भारतीय सेना पर निबंध Essay on Indian Army in Hindi

भारतीय सेना पर निबंध Essay on Indian Army in Hindi: भारत के जवान और सेना प्रत्येक राष्ट्रप्रेमी के दिल के बेहद करीब होती हैं, या यूँ कहे कि भारतीयों की धडकन जवानों में बसती हैं.

हम सुरक्षित जीवन यापन करते है क्योंकि हमारे हीरों कही 50 डिग्री तापमान में तो लेह लद्दाख में खून जमा देने वाली ठंड में खड़े रहकर हमारी हिफाजत करते हैं. आज का निबंध भारतीय सेना पर दिया गया हैं.

भारतीय सेना पर निबंध Essay on Indian Army in Hindi

भारतीय सेना पर निबंध Essay on Indian Army in Hindi

नमस्कार दोस्तों स्टूडेंट्स के लिए इंडियन आर्मी पर सरल भाषा में एस्से दिया गया हैं. कक्षा 1 से 10 तक के स्टूडेंट्स इस सरल भाषा में विभिन्न शब्द सीमा में लिखे गये निबंध का उपयोग कर सकते हैं.

निबंध 1 (200 शब्द)

किसी भी राष्ट्र राज्य के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा राष्ट्रहित की सूचि में सर्वोपरि होती हैं. आम आदमी के लिए तो राष्ट्रीय सुरक्षा ही राष्ट्र हित का पर्याय हैं. जिसका अर्थ वह देश की भौगोलिक सीमाओं पर रक्षा के द्वारा एकता और अखंडता को निरापद रखना समझता हैं.

यह बात अक्सर अनदेखी रह जाती है कि आखिर चरम महत्वपूर्ण समझी जाने वाली यह सैनिक और सामरिक सुरक्षा आखिर इतनी महत्वपूर्ण क्यों हैं.

किसी भू भाग विशेष में संप्रभु आधिपत्य आवश्यक हैं इनके आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा, सैनिक, सामरिक सुरक्षा के माध्यम से करने का प्रयत्न राष्ट्रहित समझा जाता हैं.

राष्ट्रीय मूल्य जो उसके अस्तित्व के साथ जुड़े है और उसकी राष्ट्रीय पहचान का हिस्सा हैं. सेना या फौज किसी देश या उसके नागरिकों के हितों व ध्येयों को बढ़ाने तथा उनकी रक्षा के लिए सशस्त्र क्षमता रखने वाला संगठन होता हैं.

निबंध 2 (300 शब्द)

भारतीय सेना निबंध भाषण अनुच्छेद

देश के बाह्य आक्रमण एवं विदेशी हमलों से सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय सेनाओं की होती हैं. अपने पड़ोसी देशों और आगे के भू भाग में अनिश्चितता, अस्थिरता और हलचल से उत्पन्न समस्याओं के निराकरण के लिए भारतीय सेना हमेशा तत्पर रहती है.

भारत की सामरिक अवस्थिति और वैश्विक सुरक्षा घटनाक्रमों और चुनौतियों के मध्य राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाये रखना भारतीय सेना की प्राथमिकता रही हैं.

भारतीय सेना के तीन अंग है थल सेना, वायु सेना, जल सेना (नौ सेना). भारतीय सेना केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करती हैं. तीनों सेनाओं के अपने अपने अध्यक्ष होते है जो प्रशासनिक रूप से इनको नियंत्रित रखते हैं. भारत का राष्ट्रपति सेना का सर्वोच्च सेनापति होता हैं.

युद्धकाल के अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ शान्ति सेना के रूप में भारतीय सेना ने विश्व के अनेक देशों में शान्ति व्यवस्था को स्थापित करने में अमूल्य योगदान दिया हैं. प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकम्प, बाढ़, तूफान व दंगों आदि में भी नागरिकों व प्रशासन की सहायता के लिए सदैव योगदान दिया हैं.

भारतीय सेना पर निबंध 3 (500 शब्द)

प्रत्येक राष्ट्र की बाहरी सीमाओं की सुरक्षा के लिए सेना का गठन किया जाता हैं. भारत की सेना विश्व की चौथी सबसे बड़ी शक्तिशाली सेना मानी जाती हैं.

15 लाख युवाओं की भारतीय सेना दुश्मन के लिए साक्षात काल व पीड़ितों के लिए देवता के रूप में मददगार बनती हैं. पेशेवर सेना के रूप में इंडियन आर्मी भले ही संसाधनों की कमी से बीते वक्त में जूझती रही मगर इसका हौसला कभी नहीं टूटा.

