नीति के दोहे हिंदी में अर्थ के साथ | dohe in hindi
हिंदी की दोहा विधा बेहद प्रचलित हैं| dohe in hindi with meaning में ज्ञान मित्रता, प्रेम समय की महत्ता और परोपकार पर आधारित कबीरदास, रहीम, सूरदास के दोहे बड़े पसंद किये जाते हैं| कबीर के दोहे निति और सामाजिक जीवन में सच्ची राह दिखाते हैं| चंद पक्तियों और शब्दों से बड़ी बात कह जाना दोहों की विशेषता हैं| जिन्हें अर्थ सहित व्याख्या से अर्थ समजने में मदद मिलती हैं|Kabir Das Ke dohe in hindi के इस लेख में कुछ सौरठे और दो पक्तियों के दोहे का सग्रह किया गया हैं| उम्मीद करते हैं ये लेख आपकों पसंद आएगा| यदि आपके पास भी किसी हिंदी कवि के दोहों का संग्रह हो तो कमेंट में हमारे साथ शेयर करे जिसे हम अपनी अगली रचना में सम्मलित करेगे|
नीति के दोहे हिंदी में अर्थ के साथ | dohe in hindi
गुण अवगुण जिण गाँव, सुने न कोई सभले|
उण नगरी विच नाव ,रोही आछी राजिया||
कारज सरे न कोय बल पराक्रम हिम्मत बिना|
हलकारया की होय, रंगा स्याला राजिया||
मिले सिंह वन माह,किण मिरगा मर्गपत कीयो|
जोरावर अति जाह ,रहे उरध गत राजिया||
आछा जुध अणपार, धार खगा सन्मुख घसे|
भौगे हुए भरतार,रसा जीके नर राजिया||
इणही सु अवदात कहनी सोच विचार कर|
बे मौसर री बात रुड़ी लगे न राजिया||
पहली किया उपाव,दव दुसमन आमय डटै|
प्रचंड हुआ विसवाव रोभा घाले राजिया||
हिमत कीमत होय, बिन हिमत कीमत नही|
करे आदर कोय रद कागद ज्यू राजिया||
उपजावे अनुराग ,कोयल मन हरकत करे|
कड़वो लागे काग ,रचना रा गुण राजिया||
दूध नीर मिल दोय, हेक जीसी आकित हुवे|
करे न न्यारो कोय राजहंस बिन राजिया||
मालयागिर मंझार हर को तर चनण हुवे|
संगत लिए सुधार रुखा ही नै राजिया||
पाटा पिड न उपाव तन लागा तरवारिया|
वहे जिव का घाव रति ओखद न राजिया||
खल गुल अण खुताय, एक भाव कर आदरै|
ते नगरी हुताय, रोही आछी राजिया||
घण-घण साबल धाय, नह फूटे पाहड निवड़|
जड़ कोमल भीद जाय,राय पडे जद राजिया||
पय मीठा कर पाक, जो इमरत सीचीजिए|
उर कड्वाई आक, रंग न मुकै राजिया||
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