एकनाथ शिंदे का जीवन परिचय | Eknath Shinde Biography In Hindi लंबी खींचतान के बाद आखिर में एकनाथ शिंदे जी महाराष्ट्र राज्य के नए मुख्यमंत्री बनने में सफल हो गए, क्योंकि इन्हें 40 से भी अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त था। वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट में शामिल होने से ही मना कर दिया क्योंकि उनके पास पर्याप्त विधायकों का समर्थन नहीं था।
एकनाथ शिंदे का जीवन परिचय | Eknath Shinde Biography In Hindi
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आखिर कैसे 16 साल की उम्र में ऑटो रिक्शा चलाने का काम करने वाला व्यक्ति आज महाराष्ट्र राज्य का मुख्यमंत्री बना और उसने अपनी जिंदगी में कौनसी कठिनाइयों को देखा, यह हर कोई जानना चाहता है, तो आइए एकनाथ शिंदे जी की जीवनी पढ़ते हैं और एकनाथ शिंदे जी के जीवन के बारे में जानते हैं।
एकनाथ शिंदे का व्यक्तिगत जीवन
नाम | एकनाथ शिंदे |
जन्म तारीख | 9 फरवरी 1964 |
उम्र | 58 साल |
जन्म स्थान | मुंबई (महाराष्ट्र) |
शिक्षा | कला स्नातक (बीए) की डिग्री |
स्कूल | न्यू इंग्लिश हाई स्कूल ठाणे |
कॉलेज | वाशवंतराव चव्हाण मुक्त विश्वविद्यालय |
राशि | कुंभ राशि |
गृहनगर | मुंबई (महाराष्ट्र) |
वजन | 68 किग्रा |
आँखों का रंग | काला |
बालो का रंग | काला |
नागरिकता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू |
शौक | किताबें पढ़ना और फिल्में देखना |
जाति | पाटीदार |
पेशा | राजनीतिज्ञ |
राजनीतिक दल | शिवसेना |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
संपत्ति | 11 करोड़ |
पता | बंगला नंबर 5 और 6, लैंडमार्क सोसाइटी, लुइसवाड़ी |
एकनाथ शिंदे का प्रारंभिक जीवन
महाराष्ट्र राज्य के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बन चुके हैं। एकनाथ शिंदे जी का जन्म भारत देश के महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में साल 1964 में 2 फरवरी के दिन पिता संभाजी नवलू शिंदे और माता गंगूबाई शिंदे के घर में हुआ था। एकनाथ जी ने अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे हुए हैं।
एक समय ऐसा भी था जब यह पूरी तरह से टूट चुके थे, क्योंकि साल 2000 में एक एक्सीडेंट में इनके एक बेटे और एक बेटी की मृत्यु हो गई थी। हालांकि इनकी तीन संतान थी। इस प्रकार वर्तमान के समय में इनका एक बेटा मौजूद है जिसका नाम श्रीकांत शिंदे हैं जो ऑर्थोपेडिक सर्जन है। इसके साथ ही साथ वह महाराष्ट्र के कल्याण निर्वाचन इलाके से लोकसभा के मेंबर भी हैं।
शिंदे जी का बचपन बहुत ही तंगी में बीता, जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह तंगी के कारण सिर्फ 11वीं तक की ही पढ़ाई कर सके और 16 साल की उम्र में ही इन्होंने अपने परिवार को मजबूती देने के लिए साथ ही अपने परिवार का सहारा बनने के लिए ऑटो रिक्शा चलाना प्रारंभ कर दिया था और काफी सालों तक इन्होंने ऑटो रिक्शा चलाने का काम किया.