अद्भुत साहस और शौर्य की अनगिनत मिसाले पेश करने वाली भारतीय सेना का प्रत्येक सिपाही स्वयं को राष्ट्र पर समर्पित कर देने के भाव से हर पल देश की सीमाओं की रखवाली करता हैं.

आजादी के बाद जितने भी अवसर बने सेना ने अपनी वीरता का प्रदर्शन कर दुश्मन के दांत खट्टे किये हैं. सर्दी गर्मी बरसात भूकम्प बाढ़ कैसे भी हालात रहे हो हमारे सैनिक रक्षक अपने कर्तव्य पथ पर डटे रहकर देश की सेवा करते रहे हैं.

संख्या बल के लिहाज से 14 लाख सक्रिय सैनिकों के साथ चीन के बाद भारतीय सेना दूसरी सबसे ताकतवर फौज हैं. इसकी स्थापना 1 अप्रैल 1895 को गई थी. भारत की सेना थल, वायु एवं जल सेना में विभक्त हैं.

स्थलीय सीमा की सुरक्षा थल सेना, हवाई सीमा की सुरक्षा एयर फ़ोर्स जबकि जल सीमा की सुरक्षा नेवी के कंधों पर हैं. सेना के तीनों भागों का कमांडर इन चीफ अथवा तीनों सेनाओं का अध्यक्ष राष्ट्रपति होते हैं. वर्तमान में भारत के रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण हैं.

वर्तमान में इंडियन आर्मी में 1237117 सक्रीय जवान और 960000 रिजर्व जवान हैं, विषम परिस्थतियों में तकनीकी हथियारों की कमी के उपरान्त भी भारतीय सिपाही अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं. बड़ी बड़ी विजयों के बाद भी सेना ने जो अनुशासन और सूझ बुझ का परिचय दिया हैं वह अद्वितीय हैं.

अपने घर से हजारों मील दूर रहकर राष्ट्र सेवा करने वाले सैनिकों का जीवन बेहद कष्ट दायक होता हैं. वर्तमान में आतंकवाद माओवाद तथा कश्मीर में स्थानीय पत्थरबाजों को भी सहते हैं.

एक फौजी के साथ राष्ट्र के सभी नागरिकों की गहरी निष्ठा व आत्मीयता होती हैं. एक बेटा युवावस्था में अपने घर बार परिवार को छोड़कर देश सेवा के लिए जब सीमा पर जाता हैं तो हर कोई उसकी सलामती के लिए दुआ करता हैं.

देश की सेना न सिर्फ सीमा पार दुश्मन को जवाब देती हैं बल्कि देश में जब जब बड़ी विपदा आई हैं, भारतीय सेना के जवान रक्षक बनकर लोगों के जीवन को बचाने उन्हें सुरक्षित स्थलों पर पहुचाने भोजन चिकित्सा प्रदान करने के लिए आगे आते हैं.

हम सभी जानते है कि हमारी सेना हमेशा अपना सब कुछ देश के लिए न्यौछावर करने के लिए तैयार रहती हैं. ऐसे में हम देशवासियों के भी कुछ दायित्व बनते है कि हम हमारी सेना को सभी तरह की सुविधाएं व जरूरतों को पूरा करे.

जब एक सैनिक सीमा पर शहीद होता हैं तो एक पूरा परिवार सूना हो जाता हैं ऐसे में उनके परिवार के किसी सदस्य को नौकरी अथवा सहायता देना सरकार व समाज का दायित्व हैं. हमारा मान सम्मान सब कुछ हमारी आर्मी पर हैं ऐसे में हमें उन्हें हर तरफ का सहयोग करना चाहिए ताकि वे निश्चिन्त होकर देश की सेवा कर सके.

सेना दिवस

देश की सीमाओं को दुश्मन की मैली नजरों से बचाने वाली भारतीय सेना अपनी परम्परा का पालन करते हुए हर साल जनवरी माह में सेना दिवस मनाती हैं. यह दिन उस घटना को ताजा कर देता है जब सेना का नेतृत्व पहली बार भारतीयों के हाथ में आया था.

हम जानते है कि भारतीय सेना डेढ़ सौ वर्ष पुरानी सेना है जिसका गठन अंग्रेजों ने किया था. 15 जनवरी को हर साल सेना दिवस मनाया जाता हैं इस दिन भारतीय सेना अपनी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन करती हैं.

15 जनवरी 1948 के दिन भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा ने कमांडर इन चीफ के रूप में अंतिम ब्रिटिश कमांडर सर फ्रैंसिस बुचर से पदभार सम्भाला था, इस तरह जनरल करियप्पा स्वतंत्र भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे.

