोगी जल्द ही ठीक होने लगता हैं.

व्यक्ति के स्वस्थ रहने में डॉक्टर की अहम भूमिका होती है. वह उन्हें नित्य खान पान तथा उचित दिनचर्या के बारे में अवगत करवाता हैं, जिससे वह रोगों से दूर रहकर एक स्वस्थ जीवन जी सके.

यह तो सत्य ही है कि डॉक्टर का व्यवसाय बड़ा ही पवित्र हुआ करता है, पहले तो लोग यहाँ तक कहते थे कि डॉक्टर केवल सेवा करने के लिए होता हैं न कि पैसे कमाने के लिए.

मैंने कई ऐसे डॉक्टरों के विषय में सुन रखा हैं जिन्होंने मानव सेवा में अपना सारा जीवन लगा दिया तथा मरीजों को इसलिए नहीं मरने दिया क्योंकि उसके पास फीस देने या दवाई खरीदने के लिए पैसे नहीं थे, धन्य हैं ऐसे डॉक्टर, यदि मैं डॉक्टर होता तो मैं भी ऐसा करने का प्रयत्न करता.

सामान्यतया मैंने ऐसा पढ़ा और सुना है कि दूर दराज के देहातों में डॉक्टर सेवा का बड़ा अभाव है, जहाँ तरह तरह की बीमारियाँ फैलती रहती है, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग बिना दवा के कारण मर जताए हैं.

वहां देहातों में डॉक्टरों के स्थान पर नीम हकीमों का बोलबाला है. या फिर झाड़ फूक करने वाले ओझा लोग बीमारी का ईलाज करते हैं.

ये नीम हकीम तथा ओझा लोग देहाती लोगों को जो अशिक्षित अनपढ़ तथा गरीब लोग होते है उन्हें उल्लू बनाकर दोनों हाथों से लुटते हैं. और अपनी अज्ञानता से उनकी जान तक ले लेते हैं.

यदि मैं डॉक्टर होता तो आवश्यकता पड़ने पर ऐसे ही देहातों में जाकर वहां के निवासियों की तरह तरह की बीमारियों से रक्षा करता. साथ ही साथ उनको नीम हकीमों तथा ओझाओं से भी छुटकारा दिलाने का प्रयत्न करता.

आज के युग में प्रायः डॉक्टर अपने लिए धन सम्पति जुटाने लगे है, इसके लिए वे शहरों में रहकर बेचारे रोगियों को दोनों हाथों से लूटना आरम्भ कर देते हैं जो डॉक्टर पेशे पर एक बदनुमा दाग हैं.

ऐसा नहीं हैं कि हमें अपने और परिवार के लिए सुख सम्पति सुख सुविधाओं की आवश्यकता नहीं होती है. सभी को इसकी आवश्यकता होती हैं इसलिए मैं भी धन सम्पति इकट्ठा करता परन्तु सच्ची सेवा द्वारा मानव जाति को स्वस्थ रखना मेरे जीवन का ध्येय होता. यही डॉक्टरी पेशे की सबसे बड़ी उपलब्धि हैं.

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