इसी प्रकार समय आगे बढ़ते हुए इनकी मुलाकात शिवसेना के नेता आनंद दिघे से हुई और उन्हीं से प्रेरणा लेकर के सिर्फ 18 साल की उम्र में ही एकनाथ शिंदे जी ने शिवसेना पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं के तौर पर अपना तन मन धन समर्पित कर दिया।
एकनाथ शिंदे की शिक्षा
प्रारंभिक एजुकेशन दिलाने के उद्देश्य से एकनाथ का एडमिशन इनके माता-पिता के द्वारा ठाणे शहर में मौजूद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन स्कूल, किशन नगर में करवाया गया। यहां से इन्होंने अपनी प्रारंभिक एजुकेशन को लेना प्रारंभ किया और राजेंद्र पाल मंगला हाई स्कूल से 11वीं तक की पढ़ाई इन्होंने कंप्लीट की। इसके पश्चात इन्होंने आगे की पढ़ाई नहीं की क्योंकि आर्थिक तंगी की वजह से इन्होंने 16 साल की उम्र में ऑटो रिक्शा चलाना चालू कर दिया।
बाद में आगे बढ़ते हुए साल 2014 में देवेंद्र फडणवीस की सरकार में शिंदे जी को लोक निर्माण मिनिस्टर बनने का मौका मिला, जिसके बाद फिर से इन्होंने अपनी पढ़ाई चालू की और महाराष्ट्र में ही मौजूद वसंतराव चव्हाण मुक्त विश्वविद्यालय से मराठी और पॉलिटिकल सब्जेक्ट में बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री को प्राप्त हुई है।
एकनाथ शिंदे का परिवार
एकनाथ शिंदे जी का विवाह श्रीमती लता शिंदे से हुआ है। लता शिंदे से विवाह होने के पश्चात इन्हें संतान के तौर पर दो बेटा और एक बेटी हुई थी। हालांकि साल 2000 में इनके एक बेटी और एक बेटे की एक एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई। वर्तमान में इनका एक ही बेटा जीवित है, जिसका नाम श्रीकांत शिंदे है, जो प्रोफेशन से ऑर्थोपेडिक सर्जन है। श्रीकांत शिंदे कल्याण निर्वाचन इलाके से लोकसभा के मेंबर भी रह चुके हैं।
एकनाथ शिंदे का राजनीतिक करियर
- साल 1997 ही वह समय था जब ठाणे नगर निगम का पार्षद इन्हें बनने का मौका मिला।
- ठाणे में सदन के नेता के पद पर इन्हें साल 2001 में चुना गया।
- साल 2002 में इन्हें फिर से ठाणे नगर निगम के लिए चुना गया।
- साल 2004 में यह महाराष्ट्र विधानसभा में गए।
- शिवसेना पार्टी के ठाणे जिला प्रमुख के तौर पर यह पहले विधायक साल 2005 में नियुक्त हुए।
- साल 2009 में यह महाराष्ट्र विधानसभा में फिर से गए।
- साल 2014 में इन्हें फिर महाराष्ट्र विधानसभा में जाने का मौका मिला।
- साल 2014 के अक्टूबर के महीने से लेकर के साल 2014 के ही दिसंबर के महीने तक एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता थे।
- महाराष्ट्र स्टेट में पीडब्ल्यूडी के कैबिनेट मिनिस्टर एकनाथ शिंदे साल 2014 से लेकर के साल 2019 तक थे।
- ठाणे जिले के समर्थक मंत्री के तौर पर इन्होंने साल 2014 से लेकर के साल 2019 तक कार्यभार संभाला।
- एकनाथ जी को शिवसेना पार्टी का नेता साल 2018 में बनाया गया।
- साल 2019 में इन्हें लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री बनाया गया।
- शिवसेना पार्टी की तरफ से विधायक दल का नेता इन्हें साल 2019 में चुना गया।
- कैबिनेट मिनिस्टर के तौर पर साल 2019 में 28 नवंबर के दिन इन्होंने शपथ ली।
- साल 2019 में ही यह शहरी विकास और लोक निर्माण मिनिस्टर बने।
- एकनाथ शिंदे साल 2019 के 28 नवंबर से लेकर के साल 2019 के 30 दिसंबर तक कार्यवाहक गृह मंत्री बने।
- ठाणे जिले के समर्थक मंत्री के तौर पर साल 2020 में पद प्राप्त हुआ।
- साल 2022 में 30 जून के दिन इन्होंने महाराष्ट्र राज्य के नए मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली।
एकनाथ शिंदे का राजनीति में आगमन
भले ही शिवसेना पार्टी के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे हो परंतु शिवसेना पार्टी में ज्वाइन होने की प्रेरणा शिंदे जी को बाला साहब ठाकरे से नहीं बल्कि शिवसेना पार्टी के ही एक कद्दावर नेता आनंद दिघे से हासिल हुई थी। एकनाथ की मुलाकात आनंद जी से हुई तब वह आनंद जी के विचारों से काफी ज्यादा प्रभावित हुए और उसके बाद ही उन्होंने शिवसेना पार्टी के शाखा प्रमुख के तौर पर शिवसेना पार्टी को ज्वाइन किया और इसके पश्चात उनकी किस्मत चमक उठी।