सेना दिवस के अवसर पर दिल्ली की अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्दा सुमन अर्पित किये जाते हैं. इस अवसर पर भारतीय सेना के छः कमान के मुख्यालयों पर परेड के आयोजन के साथ ही अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया जाता हैं.

निबंध 4 (1000 शब्द)

हाल ही में सुरक्षा बलों पर पुलवामा आतंकी हमलें के बाद भारतीय वायु सेना ने त्वरित कार्यवाही करते हुए 26 फरवरी 2019 पाकिस्तानी सीमा में घुसकर 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों से बालाकोट क्षेत्र में आतंकवादी ठिकानों पर हमला बोला.

अगले ही दिन पाकिस्तानी वायु सेना का एक लड़ाकू विमान ऍफ़-16 भारतीय वायु सीमा का उल्लंघन करते हुए हमले का प्रयास किया.

हमलें की आशंका को देखते हुए भारतीय वायु सेना के जाबांज पायलेट विंग कमांडर अभिनंदन जो उस समय मिग 21 उड़ा रहे थे को आदेशित कर कार्यवाही करने को कहा.

विंग कमांडर अभिनंदन ने अनूठी सुझबुझ और बुलंद हौसलों का परिचय देते हुए अपनी क्षमता से बेहतर हवाई जहाज को हवा में ही मार गिराया. सामने से प्रहार से अपना मिग भी क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण उन्हें पैराशूट से कूद कर अपनी जान बचानी पड़ी.

गलती से विंग कमांडर अभिनंदन पाक अधिकृत कश्मीर की जमीन पर उतर गये, जहाँ पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया.

जेनेवा समझौते 1949 एवं अंतर्राष्ट्रीय दवाब के बाद जाबांज विंग कमांडर अभिनंदन को वापस रिहा किया गया. विंग कमांडर अभिनंदन की प्रारम्भिक पढ़ाई जोधपुर में हुई थी. उस समय उनके पिताजी भारतीय वायु सेना के उच्च पद पर कार्यरत थे.

भारतीय थल सेना

भारतीय एकता एवं अखंडता की रक्षा करने के उद्देश्य से गठित थल सेना भारतीय स्थलीय सीमा की सुरक्षा करती हैं. यह सेना मुख्य रूप से पैदल सेना होती हैं जो जमीन पर लड़ाई लड़ती हैं.

15 जनवरी को प्रतिवर्ष सेना दिवस के रूप में मनाया जाता हैं. भारतीय थल सेना के प्रथम सेनाध्यक्ष के एम करिअप्पा तथा 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के हीरो सैम मानेकशा को फील्ड मार्शल की रैंक से सुशोभित किया गया हैं.

भारतीय थल सेना परमाणु हथियार तथा उन्नत अस्त्र शस्त्रों से लैस है. कारगिल युद्ध में भारत का लोहा मनवाने वाली बोफोर्स तथा 155 मिमी स्वदेशी धनुष गन दुश्मनों पर गोलीबारी करने में सदैव अग्रणी हैं.

अर्जुन एवं टी 90 भीष्म टैंक दुश्मन के क्षेत्र में दूर तक प्रहार करने में सक्षम हैं. इसके अतिरिक्त अग्नि, पृथ्वी तथा ब्रह्मोस जैसी उच्च तकनीकी मिसाईल भी भारतीय सेना के पास है जो दुश्मन की जमीन पर कहीं भी हमला कर सकती हैं.

भारतीय वायु सेना

भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को की गई थी. भारतीय वायु सेना की मुख्य जिम्मेदारी देश की हवाई सीमा की सुरक्षा करना हैं.

भारतीय वायु सेना देश के नभ की रक्षा के साथ साथ सशस्त्र बलों की अन्य शाखाओं के साथ मिलकर आपदा राहत कार्यक्रमों में राहत सामग्री पहुंचाने खोज एवं बचाव अभियानों, आपदा प्रभावित क्षेत्रों से नागरिकों की निकासी जैसे कार्य भी करता हैं.

विगत वर्षों में भारतीय वायु सेना के विशेष दल कार्य दल गुरुड का प्रयोग आतंकवादी विरोधी दस्ते में भी हुआ हैं. 2016 में मोहाना सिंह, अवनी चतुर्वेदी, भावना कान्त को पहली बार भारतीय वायु सेना में बतौर लड़ाकू विमान पायलट के रूप में शामिल किया गया.

