Essay On Madhur Vani In Hindi: आज हम मधुर वाणी पर निबंध Sweetness आपकों यहाँ बता रहे हैं मधुरता पर आधारित निबंध सामाजिक संदेश आधारित यहाँ कक्षा 1, 2, 3,4, 5,6,7,8,9,10 के बच्चों के लिए 5,10 लाइन 100,200,250, 300,400, 500 शब्दों में छोटा एस्से दिया गया हैं.
Madhur Vani Hindi Essay निबंध मदद से आप समझ पाएगे मधुर वाणी क्या है इसका प्रभाव महत्व आदि सरल निबंध भाषण लिख पाएगे.
Essay On Madhur Vani In Hindi
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300 शब्दों में मीठी बोली पर निबंध
किसी भी व्यक्ति के स्वभाव की पहचान उसकी बोली भाषा से होती है। अगर व्यक्ति की बोली भाषा मीठी होगी तो सभी उसके साथ मीठा व्यवहार करेंगे और इज्जत के साथ पेश आएंगे परंतु अगर व्यक्ति स्वभाव और बोली से कटु होगा तो सभी लोग उससे बातचीत करने से संकोच करेंगे।
कहने का अर्थ है कि व्यक्ति जिस प्रकार से सामने वाले व्यक्ति से बात करता है उसे उसी प्रकार की भाषा में जवाब भी मिलता है। अगर व्यक्ति किसी व्यक्ति के साथ मधुर वाणी में बातचीत करता है तो सामने वाला भी उसके साथ प्यार से पेश आता है।
किसी व्यक्ति की अगर बोली भाषा मधुर है तो उससे उसे अनेक फायदे भी होते हैं। कहा जाता है कि व्यक्ति अपनी मीठी भाषा से असंभव से असंभव काम को भी सामने वाले व्यक्ति से करवा सकता है।
जिन व्यक्तियों की भाषा मधुर होती है उन्हें समाज में मान सम्मान प्राप्त होता है और अगर किसी विकट परिस्थिति में वह किसी व्यक्ति से किसी भी प्रकार की सहायता मांगते हैं तो व्यक्ति जी जान लगाकर उस व्यक्ति की सहायता करने का प्रयास करता है। मधुर भाषा बोलने वाले व्यक्ति का कभी भी दूसरा व्यक्ति किसी भी प्रकार का नुकसान करने के बारे में नहीं सोचता है।
मधुरता का भाव व्यापारी के अंदर होना बहुत जरूरी है। अगर व्यापारी अपने ग्राहकों के साथ मधुर व्यवहार करेगा तो निश्चित है कि ग्राहक के अंदर भी व्यापारी के प्रति मान सम्मान की भावना पैदा होगी, साथ ही साथ यही आदर भविष्य में ग्राहक को उस दुकान के साथ जोड़े रखने में भी काफी सहायक साबित होगा.
जिसका परिणाम यह होगा कि अपनी मधुर वाणी से व्यापारी अपने व्यापार को सफलता की ऊंचाइयों पर ले कर जा सकेगा और व्यापार में उन्नति कर सकेगा।
यही उदाहरण नेताओं पर भी लागू होता है। अगर नेता का व्यवहार जनता के प्रति मधुर रहेगा तो अवश्य ही जनता उसे पसंद करेगी और उसे चुनावों में विजई बनाने के लिए पूरा प्रयास करेगी।
500 शब्दों में मधुर वाणी पर निबंध
मधुर वाणी अथवा मधुरता एक बड़ा शब्द हैं, जिसका प्रयोग विभिन्न अर्थों एवं जीवन के अनेक भागों में किया जाता हैं. यह ऐसा दिव्य गुण है.
मधुरता के गुण को धारण करने से जीवन में अद्भुत प्रभाव देखे जा सकते हैं. कई सारे जटिल काम और कई रहस्य व् मुश्किलें मधुर वाणी से हल हो जाती हैं. यह सभी को अचानक ही खोलकर रख देती हैं.
भारतीय संस्कृति में किसी कर्म की पूर्णता के लिए अपने इष्ट ईश्वर से प्रार्थना की जाती हैं. साथ ही उनसे यह आशीर्वाद भी लिया जाता हैं हे परम पिता परमेश्वर मेरे मुहं में मधु हो तथा सदैव मैं मधुर वाणी बोलू.
यह मधुर वाणी का ही प्रभाव होता हैं कि जहर से भरा काला नाग भी फन उठाकर दांच करने लगता हैं. हिरण भी मधुर वाणी संगीत से मोहित होकर अपनी आजादी का त्याग कर एक जगह खड़ा ही रहता हैं. बादलों की मधुर गर्जना सुन मोर पंख फैलाकर नृत्य करने लग जाता हैं, कोयल अपनी मधुर वाणी से कू कू का संगीत छेड़ने लगती हैं.
अर्थात जो मधुर मीठी वाणी बोलता हैं उसका इन्तजार करने वाली की लम्बी कतार होती हैं जबकि कर्ण कटु तथा कड़वा बोलने वालो का कोई स्वागत नहीं करता. मधुर वाणी बोलने वाली स्त्री घर को स्वर्ग बना देती हैं.
वही सर्वगुणसंपन्न नारी की कटु वाणी पुरे घर के माहौल को नरकमय बना देती हैं. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं उसे अपने दोस्तों पड़ोसियों से अच्छे सम्बन्ध रखने पड़ते हैं.
उनके पड़ोसियों के साथ रिश्ते वाणी के स्वरूप पर ही निर्भर करती हैं. एक मधुर वाणी एवं मिलनसार स्वभाव का व्यक्ति अपने शत्रु को भी मित्र बना देता हैं. इसके उल्ट कर्कश वाणी का व्यक्ति अपने अच्छे दोस्त को भी शत्रु बना देता हैं.
किसी ने नारी के गुणों के बारें में ठीक ही लिखा हैं कि सुन्दरता, व्यवहार में कुशलता और घर के कामों में निपुण ये नारी के मूल गुण हैं इसी तरह वाणी की मधुरता भी अहम गुण हैं.
मगर नारी की वाणी का कठोर होना उसके अन्य गुणों पर भी पानी फेर देता हैं. सौन्दर्य, परिधान, आभूषण इन सभी से ऊपर मीठी वाणी को स्थान दिया गया हैं. मधुरता को ही सबसे बड़ा धन व श्रृंगार माना गया हैं.
सतोगुण में मधुरता का जन्म होता हैं जहाँ सतोगुण नहीं होता हैं वहां क्लेश का राज होता हैं. मधुर वाणी वाले लोग अपने आस पास स्वस्थ सुंदर व् मनोहर वातावरण उत्पन्न करते हैं.
हमारे देवी देवताओं की प्रतिमाओं को देखियें उनकें चित्र में मधुरता, सौन्दर्य, प्रसन्नता एवं सरलता के भाव स्पष्ट देखे जा सकते हैं. माना कि उस देवीय शक्ति के दिल में मनुष्य मात्र के लिए प्रेम करुणा की रस धारा बहती हो.