राष्ट्रीय जनगणना पर निबंध Essay On National Census in Hindi: नमस्कार मित्रों आपका स्वागत हैं आज के निबंध में हम जनगणना 2021 पर निबंध, भाषण, स्पीच, अनुच्छेद, लेख पैराग्राफ आदि लेकर आए हैं. राष्ट्रीय जनगणना क्या है कब और क्यों की जाती हैं इस पर यह शोर्ट निबंध सरल भाषा में दिया गया हैं.
राष्ट्रीय जनगणना पर निबंध Essay On National Census in Hindi
national population census: प्रत्येक देश द्वारा समय समय पर अपने नागरिकों की गणना करना उनके आंकड़े जारी किये जाते हैं जिससे यह ज्ञात होता है कि अमुक राज्य या देश में कितने लोग निवास करते है
साक्षरता, लिंगानुपात, जीवन प्रत्याशा क्या हैं आदि के सम्बन्ध में विवरण ज्ञात होता हैं. इसे हम राष्ट्रीय जनगणना के नाम से जानते हैं. भारत में प्रति 10 वर्ष में राष्ट्रीय जनगणना कार्यक्रम चलाया जाता हैं.
देश में पहली जनगणना अंग्रेजी शासन में 1872 में शुरू की गई थी, जिसके पश्चात 1881 से लेकर प्रति दस वर्ष के बाद भारत में जनगणना करवाई जाती हैं.
नागरिकों की संख्या की गणना सुनिश्चित करना इसका मुख्य उद्देश्य होता है जिससे विकास की योजनाओं व कार्यक्रमों को सही दिशा दी जा सके.
देश की वास्तविक स्थिति के आंकलन यथा आम नागरिकों के जीवन स्तर व उनकी सुविधाओं के स्तर को जानने में भी जनगणना सहायक सिद्ध होती हैं.
देश में अंतिम बार जनगणना वर्ष 2011 में की गई थी, यह 15 वीं भारतीय जनगणना थी इसके सफल आयोजन में महा पंजी यक जनगणना आयुक्त के अधिकारी सी चंद्रमौली और गृह सचिव जी. के. पिल्लई का अहम योगदान रहा.
31 मार्च को आयोजित राष्ट्रीय स्तर की इस गणना के आंकड़ों के मुताबिक़ भारत 1,21,01,93,422 करोड़ की आबादी के साथ ही संसार का सर्वा धिक आबादी वाला दूसरा बड़ा देश था.
वर्ष 2001 के संसेक्स और 2011 के संसेक्स की तुलना के बाद यह ज्ञात हुआ कि भारत की आबादी प्रति दस वर्ष में 18.15 प्रतिशत की दर से बढ़ रही हैं. संसार के अन्य देशों की तुलना में यह दर काफी अधिक हैं.
देश में स्त्री पुरुष संख्या के मध्य का अंतर हर दस साल बाद उत्तरोतर बढ़ रहा हैं पिछली जनगणना में भारत में पुरुषों की जनसंख्या 62,37,24,248 एवं महिलाओं की जनसंख्या 58,64,69,174 थी.
देश में जनसंख्या की सघनता में व्यापक विविधता देखी जाती हैं. देश के पूर्वी राज्यों में आबादी न्यूनतम है वहीँ राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र जैसे राज्यों की आबादी विश्व के कई देशों से अधिक हैं. जनसंख्या के लिहाज से यूपी देश का सबसे बड़ा एवं सिक्किम सबसे छोटा राज्य हैं.
नेशनल पोपुलेशन रजिस्टर के माध्यम से प्रत्येक देश अपने नागरिकों के सम्बन्ध में डेटा रखता हैं. केंद्र सरकार जनगणना के कार्य को करवाने के लिए स्कूली शिक्षकों की मदद से घर घर जाकर सूचनाएं एकत्रित कर उन्हें व्यवस्थित कर देश के समक्ष प्रस्तुत करती हैं.
आज से पूर्व तक सादे फॉर्म की मदद से घरवार सूचनाएं एकत्रित की जाती थी. अब धीरे धीरे जनगणना कार्य को डिजिटल आधारित बनाया जा रहा हैं. भारत सरकार द्वारा जनगणना 2021 को मंजूरी दे दी गई हैं.
एक नागरिक के तौर पर हमारा दायित्व है कि जनगणना के समय जो राजकीय कर्मचारी हमारे क्षेत्र अथवा घर आए उन्हें हम सही एव सटीक जानकारी देने के साथ ही उनके कार्य में मदद भी करें.
देश की तरक्की तथा आमजन के सुनहरे भविष्य के लिए सटीक जनगणना का होना जरुरी है इन्ही आंकड़ों के सहारे हमारे देश की विकास योजनाएं बनाई जाती हैं.
वर्ष 2021 की जनगणना देश की 16वीं और स्वतंत्र भारत की 8वीं जनगणना होगी यह देश के नागरिकों के लिए भविष्य की योजनाओं का आधार तय करेगी. संसार में सांख्यिकी एवं आंकड़े एकत्रीकरण के लिहाज से यह सबसे बड़ी परियोजना है.
जिसकी थीम जन भागीदारी से जनकल्याण हैं. जिसका प्रथम चरण अप्रैल 2020 से शुरू किया गया हैं. जनसंख्या डेटा के साथ ही साथ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का अद्यतन भी किया जाएगा.
दूसरे चरण 9-28 फरवरी, 2021 तक समस्त देश के लिए संसेक्स का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा, इस प्रक्रिया में निगमों के कर्मचारी, शिक्षक एवं अन्य विभागों के पदाधिकारीगण अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगे.
देश की 16 वीं जनगणना में नागरिकों के समक्ष विभिन्न तरह के 31 सवाल रखे जाएगे जिनके आधार पर उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति के बारें में आंकलन किया जाना हैं.
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