उन्हें थाने म्युनिसिपल कॉरपोरेटर बनने का मौका भी प्राप्त हुआ। हालांकि अपने जीवन काल के दरमियान एक समय ऐसा आया जब उन्होंने राजनीति को पूरी तरह से छोड़ने का मन बना लिया था परंतु आनंद जी ने इन्हें राजनीति में बने रहने के लिए कहा।
एकनाथ जी के जीवन का दुख भरा समय
साल 2000 का 2 जून का ही वह दिन था जब एकनाथ शिंदे जी की जिंदगी में भयंकर दुख भरा पल आया। इसी दिन इनके 11 साल के बेटे दीपेस और 7 साल की बेटी शुभदा की मौत हुई थी।
दरअसल इनके बेटा और बेटी की मौत बोटिंग करने के दरमियान एक्सीडेंट हो जाने की वजह से हुई थी और एक्सीडेंट हो जाने की वजह से ही इनके बेटा और बेटी गहरे पानी में समा गए। हालांकि इसके बावजूद इनके पास अभी एक बेटा जीवित बचा है।
एकनाथ को प्राप्त हुई गुरु की राजनीतिक विरासत
शिंदे जी के राजनीतिक गुरु आनंद जी थे जिनकी मौत 26 अगस्त के दिन साल 2001 में एक एक्सीडेंट में हो गई थी। हालांकि दबी जुबान में लोगों के बीच इस बात पर भी चर्चा होती है कि आनंद जी की मौत एक्सीडेंट में नहीं हुई थी बल्कि किसी पॉलिटिकल व्यक्ति के द्वारा आनंद जी का मर्डर करवाया गया था।
आनंद जी की मौत हो जाने के पश्चात थाने इलाके में शिवसेना पार्टी की बादशाहत कम होने लगी थी, जिस पर काफी गहन विचार शिवसेना पार्टी में किया गया और उसके पश्चात थाने इलाके की कमान को एकनाथजी को सौंपने का निर्णय शिवसेना पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के द्वारा लिया गया। इस प्रकार एकनाथ जी ने थाने इलाके में काफी बेहतर काम किया और उन्होंने शिवसेना पार्टी की जड़े थाने इलाके में मजबूत की।
शिवसेना पार्टी में बगावत की वजह
पिछले कुछ सालों से उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने हैं जो कि शिवसेना पार्टी से संबंध रखते हैं। शिवसेना पार्टी कट्टर हिंदुत्व की छवि के लिए जानी जाती है। हालांकि महाराष्ट्र के कई हिंदूवादी लोगों का कहना है कि जब से शिवसेना पार्टी महाराष्ट्र में बनी है तब से ही हिंदू वादियों की आवाज को दबाया जा रहा है और हिंदू धर्म का अपमान करने का काम किया जा रहा है।
लोगों के अनुसार शिवसेना पार्टी इस्लाम परस्त पार्टी बन चुकी है क्योंकि उसके सभी डिसीजन हिंदुत्व के विरोध में ही है, जिसकी वजह से लोगों का मोहभंग शिवसेना पार्टी से हो रहा है, जिसमें शिवसेना पार्टी के विधायक भी शामिल है। ऐसा भी कहा जाता है कि शिवसेना पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे विधायकों से ज्यादा मिलने में भी इंटरेस्ट नहीं रखते हैं ना ही वह किसी मीटिंग का आयोजन करते हैं।
वहीं दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे शिव सेना पार्टी के अधिक से अधिक विधायकों से मिलते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करते हैं। इस प्रकार शिवसेना पार्टी के अधिक से अधिक विधायकों ने एकनाथजी पर अपना भरोसा जताया है।
दबी जुबान में लोगों का यह भी कहना है कि भले ही महाराष्ट्र में शिवसेना पार्टी की सरकार है परंतु सरकार एनसीपी के शरद पवार ही चला रहे हैं। हालांकि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र राज्य के नए मुख्यमंत्री बन चुके हैं और उन्हें 40 से भी अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
एकनाथ शिंदे की संपत्ति
जब शिंदे जी ने साल 2019 में विधानसभा इलेक्शन लड़ा था, तब उन्होंने अपने द्वारा हलफनामा प्रस्तुत किया गया था। उस हलफनामे के अनुसार एकनाथ के पास वर्तमान के समय में टोटल 11 करोड़ की संपत्ति है।
अपने चुनावी हलफनामे में उन्होंने बताया था कि उनके पास टोटल 6 गाड़ियां हैं, साथ ही एक ऑटो रिक्शा है। इन 6 गाड़ियों में उनके पास दो इनोवा, दो स्कॉर्पियो, एक महिंद्रा और एक बोलेरो गाड़ी है, साथ ही शिंदे जी के पास एक लाइसेंसी पिस्तौल और एक रिवाल्वर भी मौजूद है।
FAQ:
ANS: महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री
ANS: आनंद दीघे
ANS: हां
ANS: पाटीदार
ANS: 2004
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