झुंझुनू जिले की रहने वाली मोहाना के पिता भारतीय वायु सेना में कार्यरत रहे है और उनके दादा लादूराम जाट भी वीर चक्र सम्मानित हैं.

भारतीय वायु सेना ने गोवा लिबरेशन से लेकर 1965 व 1971 के भारत पाक युद्ध में प्रभावी तरीके से अपने कार्य को अंजाम दिया और दोनों युद्धों में भारत को विजय प्राप्त हुई.

कारगिल युद्ध में भी वायु सेना ने जम्मू कश्मीर के दुर्गम क्षेत्रों पर बमबारी कर दुश्मन को वापस खदेड़ने में सफलता प्राप्त की.

कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी फौज जो खदेड़ने के लिए भारतीय वायु सेना के दो मिग 29, लड़ाकू विमान आसमान में उड़े, अपने एक साथी के बिछुड़ जाने पर राजस्थान के कोटा जिले के रहने वाले स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा ने उनकी तलाश करने पाकिस्तानी सीमा में घुस गये.

वहां पाकिस्तानी सेना का एक गोला लग जाने से उन्हें पेराशूट के सहारे नीचे कूदना पड़ा. भारत सरकार ने उनकी बहादुरी के लिए मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया.

भारतीय वायु सेना के पास सुखोई 30, जगुआर मिराज 2000, मिग 29 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान तथा आई एल 76, हरक्युलस, ए एन 32 जैसे भारी मालवाहक विमान हैं. इसके अलावा वायु सेना के पास एम आई 35, चीता, चेतक, सारंग नामक हेलीकॉप्टर है.

अभी एच ए एल द्वारा पूर्णतया स्वदेशी तकनीक से तैयार तेजस नामक हल्के तथा उच्च क्षमता के लड़ाकू विमान को भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया हैं.

दुश्मन पर निगरानी के लिए अवाक्स रेडार भी भारी विमानों पर लगाया गया हैं. आकाश और पृथ्वी जैसी विशाल मारक क्षमता वाली मिसाइलों को भी भारतीय वायु सेना ने अपने विभिन्न अड्डों में स्थापित किया हैं.

भारत एक परमाणु सम्पन्न देश है परन्तु हमने पहले परमाणु हमले की पहल न करने का संकल्प लिया हुआ हैं. अपनी उत्कृष्ट जीवन शैली के कारण भारतीय वायु सेना आज भी युवाओं की पहली पसंद बनी हुई हैं.

भारतीय नौ सेना (जल सेना)

नौसेना भारत की समुद्री सीमा में होने वाले खतरों से सुरक्षा प्रदान करती हैं. इसका मुख्य उद्देश्य समुद्र में उत्पन्न होने वाले खतरों से भारत की प्रादेशिक अखंडता तथा नागरिकों और अपतटीय परिसम्पतियों की सुरक्षा करना हैं.

नौ सेना भारत के समुद्र से जुड़े वाणिज्य और समुद्री व्यापार की रक्षा भी करती हैं. 26 नवम्बर 2008 के मुंबई पर आतंकवादी हमले के बाद तटीय सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय नौ सेना को सोप दी हैं.

जो भारतीय तटरक्षक तथा राज्य की समुद्री पुलिस के साथ समन्वय करके अपने कार्य को अंजाम देती हैं. इसके अतिरिक्त प्राकृतिक आपदाओं में मानवीय सहायता, आपदा राहत खोज व बचाव, गोताखोरी सहायता तथा जल सर्वेक्षण जैसे कार्य भी भारतीय नौ सेना बखूबी कर रही हैं.

1961 में गोवा को पुर्तगालियों से मुक्त कराने में भारतीय नौ सेना ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया. 4 दिसम्बर 1971 को भारत पाक युद्ध में भारतीय नौ सेना ने दोनों तरफ से पाकिस्तान को घेरकर कराची बन्दरगाह को तबाह करते हुए पूर्वी पाकिस्तान को बांग्लादेश के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

इस विजय के प्रतीक के रूप में प्रतिवर्ष 4 दिसम्बर को नौ सेना दिवस के रूप में मनाया जाता हैं. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा शांति स्थापित करने के प्रयास में भारतीय नौ सेना ने भी शांति सेना के रूप में विभिन्न अभियानों में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

नौ सेना के पास आई एन एस विक्रांत, विराट और विक्रमादित्य जैसे विशाल क्षेत्रफल वाले युद्धपोत हैं. आई एन एस चक्र और अरिहंत जैसी नाभिकीय ऊर्जा से संचालित पनडुब्बी दुश्मन के किसी भी हमलें का मुहं तोड़ जवाब देने में सक्षम हैं.

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